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साहित्य अकादमी की अंतिम सूची में पटना के लेखक अभिलाष दत्ता का उपन्यास

पटना : पटना के युवा लेखक अभिलाष दत्ता की दूसरी पुस्तक ‘भविष्यत्’ को साहित्य अकादमी 2021 के युवा पुरस्कार की हिंदी श्रेणी में जारी सूची में शीर्ष 17 किताबों में स्थान प्राप्त हुआ है। मूलरूप से मधुबनी के रहने वालेअभिलाष दत्ता ने इसके बारे में बताया कि इस बात की जानकारी उन्हें 30 दिसंबर के रात 10 बजे फेसबुक के माध्यम से पता चला।

यह खबर उनके लिए खुशी से अधिक आश्चर्यजनक थी, क्योंकि लेखक अभिलाष दत्ता ने साल 2021 में भविष्यत् पुस्तक को अप्रकाशित कर नए प्रकाशक फ्लाईड्रीम्स से अनुबंध कर के “भविष्यत्” को नए शीर्षक “अवतार – महारक्षकों का आगमन” नाम से प्रकाशित करवाया। यह उपन्यास भारतीय विज्ञान परंपरा को रेखांकित करने वाला है। आम धारणा है कि उपन्यास आदि लेखक विशेष की कल्पना पर आधारित होती हैं और उसमें भी अगर कोई उपन्यास लार्जर दैन लाइफ किरदारों वाला हो, तो उसे कपोलकल्पित माना जाता है। लेकिन, फैंट्सी वर्ग के उपन्यास की शर्तों को पूरा करते हुए भी ‘अवतार— महारक्षकों का आगमन’ इस मामले में थोड़ी अलग है। ‘अवतार— महारक्षकों का आगमन’ ऊपरी तौर भले ही फंतासी है। लेकिन, जब इसके अंतर्निहित आयामों को देखेंगे, तो इस पुस्तक में भारतीय पौराणिक वांग्मय और विज्ञान परंपरा नजर आती है। इस पुस्तक के माध्यम से मनोविज्ञान, पराविज्ञान, सिद्धयोग, सहजयोग, चिकित्साशास्त्र, स्वप्न विज्ञान के पहलुओं को सरल व रोचक ढंग से प्रस्तुत किया गया है।

साहित्य अकादमी में अभिलाष दत्ता कृत हिंदी उपन्यास ‘भविष्यत’ का चयन हुआ है। इसी उपन्यास को अब नए शीर्षक ‘अवतार’ से पुन: प्रकाशित किया गया है।

इस बारे में अभिलाष दत्ता ने बताया कि पुस्तक का नाम और पुस्तक के अंदर के विषय-वस्तु पर लेखक का सर्वाधिकार होता है। लेखक को जो प्रकाशक अच्छा लगे, उससे उस पुस्तक को प्रकाशित करवा सकता है। पुस्तक के नाम से अधिक पुस्तक का विषय वस्तु अधिक महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने कहा कि पाठक भविष्यत् को अमेज़न पर “अवतार – महारक्षकों के आगमन” नाम से खोज सकते हैं। जल्दी इस उपन्यास का अगला भाग प्रकाशित होना है। लेखक अभिलाष दत्ता ने साहित्य अकादमी के ज्यूरी और अपने पाठकों को नए साल की बधाई देते हुए धन्यवाद दिया