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30 मई : मधुबनी की मुख्य ख़बरें

हिंदी पत्रकारिता दिवस पर कार्यक्रम

मधुबनी : भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ द्वारा हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर कार्यक्रम आयोजित, हिंदी की दशा-दिशा पर चर्चा, वक्ताओं ने हिंदी पत्रकारिता के भविष्य को उज्जवल बताया।

मधुबनी जिले के जयनगर में स्थानीय जानकी देवी गौरीशंकर सर्राफ इंटर महिला कॉलेज में हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ(INJF) द्वारा पत्रकारों-साहित्यकारों के बीच संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

इस संगोष्ठी में हिंदी पत्रकारिता की शुरुआत से लेकर आज तक के 193 वर्षों के सफर और चुनौतियों पर वक्ताओं ने राय व्यक्त किए। इस कार्यक्रम का शुभारम्भ विषय परिचय तथा अध्यक्षता भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के राष्ट्रीय प्रकाशन सचिव प्रो. जगदीश प्रसाद यादव ने किया। वहीं, इस कार्यक्रम संचालन का कार्य सुभाष सिंह यादव ने किया।

पत्रकार प्रो० जगदीश प्रसाद यादव ने कहा कि हिंदी पत्रकारिता का भविष्य उज्ज्वल है, और यह युवाओं के लिए शुभ संकेत है। उन्होंने ने कहा कि पत्रकारिता का राष्ट्रवादी पक्ष अब सशक्त हो रहा है, पहले राष्ट्रवादी पत्रकारिता विरले ही होता था। लेकिन अब उम्मीद के अनुरूप परिवर्तन हुआ है। स्वतंत्र पत्रकार बिट्टू गुप्ता ने पत्रकारिता के मशीनी और मानवीय मूल्यों के अंतर को समझाया।

राष्ट्रीय सागर के ब्यूरो चीफ सुमित कुमार ने पत्रकारों की निम्न आर्थिक आय और पत्रकारों पर हो रहे हमले के खिलाफ आवाज उठाने पर बल दिया। दूरदर्शन मधुबनी जिला संवाददाता सुभाष सिंह यादव ने खोजी पत्रकारिता में बरती जाने वाली सावधानियां और हिंदी पत्रकारों के साथ होनी वाली परेशानियों को दूर करने के उपायों की चर्चा की।

वहीं, रंजन अभिषेक ने साहित्यिक पहलुओं के साथ हिंदी भाषा के महत्व पर जोर दिया। इस अवसर जगदीश प्रसाद यादव, सुमित कुमार, सुभाष सिंह यादव, पप्पू सिंह, पप्पू पूर्वे, अभिषेक रंजन, बिट्टू गुप्ता सहित अन्य उपस्थित थे। आज मधुबनी जिला के कार्यकारणी कमिटी का गठन किया गया है। जिसमे मधुबनी जिला अध्यक्ष के रूप में रंजन अभिषेक, महासचिव के रूप में पप्पू सिंह और कोषाध्यक्ष के रूप में पप्पू कुमार पूर्वे को गठित किया। सभी ने नवनिर्वाचित सदस्यों को बधाई दिया और संस्था के हितकर होने की मंगलकामना किया।

खाली हाथ लौटे प्रवासियों में मनरेगा से जगी आस

मधुबनी : लाॅकडाउन में घर लौटे प्रवासी मजदूरों को मनरेगा ने उम्मीदें जगा दी है। गौरतलब है कि लाॅकडाउन के कारण काम बंद हो चुका है। ऐसे में काफी संख्या में मजदूर बेरोजगार हो गए है। मनरेगा द्वारा पंचायतों में ही काम दिया जा रहा है।

जिला के सभी 383 ग्राम पंचायतों में जल-जीवन-हरियाली व जल संचय को लेकर 273 नहर, नाला एवं तालाबों की उड़ाही और उसके जीर्णोद्धार का कार्य चल रहा है, जिसमें 17655 मजदूर कार्य कर रहे है। वत्र्तमान समय में जिला में 41173 परिवार के 51628 मजदूरों को काम दिया जा रहा है। जिसके तहत आज 30.मई तक इस वित्तीय वर्ष 2020-21 में 806600 लाख मानव दिवस सृजन किया गया है।

