आर्थिक पैकेज से बिहार के उद्योग जगत को मिलेगी नई मजबूती – पप्पू वर्मा

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पटना : बिहार में वर्तमान में उद्योग जगत का बहुत ही बुरा हाल है। बिहार में जितने भी औद्योगिक फैक्ट्रियां हैं या तो बंद होने के कगार पर हैं या फिर बंद हो चुके हैं। भारत सरकार द्वारा आर्थिक पैकेज का ऐलान के बाद उनमें नई उम्मीद की किरण जगी है। इसी बीच पटना विश्वविद्यालय के सिंडिकेट सदस्य पप्पू वर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा दिए गए भारी बजट से बिहार के कई कारोबार को नई ताकत मिलेगी राज्य सरकार को चाहिए कि जल्द से जल्द प्रारूप बनाकर चौपट हो चुके उद्योग धंधों पर काम शुरू करे।

आत्मनिर्भर भारत में बिहार का भी हो साथ

उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी के समय भारत को आत्मनिर्भर बनाने हेतु केंद्र सरकार द्वारा दिए गए बजट से विलुप्त के कगार पर पहुंच चुके बिहार के कई कारोबार को नई ऊर्जा मिली है। वर्मा ने कहा कि बिहार के मिथिलांचल में बड़े पैमाने पर मखाना,पान का कारोबार है, हाजीपुर में केला का लालगंज तरबूज,दलहन,धान पश्चिम चंपारण में गन्ना की खेती, मुजफ्फरपुर ,मोतिहारी में लीची की खेती और भागलपुर में सिल्क उद्योग वहीं नालंदा में धान दीघा का आम इत्यादि की कई खेती व व्यवसाय बिहार में उद्योग धंधा बढ़ाने के लिए कारगर साबित हो सकता है।बिहार में बंद हो चुके चीनी मिल, दाल मिलो की फैक्ट्रियां इत्यादि फिर से शुरू हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि बिहार का आज कई कारोबार देश और दुनिया में मशहूर है।

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बिहार बन सकता है व्यवसाय का सबसे बड़ा हब

भारत के अलावा भी कई देशों में भागलपुरी सिल्क जाता है। हम कह सकते हैं की बिहार भी व्यवसाय का बड़ा हब बन सकता है ।अब समय आ गया है कि बिहार को भी आत्मनिर्भर भारत अभियान के साथ जुड़कर बिहार के सभी प्रकार के परंपरिक कारोबार को प्रारूप बनाकर केंद्र सरकार द्वारा दिए गए भारी बजट से इन सभी कारोबार को राज्य सरकार नई ऊर्जा और शक्ति प्रदान करें। बिहार सरकार को उच्च पदाधिकारियों का टीम बनाकर इन सभी कारोबार से जुड़े हुए कारोबारियों एवं किसानों के साथ वार्ता करके इस अभियान को जमीन पर उतारने की आवश्यकता है।

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