ब्लड बैंक के प्रबंधन में रेड क्रॉस सोसाइटी का योगदान महत्वपूर्ण
सारण : देश और दुनिया में रक्तदान करने तथा ब्लड बैंक का प्रबंधन करने के मामले में रेड क्रॉस सोसाइटी का योगदान ऐतिहासिक है। उक्त बातें इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी के जिला सचिव जिन्नत जरीना मसीह ने सदर अस्पताल के ब्लड बैंक में आयोजित रक्तदान शिविर में शुक्रवार को कही।
वही संस्था के कोषाध्यक्ष डॉ सुरेश प्रसाद सिंह ने कहा कि विश्व रेड क्रॉस दिवस पूरे विश्व मे 8 मई के ही दिन मनाया जाता है। इस दिन विश्व रेड क्रॉस के संस्थापक सर हेनरी डोनाल्ड का जन्म स्विट्ज़रलैंड के जेनेवा प्रान्त में 1928 में हुआ था।इसलिए इस दिन को रेड क्रास दिवस के रूप में मनाया गया।
युवा रेड क्रॉस सोसाइटी के सचिव अमन राज ने कहा के जिले में युवा इकाई के गठन के बाद रक्तदान के प्रति युवाओं को एक नई सोच व दिशा मिली है। युवा आज न केवल खुद रक्त दान कर रहे हैं, बल्कि दूसरों को भी प्रेरित कर रहे हैं, जिसके बदौलत आज छपरा ब्लड बैंक आत्मनिर्भर बन गया है।
सामाजिक दूरी बनाते हुए ब्लड बैंक छपरा में इस वैश्विक महामारी में जिस जिस ब्लड ग्रुप के ब्लड की कमी ब्लड बैंक में थी उनके पूर्ति के लिए रेड क्रॉस सोसाइटी शाखा सारण के द्वारा रेड क्रॉस दिवस के उपलक्ष्य में ब्लड डोनेशन कैम्प का आयोजन किया गया जिसमे निर्भय कुमार,रिंकू कुमार साह,सतीश कुमार,छोटू सिंह और अन्य ने रक्तदान किये।
वही शाम में रेड क्रॉस दिवस के उपलक्ष्य में छपरा जंक्शन पे प्रशासन के देख रेख में युवा क्रांति रोटी बैंक के साथ मिलके रेड क्रॉस ने 101 जरूरतमंद लोगों को भोजन कराई।जिसमे युवा रेड क्रॉस सदस्य मनीष कुमार मणी,अमन सिंह,राहुल कुमार,युवा समाज सेवी संजीव कुमार चौधरी और अन्य महजूद थे।
ब्लड फ़ॉर सारण के सतीश ने कहा कि रेड क्रॉस सोसाइटी की ओर से चिकित्सा तथा समाज सेवा के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका शुरू से ही निभाई जा रही है। खासकर रक्त दान के मामले में सोसायटी ने आदर्श स्थापित किया है।
डोर-टू-डोर सर्वे के दौरान आशा कार्यकर्त्ता कर रहीं परिवार नियोजन के अस्थाई साधनों का वितरण
सारण : कोरोना काल में भी आशा कार्यकर्ता प्रवासी मजदूरों व लक्षित समूहों के बीच परिवार नियोजन के अस्थाई साधनों को घर-घर पहुंचा रही है तथा लॉकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों से घर आए प्रवासियों को परिवार नियोजन के बारे में जागरूक भी कर रही हैं। डोर-टू-डोर सर्वे के दौरान वे लक्षित समूहों के बीच परिवार नियोजन के अस्थाई साधनों का वितरण किया जा रहा है। जनसंख्या स्थिरीकरण को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से कृत संकल्पित है और इस कोरोना वायरस संक्रमण के बीच भी ऐसे महत्वपूर्ण अभियान को संचालित किया जा रहा है। इस अभियान को सफल बनाने में सबसे बड़ी भूमिका आशा कार्यकर्ता निभा रही है। लॉकडाउन के दौरान काफी संख्या में प्रवासी अपने अपने घर को लौट आए हैं । इसके मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग की ओर से परिवार नियोजन सेवाओं को संचालित करने का निर्देश दिया गया था।
