पटना: पटना वीमेंस कॉलेज में चल रहे 6 दिवसीय क्षमता विकास कार्यशाला के दूसरे दिन शुक्रवार को लोयला कॉलेज, चेन्नई के पूर्व प्राचार्य फादर जोसेफ जेवियर ने नैक ग्रेडिंग प्रणाली के विषय में विस्तार से जानकारी दी। ये कार्यशाला दो सत्रों में सम्पन्न हुआ। प्रथम सत्र में पाठ्यक्रम को समृद्ध करने के विषयों पर चर्चा करते हुए उन्होंने शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार हेतु शैक्षणिक कैलेंडर व सेशन प्लान की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। इसी विषय पर शिक्षकों से बात करते हुए उन्होंने फ़ीड्बैक प्रक्रिया का महत्व बताया और उसके चार महत्वपूर्ण स्तम्भों के महत्व को बताया। जिसमें छात्रा, शिक्षक, नियोक्ता व पूर्ववर्ती छात्र की प्रतिक्रिया का महत्व समझाया।
कार्यशाला के दूसरे सत्र में शिक्षण और मूल्यांकन प्रक्रिया पर चर्चा हुई। शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हेतु इस प्रक्रिया के महत्व को बताया और कहा की परिणाम विशिष्ट शिक्षा (आउट्कम स्पेसिफ़िक शिक्षा), सीखने सिखाने की प्रक्रिया, छात्रा परामर्श प्रणाली, छात्र विविधता और प्रदर्शन इसके मुख्य अंग हैं।
सीखने सिखाने की प्रक्रिया के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि कुछ छात्र धीमे गति से तो कुछ तेज़ी से विषयों को समझ पाते हैं, इस दूरी को पाटने के लिए शिक्षकों को विशेष तौर पर काम करना चाहिए ना कि दो भागों में बांटना। इसके साथ ही उन्होंने टीचर प्रोफ़ायल और क्वालिटी व मूल्यांकन प्रक्रिया में बदलाव लाने की भी चर्चा की। प्राचार्या ने अंत में फादर को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। भौतिक विज्ञान की विभागाध्यक्ष डॉ. अपराजिता कृष्णा ने धन्यवाद ज्ञापन किया।