जिले में प्रवासियों का ट्रेन से लौटने का सिलसिला जारी

मधुबनी : रेलवे स्टेशन पर प्रवासियों को लेकर आनेवाली श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के आने का सिलसिला अपने अंतिम चरण में है। देश के विभिन्न राज्यों में रह रहे बिहार के लोगों को लाने हेतु राज्य सरकार के प्रयास से भारतीय रेल द्वारा 14 मई से 31 मई के बीच देश के विभिन्न शहरों से श्रमिक स्पेशल ट्रेन का परिचालन शुरू किया गया था।

इसी क्रम में दिनांक-28.05.2020 की देर रात्रि 9ः23 बजे दानापुर-मधुबनी ट्रेन से 324 यात्री, 29.05.2020 की अहले सुबह 02ः00 बजे लुधियाना-मधुबनी ट्रेन, जिससे 737 यात्री तथा सुबह 08ः40 बजे में बीकानेर-मधुबनी ट्रेन से 624 यात्री मधुबनी पहुंचें। सभी प्रवासी यात्रियों को रेलवे स्टेशन पर स्क्रीनिंग टेस्ट के बाद मधुबनी जिले के प्रवासियों को संबंधित प्रखंड में बस द्वारा भेजने की कार्रवाई की गयी। जहां पंजीकरण के पश्चात रेड जोन से आये यात्रियों को प्रखंड क्वारंटाइन में तथा रेड जोन के अलावे अन्य क्षेत्रों से आनेवाले प्रवासियों को शपथ पत्र भरवाकर होम क्वारंटाईन में रहने हेतु भेजा गया। इसके साथ ही अन्य जिलों के प्रवासियों को पूर्व की भांति भेजने की कार्रवाई की गयी।

लावारिश शव के साथ अमानवीयता, बिना पहचान पहले दफनाया फिर सड़क पर छोड़ दिया

मधुबनी : पुलिस की छवि को लेकर डीजीपी व मुख्यालय स्तर से लगातार प्रयास किए जा रहे। मगर, थाना स्तर से पुलिस पदाधिकारियों की हरकत से इस छवि को नुकसान ही पहुंच रहा है। कुछ इसी तरह का मामला जिले के पंडौल थाना में सामने आया है। यहां एक अधेड़ की संदिग्ध अवस्था में मौत की जहां जांच की जानी चाहिए। एक शव को दिया जाने वाला सम्मान मिलना चाहिए। ऐसा कुछ नहीं किया गया। इसकी जगह पुलिस ने कई स्तरों पर ऐसा काम किया जिसपर सवाल उठ रहे। स्वजनों की शिकायत है कि मॉब लिचिग में उसकी हत्या की गई। पुलिस जांच के बदले मामले को दबाने में लगी है।

रहिका प्रखंड के सौराठ के तरुण झा (47) का शव संदिग्ध अवस्था में पंडौल की भगवतीपुर पंचायत के गढि़या गांव में एक खेत में सोमवार शाम को मिला। पुलिस ने यूडी केस दर्ज करते हुए शव का मंगलवार को पोस्टमार्टम कराया। इसके बाद जल्दबाजी दिखाते हुए कुछ घंटे के अंदर प्रखंड क्षेत्र में ही एक जगह दफना दिया। इसकी सूचना मिलने पर स्वजनों ने शव को इस तरह दफनाए जाने का विरोध किया।

वहीं तरुण की मॉब लिचिग में हत्या का शक जताते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई है। बड़े भाई वरुण कुमार झा के आवेदन के अनुसार तरुण सोमवार सुबह किसी को बिना बताए घर से कहीं चला गया। पता नहीं चलने पर सोशल मीडिया का सहारा लिया गया। इसमें गढि़या के आसपास के लोगों ने तरुण के शव की तस्वीर भेजी। इससे उसकी पहचान हुई।

