मातृ, शिशु एवं किशोरी से जुडी स्वास्थ्य एवं पोषण सेवाएं फिर होंगीं बहाल
• स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने जारी की गाइडलाइन्स
• कांटेन्मेंट एवं बफर जोन को छोड़कर बाकी क्षेत्रों में सुलभ होंगी सेवाएं
• कैंपेन मोड की सेवाएं दी जाएगी डोर टू डोर
• प्रसव संबंधी सेवाएं सभी क्षेत्रों में समान रूप से की जाएगी प्रदान।
कोरोना के कारण हुए देशव्यापी लॉकडाउन ने कई जरुरी स्वास्थ्य सेवाओं को बाधित किया है. भारत जैसे देश में जहाँ प्रतिवर्ष लगभग 2.5 करोड़ से अधिक प्रसव होते हैं, वहाँ कोरोना के बढ़ते प्रसार ने प्रसव संबंधी सुविधा प्रदायगी में सरकार के सामने चुनौतियाँ खड़ी किया है. लेकिन अब सरकार ने प्रजनन, मातृ, नवजात, शिशु, किशोरी स्वास्थ्य एवं पोषण (आरएमएनसीएच प्लस एन) सेवाओं को फिर से बहाल करने का फैसला लिया है. इसको लेकर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने गाइडलाइन्स जारी कर इस संबंध में विस्तार से दिशा निर्देश दिया है. पत्र के अनुसार आरएमएनसीएच प्लस एन की सेवाएं बफर जोन को छोड़कर एवं ग्रीन जोन में सुलभ होंगी. जबकि प्रसव संबंधी सेवाएं अन्य क्षेत्रों की तुलना में कांटेन्मेंट एवं बफर जोन में भी सामान रूप से उपलब्ध रहेगी. साथ ही महिलाएं, बच्चे एवं किशोरों के लिए महत्वपूर्ण सेवाओं को उनकी कोविड-19 स्थिति का बिना ख्याल किए प्रदान की जाएगी.
कैंपेन मोड की सेवाएं दी जाएगी डोर टू डोर:
पत्र में बताया गया है कि कैंपेन मोड की सेवाओं को वैकल्पिक माध्यम से उपलब्ध करायी जाएगी. स्थानीय परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए इन सेवाओं की डोर टू डोर प्रदायगी पर बल दिया जाएगा. जिसमें विटामिन ए, सघन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा, राष्ट्रीय डीवर्मिंग डे एवं टेस्ट ट्रीट एवं टॉक कैंप फॉर एनीमिया जैसे कैंपेन मोड की सेवाएं शामिल होंगी.
प्रसव संबंधी सेवाएं कांटेन्मेंट एवं बफर जोन में भी होगी उपलब्ध:
कांटेन्मेंट एवं बफर जोन के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में प्रसव संबंधी सेवाएं पूर्वत जारी रहेगी. प्रसव पूर्व सेवाओं के तहत प्रसव पूर्व जांच, सशर्त वीएचएसएनडी( ग्रामीण स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस) एवं पीएमएसएमए( प्रधान मंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान) की सुविधा बफर जोन को छोड़कर एवं ग्रीन जोन में उपलब्ध रहेगी. जबकि कांटेन्मेंट एवं बफर जोन में वीएचएसएनडी एवं पीएमएसएमए का आयोजन नहीं होगा एवं प्रसव पूर्व जांच के लिए गर्भवती महिलाओं को अस्पताल जाना होगा. प्रसव उपरांत देखभाल की सेवाएं बिना किसी अवरोध की बफर जोन को छोड़कर एवं ग्रीन जोन में उपलब्ध रहेगी. जबकि कांटेन्मेंट एवं बफर जोन में प्रसव उपरांत देखभाल सेवाएं टेलीकंसल्टेशन के जरिए दी जाएगी.
