25 अप्रैल : नवादा की मुख्य ख़बरें

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आवास कार्य जल्द करे पूरा : डीएम

नवादा : समाहरणालय सभागार में जिला पदाधिकारी कौशल कुमार की अध्यक्षता में मनरेगा कार्य की प्रगति की समीक्षात्मक बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में मुख्य रूप से जिले भर में मनरेगा के द्वारा चलाये जा रहे सभी योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गयी।

समीक्षा के क्रम में डीएम कौशल कुमार ने सभी पीओ को निर्देश देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के कार्यां में तेजी लायें। 10 से 15 दिनों के अन्दर आवास योजना का कार्य 90 प्रतिशत हर हाल में करना सुनिश्चित करें। उन्होंने ऑगनबाड़ी केन्द्र निर्माण एवं पंचायत सरकार भवन निर्माण की स्थिति सेअवगत हुए और इससे संबंधित कार्य की प्रगति में तेजी लाने को कहा।

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उन्होंने मनरेगा अन्तर्गत जिले में सुखाड़ की स्थिति से निपटने के लिए वर्षा का पानी रोकने हेतु चेकडैम का निर्माण एवं अन्य श्रोतों का निर्माण कराने के बारे में उप विकास आयुक्त को निर्देशित किया। जिलापदाधिकारी कौशल कुमार ने इंदिरा आवास जो पूर्ण हो गया है, उसमें ज्यादा से ज्यादा मैनडेज जेनरेट करने का निर्देश दिया। एमआईएस पर इंट्री सभी पीओ कराना सुनिश्चित करेंगे। बैठक में उप विकास आयुक्त सावन कुमार, डीपीओ आइसीडीएस रश्मि रंजन, डीपीआरओ गुप्तेश्वर कुमार, सभी पीओ आदि उपस्थित रहे।

खाते से उड़ाया 36 हजार

नवादा : जिले के उग्रवाद प्रभावित रजौली थाना क्षेत्र में साइबर क्राइम और एटीएम फ्रॉड के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। साइबर ठगों ने इस बार थाना क्षेत्र के एक महिला के खाते से एक ही दिन में बैंक एकाउंट से दो बार में अलग अलग जगहों से कुल 36 हजार 5 सौ रुपये निकाल लिये। पैसों की निकासी 15 अप्रैल को की गयी है। घटना के बाद खाताधारक थाना क्षेत्र के चितरकोली निवासी पप्पू तुरिया की पत्नी उर्मिला कुमारी ने कहा कि जब 23 अप्रैल को बैंक पैसे निकालने गयी  तो वहां के मैनेजर के द्वारा खाते से रूपये निकल जाने की जानकारी दी गई। जिसके बाद थाने का चक्कर काट चुकी है, लेकिन उसकी प्राथमिकी अब तक दर्ज नहीं की गयी है।

36 हजार 5 सौ रुपयों की निकासी से महिला आर्थिक संकट से जूझ रही है। महिला रजौली थाना क्षेत्र की रहने वाली है। महिला के मुताबिक 15 अप्रैल को एसबीआई के खाता संख्या 20431131648 से 16 हजार 5 सौ रुपये नवादा में निकाले गये। इसके बाद उसी दिन दोबारा 20 हजार रुपये झारखंड के झुमरी तिलैया से निकाल लिये गये। मंगलवार को एटीएम से पैसे निकालने पहुचीं तो खाते से रूपये गायब रहने पर एसबीआइ के रजौली शाखा में संपर्क किया जहां पर उसका बैंक एकाउंट है। उसने बैंक में आवेदन देकर घटना की जानकारी दी।

बैंक की तरफ से उसे सर्व प्रथम थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने की सलाह दी गयी, लेकिन रजौली थाने में उसकी मदद नहीं किया गया है। बैंक एकाउंट एसबीआई रजौली में होने के कारण महिला एफआइआर दर्ज कराने के लिए सबसे पहले रजौली थाने गयी, लेकिन वहां पर केस नहीं लिया गया। महिला ने कहा कि थानाध्यक्ष के द्वारा थाने पर बताया गया कि पैसा जहां से निकाला गया है, एफआइआर वहीं दर्ज होगी। चूंकि पैसों की निकासी नवादा एवं झुमरी तिलैया से की गयी है, इसलिए महिला को वहां के थाने जाने की बात कही गई। लेकिन महिला ने वहां जाने में असमर्थता जताई।

