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बिहार अपडेट मधुबनी

29 मई : मधुबनी की मुख्य ख़बरें

पैसों के अभाव नहीं हो रहा मज़दूर का इलाज

मधुबनी : गरीबी की मार झेल रहे मजदूर के घर मौत का इंतजार हो रहा है। सरकारी व निजी अस्पतालों का चक्कर लगा-लगा परिजन थक हार गए हैं। हर जगह इलाज के लिए पैसे की डिमांड हो रही है। छोटे-छोटे चार बच्चों की मां रीता निराश होकर बीमार पति पवन यादव के सिरहन में रोती बिलखती है। मृत्यु शैय्या पर लाचार बेजान पड़े 50 वर्षीय पवन यादव दर्द से कराहते हुए मौत का इंतजार कर रहे हैं। पत्नी व बच्चों को निहारते बस यही कह रहे हैं मौत अब तो गले लगा लो। मधुबनी शहर से सटे भौआड़ा कदम चौक मोहल्ला निवासी पवन की पीड़ा से आसपास के लोग भी दुखी हैं। निर्धन यादव ने बताया उसका बहनोई पवन यादव पिछले हफ्ते गांव में ही मजदूरी के लिए गया था। बांस काटने के दौरान 20 फीट ऊपर से गिर गिर गया। रीड का हड्डी टूट गया। पैसे के अभाव में किसी तरह ठेला पर लादकर सदर अस्पताल लाया। वहां भर्ती नहीं ली तो मधुबनी टाउन में निजी क्लीनिक का चक्कर लगाया। कोरोना संक्रमण का वजह बता डॉक्टर रोगी को देखा तक नहीं। भारी-भरकम रुपए की डिमांड कर वापस भेज दिया। दरभंगा डीएमसीएच में भी बाहरी खर्चा बता पटना जाने को कहा।

ऑपरेशन के लिए सहायता की दरकार

रीता देवी ने बताया कि रीढ़ की हड्डी टूट जाने से उसका पति उठ बैठ व करबट भी नहीं बदल सकते। डाक्टर साहब आपरेशन से ठीक होने की बात कही है। उन्होंने कहा कोई दानवीर, समाजसेवी संस्था, सांसद एवं विधायक जी लोग चाहेंगे तो मेरी जिन्दगी बदल सकती है। बताया कि मुश्किल घड़ी में यदि कोई मदद करता है तो वो भगवान जैसा होगा।

बढ़ते कोरोना संक्रमण में अच्छी खबर 27 लोग हुए ठीक

मधुबनी : तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमितों की संख्या के बीच राहत की भी बड़ी खबर आई है। गुरुवार को जिले के विभिन्न कोविड केयर सेंटरों से बड़ी संख्या में कोरोना पॉजिटिव मरीज स्वस्थ होकर घर लौटै। जयनगर नर्सिंग स्कूल के आइसोलेशन वार्ड से 21 कोरोना पॉजिटिव स्वस्थ हुए। उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई। इसके अलावा झंझारपुर से छह कोरोना पॉजिटिव स्वस्थ होकर घर लौट गए। इस तरह आज 27 लोगों ने कोरोना से जंग जीत ली।

हालांकि, आज झंझारपुर के पट्टीटोल के भी एक व्यक्ति घर लौटे। उनकी रिपोर्ट पहले ही निगेटिव आ चुकी थी। मगर, उनकी बेटी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। आज बच्ची की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद वे भी साथ घर लौटे। इस तरह आज 28 लोग स्वस्थ होकर घर पहुंचे। इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि इन्हें कोई विशेष दवा या अन्य चीजों की जरूरत नहीं पड़ी। अब तक जिले में 58 लोग स्वस्थ हो गए हैं। इस तरह जिले में अब 125 एक्टिव मामले हैं। अब तक झंझारपुर से 35, जयनगर से 21 व बेनीपट्टी से तीन लोग स्वस्थ होकर घर लौटे। इसके अलावा पंडौल का एक युवक भी स्वस्थ होकर घर गया। मगर, उसकी इंट्री गाजियाबाद में है।