नवजात एवं बच्चों के स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं को भी किया जाएगा नियमित:
नवजात एवं बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए प्रदान की जाने सेवाएं जैसे स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट(एसएनसीयू), गृह आधारित नवजात देखभाल(एचबीएनसी), गृह आधारित बड़े बच्चों की देखभाल(एचबीवाईसी), राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम(आरबीएसके) एवं पोषण पुनर्वास केंद्र(एनआरसी) बफर जोन से परे एवं ग्रीन जोन में पहले की तरह शुरू की जाएगी. जबकि कांटेन्मेंट एवं बफर जोन में ये सेवाएं कुछ विशेष शर्तों के साथ प्रदान की जाएगी. जिसमें कोविड-19 स्थिति का बिना ख्याल किये बीमार बच्चों को नजदीकी एसएनसीयू में सुविधा मिलेगी एवं एचबीएनसी/ एचबीवाईसी सेवाओं को टेलीकंसल्टेशन के जरिए उपलब्ध करायी जाएगी. साथ ही राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत बच्चों की जांच केवल अस्पताल में होगी, जहाँ प्रसव संबधी सेवाएं दी जा रही है. वहीं कांटेन्मेंट एवं बफर जोन में उचित रेफरल प्रबंधन सुनिश्चित करते हुए अति-कुपोषित बच्चों को नजदीकी पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती किया जाएगा.
कांटेन्मेंट एवं बफर जोन में मिलेगी सशर्त प्रजनन स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं:
प्रजनन स्वास्थ्य सेवा के तहत फिक्स्ड डे सेवा, प्रसव या गर्भपात उपरांत नसबंदी, कॉपर-टी एवं प्रसव उपरांत कॉपर-टी सुविधा बफर जोन के बाहर एवं ग्रीन ज़ोन में पहले की तरह प्रदान की जाएगी. लेकिन कांटेन्मेंट एवं बफर जोन में सशर्त सेवाएं प्रदान की जाएगी. फिक्स्ड डे सेवा के तहत नसबंदी की सुविधा अस्पताल में दी जाएगी जहाँ प्रति दिन 10 लाभार्थियों को ही सेवा मिल सकेगी. प्रसव उपरांत या गर्भपात उपरांत नसबंदी सेवा उन्हीं महिलाओं को मिल सकेगी जो अस्पताल में पहले से होंगी एवं कॉपर टी एवं प्रसव उपरांत कॉपर टी की सुविधा की मांग करने पर यह सेवा अस्पताल में उपलब्ध होगी.
किशोरी स्वास्थ्य का भी रखा जाएगा ख्याल:
किशोरी के लिए वितरित की जाने वाली आयरन फोलिक एसिड की टेबलेट एवं सेनेटरी पैड का वितरण बफर जोन के आलवा एवं ग्रीन जोन में पहले की तरह प्रदान करायी जाएगी एवं यहाँ एडोलसेंट फ्रेंडली हेल्थ क्लीनिक(एएफएचसी) खुली रहेंगी. लेकिन कांटेन्मेंट एवं बफर जोन में एएफएचसी का संचालन टेलीकंसल्टेशन के जरिए होगा.