महिला ने कहा अकेली होनेे के कारण वहां नही जा सकी हूँ। इस संबंध में थानाध्यक्ष सुजय विद्यार्थी से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि जहां से पैसे निकाले गए हैं। उसी थाना क्षेत्र में प्राथमिकी दर्ज होगी न की उस थाना क्षेत्र में जहां बैंक एकाउंट है।

जिले में शुरू हुई पशुगणना

नवादा : जिले में पशुगणना का कार्य जोरों पर है। उग्रवाद प्रभावित रजौली प्रखंड क्षेत्र में युद्ध स्तर पर पशु गणना का कार्य किया जा रहा जो 30 अप्रैल तक पूरा कर लिया जाएगा।

यह जानकारी मवेशी डॉक्टर निरंजन कुमार ने देते हुए कहा कि पशुपालन विभाग के निर्देश पर पशु गणना शुरू किया गया है। पशु गणना के लिए प्रखंड क्षेत्र में एक नोडल पदाधिकारी एवं एक प्रवेक्षक के साथ चयनित 6 प्रगणक को गणना कार्य में लगाये गये हैं। इन सभी को विभाग के द्वारा टैब उपलब्ध कराई गई है। नोडल अधिकारी प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रेम सागर मिश्र के अलावे प्रवेक्षक के रूप में पशु चिकित्सक डॉक्टर निरंजन कुमार एवं प्रगणक राधेश्याम प्रसाद, संजय कुमार, उमेश यादव, अजय प्रसाद, बिनोद कुमार एवं शैलेंद्र कुमार की नियुक्ति की गई है। प्रवेक्षक डॉक्टर ने बताया कि प्रगणक के पशु गणना के हिसाब से टैब में इंस्टॉलेशन का कार्य किया जा रहा है। प्रवेक्षक चिकित्सक ने कहा कि अजय प्रसाद का कार्य संतोषजनक नहीं रहने के कारण गणना में रूकावट आई है। यह कार्य हर हाल में 30 अप्रैल तक पूरा कर लिया जाएगा। प्रवेक्षक चिकित्सक ने बताया कि सरकारी निर्देश पर 20 वीं पशुगणना 2011 के तर्ज पर शुरू कर दिया गया है।प्रखंड के 16 पंचायतों में किया जाना है। पशु गणना में हर तरह के पशुओं की अलग-अलग गणना की जा रही है।

उन्होंने कहा कि अब तक हाउस होल्डरों के पास रहे 22 हजार 4 सौ 65 पशुओं की गणना की गयी है। गणना के दौरान नस्लों के विवरण को एकत्रित किया जा रहा है। जिससे नस्ल सुधार के लिए नीतियां तैयार करने में सरकार को मदद मिले सके। उन्होंने कहा कि दिए गए टैबों में पशुओं की गणना के लिए एक साफ्टवेयर तैयार किया गया है जिसमें प्रगणकों के द्वारा पशु मालिक का नाम, पशु की फोटो, पशु संख्या, पशु का प्रकार और पशु किस नस्ल का है इसकी पूरी जानकारी अपलोड की जा रही है। उन्होंने कहा कि हर दस साल में गाय-भैंस, बकरी, भेड़ आदि पशुओं की गणना की जाती है।

डीएम ने की नल-जल की समीक्षा

नवादा : समाहरणालय सभागार में जिला पदाधिकारी कौशल कुमार की अध्यक्षता में नल-जल से संबंधित प्रगति की समीक्षा बैठक आयोजित की गयी। इस बैठक में मुख्य रूप से ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में पेय जल की समस्याओं पर विशेष चर्चा हुई। जिला पदाधिकारी कौशल कुमार ने बैठक को संबोधित करते हुए सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि नल-जल योजना के कार्यां में तेजी लायें। भीषण गर्मी के चलते ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में भू जल स्तर में कमी आयी है। उन्होंने प्रखंडवार नल-जल के कार्य प्रगति की समीक्षा की जिसमें पंचायत स्तर एवं वार्ड स्तर पर हुए कार्यां के बारे में विशेष जानकारी प्राप्त की। उन्होंने राशि ट्रांसफर करने को भी कहा। उन्होंने प्रखंड विकास पदाधिकारी को निर्देश दिया कि पंचायत एवं वार्ड स्तर पर नल-जल से कितनी योजनाएं चल रही है और कितने का राशि ट्रांसफर हुआ है,  जिसका रिपोर्ट शीघ्र भेजें। उन्होंनेप्रधानमंत्री आवास योजना की भी समीक्षा की। बैठक में उप विकास आयुक्त सावन कुमार, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी आदि उपस्थित रहे।

