नयी दिल्ली : आखिर ड्रैगन को झुकना ही पड़ा। भारत और चीन सीमा विवाद के बीच सैन्य कमांडर स्तर की वार्ता के बाद चीन के तेवर नरम पड़ गए हैं। अब चीन पूर्वी लद्दाख के तनाव वाले क्षेत्रों से सैनिकों को हटाने को तैयार हो गया है। भारत और चीन के बीच सोमवार को हुई कॉर्प्स कमांडर स्तर की वार्ता में दोनों पक्ष आपसी सहमति से तनाव वाले इलाकों से पीछे हटने को तैयार हो गए हैं। बैठक में पूर्वी लद्दाख में सभी संघर्ष क्षेत्रों से सेनाओं के पीछे हटने के तौर-तरीकों पर चर्चा की गई और दोनों ही पक्ष इसपर अमल करेंगे।
भारतीय सेना ने मंगलवार को कहा, ‘कॉर्प्स कमांडर स्तर की वार्ता भारत-चीन के बीच सोमवार को सौहार्दपूर्ण, सकारात्मक और रचनात्मक माहौल संपन्न हुई। दोनों देशों की सेनाओं ने सहमति जताई है कि वे पीछे हटेंगी।’ दोनों देशों के अधिकारियों के बीच तकरीबन 12 घंटे तक चली इस बैठक में सीमा पर जारी तनाव को कम करने को लेकर बात की गई थी। भारत ने चीनी सैनिकों से उसी स्थान पर वापस जाने को कहा, जहां पर वे अप्रैल महीने की शुरुआत में थे। इस बातचीत का उद्देश्य फिंगर एरिया, गोगरा पोस्ट-हॉट स्प्रिंग्स और गलवान घाटी में पहले की यथास्थिति को बहाल करना था।
इधर आज मंगलवार को भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे लद्दाख के लिए रवाना हुए। वह 14 कोर अधिकारियों के साथ जमीनी स्तर पर स्थिति और चीनी सेना के साथ वार्ता में प्रगति की समीक्षा करेंगे। सेना प्रमुख मंगलवार और बुधवार को दोनों दिन लद्दाख में चीनी सेना के साथ चल रहे छह हफ्ते के गतिरोध पर वहां तैनात कमांडरों के साथ चर्चा करेंगे।