जयनगर में भर्ती 21 लोगों की रिपोर्ट आई निगेटिव जयनगर : अनुमंडल मुख्यालय के र्निसंग स्कूल आइसोलेशन वार्ड में भर्ती 21 कोरोना पॉजिटिव मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आई। इसके बाद शाम में सभी को डिस्चार्ज कर दिया गया। इसमें बासोपट्टी के नौ, खुटौना के सात एवं लदनियां के पांच कोरोना पॉजिटिव मरीजों का रिपोर्ट निगेटिव आई। कोरोना वायरस को मात देकर निकले इनलोगों को चिकित्सकों एवं स्वास्थ्यर्किमयों ने ताली बजाकर विदा किया। चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. कुमार रोनित ने बताया कि आज डिस्चार्ज किए गए सभी 21 कोरोना पॉजिटिव मरीजों को 14 दिनों तक आइसोलेशन वार्ड में रखा गया। उन्होंने बताया कि इनमें से कुछ को सर्दी व खांसी की शिकायत होने पर नार्मल कुछ दवाएं दी गईं। डिस्चार्ज किए गए सभी व्यक्ति पूरी तरह स्वस्थ हैं। यहां से पहली बार कोरोना पॉजिटिव मरीज स्वस्थ होकर घर गए हैं।

6 सूत्री मांगों को लेकर ऐपवा ने दिया धरना

मधुबनी : अपनी छह सूत्री मांगों को ले ऐपवा के कार्यकर्ताओं ने व स्वंसहायता की महिलाओं ने आज धनुषी में धरना दी। महिलाओ ने कोरोना महामारी की संकट में सरकार द्वारा समुचित व्यवस्था नहीं किए जाने को ले अपनी मांगो को रखा।

  •  स्वयं सहायता समूह में शामिल महिलाओं का कर्ज माफ करो.
  • माइक्रो फायनांस कम्पनियों द्वारा दिए गए कर्जों का भुगतान सरकार करें।
  •  हर समूह को उसकी क्षमता के अनुसार या कलस्टर बनाकर रोजगार का साधन उपलब्ध कराओ।
  • एस०एच०जी०(स्वयं सहायता समूह-सेल्फ हेल्प ग्रुप) के उत्पादों की खरीद सुनिश्चित करो।
  • स्वयं सहायता समूह को ब्याज रहित ऋण दो।
  • जीविका कार्यकर्ताओं को न्यूनतम 15 हजार मासिक मानदेय दो।

अखिल भारतीय प्रगतीशिल महिला एसोसिएशन (ऐपवा) के मधुबनी जिला कमेटी के बैनर पर उपरोक्त 6 सूत्री मांगों को लेकर धनुषी में ऐपवा कार्यकर्ताओं और स्वयंसहायता समूह की महिलाओं ने धरना दिया।

इस धरना को संबोधित करते हुए ऐपवा के मधुबनी जिला सचिव पिंकी सिंह ने कहा कि केन्द्र सरकार के 20 लाख के पैकेज की घोषणा में स्वयं सहायता समूह के लिए कुछ नहीं है। सरकार की घोषणा में बस इतना है कि एक साल तक उन्हें लोन की किस्त जमा करने से छूट मिलेगी। कर्ज माफ नहीं होगा, बल्कि उन्हें कर्ज जमा करने के समय में छूट दी गई है। हम सभी जानते हैं कि अन्य तमाम श्रमिक वर्ग की तरह ही लॉकडाउन के कारण महिलाओं की आर्थिक स्थिति भी बुरी तरह बिगड़ गई है। एक साल के बाद भी लोन चुकता करना उनके लिए संभव नहीं होगा। दूसरी तरफ स्वयं सहायता समूह चलाने वाली प्राइवेट कम्पनियां अभी भी लोन का किस्त जबरन वसूल रही हैं। सरकार बड़े पूंजीपतियों के कर्जे लगातार माफ करती जा रही है जबकि जरूरत है कि उनसे कर्ज वसूल किया जाए और गरीब महिलाओं को राहत दी जाए।

