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21वीं शताब्दी में गहरा लाल रंग भगवा में समाहित हो जाएगा

पटना: आरएसएस के क्षेत्र प्रचारक रामदत्त चक्रधर ने कहा कि दतोपंत ठेंगड़ी आधुनिक काल में चाणक्य की परंपरा के प्रतिनिधि थे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के माध्यम से डॉ केशव बलराम हेडगेवार ने जो सुंदर बगीचा लगाया था उसके वे सबसे सुंदर पुष्प थे। उक्त बातें वे चिति (प्रज्ञा-प्रवाह) द्वारा आयोजित फेसबुक लाइव कार्यक्रम में कर्मयोगी दत्तोपंत ठेंगड़ी और उनका विचार विश्व विषय पर व्याख्यान के दौरान कही ।

दत्तोपंत ठेंगड़ी श्रेष्ठ संचार साधक थे

उन्होंने कहा कि भारतीय मजदूर संघ, विद्यार्थी परिषद्, स्वदेशी जागरण मंच जैसे अनेक विशाल संगठनों के संस्थापक व वैचारिक आधार प्रदान करने वाले दत्तोपंत ठेंगड़ी अपने जीवन से नेतृत्व का आदर्श मॉडल प्रस्तुत किया। वे श्रेष्ठ विचार साधक तो थे ही इसके साथ ही वे श्रेष्ठ संचार साधक भी थे। उन्होंने अपने श्रेष्ठ विचारों को अपने व्यवहार में उतारा। इसके बाद रात-दिन यात्रा कर उसका संचार भी किया।

सामूहिक नैतिक नेतृत्व भी विकसित करना होगा

क्षेत्र प्रचारक ने कहा कि उन्होंने वेद-उपनिषद से लेकर साम्यवाद तक का अध्ययन किया था। इसके बाद भारतीय तत्वबोध के अनुसार व्यक्ति निर्माण के कार्य में लगे रहे। वे कहते थे कि राष्ट्र पुनर्निर्माण के लिए धर्म प्रवण व्यक्ति की आवश्यकता होती है। लेकिन, यह केवल कुछ धर्म प्रवण व्यक्ति से संभव नहीं है। धर्म प्रवण व्यक्ति के साथ ही धर्मधिष्ठित समाज भी बनाना होगा। इसके साथ ही सामूहिक नैतिक नेतृत्व भी विकसित करना होगा। इसी तीन बातों के आधार पर राष्ट्र का पुनर्निर्माण संभव है।

21 वीं शताब्दी में लाल और गुलाबी रंग भगवा में समाहित हो जाएंगे

रामदत्त चक्रधर ने कहा कि वे आम आदमी की महानता की बात करते थे। दत्तोपं जी का सादगीपूर्ण जीवन सामाजिक क्षेत्र में काम करने वालों को प्रेरणा देने वाले हैं। उन्हें भविष्य वक्ता भी कहा जाता था क्योंकि वे अपने सूक्ष्म दृष्टि से संभावनाओं व आशंकाओं का सटीक आंकलन कर लेते थे। उन्होंने भविष्वाणी की थी कि 21 वीं शताब्दी में लाल रंग और गुलाबी रंग भगवा में समाहित हो जाएंगे।