इस बार यदि भुतही नदी ने मारी उछाल तो सर्वनाश तय
मधुबनी : मधुबनी जिले से गुजरनेवाली अधिकांश नदियां शुभदायिनी कहलाती है। केवल भुतही ही ऐसी नदी है जो संहारक के नाम से जानी जाती है। यह अपनी धारा के साथ अविरल रूप से भारी मात्रा में बालू लाकर घर आंगन को पाट कर सपाट सफेद मैदान में तब्दील कर देती है। इस नदी पर नकेल कसने के लिए बांध का निर्माण कर इसे काबू करने का प्रयास तो किया गया। लेकिन वह भी पूर्ण सफल होती नहीं दिखती। प्रतिवर्ष कई जगह पर तटबंध को तोड़ कर लोगों को बेघर कर देना इस नदी की फितरत है। यू कहें कि यह सर्वघातक है तो अतिशयोक्ति नहीं। जिस तरह तटबंध की वर्तमान हालत है और जिस तरह काम हो रहा है यदि शीघ्र इसे पूरा नहीं किया गया तो इसके उछाल मारने पर सर्वनाश निश्चित है।
जिले के फुलपरास एवं घोघरडीहा प्रखंड क्षेत्र के महथौर, हनुमाननगर,धौसही,फुलपरास, रामनगर,सुरियाही,गोरगमा,बलुआहा टोल,परसा,कालीपुर,इस्लामपुर,किसनीपट्टी, होते हुए रजुआही तक भुतही बलान नदी गुजरती है। फुलपरास प्रखंड क्षेत्र में लगभग 07 किलोमीटर और घोघरडीहा प्रखंड क्षेत्र में लगभग 05 किलोमीटर है। जिसमे हनुमाननगर,रामनगर,बलुआहा टोल,इस्लामपुर,किसनीपट्टी में पानी का दवाव अधिक रहता है।इस्लामपुर से किसनीपट्टी के बीच गत वर्ष के बाढ़ में लगभग आधा दर्जन जगहों पर पश्चिमी कोशी तटबंध में पानी रिसाव की समस्या है। इधर तटबन्ध में बोरा भरकर सुरक्षा कार्य किया गया है। खुटौना में यह नदी जिसमें अनियमितता का आलम यह है कि बाढ़ से पहले बोरा जगह छोड़ दिया है।
जिसे देखने वाला कोई नहीं है। भूतही ने गत वर्ष खुटौना के खुशीहाल पट्टी में करीब एक किमी में तटबंध को तोड़कर करीब एक दर्जन गांव में भारी तबाही मचाई। जिससे दो सौ से अधिक घर के लोग सड़क पर आ गए। खुशीहाला पट्टी की तो इसने खुशी ही छीन ली। मस्जिद व बड़े-बढ़े पक्के घर को जमींदोज कर दिया। यहां तटबध मरम्मत का काम अभी भी अधूरा है। यदि गत वर्ष की तरह पहले नदी उछली तो सर्वनाश निश्चित है। कार्यपालक अभियंता सतीश कुमार ने कहा कि कमजोर बिदु को पाटने व सुरक्षित करने का काम चालू है। शीघ्र ही सुरक्षात्मक कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
क्या कोरोना को हराने में कारगर है आंवला ?
मधुबनी : कई गुणों से भरपूर आंवला का सेवन कोरोना को हराने में रामबाण माना जा रहा है। पाचन क्रिया को मजबूत करता आंवला। आमतौर पर जिले के लोग सीजन में आंवला का सेवन चटनी, हलवा के रूप में करते हैं। वही सालों भर इसका सेवन अचार, मुरब्बा के रूप में करते हैं। अक्टूबर से मार्च तक होने वाले आंवला यहां के लोगों द्वारा काफी सेवन किया जाता है। सीजन में बाजार में इसकी कीमत 20 से 40 रूपये प्रति किलो रहती है। जिले में बड़े पैमाने पर खपत होने वाले आंवला की आपूर्ति अन्य राज्यों से भी होती है।
रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है आंवला प्रसिद्धि योगाचार्य रवि भी ओम शंकर झा ने बताया कि सनातन धर्म में आंवला पेड़ पूज्य है। इसका फल रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है। आयुर्वेद में आंवला को सर्वाधिक महत्व दिया गया है। आंवला शारीरिक अवनति को रोकता है। आंवला में विटामिन सी प्रचुर मात्रा में होने से कोरोना को रोकने के लिए काफी फायदेमंद है। वैसे भी हर एक लोगों को किसी भी रूप में आंवला का सेवन निश्चित रूप से करना चाहिए। आंवला द पांडू रक्तपित्त अरुचि त्रिदोष दमा खांसी श्वास रोग कब्ज 6 छाती रोग हृदय रोग मूत्र विकार सहित अन्य रोगों को दूर करने में कारगर होता है।
मधुबनी जिले में 45 हजार आंवला पेड़। जलवायु को देखते हुए जिले में व्यापक स्तर पर आंवला की खेती तो नहीं होती है। लेकिन करीब 50 लाख आबादी वाले जिले में करीब 16000 लोगों के आवासीय परिसर तथा उनके खेत में करीब 45000 आंवला के पेड़ हैं। इससे होने वाले आंवला का सीजन में चटनी के तौर पर जमकर सेवन किया जाता। वही अधिक मात्रा में आंवला होने पर उसका अचार बना लिया जाता है। इसका सेवन लोग सालों भर करते हैं। औषधीय गुण पाए जाने से लोग सीजन में बड़े पैमाने पर आंवला को सुखाकर चूर्ण तैयार कर रख लेते हैं। जबकि अधिकतर लोग नमक हल्दी देकर आंवला का 1 साल तक खपत होने लायक इसका अचार बना लेते हैं। आंवला चूर्ण और तुलसी काढा का करते सेवन शहर के आदर्श कॉलोनी निवासी किसने चौधरी ने बताया कि उनके एक पेड़ से करीब 50 किलो आंवला होता है। इसमें से आधे आंवले का चूर्ण बनकर सालों भर सेवन करते हैं। सुबह-सुबह में आंवला चूर्ण और तुलसी का काढ़ा का सेवन करते हैं।
मधुबनी जिले के जयनगर निवासी अशोक कुमार ने बताया कि उनके एक पेड़ से करीब 1 क्विंटल आंवला का उत्पादन होता है। उन्होंने बताया कि आंवला शारीरिक क्रियाशीलता को बढ़ाता है, पाचन को मजबूत करता है। प्रतिदिन चटनी, मुरब्बा, अचार व चूर्ण का सेवन करना चाहिए।
मजदूरों की हकमारी कर जेसीबी व ट्रेक्टर से कराया जा रहा सड़क पर मिट्टी भराई का काम
मधुबनी : जयनगर अनुमंडल के बासोपट्टी प्रखंड के सेलीबेली पंचायत के उछाल टोल का है मामला। कार्य स्वीकृत बिना पंचायत कार्य समिति ने उछाल शिवमंदिर से शलैन्द्र कुवंर घर तक सड़क मिट्टीकरण कार्य जेसीबी व ट्रेक्टर से कराया गया। इस बाबत ग्रामीणों में रोष है जिसके आलोक में उन्होंने मधुबनी डीएम व पीओ बासोपट्टी से शिकायत किया है।
दुसरा मामला चचराहा हाईस्कूल में मिट्टीकरण कार्य निर्धारित तिथि में नही हुयी, संवेदक पर चापाकल सुखता निर्माण किये बिना कार्य का पैसे उठाव का आरोप। इस बाबत पीओ बासोपट्टी मनोज कुमार ने कहा कि योजना स्वीकृति नही, जांचकर होगी कारवाई जयनगर अनुमंडल के बासोपट्टी प्रखंड के सेलीबेली पंचायत में मनरेगा के तहत सड़क का मिट्टीकरण कार्य जेसीबी व ट्रेक्टर से होने का मामला प्रकाश में आया है।
ग्रामीणों के अनुसार जबकि उक्त सड़क का कार्य सहमति विभाग से नही मिली है। पर पंचायत कार्य समिति के मिलीभगत से मिट्टीकरण कार्य जेसीबी व ट्रेक्टर से किया जाना अनिमियता की ओर इशारे कर रही है, जिससे मजदूरों की हकमारी हो रही है। दूसरी ओर ग्रामीणों के अनुसार चचराहा हाईस्कूल में मिट्टीकरण कार्य की निर्धारित अवधि समाप्ति हो गयी, पर मिट्टीकरण कार्य नही हुआ। इसी तरह ग्रामीणों ने संवेदक पर आरोप लगाया कि रामचंद्र यादव के घर के निकट सरकारी चापाकल पर सोखता निर्माण बिना कराये पैसे उठाव कर लिया गया, जिससे ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। वहीं, पीओ बासोपट्टी मनोज कुमार ने बताया कि मामले की जांच कर कारवाई किया जाऐगा। ताकि मजदूरों का हकमारी न हो सके।