बिहार सरकार ने हरेक परिवार को 4 मास्क देने का फैसला किया है, इसके निर्माण का काम स्वयं सहायता समूह को देने की घोषणा की गई थी। लेकिन वास्तविकता यह है कि सभी समूहों को यह काम दिया ही नहीं गया। अगर कहीं दिया भी गया तो उनसे मास्क खरीदा नहीं जा रहा है। अगर इस फैसले को गंभीरता से लागू किया जाता तो समूह को एक बड़ी आर्थिक सहायता हो सकती थी। इसे लागू करने की बजाय सिर्फ रोजगार की बड़ी – बड़ी बातें की जा रही है। इसलिए हम लाकडाउन का पालन करते हुए अपने दरवाजे पर ही धरना देकर, स्वयंसहायता समूह से जुड़े महिलाओं की समस्याओं से अवगत कराते हुए 6 सूत्री मांगों को अबिलंब पूर्ती करने की मांग करते है। इस धरना को जिविका कार्यकर्ता पुनीता देवी, रंजीता देवी,मुन्नी देवी,ज्योती देवी, पूनम देवी,राम कली देवी ने भी संबोधित किया।

बच्चों व माताओं को लू से बचाव लिए आईसीडीएस करेगा सहयोग


• तीन स्तर पर लू प्रबंधन के लिए दिए गए निर्देश
• कोविड-19 प्रोटोकॉल का अनुपालन करते हुए किया जाएगा बचाव कार्य
• होम क्वारंटाइन में रह रहे लोगों को भी किया जाएगा जागरूक।

गर्मी के महीनों की शुरुआत होते ही हीट स्ट्रोक यानी लू का खतरा बढ़ गया है. कोरोना के बढ़ते संक्रमण ने भी स्वास्थ्य चुनौतियाँ बढ़ा रखी है. ऐसे दौर में लोगों के लिए कोरोना संक्रमण के साथ लू से खुद को सुरक्षित रखने के लिए अधिक सतर्क होने की जरूरत है. इस दिशा में आईसीडीएस के निदेशक आलोक कुमार ने सभी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी एवं बाल विकास परियोजना पदाधिकारी को पत्र लिखकर 6 साल से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती माताओं एवं धात्री माताओं को लू के प्रकोप से बचाने के संबंध में विस्तार से दिशानिर्देश दिया है. पत्र में बताया गया है कि पिछले वर्ष में अनियमित वर्षा के कारण राज्य के अधिकांश जिलों के प्रखंडों में सुखाड़ की स्थिति रही है. जिससे इस साल अधिक नमी की संभावना होगी एवं परिणाम स्वरुप गर्म हवाओं/ लू चलने की संभावना अधिक होगी. लू से सतर्क रहने की जरूरत तो सभी को है, लेकिन विशेषकर 6 साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती एवं धात्री माताओं को इससे अधिक खतरा है. इसलिए इन्हें सुरक्षित रखने के लिए परिवार, आंगनबाड़ी केंद्र एवं प्रशासनिक स्तर पर कार्रवाई करने की आवश्यकता है. साथ ही लू से बचाव के लिए की जाने वाली कार्रवाई के दौरान कोविड-19 के प्रोटोकॉल के पालन करने के भी निर्देश दिए गए हैं।

परिवार स्तर पर लोगों को सचेत रहने की है जरूरत:

पत्र में बताया गया है कि लू से बच्चों को बचाने में परिवार के लोग महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं. इसके लिए बच्चों को घर से बाहर निकलने न दें. यदि अति आवश्यक कार्य हो तो बच्चों के मुँह एवं नाक को ठीक प्रकार से मास्क, रुमाल या छोटे गमछे से लपेट कर घर के बड़े लोगों की निगरानी में ही निकलने दें. बच्चों को थोड़े-थोड़े अंतराल पर पानी देते रहें. यथासंभव हो सके तो पानी में ग्लूकोज मिलाकर बच्चों के दें. बच्चों को हल्का भोजन दें. दिन में थोड़े-थोड़े कई बार खाना दें एवं ध्यान रखें कि खाना ताजा हो. लू लग जाने से तौलिया/ गमछा ठन्डे पानी में भिगों कर शरीर को बार-बार पोछें एवं आम का पन्ना, सत्तू का घोल एवं नारियल का पानी दें. ओआरएस का घोल एवं ग्लूकोज का नियमित सेवन करने से लू में बचाव होता है. यदि घर में ओआरएस का घोल नहीं हो तो इसके विकल्प के रूप में नामक एवं चीनी का घोल बनाकर लू/ डायरिया पीड़ित को दें।