मामले के बारे में जानकारी के लिए थाना पहुंचने पर बताया गया कि शव को कहीं दफना दिया गया है। थानाध्यक्ष अनोज कुमार से शव सुपूर्द करने को कहा गया तो वे प्रतीक्षा करने की बात कहते हुए कहीं चले गए। इसके बाद उनका मोबाइल स्वीच ऑफ मिला। प्राथमिकी के अनुसार थानाध्यक्ष पंडौल-मधुबनी मार्ग में तरुण के शव को मिट्टी से निकलवाते नजर आए। इस घटना के बाद लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। सूचना पर सदर डीएसपी कामिनी बाला देर रात उक्त स्थल पर पहुंची। लोगों ने तरुण की मॉब लिचिग में हत्या की बात कही। साथ ही थानाध्यक्ष की गतिविधियों पर भी सवाल उठाए। इसके बाद जमीन से निकाले गए शव स्वजनों को सौंप दिया गया। ये उठ रहे सवाल

  • शव को दफनाए जाने से पहले 72 घंटे तक का इंतजार क्यों नहीं किया गया
  • स्वजनों का कहना है कि तरुण के गले में रुद्राक्ष की माला थी तो दफनाया क्यों गया।
  • तरुण के चेहरे पर कई जगह जख्म के निशान मिले तो उसकी जांच-पड़ताल क्यों नहीं की गई।
  • शव का इस तरह अपमान क्यों किया गया। उसे एक पॉलिथीन में लपेटकर सड़क किनारे क्यों छोड़ दिया गया।
  • शव को पोस्टमार्टम के बाद स्टिच क्यों नहीं की गई। शव लेने की जिम्मेदारी पर भी सवाल:

इस मामले में पंडौल थानाध्यक्ष अनोज कुमार ने कहा कि शव में अधिक दुर्गंध आने से उसे जल्दबाजी में दफना दिया गया। साथ ही उस शव की जिम्मेदारी कोई नहीं ले रहा था। साथ ही कोई भी लावारिस शव को दफनाना ही बेहतर होता है। ताकि, स्वजन के आने पर उसे निकालकर सिपुर्द किया जा सके।

छेड़खानी को लेकर हुई मारपीट में डेढ़ दर्जन जख्मी

मधुबनी : फुलपरास अनुमंडल क्षेत्र के कोनार में छेड़खानी की घटना को लेकर दो पक्षों में हिसक झड़प हो गई। इसमें तकरिबन डेढ़ दर्जन लोग जख्मी हो गए। सभी जख्मी को फुलपरास अनुमंडल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मारपीट की घटना के बाद दोनों पक्षों द्वारा एक-दूसरे के विरुद्ध मामला दर्ज कराया गया है।

प्रथम पक्ष के रामभरोस माली के आवेदन पर उमेश कुमार यादव, भोली यादव एवं मुन्ना यादव समेत 50 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। दूसरे पक्ष में वीणा देवी की लिखित शिकायत पर इंद्रदेव माली समेत 25 लोगो को नामजद आरोपी बनाया गया है। बताया जाता है कि रामभरोस माली ने बुधवार को थाना में आवेदन देकर उमेश यादव पर पुत्री के साथ छेड़खानी करने का आरोप लगाया था।

छेड़खानी का विरोध करने पर भोली यादव समेत 50 अन्य लोग घर में घुसकर मारपीट की। साथ ही गांव छोड़ने की धमकी देने की शिकायत की थी। लेकिन, थाना पुलिस ने कोई संज्ञान नहीं लिया। इसके परिणामस्वरूप गुरुवार को पुन: भोली यादव एवं रामभरोस माली के बीच विवाद हो गया। देखते ही देखते हिसक झड़प में तब्दील हो गया। इसमें दोनों पक्ष से डेढ़ दर्जन से अधिक लोग जख्मी हो गए।

कोरोना संकट में चल पड़ा सैनिटाइज़र, फेस मास्क व पीपीई किट का व्यापार

मधुबनी : कोरोना संक्रमण ने आम लोगों के स्वास्थ्य व स्वच्छता की अहमियत बता दी है। आम लोगों को कोरोना से पहले सैनिटाइजर की जरूरत नहीं पड़ती थी। अब वे अनिवार्य रूप से इसका इस्तेमाल करने लगे है। यहां तक कि साथ लेकर चलने लगे। इसकी दो बूंद के फायदे और इसके प्रयोग की जानकारी भी एक-दूसरे से साझा करने लगे हैं। घर से बाहर निकलने के साथ सैनिटाइजर का ख्याल रखते है। इस कारण सैनिटाइजर व मास्क पर आने वाला खर्च घरेलू बजट में शामिल हो गया है।

