पटना : राजधानी में विद्युत तारों के बदलने का कार्य तेजी से चल रहा है। नए कवर वायर लगाए जा रहे हैं। साथ-साथ खम्भे भी बदले जा रहे, जो कंक्रीट, सीमेंट के हैं। करीब 11 मीटर लंबे पोल को छह फुट जमींदोज किया जा रहा है। लेकिन, सिर्फ मिट्टी से। बरसात के दिनों में गिरने या टेढ़े होने की आशंका प्रबल है। एक से दूसरे पोल की मानक दूरी 25 मीटर रखी गई है। हालांकि यदि इस मानक दूरी के तहत किसी घर के दरवाजे के सामने पोल आता हो तो बाउंड्री के कॉर्नर पर दूरी के मानक को एडजस्ट किया जा सकता है।
वैसे सुरक्षा की दृष्टि से हर पोल पर एक कनेक्शन जंक्शन लगाया जा रहा है, जिससे 12 घरों में आपूर्ति होगी। उसमें तारों को बिना काटे-छिले किट के जरिये कनेक्ट किया जायेगा। ताकि, मौसम के बदलते मिजाज का उस पर असर नहीं हो तथा बिजली चोरी पर लगाम भी लगाया जा सके। टाटा के पेटी कांट्रेक्टर इस कार्य को अंजाम दे रहे हैं। बांसों से इतर फाइवर की मजबूत सीढ़ियों से मजदूर उपरी छोरों तक पहुँच रहे हैं। कवर के भीतर एल्युमीनियम तार हैं। तीन पॉजिटिव, एक निगेटिव और एक सहारे के लिए ओपन वायर। जिसमें, विद्युत संचार नहीं होगा। सभी मजदूर और तकनीकी कर्मचारी उत्तर प्रदेश के इलाहबाद के हैं। खंभों की जड़ों में सीमेंट न देने के संबंध में उनका कहना है कि वैसे तो गिरेगा नहीं। लेकिन, उपलब्ध संसाधनों में ही कार्य का निष्पादन करना है। हालांकि, संबंधित महकमे को इस पर गौर करना चाहिए कि आपूर्ति लंबे समय तक निर्बाध जारी रहे। इसमें लापरवाही जानलेवा हो सकती है।