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संस्कृति

चावल, आम और पान ने बढ़ाया मान

प्राकृतिक रूप से हरेक क्षेत्र की अपनी एक विशिष्ट पहचान होती है। प्रकृति ने प्रत्येक इलाके को कोई न कोई खास पहचान से नवाजा है। भौगोलिक संरचना, सांस्कृतिक चलन एवं वनस्पति भी एक क्षेत्र विश्ेाष में खास तरह की होती…

ज्ञान का स्रोत लिए आया गुरु पूर्णिमा

आषाढ़ मास की पूर्णिमा से ग्रीष्म ऋतु का समापन माना जाता है। इसको गुरु पूर्णिमा कहते हैं। एक स्थान पर स्थिर होकर यानी ज्ञान साधना का शुभारम्भ। इसीलिए इस दिन गुरु पूजा का विधान है। गुरु पूर्णिमा वर्षा ऋतु के…

नवाबों की बिलगरामी, बेटियों का कलेवा

बिहार यूं तो पिछड़ा राज्य है लेकिन सांस्कृतिक विरासत के मामले में इसका हर अंदाज खास और अनोखा है। आज हम बात करेंगे बिहारी जायके की, और उसमें भी बेहद खास कोआथ के ‘बिलगरामी’ मिठाई की जिसे सामान्य बोलचाल की…

ग्रहण से खूनी लाल हो जायेंगे चंदा मामा

शुक्रवार को आषाढ़ पूर्णिमा ( गुरु पूर्णिमा) के दिन खग्रास यानी पूर्ण चंद्रग्रहण होने जा रहा है। यह ग्रहण कई मायनों में अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह पूर्ण चंद्रग्रहण सदी का सबसे लंबा और बड़ा चंद्रग्रहण है। इसकी पूर्ण अवधि 3…

कहलगांव का घूमता शिवलिंग

आप किसी शिवलिंग की पूजा करने गए। मंदिर से निकलते वक्त आपने शिवलिंग के अपने सम्मूख स्थित भाग पर चंदन का टीका लगाया। फिर आप वहां से निकल गए। इसके बाद उस शिवलिंग के निकट और कोई नहीं गया। अगले…