मास्क, सैनिटाइजर का करीब पांच करोड़ रुपये का कारोबार:

मधुबनी केमिस्ट एवं ड्रगिस्ट एसोसिएशन के सचिव दीपक श्रीवास्तव ने बताया कि कोरोना अवधि में अबतक जिले में मास्क, सैनिटाइजर का करीब पांच करोड़ रुपये का कारोबार हुआ। जिले की दवा दुकानों में अभी पीपीई किट की बिक्री नहीं हो रही है। वहीं मास्क, सैनिटाइजर की बिक्री काफी बढ़ गई है। दवा दुकान के अलावा अन्य दुकानों में भी मास्क, सैनिटाइजर की बिक्री हो रही है। जिले में करीब 40 हजार सैनिटाइजर मशीन की बिक्री हुई है। घरों, दफ्तरों, सार्वजनिक जगहों और अस्पतालों को सैनिटाइज करने के लिए स्प्रीट, ब्लीचिग पाउडर का उपयोग बढ़ गया है।

सैनिटाइजर व मास्क का प्रयोग जरूरी:

चिकित्सकों की मानें तो कोरोना से पहले मास्क, सैनिटाइजर, ग्लव्स सिर्फ चिकित्सकों द्वारा प्रयोग में लाया जाता था। कोरोना बाद जागरूक लोग इसकी आवश्यकता को समझने लगे हैं। मास्क, सैनिटाइजर, ग्लव्स के बड़े पैमाने पर प्रयोग से इसके कारोबार में अचानक आई तेजी से रोजगार का नया विकल्प सामने आया है। ग्रामीण क्षेत्रों में नीम, पत्ता, फिटकरी, एलोवेरा से तैयार हर्बल सैनिटाइजर का कारोबार भी बढ़ा है। कोरोना से आमतौर पर लोगों में रहन-सहन, खान-पान में स्वच्छता के दिशा में सैनिटाइजर व मास्क का प्रयोग अनिवार्य हो गया है। कोरोना वायरस ने लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक कर दिया है। सैनिटाइजर व मास्क पर आने वाले खर्च को हरेक लोगों को अपने बजट में जगह देना होगा।

विधायक ने दो पीसीसी सड़कों का किया उद्घाटन

मधुबनी : बेनीपट्टी विधानसभा विधायक भावना झा ने बेनीपट्टी प्रखंड के करही गांव में विधायक ऐच्छिक कोष से 26 लाख रुपये की लागत से बनीं दो पीसीसी सड़क का उदघाटन किया।

इस अवसर पर विधायक ने कहा कि बेनीपट्टी तथा कलुआही प्रखंड में सड़क व पुल-पुलियों का जाल बिछ रहा है। विधानसभा क्षेत्र में दो दर्जन से अधिक सड़कें एवं आधे दर्जन पुल-पुलियों का निर्माण कराया गया। कोरोना को लेकर विधायक ने कहा कि गरीब असहाय एवं जरूरतमंद लोगों को सहायता प्रदान करें। प्रवासियों को सम्मानपूर्वक क्वारंटाइन सेंटर में रखा जाए। मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था कर इनकी समस्याओं को दूर हो। इस अवसर पर दीपक सिंह, सुशील सिंह, कालीकांत झा, विजय चौधरी, विजयकृष्ण झा, अरूण कुमार चौधरी, अमीत कुमार कर्ण, मो. इदरीस, दीपक कुमार झा मंटू, रजनीश कुमार सिंह, आशोक कुमार सिंह आदि मौजूद थे।

