मुंबई/नयी दिल्ली : महाराष्ट्र में जो सलूक शिवसेना ने भाजपा के साथ किया, अब वही सलूक शिवसेना के साथ एनसीपी कर रही है। सरकार गठन के मसले पर एनसीपी ने शिवसेना से 50—50 का गेम खेला है। सरकार गठन के प्रयासों में इस नए सियासी फ्रंट में थर्ड पार्टी, कांग्रेस का मानना है कि देरी उनकी तरफ से नहीं हो रही। बल्कि एनसीपी चीफ शरद पवार की इच्छा है कि दोनों पार्टियों, शिवसेना और एनसीपी को ढाई-ढाई साल सीएम पद मिले। यानी शिवसेना के लिए कहा जा सकता है कि ‘मियां की जूती, मियां के सिर’ पर ही पड़ने लगी है।
कांग्रेस ने बताई देरी की वजह
शिवसेना ने जिस 50-50 फॉर्मूले के चलते बीजेपी से अपना 30 साल पुराना नाता तोड़ा है, उसी चक्रब्यूह के फेर में अब वह फंसती नजर आ रही है। महाराष्ट्र में शिवसेना ने 56 सीटों पर जीत दर्ज की है और एनसीपी ने 54 सीटें जीती हैं। इस लिहाज से एनसीपी के पास शिवसेना से महज दो सीटें कम हैं। यही कारण है कि एनसीपी सीएम पद को लेकर शिवसेना को उसी की नैतिकता की याद उसे दिलाने पर तुल गई है।
अजित पवार का कांग्रेस पर आरोप
मंगलवार सुबह एनसीपी नेता अजित पवार ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार गठन में देरी के लिए वही जिम्मेवार है। कल हमने पूरा दिन कांग्रेस के समर्थन पत्र का इंतजार किया। कांग्रेस के बिना हमारे समर्थन का कोई मतलब नहीं है। अजित पवार ने ये भी कहा कि स्थायी सरकार देने के लिए कांग्रेस को आगे आना चाहिए। पवार ने कहा कि हम कांग्रेस से बात करेंगे और राज्यपाल से ज्यादा वक्त मांगने की कोशिश करेंगे।
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एनसीपी और शिवसेना की चुप्पी
वहीं, शिवसेना और एनसीपी के नेता लगातार सरकार बनाने के दावे तो कर रहे हैं, लेकिन 50—50 के फार्मूले पर सभी चुप हैं। कोई कुछ नहीं बोल रहा। यहां तक कि का्ंग्रेस द्वारा एनसीपी की महत्वकांक्षा को सरकार गठन में देरी का कारण बताये जाने के बाद भी न तो एनसीपी का और न ही शिवसेना का कोई नेता कुछ बोल रहा है। अब देखना है कि महाराष्ट्र में सरकार गठन का ऊंट किस करवट बैठता है। दिल्ली में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोेनिया गांधी के आवास पर पार्टी नेताओं की बैठक हो रही है। इस बैठक में क्या फैसला लिया जाता है अब सबकी नजर इस पर है।