पटना: कोरोना संकट के बीच बिहार में विभिन्न मांगों को लेकर विपक्षी पार्टियां सरकार के प्रति आक्रमक रवैया तो अपनाई हुई थे। लेकिन, अब धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया है।
इसी को लेकर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अरविन्द कुमार सिंह ने कहा कि एयर कंडीशन कल्चर के बिहार का विपक्ष अपने सुविधा के अनुसार आंदोलन का भी रूपरेखा गढ़ लेता है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और रालोसपा सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा जी का सवा घंटे का सांकेतिक अनशन और दो घंटे का एयर कंडीशन हॉल में धरना, कुछ दिनों के बाद ये लोग एयर कंडीशन हॉल में खड़े होकर माथे पर लालटेन रखकर के पांच मिनट का सांकेतिक आत्मदाह करेंगे।
राजद और रालोसपा का पिछलग्गू पार्टी बिहार कांग्रेस भी अब उसी राह पर धरना दे रही है। यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है। वैसे धरना दे रहे बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष मदन मोहन झा को सबसे पहले महाराष्ट्र सरकार और राजस्थान की सरकार के खिलाफ आंदोलन करना चाहिए। जो बिहारी मजदूरों और छात्रों को भोजन,आवास और चिकित्सा न देकर उन्हें कोरोना वैश्विक महामारी में सड़कों पर लाकर खड़ा कर दिया। जरूरत जब तक रहा तब तक उनका अपने यहां फैक्ट्रियों में काम करा कर उपयोग करते रहे।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि राजद और रालोसपा नाखून कटा कर शहीद होने का दंभ भरने वाली पार्टियां हैं, उन्हें यह सब दिखाई नहीं पड़ेगा। नेता प्रतिपक्ष एयर कंडीशन में बैठ करके जनता की गाढ़ी कमाई से मलाई खाने वाले नेता हैं। विधानसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस पार्टी को भी एयर कंडीशन कल्चर अपना रही है। कांग्रेस को धरना पर बैठना अब और जरूरी हो गया है, नहीं तो सीट शेयरिंग में हिस्सा कम पड़ेगा। इसी को देखते हुए सारे विपक्ष पारा-पारी आंदोलन में लगे हैं कि सब का दावा गठबंधन में विधानसभा सीटों पर मजबूत रहे।
भाजपा नेता ने कहा कि ये लोगों को किसी मजदूर से या किसी गरीब से कुछ लेना-देना नहीं है। ये घोटालों का सरदार हैं , इनको अपना उल्लू समय पर सीधा करने आता है।
विदित हो कि विपक्ष कोविड 19 से बचाव, क्वारंटाइन सेंटर की स्थिति, मजदूरों/कामगारों के लिए तत्काल रोजगार की व्यवस्था एवं किसानों व छात्र-छात्राओं की समस्याओं से निजात हेतु धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं।