अरवल : अरवल स्थित संयुक्त कृषि भवन सभागार कक्ष में जैविक खेती को लेकर किसानों से संवाद का आयोजन किया गया। अध्यक्षता किसान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष दीपक शर्मा ने किया। मुख्य अतिथि के रूप में जैविक खेती के विशेषज्ञ मनीष चांद ने संवाद के दौरान कहा कि सबसे पहले जैविक खेती करने के लिए किसान एक सहकारिता के रूप में संगठन बनाएं। सहकारिता के माध्यम से किसान ऑर्गेनिक फार्मर आफ अरवल नामक वेबसाइट बनाएं ताकि किसानों द्वारा उत्पादित वस्तु वेबसाइट के माध्यम से बाजार में उपभोक्ताओं को दी जा सके। उन्होंने कहा कि यह संगठन जैविक उत्पाद को बाजार तक भेज कर बिक्री कराएगा। इसके साथ ही नई तकनीक से किसानों को खेती करने का तरीका भी बताएगा। उन्होंने कहा कि सबसे पहले जैविक खेती के लिए बीज संगठन द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा फिर दूसरे साल से किसान अपने उत्पादित बीज की बिक्री कर सकते हैं। उन्होंने कहा की जैविक खेती स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभकारी है। इसके साथ—साथ खेती में खर्च नहीं के बराबर होता है क्योंकि प्रत्येक किसान अपने घर का कंपोस्ट खेती में उपयोग करते हैं। किसी भी प्रकार के रासायनिक खाद पेस्टिसाइड का उपयोग बाजार से नहीं होता है। इसके कारण खेती में कम खर्च लगता है। जैविक खेती शुरू करने के पहले दो-तीन साल तक थोड़ा उत्पादन में कमी होगी, लेकिन मूल्य अधिक रहने के कारण किसानों को मुनाफा अधिक होगा। जैविक खाद का उपयोग करने से खेतों की उर्वरा शक्ति काफी मजबूत हो जाती है। दो-तीन साल के बाद खेतों में सिंचाई कम लगती है। संवाद में दीपक शर्मा ने कहा कि अरवल जिला को जैविक खेती की ओर एक कदम आगे बढ़ाना है। ऑर्गेनिक फार्मर ऑफ अरवल के नाम से वेबसाइट की शुरुआत की गई है जिसमें जैविक खेती के उत्पादन एवं बाजार का ब्यौरा उपलब्ध रहेगा। संवाद को भारत सरकार के उपक्रम आईसीएआर के वैज्ञानिक एसके सिंह ने किसानों से कहा कि जैविक खेती से मृदा का स्वास्थ्य तो मजबूत होता ही है पर्यावरण को भी स्थिर रखता है। जैविक खेती के उत्पाद से शारीरिक स्वास्थ्य की महत्ता पर विशेष अनुकूल प्रभाव पड़ता है। मंच पर शंकर सिंह, रोशन यादव, श्रीकांत शर्मा, हरेंद्र नारायण सिंह, सुनीता देवी, राजमणि देवी उपस्थित थे। कार्यक्रम के बाद शर्मा ने बताया की जिला के 5 गांव में 30 किसानों ने जैविक खेती शुरू किया है। अमरा में 14 किसान, गोपाल बीघा में 6, मूसेपुर में 5, नवादा में एक तथा बेलाव में 4 किसानों ने जैविक खेती शुरू की है।
राहुल हिमांशु
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