आंध्र में भोपाल जैसी गैस त्रासदी, 6 की मौत, 100 गंभीर, 1000 बीमार

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नयी दिल्ली : आंध्र प्रदेश के तटीय शहर विशाखापट्टनम​ में आज तड़के ढाई बजे एक फार्मा कंपनी के प्लांट में गैस लीक होने से एक बच्चे समेत 6 लोगों की मौत हो गई। भोपाल गैस त्रासदी की याद दिलाने वाले इस हादसे में 100 से अधिक लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है जबकि 1000 से अधिक लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। प्लांट से लीक होने वाली जानलेवा गैस का नाम स्टाइरीन बताया जाता है। फिलहाल प्लांट के 3 किमी की ​परिधि में स्थित 6 गांवों को खाली कराया गया है। पीएम मोदी ने गृहमंत्रालय और आपदा प्रबंधन की आपात बैठक में हालात का जायजा लिया आर राहत कार्यों को लेकर राज्य सरकार से बात की है।

विशाखापट्टनम में फार्मा प्लांट से लीक हुई गैस

सूचना के अनुसार आज सुबह ढाई बजे अचानक विशाखापट्टनम के आरआर वेंकटपुरम गांव में एलजी पॉलिमर उद्योग में रासायनिक गैस रिसाव हो गया। वहां मौजूद लोगों को आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद अस्पताल ले जाया गया। धीरे—धीरे गैस आसपास के गांवों में फैलनी शुरू हो गई। करीब 1000 लोगों को अस्पताल पहुंचाया जा चुका है जिनमें 100 बेहद गंभीर हैं। ग्रामीणों ने बताया कि अचानक घबराहट होनी शुरू हुई और सांस लेने में दिक्कत होने लगी। अभी गैस लीक होने की वजह का पता नहीं चल सका है।

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स्टाइरीन कितनी खतरनाक और शरीर पर क्या असर

स्टाइरीन गैस प्लास्टिक, पेंट, टायर जैसी चीज़ें बनाने में इस्तेमाल होती है। इसके शरीर में जाने से जलन और सेंट्रल नर्वस सिस्टम पर सीधा असर होता है। यह बच्चों और सांस से मरीज़ों के लिए बेहद ख़तरनाक है। इसके लक्षणों में सांस लेने में परेशानी, शरीर पर रैशेज, आखों में जलन, उल्टी और बेहोशी के दौरे शामिल हैं। गैस से प्रभावित होने की सूरत में व्यक्ति को दौड़ना बिलकुल नहीं चाहिए। प्रभावित इंसान को मुंह के ऊपर गीला कपड़ा रखना चाहिए तथा उसे लिटाकर लंबी-लंबी सांस दिलवानी चाहिए।

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