फर्जी न्यूज व अफवाह फैलाने वाले पोर्टल, सोशल मीडिया पर होगी कार्रवाई
मधुबनी : सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक, ट्वीटर, यूट्यूब, व्हाट्सएप्प, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम इत्यादि एवं कुछ न्यूज वेबसाइटों पर मधुबनी जिला कलेक्टर के कोरोना संक्रमित होने की फर्जी खबरें चलाई जा रही है। मधुबनी जिला प्रशासन के साइबर सेल द्वारा इस तरह के सोशल साइट्स और न्यूज पोर्टल्स की निगरानी की जा रही है और सभी पर कानूनी कार्रवाई की जायेगी।
कोरोना संक्रमित के नाम और पहचान छुपाने का है नियम :
विदित हो कि भारत सरकार के द्वारा जारी दिशा-निर्देश के आधार पर स्पष्ट कहा गया है कि अगर कोई कोरोना संक्रमित है भी तो उसका नाम, पहचान, पद, पता को गोपनीय रखा जाना है लेकिन मधुबनी जिला और खासकर जयनगर एरिया में कुछ सोशल मीडिया साइट्स इत्यादि पर ‘मधुबनी डीएम’ का पदनाम और नाम से कोरोना संक्रमण की फर्जी खबर चलाकर अफवाह फैलाया जा रहा है। जबकि नियमानुसार अगर मधुबनी डीएम कोरोना संक्रमित होते भी तो भारत सरकार के नियमों के अनुसार मधुबनी डीएम का पदनाम, पहचान सार्वजनिक नहीं करना था।
समाचार पत्र कर रहे गाइडलाइंस फॉलो, सोशल मीडिया और वेब मीडिया में नहीं हो रहा गाइडलाइंस का सही से पालन, सोशल मीडिया और न्यूज पोर्टल्स की निगरानी के लिए रेगुलेटरी अथॉरिटी की जरूरत है ।
कुछ समाचार पत्रों इत्यादि में इस सम्बंध में गाइडलाइंस का पालन करते हुए सिर्फ इतना बताया गया है कि मधुबनी जिले के एक वरीय अधिकारी भी संक्रमित है। अगर वो वरीय अधिकारी कोई भी है तो उसका नाम, पदनाम, पता इत्यादि सार्वजनिक नहीं करना चाहिए लेकिन सोशल मीडिया और विभिन्न पोर्टल पर धड़ल्ले से इसका उल्लंघन किया जा रहा है। सोशल मीडिया में लोग प्रमाणिकता जाँचे बिना कॉपी-कट-पेस्ट इत्यादि द्वारा त्वरित फेमस(प्रसिद्ध) होना चाहते हैं और इस दौरान कई बार झूठी और अफवाह फैलाने में चेन(श्रृंखला) का अनावश्यक हिस्सा बन जाते हैं।
मधुबनी जिला सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी(DPRO) ने किया इंकार :
मधुबनी डीएम के कोरोना संक्रमित होने पर फैलाये जा रहे भ्रामक सूचना और अफवाह की पुष्टि के लिए जब हमने मधुबनी डीपीआरओ शैलेंद्र कुमार से बात कि और इसकी सत्यता के बारे में पूछा तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि जबतक कोई आधिकारिक सूचना नहीं आ जाती है तो उससे पहले इस तरह का प्रचार-प्रसार, न्यूज इत्यादि के नाम पर भ्रामक तथ्य प्रसारित करना गलत है और हमारे मधुबनी जिला प्रशासन की साइबर सेल टीम इस तरह के फेसबुक पेज, यूट्यूब चैनल इत्यादि एवं न्यूज पोर्टल की निगरानी कर रही है और आवश्यक कार्रवाई की जायेगी। अगर ऐसा कुछ भी होता है तो जिलाधिकारी के द्वारा आधिकारिक जानकारी मुझे मिलेगी फिर मैं इसकी पुष्टि कर पाऊँगा। जिला कलेक्टर के कोई आदेश-निर्देश के बिना और हमारे द्वारा बिना पुष्टि के शेयर, कमेंट इत्यादि द्वारा जो कोई भी अफवाह फैला रहे हैं या इसमें सहायक हो रहे हैं, सभी पर आवश्यक कार्रवाई की जायेगी।