आंगनबाड़ी केन्द्रों पर मिलेगी बचाव की जानकारी:

पत्र में बताया गया है कि टेकहोम राशन के लिए जब भी महिलाएं आंगनबाड़ी केन्द्रों पर महिलाएं आये तो सेविका उन्हें लू से बचाव की जानकारी दें. साथ ही गृह भ्रमण के दौरान भी गर्भवती एवं धात्री माताएं को खुद से लू बचने के सलाह दें. साथ ही वे घर पर अपने बच्चों का कैसे बेहतर ध्यान रखकर उन्हें लू से बचा सकती है, इसकी भी जानकारी दें. महिला पर्यवेक्षिकाओं एवं आंगनबाड़ी सेविका द्वारा लू लगने के लक्षण, उसके कुप्रभाव एवं प्राथमिक उपचार के विषय में लोगों को जानकारी देते समय कोविड-19 प्रोटोकॉल के पालन करने की बात कही गयी है. यह बताया गया है कि जानकारी देते समय सामाजिक दूरी का ख्याल रखें या मोबाइल से जानकारी दें।

प्रशासन के स्तर पर भी लू से बचाव को लेकर होगी कार्रवाई:

लू पीड़ितों को समुचित स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जिले के स्वास्थ्य विभाग से समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि प्राथमिकता के आधार पर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, अनुमंडलीय अस्पतालों में जरुरत के हिसाब से पीड़ित को भर्ती कराया जा सके. राज्य में आये जिन प्रवासियों को होम क्वारंटाइन किया गया है, उन्हें भी लू के विषय में जागरूक करने की बात कही गयी है. साथ ही राज्य के सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में पर्याप्त मात्रा में ओआरएस पाउडर की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए गए हैं।

7 नए मरीजों के साथ कुल संख्या हुई 190

मधुबनी : जिले में शुक्रवार को सात और कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। इसकी पुष्टि स्वास्थ्य विभाग ने की है। जिले में पिछले दो दिनों से कोरोना पॉजिटिव मामले नहीं आए थे। वहीं गुरुवार को एक साथ 40 संक्रमितों के स्वस्थ हुए थे। इससे जिलावासी के साथ प्रशासन ने भी राहत की सांस ली थी।

आज जारी सूची के अनुसार सात संक्रमितों में पांच फुलपरास प्रखंड के हैं। इसके अलावा एक-एक बाबूबरही व राजनगर प्रखंड के हैं। इस तरह जिले में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 190 हो गई है। वहीं 71 कोरोना पॉजिटिव स्वस्थ होकर घर लौट गए हैं। इसके अलावा एक अन्य युवक भी स्वस्थ होकर लौटा जो गाजियाबाद में कोरोना संक्रमित होकर यहां आया था।

पदाधिकारी ने की नाली एवं पक्की सड़क की गुणवत्ता की जाँच

मधुबनी : बिस्फी प्रखंड क्षेत्र के विस्फी पंचायत के वार्ड पांच में नाली व पक्की सड़क के निर्माण में की गई अनियमितता को ले स्थानीय ग्रामीणों ने प्रखंड विकास पदाधिकारी को एक आवेदन दिया थे। मिली शिकायत पर प्रखंड विकास पदाधिकारी ने जांच का आदेश दिया जिसक आज जीपीएस द्वारा जाँच किया गया।