अस्थायी साधनों का वितरण :
केयर इंडिया के परिवार नियोजन समन्वयक प्रेमाकुमारी ने बताया कि स्टरलाइजेशन छोड़कर अन्य सभी सुविधाएं पूर्व की तरह दी जा रही है। आशा कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर जाकर प्रवासी मजदूरों व महिलाओं के बीच माला-एन, छाया, इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स, कंडोम इत्यादि अस्थाई साधनों का वितरण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि एमपीए की सुविधा स्वास्थ केंद्रों पर उपलब्ध है। साथ ही सदर अस्पताल समेत अन्य स्वास्थ्य केंद्रों पर लगाए गए कंडोम बॉक्स के माध्यम से नि: शुल्क कंडोम का वितरण किया जा रहा है।
आरोग्य दिवस पर भी परिवार नियोजन की मिल रहे सुविधाएं :
केयर इंडिया के परिवार नियोजन समन्वयक प्रेमाकुमारी ने बताया कि डोर टू डोर विजिट के अलावें अरोग्य दिवस के दिन टीकाकरण स्थल पर आनेवाली गर्भवती महिलाओं को परिवार नियोजन की जानकारी दी जा रही है। साथ ही आवश्यकता अनुसार परिवार नियोजन के अस्थायी साधनों का वितरण भी किया जा रहा है। इसके लिए एएनएम व आशा कार्यकर्ता को जरूरी साधन उपलब्ध कराए गए है।
विधि मंडल ने अधिवक्ताओं को उपलब्ध कराई राशि
सारण : विधि मण्डल ने वैश्विक महामारी के संक्रमण की रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन में अधिवक्ताओं की परेशानियों के मद्देनज़र 1733 अधिवक्ताओं के खाते में प्रति अधिवक्ता सहयोग राशि 1085 रुपये दिया गया है, महामंत्री रवि रंजन प्रसाद सिंह ने एक प्रेस विज्ञापि जारी कर बताया की वैश्विक महामारी के चलते लॉक-डाउन होने के कारण अधिवक्ता पेशा से जुड़े हुए अधिवक्तागण लगभग बेरोजगार हो गए है़ंं। उनकी परेशानियों को देखते हुए छपरा विधि मण्डल ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर नियमित 1733 सभी अधिवक्ताओं को हाजिरी प्रपत्र, वकालतनामा, बेल बॉन्ड एवं दुकान से प्राप्त किराया जोड़कर 18,80,305/- (अठारह लाख अस्सी हजार तीन सौ पाँच) रुपया भारतीय स्टेट बैंक के मुख्य शाखा में बराबर- बराबर उनके बैंक अकाउंट में आज भेज दिया गया।
प्रति अधिवक्ता 1085/- (एक हजार पचासी) रुपया भेजा गया उन्होंने बताया है कि वैसे अधिवक्ता जिनका वेलफेयर की राशि बिहार अधिवक्ता कल्याण न्यास परिषद, पटना का बकाया है उस मद मे विधि मण्डल द्वारा 100/- (एक सौ) रुपया सीधे बिहार अधिवक्ता कल्याण न्यास परिषद,पटना को भेज दी जाएगी। अतः वैसे अधिवक्ताओं के बैंक अकाउंट में 985/- (नौ सौ पचासी) रुपया भेजी गई है। छपरा विधि मण्डल का मासिक सब्स्क्रिप्शन फी जो प्रति अधिवक्ता 10/- (दस) रुपया प्रति माह छपरा विधि मण्डल,छपरा द्वारा लिया जाता है वैसे लोगों का 10 महीने का बकाया 100/- (एक सौ) रुपया छपरा विधि मण्डल,छपरा के खाते मे जमा कराया गया है। इस तरह से कुछ अधिवक्ताओं को 885/- (आठ सौ पचासी) रुपया भी उनके बैंक अकाउंट मे भेजा गया है। जिन अधिवक्ताओं के बैंक अकाउंट की जानकारी विधि मण्डल को नहीं है उनका रुपया विधि मण्डल मे ही जमा है। वैसे अधिवक्ता जब भी अपना बैंक अकाउंट डीटेल विधि मण्डल को जमा करेंगे उनके बैंक अकाउंट मे रुपया भेज दिया जाएगा।