राजद विधायक का क्वांरेंनटाइन सेंटरों का मैराथन दौरा जारी
मधुबनी : राजद विधायक सह प्रवक्ता समीर कुमार महासेठ के द्वारा पिछले कई दिनों से क्वारेंनटाइन सेंटरों का जायजा लिया जा रहा है, एवं उसमें रह रहे प्रवासियों की समस्या का निदान विधायक के द्वारा किया जा रहा है। साथ ही प्रवासियों के बीच राहत की सामग्री का वितरण भी कर रहे है।
इसी के आलोक मे आज कोरोना से परेशान अपने क्षेत्र की जनता व प्रवासियों का हाल जानने के लिए अपने बिधानसभा क्षेत्र के रहिका प्रखंड के खजूरी पंचायत के रहजन, खजूरी नवटोली, खजूरी, कजीयाना, फतेहपुर, अँधरी मुसहरी, सुंदरपुर भीटठी पंचायत के कई गावों व कोरेंटाइन सेंटरों पर घूम-घूम कर प्रवासियों का दर्द बाटने का काम कर रहे है। प्रवासी भी खुल कर विधायक के सामने अपनी समस्या रखी जा रही है, जिसका विधायक के द्वारा अपने स्तर से निदान किया जा रहा है।
प्रवासियों को जरूरी सामाग्री सेनेटाइजर, मास्क, गमछा, खाध्य सामग्री, ड्राई फ्रूट्स, साबुन, सत्तू, बिस्कुट आदि उपलब्ध करा कर उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के लिए समझा रहे है। कोरोना संकट से उबरने के लिये मन मे विश्वास पैदा कर रहे हैं। उनके इस कार्य से प्रवासियों में संतोष देखा गया साथ ही ग्रामीणों के द्वारा भी सराहना की जा रही है।
क्वांरेंटाइन सेंटर मे जायजा लेने के दौरान विधायक समीर कुमार महासेठ ने कहा की प्रवासियों की जो नीतीश सरकार से अपेक्षा थी उसपर सरकार विफल नजर आ रही है। नीतीश सरकार द्वारा लिये गये कई फैसले गलत साबित हो रहे है, इसे लेकर मुखिया वर्ग मे काफी नाराजगी देखने को मिली। सरकार को सभी चीजों को क्लियर करना चाहिये।
वहीं मुखिया पति सह प्रतिनिधि मोहम्मद साबिर ने कहा क्वारन्टाइन सेंटरों पर हम खुद के खर्चे से प्रवासियों को सुविधा दे रहे है। नीतीश सरकार ने हमें कुछ नहीं दिया है, इसे लेकर मुखिया ने आक्रोशित होकर नीतीश सरकार पर कई सवाल उठाये है। इस मौके पर मुखिया प्रतिनिधि पति मोहम्मद साबिर, रत्नेश्वर यादव, राजेश खरगा, पप्पू यादव, गुणानंद यादव, अशोक यादव, बिट्टू यादव, बादल श्रीवास्तव एवं अन्य लोग उपस्थित थे।
जयनगर प्रखंड सचिव 41 दिनों से चला रहे कम्युनिटी किचन
मधुबनी : कोविड-19 नोबल कोरोना वायरस के कारण पूरे राष्ट्र में देशव्यापी लॉक डाउन किया गया है। इस लॉकडाउन में गरीब, निर्धन, निःशक्त, निःसहाय, मजदुर वर्ग, भिखारी वर्ग, कामगार मजदूर लोगों के सामने विकट इस्तिथि उत्पन्न हो गयी हुई है, जिससे उनको खाने-पीने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
इसी के मद्देनजर मधुबनी जिले के खजौली विधानसभा के जयनगर प्रखंड के आम आदमी पार्टी के प्रखंड सचिव अमित कुमार महतो लगातार 41 दिनों से जयनगर नगर पंचायत क्षेत्र के पटना गद्दी चौक पर निजी स्तर से आम आदमी पार्टी के बैनर तले कम्यूनिटी किचन चक कर रोज लगभग 200 लोगों को खाना खिला कर पेट भर रहे हैं। इससे लोग प्रसन्न होकर उनको धन्यवाद देकर खाना खाते ओर घर के अन्य लोगों के लिए ले भी जाते हैं।