विधायक ने निर्माणाधीन पावर सब स्टेशन के कार्यो का किया निरीक्षण

मधुबनी : हरलाखी के स्थानीय विधायक व जदयू के सचेतक सुधांशू शेखर ने निर्माणाधीन पावर सब स्टेशन के कार्यो का निरीक्षण किया। इस दौरान कार्य की गुणवत्ता का भी जायजा लिया। गुणवत्तापूर्ण कार्य करने का निर्देश दिया। बताते चलें कि काफी जद्दोजहद के बाद कमतौल में भूमि का चयन हुआ। इस पर लगातार युद्ध स्तर से कार्य किया जा रहा है। इसका निर्माण कार्य एमएनटी कार्य एजेंसी कर रही है। पत्रकारों को जानकारी देते हुए विधायक ने कहा कि राज्य सरकार ने बिजली की क्रांति लाने का काम किया है। गांव व कस्बे को रोशन करने का कार्य किया गया है। इसका श्रेय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जाता है। हरलाखी में 22 घंटे बिजली आपूíत हो रही है।

इससे डिजिटल, कृषि व उद्योग को फायदा हो रहा है। बिहार विकास की ओर जा रहा है। इस पावर सब स्टेशन के बनने से हर एक क्षेत्र में बिजली की आपूíत निर्बाध रूप से हो सकेगी। साथ ही इसी जगह खेल प्रेमियों के लिए खेल स्टेडियम का निर्माण भी किया जाएगा। भूमि चयन की प्रक्रिया हो चुकी है। जल्द ही इसका भी निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा।

मोदी सरकार 2.0 के एक वर्ष पूरे होने पर गिनाई उपलब्धियां

मधुबनी : विधान पार्षद सुमन कुमार महासेठ ने मोदी सरकार 2.0 के प्रथम वर्ष पूर्ण होने पर सरकार द्वारा किए गए कार्यों पर चर्चा किया। उन्होंने ने अनुच्छेद 370, तीन तलाक, नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019, राम मंदिर इत्यादि उपलब्धियों पर विस्तार में चर्चा किया। कोरोना महामारी में सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों की भी सराहना की।

इस दौरान सोशल डिस्टेंसिनग का भी ख्याल रखा गया। इस प्रेसवार्ता में झंझारपुर भाजपा जिला प्रभारी सह लौकही विधानसभा प्रभारी जन्मजय सिंह, भाजपा मधुबनी जिला के वरीय पदाधिकारी सह पूर्व उपाध्यक्ष विनोद प्रसाद, मधुबनी नगर अध्यक्ष सुबोध चौधरी, पूर्व नगर अध्यक्ष विकास कुमार, युवा मोर्चा उपाध्यक्ष श्याम हरि जी मौजूद रहे।

नेपाल, चीन की राजनीति पर पीएम को तोड़नी चाहिए चुप्पी : डॉ शकील अहमद

मधुबनी : नेपाल, चीन के राजनीति पर भारत के पीएम नरेंद्र मोदी को चुप्पी तोड़नी चाहिये। चीन, नेपाल एव भारत विवाद लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प कह रहा है। भारत के पड़ोसी देश नेपाल अपना रुख बदल रही है। नेपाल के पीएम ओली की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक कर नक्शा बदलने का कार्य कर रही है।

उपरोक्त बाते मधुबनी जिला के खजौली प्रखंड के बेहटा गांव स्थित कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दीपक कुमार सिंह के आवास पर पूर्व केंद्रीय नेता डा. शकील अहमद ने प्रेस को संम्बोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि चीन, नेपाल को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी को नेपाल के पीएम से वार्तालाप करनी चाहिये। उन्होंने कहा कि पूरे देश मे कोरोना वायरस जैसे गंम्भीर बीमारी से जूझ रहे है, यह वायरस चीन के बुरहान से सारे देश मे फैला है, लेकिन नेपाल सरकार चीन के प्रधानमंत्री से मिली भगत से भारत पर कोरोना वायरस फैलाने का आरोप थोपा जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री बिना सोचे समझे लॉक डाउन लगाने से कोरोना वायरस तेजी से फैल रही है। कहा कि लॉक डाउन के दौरान प्रवासी मजदूर को लेकर  52 ट्रेन अपने मार्ग से भटक कर हजारों किलोमीटर धूमकर गन्तव्य स्थान पर घंटो लेट पहुँच रही है।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाते हुये कहा कि प्रधानमंत्री लॉक डाउन से एक सप्ताह पूर्व देश मे एलान कर प्रवासी मजदूर को अपने अपने घर जाने का आदेश जारी करता तो देश मे इतना कोरोना पॉजिटिव से ग्रसित नही होता। बिहार सहित देश के अन्य राज्य में क्वारंटाइन सेंटर पर प्रवासी मजदूर की हालत बहुत खराब है। क्वारंटाइन सेंटर पर राज्य एव केंद्र सरकार प्रवासी मजदूर को भोजन सहित जरूरत की समान मुहैया कराने में विफल साबित हो रही है।

