10 अप्रैल को जदयू में वापसी करेंगे मांझी? कोरोना पर हावी सियासी तूफान
पटना : पहले राजद को धमकी। फिर नीतीश से मुलाकात। अब जीतनराम मांझी की पार्टी हम ने 10 अप्रैल को पटन के गांधी मैदान में एक बड़ी रैली का ऐलान कर कोरोना से सुस्त पड़ी बिहार की सियासत में जान फूंक दी है। सूचनानुसार अगर महागठबंधन में सीट शेयरिंग पर बात नहीं बनी तो 10 अप्रैल की रैली में मांझी कोई बड़ा ऐलान करेंगे।
जानकारी मिली है कि मांझी की पार्टी ने 10 अप्रैल को गांधी मैदान की बुकिंग की है तथा इसे सफल बनाने के लिए पार्टी पदाधिकारियों को टास्क भी सौंप दिया है। माना जा रहा है कि कल मंगलवार की शाम सीएम नीतीश से मुलाकात के बाद ही मांझी ने रैली का निर्णय लिया है। समझा जाता है कि इस रैली में वे महागठबंधन के एक बड़े हिस्से को लेकर जदयू में जाने का ऐलान कर सकते हैं।
कल देर शाम को जीतन राम मांझी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने काफी देर तक बंद कमरे में मुलाकात की थी। माना जा रहा है कि मांझी को नीतीश ने अपने साथ आने का आफर दिया है। राजद द्वारा अपनी उपेक्षा से नाराज मांझी भी नई राजनीतिक संभावनाएं तलाश रहे हैं। ऐसे में यदि उन्हें अपने पुराने घर में इज्जत के साथ वापसी मिलती है, तो यह उनके लिए बुरा विकल्प नहीं होगा।
उधर जदयू प्रवक्ता संजय सिंह ने ईशारों—ईशारों में कहा कि राजनीतिक संभावनाओं का खेल है। मांझी जी वरिष्ठ नेता हैं। वे हमारे पार्टी के बुजुर्ग नेता रहे हैं। ऐसे में उनकी घर वापसी होती है तो इसमें आश्चर्य वाली बात भी नहीं है। फिर भी, आगे-आगे देखिए होता क्या है। जेडीयू के ही एक और नेता और सांसद सुनील कुमार पिंटू ने कहा कि राजनीति में कब क्या होगा कह नहीं सकते। मांझी जी को नीतीश जी ने मुख्यमंत्री तक बनाया। अगर वो आते हैं वापस तो हम स्वागत करेंगे, लेकिन इस बारे में शीर्ष नेता ही निर्णय लेंगे।