इस नेक कार्य मे रोशन पूर्वे, मनोज पासवान एवं कैलाश जी इसमें इनका सहयोग कर रहे हैं।
वैश्विक महामारी बन चुके कोविड-19 नोबल कोरोना वायरस के प्रति सचेत करने और स्वच्छता के लिए जागरूकता के उद्देश्य से समाजसेवी अमित कुमार खजौली विधानसभा के कई प्रखंड के गाँव में राशन, फेस मास्क ओर साबुन वहां के लोगों के बीच वितरण डोर-टू-डोर कर चुके हैं। एवं जयनगर शहर एवं प्रखंड के कई वार्ड एवं गाँव मे जाके सेनेटाइजेशन का भी कार्य समाजसेवी सह खजौली विधानसभा प्रत्याशी अमित कुमार महतो के द्वारा किया गया है। साथ ही उन्होंने ग्रामीणों के बीच जाके उनको इस वायरस से सावधान रहने को आगाह किया।
उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने जो कहा है, और जो दिशा-निर्देश हमें सरकार के तरफ से मिले हैं, उनका पालन हम सभी को शत-प्रतिशत करना है। सोशल डिस्टेंस बनाये रखना है, ओर अधिक जरूरत नही हो तो घर से बाहर बिल्कुल नही निकलें।
इस मौके पर समाजसेवी श्री महतो ने लोगों से कहा कि बहुत जरूरत होने और ही घर से बाहर निकालें, ओर मास्क लगाएं एवं घर से बाहर जाने-आने के क्रम में हाथ को बढ़िया से धोएं ओर साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें। उन्होंने लोगों से उनके घर-घर जाके अपील करते हुए कहा कि ये एक महामारी बन चुका है, इसलिए अपने यहां भी हम इसके प्रभाव से बचने के लिए इससे बच कर रहें। क्योंकि अभी तक इसकी वैक्सीन या इससे निपटने की दवा का ईजाद नही हुआ है।
आपको बता दें कि अमित कुमार महतो वर्ष 2015 में खजौली विधानसभा से चुनाव लड़ चुके हैं, और 2020 में खजौली विधानसभा से भावी प्रत्याशी भी हैं। इससे पहले भी समाजसेवी श्री महतो बाढ़ और अन्य आपदाओं में भी खजौली विधानसभा के विभिन्न प्रखंड के गाँव में जाकर सूखा अनाज, राशन, पन्नी, कपड़ें, साबुन एवं अन्य जरूरत की चीजों का वितरण कर चूके हैं।
सोशल डिस्टेसिंग फेल, दुकानों पर बढ़ी चहलकदमी
मधुबनी : कपड़े, रेडीमेड, जुते, चप्पल, मनीहारा समेत अन्य दुकानें रहती है खुली। मधुबनी जिले में कोरोना पॉजिटिव मरीजो की संख्या में तेजी से हो रही वृद्धि है, तथा संक्रमण पर नियंत्रण पाने को लेकर सरकार ने लॉक डाउन 4.0 शुरू कर दी है। पर जयनगर में लोग लॉकडाउन व सोशल डिस्टेसिंग के पालन से बेपरवाह है।
इन दिनों जयनगर बाजारों में लोगों की आवाजाही बढ़ी हुयी है। खासकर सुबह से अनावश्यक वस्तुओं की खुदरा की कौन कहे थौक दुकानें हाफ सटर खोलकर चल रही है। जिसमें कपड़े, रेडमेड, जुता-चप्पल, मनीहारा समेत अन्य दुकानों पर लोगों की हलचल देखी जा रही है। शहर के राजहाट गली, स्टेशन रोड, मेनरोड, ब्लॉक रोड, वाटरवेज चौक, भेलवा टोल समेत अन्य छोटी छोटी गलियों में स्थित अनावश्यक वस्तुओं की खुदरा व थौक समेत फुटकर दुकानों पर चहलपहल देखी जा रही है, जहां लॉकडाउन व सोशल डिस्टेसिंग फेल है। जबकि दिनों-दिन प्रवासियों के क्षेत्र के आने से कोरोना संकट बढ़ता जा रहा है। पुलिस गश्ती व विशेष टीम सिर्फ खानापूर्ति ड्यूटी करते देखे जाते है। गश्ती व विशेषटीम के आने के समय से पुर्व ही सुबह 6 बजे से 10 बजे के बीच सारा खरीद व बिक्री हो जाता है। इधर देवधा समेत अन्य बाजारों में भी कमोवेश इसीलिए की स्थिति बनी हुयी है। सब्जीमंडियों में भी सोशल डिस्टेसिंग से लोग बेपरवाह है।