इस मौके पर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता दीपक कुमार सिंह,कांग्रेसी गजेंद्र झा, जिला के युवा कांग्रेस अध्यक्ष अनुरंजन सिंह, भोगी झा, दरभंगा के पूर्व नगर अध्यक्ष आर.के.चंदन सहित अन्य कांग्रेसी कार्यकर्ता मौजूद थे।

विश्व तम्बाकू निषेध दिवस : बेहतर स्वास्थ्य के लिए तम्बाकू सेवन से करें परहेज

• तम्बाकू सेवन से ही होती है खतरनाक बीमारियों की शुरुआत
• युवाओं में तम्बाकू सेवन की समस्या खत्म करना चुनौतीपूर्ण
• सरकार द्वारा तम्बाकू सेवन को रोकने के लिए तय किया गया है कानून
• तम्बाकू सेवन के जड़ से खात्मे के लिए खुद से शुरुआत जरूरी

बहुत से खतरनाक बीमारियों की शुरुआत के पीछे तम्बाकू का सेवन मुख्य कारण होता है. तम्बाकू के सेवन के प्रति रूचि आजकल न सिर्फ युवाओं में बल्कि स्कूली बच्चों में बढती जा रही है. तम्बाकू सेवन बहुत से गंभीर बीमारियों की जड़ है. इसलिए इसको रोकने और इसके बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए हर वर्ष 31 मई को पूरे विश्व में विश्व तम्बाकू निषेध दिवस मनाया जाता है. इसकी शुरुआत डब्लूएचओ द्वारा 1987 में की गयी थी . इस दिन का उद्देश्य तंबाकू सेवन के व्यापक प्रसार और नकारात्मक स्वास्थ्य प्रभावों की ओर ध्यान आकर्षित करना है, जो वर्तमान में दुनिया भर में हर साल 70 लाख से अधिक मौतों का कारण बनता है. इस वर्ष के तम्बाकू निषेध दिवस की थीम, ‘‘युवाओं को इंडस्ट्री के हथकंडे से बचाना और उन्हें तंबाकू-निकोटीन के उपयोग से रोकना” रखी गयी है.

खतरनाक बीमारियों की शुरुआत का जड़ है तम्बाकू :

अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. एस. के. वर्मा ने बताया कई खतरनाक बीमारियों की शुरुआत तम्बाकू सेवन से होती है. सबसे खतरनाक बीमारी मानी जाने वाली कैंसर भी तम्बाकू के सेवन से ही होती है . फेफड़ों की बीमारियां जैसे क्रोनिक ब्रोंकाइटिस व एम्फिसेमा होने की मुख्य वजह धूम्रपान ही है. क्रोनिक यानी लम्बे समय तक धूम्रपान करने से फेफड़े एवं सांस की नली के कैंसर होने की प्रभावना ज्यादा होती है. दुनियाँ में कैंसर से होने वाली मौतों में फेफड़े का कैंसर के मरीजों की संख्या ज्यादा है जिसकी मुख्य वजह अत्यधिक धूम्रपान का करना ही होता है. खैनी, पुड़िया, जर्दा, पिलापत्ति आदि के सेवन से मुंह का कैंसर(ओरल कैंसर) की संभावना बनी रहती है. इन सभी तरह की रोगों को पूरी तरह समाप्त करने के लिए धूम्रपान का खत्म होना ही सबसे जरूरी विकल्प है.

