आज सुबह मेष लग्न में भगवान केदारनाथ धाम के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिए गए। कोरोना संकट की वजह से मंदिर में केवल पूजारी व अपेक्षित यजमान ही रहे। इस अति महत्वपूर्ण अवसर पर विशाल मंदिर परिसर में मात्र 16 व्यक्ति ही थे। अब अगले 6 महीने तक बाबा केदारनाथ की धाम में पूजा अर्चना होगी सुबह 6 बजकर 10 मिनट पर कपाट खुलने के बाद धाम में पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से की गई।
हिमालय क्षेत्र के उत्तराखंड राज्य के रूद्र प्रयाग जिले में स्थित विष्णु स्वरूप भगवान शिव का कपाट इस वर्ष ज्वाधा नक्षत्र में 29 अप्रैल की सुबह 6 बजकर 10 मिनट पर मेष लग्न में खोला गया। वहीं भगवान बद्रीनाथ का कपाट 30 अप्रैल की सुबह 4 बजे ब्रह्ममुहूर्त में खोला जाएगा।
सर्दी के मौसम में भगवान केदारनाथ छह माह के लिए उखी मठ आ जाते हैं। 25 अप्रैल को केदार धाम के पूजारी ने भैरव की पूजा करके यात्रा की शुरूआत की। इसके बाद 26 अप्रैल को फूलों से सजे पालकी पर सवार होकर केदारनाथ अपने धाम के लिए चले। विभिन्न स्थानों से होते हुए वे 28 अप्रैल को ही केदार नाथ पहुंच गए। इसके बाद विधान पूर्वक मंदिर का कपाट खोलकर उनक अभिषेक व पूजन हुआ। गांगोत्री और यमुनोत्री स्थित प्रमुख मंदिरों के कपाट अक्षय तृतीया को ही खुल गए थे।