दवा दुकान का ताला तोड़ की हजारों की चोरी
मधुबनी : बिस्फी थाना क्षेत्र के नूरचक चौक पर बीते रात दवा की दुकान में चोरी कर लेना कि मामला प्रकाश में आया है। जानकारी के मुताबिक नूरचक पर भारतीय स्टेट बैंक सीएसपी के बगल में मुकेश ड्रग एजेंसी में बीते रात ताला तोड़कर हजारों की दवा चोरी कर ली गई है। जिसको लेकर भैरवा निवासी कपिलदेव महतो बिस्फी थाना में अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने को लेकर लिखित आवेदन दिया है। आवेदन में लिखा गया है कि 1 सप्ताह पहले भी चोरों के द्वारा दुकान में चोरी करने का प्रयास किया गया था, जो चोर चोरी करने में सफलता प्राप्त नहीं कर पाया। लेकिन बीते रात महंगी महंगी हजारों की दवा चोरी कर ली गई है। इससे पहले भी विस्फी थाना को लिखित आवेदन दिया गया था।
कपिलदेव महतो ने बताया कि मुझे बार बार परेशान किया जा रहा है, जिसकी सूचना पुलिस की दी गई। मौके पर एसआई सुरेंद्र यादव मौके पर पहुंच जाँच किया गया। वहीं, बिस्फी थाना अध्यक्ष उमेश कुमार पासवान ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है अविलंब जांच कर दोषी पर कार्रवाई की जाएगी।
ग्रामीणों ने मुखिया पर लगाया माक्स वितरण में लूट खसोट का आरोप
मधुबनी : बिस्फी प्रखंड क्षेत्र के विस्फी पंचायत के परवता गांव के वार्ड नंबर-01 के स्थानीय लोगों ने पंचायत के मुखिया पर भड़क उठे लोग। स्थानीय लोगों ने बताया कि पंचायत के मुखिया के द्वारा सरकार के द्वारा दी गई लाखों रुपए जो पंचायत में मार्क्स साबुन एवं सैनिटाइजर में खर्च करना है, लेकिन यहां के मुखिया वार्ड सदस्य एवं सचिव के द्वारा घटिया से घटिया मार्क्स एवं साबुन दे कर लूट खसोट का किया जा रहा हैं।
पंचायत के अरुण कुमार संतोष कुमार चंदन कुमार छोटू कुमार सहित दर्जनों लोगों ने कहा कि सरकार के द्वारा ₹20 तक की माक्स देना है, वह भी ब्रांडेड खादी भंडार से कपड़े का। लेकिन यहां मुखिया एवं वार्ड सदस्यों के द्वारा जाली वाला माक्स मात्र ₹5 से ₹10 की कीमत का देकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं, जिसको लेकर लोगों ने मुखिया एवं वार्ड सदस्य एवं सचिवों के खिलाफ गांव में ही प्रदर्शन किया।
वहीं लोगों ने बताया कि बाहर से आ रहे प्रवासी मजदूरों के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है, जो लोग बाहर से आते हैं। खुद व खुद होम क्वारेंटाइन हो जाते हैं, जिससे लोगों में काफी भय का माहौल बना हुआ है। इस बात की सूचना पंचायत के मुखिया एवं अधिकारी को दी जाती है, तो यह लोग एक दूसरे पर सौप देते हैं। मुखिया के द्वारा हमारी जिम्मेदारी नहीं हैं, ऐसा बताया जाता हैं। वहीं इस मामले की जानकारी प्रखंड विकास पदाधिकारी अहमर अब्दाली को दे दी गई है।
सुमित राउत