छपरा : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् की छपरा इकाइ एवं छात्रसंघ ने आज संयुक्त रूप से प्रेस वार्ता कर जयप्रकाश विश्वविद्यालय प्रशासन पर यह आरोप लगाया कि विवि में UGC द्वारा प्राप्त राशि से पुस्तक खरीद के मामले में 40 लाख रूपये का घोटाला किया गया है। परिषद् कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में छात्र नेताओं ने कहा कि UGC द्वारा किताब खरीदने के लिए दी गई राशि से खरीदे जाने वाले पुस्तकों को बिना किसी निविदा, बिना प्रकिया के अनुपालन तथा मान्यता प्राप्त विक्रेता से खरीद कर यूजीसी की राशि का भुगतान अवैध तरीक़े से किया गया। पूरे प्रक्रिया के सूत्रधार तत्कालीन समायोजक, महाविद्यालय विकास परिषद् वर्त्तमान में प्रति कुलपति के पद पर आसीन हैं तथा उन्होंने इस मामले में अपने पद का दुरुपयोग किया है। अब वे कुलपति की मिलीभगत से उक्त घोटाले पर पर्दा डालने का काम कर रहे हैं। उक्त घोटाले में शामिल अन्य व्यक्तियों को बचाने में वर्त्तमान कुलपति की भूमिका भी संदेहास्पद है। सेवानिवृत्त न्यायाधीश अखिलेश चंद्रा, पूर्व कुलपति डॉ. प्रेमा झा तथा सेवानिवृत्त आईएएस मसूद हसन ने अपने जांच प्रतिवेदन में पूरी प्रक्रिया पर प्रश्नचिन्ह खड़ा किया है। छात्र नेताओं ने कहा है कि कुलपति उक्त मामले में शामिल पदाधिकारियों को बचाकर विश्वविद्यालय में वित्तीय अनियमितता को बढावा दे रहे हैं। इस मामले में विश्वविद्यालय द्वारा अविलंब कारवाई नहीं किया जाता तो ABVP इस पूरे मामले की शिकायत महामहिम राज्यपाल को करेगा। प्रेस वार्ता में विवि छात्रसंघ अध्यक्ष रजनीकांत सिंह, अभाविप के विवि संयोजक रितेश रंजन, नगर सह मंत्री अपूर्व सिंह भारद्वाज, प्रकाश राज सिंह उपस्थित थें।वहीं उक्त अवसर पर प्रदेश कार्यसमिति सदस्य अंकित सिंह, विशाल कुमार सिंह, वंशीधर कुमार, कॉलेज अध्यक्ष सुमित सिंह, सुधाकर सिंह, विकाश सिंह, शुभम कुमार सिंह, अविनाश सिंह चौहान, मनीष कुमार, अमित यादव समेत अन्य कार्यकर्त्ता मौजूद थे।