लिखित आवेदन में वार्ड पांच में नाली एवं पक्की सड़क का निर्माण की गुणवत्ता पर लोगों ने सवाल उठाया था। जिसमे पंचायत के मुखिया वार्ड सदस्य एवं वार्ड सचिव के द्वारा कार्य में काफी अनिमियत्ता की बात बताई गई थी। गलत तरीको से कार्य किया गया था, जिसमें वार्ड सदस्य एवं वार्ड सचिव के द्वारा इस कार्य में काफी लूट खसोट करने की बात लिखित आवेदन में दी गई थी। जिसके आलोक में बिस्फी प्रखण्ड विकास पदाधिकारी अहमर अबदाली के द्वारा जीपीएस को जांच के लिए आदेश की गई।

जीपीएस चंद्रेश प्रसाद ने मौके पर तकनीकी सहायक पदाधिकारी के साथ पर जांच किया। जीपीएस चंद्रेश प्रसाद ने बताया कि मिली शिकायत पर वार्ड पांच की जांच कर ली गई है। जांच रिपोर्ट वरीय अधिकारी को सौंप कर आगे की प्रक्रिया शुरू कर दी गई हैं। दोषी पर कार्रवाई की जायेगी।

अंकुरित सरस्वती तालाब का जीर्णोद्धार का कार्य शुरू

मधुबनी : मनपौर पंचायत के गम्हरिया गांव में बिहार की एकमात्र अंकुरित सरस्वती मंदिर स्थित है। मां शारदे के नाम से ही परिसर में अंकुरित सरस्वती परिसर में एक तालाब स्थित है। उक्त तालाब का मनरेगा योजना के तहत साढ़े 9 लाख की लागत से जीर्णोद्धार का कार्य किया जा रहा है। कार्य में काफी संख्या में मजदूरों को लगाया गया है। पंचायत के मुखिया अमरेंद्र कुमार मिश्र और रोजगार सेवक तरुण कुमार के नेतृत्व में सभी मजदूर सोशल डिस्टेंस का ध्यान रखते हुए कार्य कर रहे हैं।

मनरेगा पीओ संजीव रंजन मिश्र ने बताया कि पौराणिक संपदा को बचाने के लिए मनरेगा के तहत कार्य किए जा रहे हैं। गम्हरिया अंकुरित सरस्वती मंदिर तालाब के जीर्णोद्धार के साथ यहां पर सैड, घाट और चबूतरा का निर्माण भी कराया जाएगा।

स्पीक अप इंडिया के तहत कांग्रेस ने रखी पांच मांगे

मधुबनी : अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी, नई दिल्ली के निर्देश के आलोक में आज से #speak_up_India मुहिम के तहत देश के जनता की प्रमुख मांगे देश के माननीय प्रधानमंत्री के समक्ष मधुबनी जिला कांग्रेस कमिटी अध्यक्ष प्रो० शीतलाम्बर झा के द्वारा प्रमुख रूप से (पांच) प्रमुख मांगे रखी गयी है।

पिछले दो महीना से वैश्विक महामारी (कोरोना वायरस) से उत्पन्न लॉकडाउन के कारण देश के करोड़ो मजदूरों, गरीबो, बेरोजगारों, छात्रों एवं नोजवानो, दिहाड़ी मजदूरों, छोटे छोटे व्यवसायियों, सूक्ष्म एवं लघु उद्योग चलाने वालों के समक्ष भुखमरी की स्थिति आ पड़ी है।
करोड़ो करोड़ लोगो की नौकरी असुरक्षित हो गई है।
इस परिस्थिति में देश के सभी धर्म के लोगो को आयकर से बाहर के जो लोग है:-
1). उनको तत्काल 10,000 रुपया उनके खाता में केंद्र सरकार अविलंब डाले तथा सभी लोगो को 7,500 रुपया प्रति माह कम से कम 6 महीने तक दिया जाए।
2). छोटे छोटे व्यवसायियों , सूक्ष्म एवं लघु उद्योग चलाने वालों को कर्ज के बजाय वित्तीय मदद दी जाए।
3). सभी प्रवासी श्रमिको के लिए बिना शुल्क उनके घर तक परिवहन की व्यवस्था की जाए साथ ही समुचित स्वास्थ की व्यवस्था की जाए।
4). मनरेगा के तहत कार्य दिवसों को बढ़ा कर 200 दिन प्रति वर्ष किया जाए।
5). किसानों को ऋण न दे कर के प्रति वर्ष 72000 रुपया यानी प्रति माह 6000 रुपया अविलम्ब दिया जाए।