तम्बाकू नियंत्रण के लिए शुरुआत खुद से करना जरूरी :

तम्बाकू नियंत्रण की शुरुआत सभी लोगों को खुद से या अपने आस पास से करनी चाहिए. जब आप खुद इसके बारे में जागरूक रहेंगे तो लोगों को जागरूक करना आसान हो जाएगा. लोग आपकी बातें तभी गंभीरता से लेंगे जब आप खुद उसे फॉलो करेंगे. इसके साथ ही लोगों को तम्बाकू के सेवन से होने वाले बीमारियों की भी जानकारी होना जरूरी है. बहुत से लोग तो जान कर भी अनजान बने रहते हैं और तम्बाकू सेवन करते है पर ऐसी स्थिति में अगर उन्हें कुछ हो जाता है तो इसकी समस्या उनके परिवार को उठानी पड़ती है. इसलिए लोग तम्बाकू सेवन से जितना दूर रहें उनके लिए, उनके बच्चों के लिए व आसपास के समाज के लिए यह बेहतर हो सकता है.

रोकथाम के लिए कोटपा अधिनियम:

जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. भी.पी. अग्रवाल ने बताया लोगों में तम्बाकू की बढ़ती लत को रोकने के लिए सरकार द्वारा भी ठोस कदम उठाए गए हैं. तम्बाकू सेवन को रोकने के लिए सरकार द्वारा तम्बाकू नियंत्रण अधिनियम बनाया गया है जिसे कोटपा कहा जाता है. इसके द्वारा सरकार लोगों को तम्बाकू निषेध को अपनाने को लेकर जागरूक करती है और अगर कोई व्यक्ति इसका सेवन करते हुए पाया जाता है तो कानून द्वारा उन्हें दंड भी दिया जाता है. इसके अलावा अभी कोविड-19 संक्रमण के दौरान भी अगर किसी व्यक्ति को सार्वजनिक स्थल पर तम्बाकू सेवन करते हुए या थूकते हुए पाया जाता है तो उसे आर्थिक दंड के साथ ही कानूनी कार्यवाही करने का प्रावधान लागू किया गया है.

तम्बाकू नियंत्रण अधिनियम (कोटपा) के तहत तय किया गया कानून :

• सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने पर 200 रुपये की जुर्माना देय है (धारा – 4).
• तम्बाकू पदार्थों के प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष विज्ञापन पर 1 से 5 साल की कैद व 1000 से 5000 तक का जुर्माना देय है (धारा- 5).
• 18 वर्ष से कम आयु वर्ग के अवयस्कों को तम्बाकू पदार्थ बेचने वालों को 200 रुपये जुर्माना लगाया जाता है (धारा- 6).
• बिना चित्रित व पैकेट के 85% भाग पर मुख्य रूप से न छपे वैधानिक चेतावनी के तम्बाकू पदार्थ बेचने पर 2 से 5 साल की कैद व 1000 से 10000 तक जुर्माना लगाया जा सकता है (धारा- 7)

गली-मोहल्ले में घूम-घूम कर, कर रही जरूरतमंद लोगों की मदद

मधुबनी : जागरूकता अभियान संस्था गंगौर के द्वारा लगातार मदद पहुंचाने के लिए हर तरह का प्रयास लॉक डाउन के समय से ही जारी है। अब संस्था की बेटियां लॉक डाउन 4.0 में भी अपनी भूमिका बहुत अच्छी तरह से निभा रही है। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बच्चे, महिलाएं, वृद्ध, युवा सभी तक हर प्रकार की राहत सुविधा उपलब्ध करवा रहे हैं ।

बच्चों के विशेष पहल शुरू की गई है, जिसमें संस्था की संचालिका बिट्टू मिश्रा बताती है की यह बहुत ही विपरीत परिस्थिति है और इस परिस्थिति का सामना अगर आज हम सब मिलकर कर लेते हैं, तो बहुत जल्द हमारा देश मुस्कुराएगा। इसीलिए जरूरी है कि हम अपने आसपास के लोगों की हर तरह की मदद करने का हर संभव प्रयास करें।

हम लोगों ने अभी तक 150 बच्चों के बीच पठानी पाठ सामग्री वितरण किया है. हमारा एक ही मकसद है कि कोई भी बच्चा पठन पाठ्य सामग्री की आभाव में अपनी पढ़ाई ना रोंके। हमारा प्रयास तब तक जारी है जब तक कि हमारा देश कोरोना से जीत नहीं जाता और हम सभी देशवासियों के सर से यह परेशानी दूर नहीं हो जाती। हम हर एक जरूरतमंद लोगों तक हर प्रकार की मदद इसी तरह पहुंचाते रहेंगे। हमारी टीम की कुछ सक्रिय सदस्य अमीषा कुमारी, श्वेता कुमारी, किरण कुमारी के माध्यम से हम लोग इस कार्य को लगातार करते आ रहे हैं।

