रेप केस में RJD के पूर्व MLA का सरेंडर, 3 साल से थे फरार
पटना : राजद के दबंग नेता और संदेश विधानसभा सीट से पूर्व विधायक अरूण यादव ने आरा स्थित सिविल कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया है। राजद के पूर्व विधायक नाबालिग से रेप के मामले में पिछले कई महीनों से फरार चल रहे थे। लेकिन, अब उन्होंने शनिवार को आरा स्थित सिविल कोर्ट में सरेंडर किया है।
अरूण यादव ने शनिवार को आरा कोर्ट में ,एडीज-6 की कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया है। अरुण यादव का आत्मसमर्पण इतना शांतिपूर्ण तरीके से हुआ कि किसी को इस बात की भनक पूर्व में लगी ही नहीं। बता दें कि, राजद के पूर्व विधायक अरुण यादव की पत्नी किरण देवी फिलहाल संदेश विधानसभा क्षेत्र से राजद की विधायक हैं। अरूण यादव पर नाबालिग से रेप करने का आरोप है जिसके बाद से वो फरार चल रहे थे। लेकिन अब उन्होंने सरेंडर कर दिया है।
दूसरे बयान में राजद के पूर्व विधायक अरुण यादव आरोपित
जानकारी हो कि, रेप कांड एवं पॉक्सों के तहत राजद विधायक अरुण यादव पर 18 जुलाई 2019 को आरा टाउन थाना में केस दर्ज हुआ था। 18 जुलाई 2019 को पीड़ित पटना के सेक्स रैकेट संचालको के चंगुल से भाग कर आरा आई थी, यौन शोषण से पीड़ित के भाई ने नगर थाने में आवेदन देकर अनिता देवी तथा संजीत कुमार उर्फ़ छोटू की विरुद्ध शिकायत दर्ज कराई थी । जिसके बाद नगर थाना में काण्ड संख्या 340/19, तथा पोक्सो में काण्ड संख्या 47/19 दर्ज हुआ था। पीडिता के 164 के पहले बयान में मनरेगा के इंजिनियर अमरेश कुमार तथा संजय कुमार उर्फ़ जीजा को आरोपित किया गया, जबकि 164 के दूसरे बयान में राजद के पूर्व विधायक अरुण यादव आरोपित हुए। पुलिस ने इस सम्बन्ध में 161 का बयान भी दर्ज किया था।
इसके बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए चार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। इसमें केवल विधायक अरुण यादव ही है पिछले तीन साल से फरार चल रहे थे। पुलिस के मुताबिक पूर्व विधायक अरूण यादव के विरुद्ध अभी तक रंगदारी, हत्या और आर्म्स एक्ट समेत अन्य मामलों से जुड़े 13 गंभीर केस मिले हैं।
गौरतलब हो कि, इस मामले के चार आरोपितों को साक्ष्य न होने के कारण कोर्ट ने बरी कर दिया था। इस कांड में पीड़िता के भाई, बहन और परिजन सहित सभी गवाह अपने बयान से पीछे हट गए थे, जिसके बाद अवर जिला और सत्र न्यायाधीश VI और पॉक्सो के विशेष न्यायालय ने गिरफ्तार मनरेगा इंजिनियर अमरेश कुमार, किशोरी को धंधे में धकेलने वाली अनीता देवी, उसके सहयोगी संजीत कुमार और संजय कुमार को बरी कर दिया था।