पटना : भारत के निर्वाचन आयोग ने भाजपा के फायरब्रांड नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को उनकी बयानबाजी के एक मामले में क्लीनचिट देते हुए उन्हें नसीहत भी दे डाली। आयोग ने उन्हें सोच-समझकर बयान देने की नसीहत दी है। चुनाव आयोग ने कहा कि जब देश में आमचुनाव चल रहे हों जिसे लेकर सभी क्षेत्रों में आदर्श आचार संहिता लागू हो, तो ऐसी स्थिति में सभी को, खासकर राजनीतिज्ञों को अपने बयानों में संयम बरतना चाहिए। उन्हें ऐसा कोई भी साम्प्रदायिक बयान नहीं देना चाहिए जिससे किसी समुदाय विशेष के लोगो की भावना को ठेस पहुंचे।
चुनाव आयोग ने कहा कि चुनाव आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों में यह साफ कहा गया है कि प्रचार के दौरान दिए जाने वाले बयानों में धर्म का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। मालूम हो कि बेगूसराय में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की 24 अप्रैल की रैली में गिरिराज सिंह ने मुसलमानों के लिए विवादित बयान दिया था। उनकी इस टिप्पणी पर स्वतः संज्ञान लेते हुए प्रशासन ने गिरिराज सिंह पर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का केस दर्ज किया था। गिरिराज सिंह ने उस रैली में कहा था कि ” जो वंदे मातरम नहीं कह सकते या मातृभूमि का सम्मान नहीं कर सकते, देश उन्हें कभी माफ नहीं करेगा। मेरे पूर्वजों का सिमरिया घाट पर निधन हो गया था और उन्हें कब्र की आवश्यकता नहीं थी। लेकिन आपको तीन हाथ जगह की जरूरत होती है। ऐसे में यदि वंदे मातरम नहीं बोलोगे तो दफनाने के लिए तीन हाथ जगह भी नहीं मिलेगी।
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