जयनगर प्रखंड सचिव पिछले 44 दिनों से कम्युनिटी किचन में 200 लोगों को खिला रहे खाना

मधुबनी : कोविड-19 नोबल कोरोना वायरस के कारण पूरे राष्ट्र में देशव्यापी लॉक डाउन किया गया है। इस लॉक डाउन में गरीब, निर्धन, निःशक्त, निःसहाय, मजदुर वर्ग, भिखारी वर्ग, कामगार मजदूर लोगों के सामने विकट इस्तिथि उत्पन्न हो गयी हुई है, जिससे उनको खाने-पीने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

इसी के मद्देनजर मधुबनी जिले के खजौली विधानसभा के जयनगर प्रखंड के आम आदमी पार्टी के प्रखंड सचिव अमित कुमार महतो लगातार 44 दिनों से जयनगर नगर पंचायत क्षेत्र के पटना गद्दी चौक पर निजी स्तर से आम आदमी पार्टी के बैनर तले कम्यूनिटी किचन चक कर रोज लगभग 200 लोगों को खाना खिला कर पेट भर रहे हैं। इससे लोग प्रसन्न होकर उनको धन्यवाद देकर खाना खाते ओर घर के अन्य लोगों के लिए ले भी जाते हैं। इस नेक कार्य मे रोशन पूर्वे, मनोज पासवान एवं कैलाश जी इसमें इनका सहयोग कर रहे हैं।

वैश्विक महामारी बन चुके कोविड-19 नोबल कोरोना वायरस के प्रति सचेत करने और स्वच्छता के लिए जागरूकता के उद्देश्य से समाजसेवी अमित कुमार खजौली विधानसभा के कई प्रखंड के गाँव में राशन, फेस मास्क ओर साबुन वहां के लोगों के बीच वितरण डोर-टू-डोर कर चुके हैं। एवं जयनगर शहर एवं प्रखंड के कई वार्ड एवं गाँव मे जाके सेनेटाइजेशन का भी कार्य समाजसेवी सह खजौली विधानसभा प्रत्याशी अमित कुमार महतो के द्वारा किया गया है। साथ ही उन्होंने ग्रामीणों के बीच जाके उनको इस वायरस से सावधान रहने को आगाह किया।

उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने जो कहा है, और जो दिशा-निर्देश हमें सरकार के तरफ से मिले हैं, उनका पालन हम सभी को शत-प्रतिशत करना है। सोशल डिस्टेंस बनाये रखना है, ओर अधिक जरूरत नही हो तो घर से बाहर बिल्कुल नही निकलें।

इस मौके पर समाजसेवी श्री महतो ने लोगों से कहा कि बहुत जरूरत होने और ही घर से बाहर निकालें, ओर मास्क लगाएं एवं घर से बाहर जाने-आने के क्रम में हाथ को बढ़िया से धोएं ओर साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें।

उन्होंने लोगों से उनके घर-घर जाके अपील करते हुए कहा कि ये एक महामारी बन चुका है, इसलिए अपने यहां भी हम इसके प्रभाव से बचने के लिए इससे बच कर रहें। क्योंकि अभी तक इसकी वैक्सीन या इससे निपटने की दवा का ईजाद नही हुआ है।

आपको बता दें कि अमित कुमार महतो वर्ष 2015 में खजौली विधानसभा से चुनाव लड़ चुके हैं, और 2020 में खजौली विधानसभा से भावी प्रत्याशी भी हैं। इससे पहले भी समाजसेवी श्री महतो बाढ़ और अन्य आपदाओं में भी खजौली विधानसभा के विभिन्न प्रखंड के गाँव में जाकर सूखा अनाज, राशन, पन्नी, कपड़ें, साबुन एवं अन्य जरूरत की चीजों का वितरण कर चूके हैं।

सुमित राउत