पुरानी कमला को जीवंत कर रहे मनरेगा मजदूर, लोगों में खुशी

मधुबनी : हौसला बुलंद हो तो कुछ भी असंभव नहीं। यह चरितार्थ कर दिखाया है मनरेगा के मजदूरों ने। 86 वर्ष से रूठ गई पुरानी कमला नदी की धार को फिर से मनाने का काम जारी है। इसे जीवंत करने का काम जारी है। ताकि फिर से नदी में जल की धारा बहे और सैकड़ों किसान सिंचाई सुविधा से युक्त हो सके। इस महत्वाकांक्षी योजना को करने में मनरेगा के सैकड़ों मजदूर दिन—रात लगे हुए हैं। रोजगार के साथ किसानों को सिंचाई की सुविधा का कार्य को आगे बढ़ा रहे है। पिपराघाट से दरभंगा जाती थी पुरानी नदी यह नदी 1934 तक पिपराघाट से निकल कर दरभंगा तक जाती थी। कमला की यह धारा ही पूर्व में मुख्य धारा थी।

1934 में बाढ़ व भूकंप की त्रासदी के बाद कमला नदी की धारा बदल गई थी। बाद से इस नदी में बारिश के समय ही पानी रहती थी। बांकी समय में नदी सुखी रहती है। पहले सैकड़ों गांव और हजारों किसान को हरवक्त पानी मिलता था। जल संसाधन विभाग के सर्वे में इसे पुनर्जीवित करने की योजना बनी। वर्तमान में पंडौल की सीमा से दरभंगा की सीमा तक का कार्य लोहना दक्षिणी पंचायत के पास देखने को सहज ही मिलती है। जहां महिला पुरुष के साथ प्रवासी मनरेगा मजदूर भी उड़ाही कर नहर को नया रूप देने में लगे हैं। 26 हजार मानव सृजन की संभावना—औसतन 300 से 400 मजदूर प्रतिदिन रोजगार पा रहे हैं। अभी तक 26 सौ मानव सृजन किया है। इस तीन किलोमीटर नदी की एरिया में लालगंज, खर्रक, नवटोलिया, लोहना, पाही आदि के किसान लाभान्वित होंगे। मनरेगा पीओ कुलानंद साहनी ने कहा जल्द भुगतान होगा। 2 मई से 17 मई के कार्य की मापी हो चुकी है। भौतिक सत्यापन नहीं होने के कारण भुगतान में विलंब हुआ है।

प्रवासियों को उपलब्ध कराया जा रहा रोजगार

मधुबनी : देश के विभिन्न राज्यों से आये हुए प्रवासियों को उनके अपने ही जिला एवं प्रखंड में रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में जिला प्रशासन, मधुबनी द्वारा पूर्व से ही पहल की जा रही है। जिसका सकारात्मक प्रभाव जिले के कई प्रखंडों में मनरेगा के माध्यम से देखा जा रहा है।

इसी क्रम में मधुबनी जिला के विभिन्न प्रखंडों के तालाबों का जीर्णोद्धार का कार्य कराकर प्रवासियों को रोजगार मुहैया कराया जा रहा है। प्रवासी मजदूर बेरोजगार नहीं रहे, इसके लिए पंचायतों में जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत जल संचय की विभिन्न योजनाएं यथा-तालाब की खुदाई, नहर, आहर-पईन की उड़ाही आदि कार्य कराया जा रहा है। जिन्हें 15 जून तक पूर्ण किये जाने का निदेश है। साथ ही मनरेगा के तहत कच्ची सड़क की मरम्मति आदि कार्य कराये जा रहे है।

जिला ग्रामीण विकास अभिकरण, मधुबनी से प्राप्त सूचनानुसार अबतक 5405 नये प्रवासियों का जाॅब कार्ड बनाया गया है। जिले में 46484 मजदूरों को कार्य उपलब्ध कराया गया है। इन मजदूरों को 194.00 रू0 की दर से इनके खाता द्वारा भुगतान किया जा रहा है।

सुमित राउत