ऑनलाइन दाखिलखारिज में लाएं  तेजी : डीएम

नवादा : समाहरणालय सभागार में जिला पदाधिकारी कौशल कुमार की अध्यक्षता में राजस्व विभाग से संबंधित समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में सभी अंचलाधिकारी को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी कौशल कुमार ने कहा कि ऑनलाइन मोटेशन के कार्यों में तेजी लायें। उन्होंने कहा कि रजिस्टर टू का अपडेशन कार्य एवं जमाबंदी का जीरो रिर्पोट शीघ्रताषीघ्र देना सुनिष्चित करें। उन्होंने राजस्व विभाग के कार्यां में तेजी लाने के लिए सभी अंचलों में अतिरिक्त कार्यपालक सहायक की प्रतिनियुक्ति प्रखंड विकास पदाधिकारी के माध्यम से करने का निर्देष दिया ताकि ऑनलाइन मोटेशन कार्य में तेजी लायी जा सके। मोटेशन से संबंधित प्राप्त आवेदन को शीघ्र निष्पादन करने का निर्देश दिया। समीक्षा के क्रम में लगान अपडेशन के कार्य में तेजी लाने को कहा। बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण हेतु नगर निकाय क्षेत्रमें लैंडफिल साइट के लिए 5 एकड़ सरकारी भूमि एवं ठोस कचड़ा प्रसंस्करण हेतु 6 हजार स्क्वायर फिट सरकारी जमीन संबंधित अंचलाधिकारी जल्द से जल्द चिन्हित कर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे। जिला पदाधिकारी कौशल कुमार ने भू-अर्जन से संबंधित कार्यां में तेजी लाने का निर्देश दिया। बैठक में अपर समाहर्त्ता ओम प्रकश, भूमि उपसमाहर्त्ता बिरेन्द्र प्रसाद, डीपीआरओ गुप्तेश्वर कुमार, प्रशिक्षु एसडीसी प्रशांत अभिषेक, प्रशिक्षु एसडीसी राकेश कुमार, आईटी मैनेजर दयानन्द ठाकुर, सभी अंचलाधिकारी के साथ-साथ राजस्व कर्मचारी आदि उपस्थित रहे।

अवैध बालू व गिट्टी बिक्री का मुख्य केंद्र बना पकरीबरांवा

नवादा : जिले का पकरीबरांवा प्रखंड में अवैध बालू व गिट्टी का धंधा फलफूल रहा है, जिससे सरकार को प्रतिदिन लाखों रुपए की राजस्व की क्षति हो रही हैं। इसके साथ ही अवैध कारोबारियों की चांदी कट रही है।

मिली जानकारी के अनुसार बंगाल के रामपुर से ओवरलोड ट्रक राज्य के अंतिम सीमा रजौली में बने चेक पोस्ट को छोड़कर जमुई जिले के रास्ते से होकर नवादा जिलान्तर्गत पकरीबरावां प्रखंड तक पंहुचती है। इन वाहनों के कागजातों की जंहा कमी होती है तो वंही अवैध रूप से ओवरलोड रहती है। 10 चक्का ट्रक को जंहा 16 टन वैध रूप से लोड करना होता है वह वाहन अवैध रूप से 26-28 टन तक लोड करते हैं।

इन वाहनों का जिले में प्रवेश करते ही उसकी सेटिंग गिट्टी माफियाओं के कारोबारी के द्वारा कर दी जाती है। तभी उक्त वाहन कंही बेच सकते हैं। अगर उक्त वाहन की सेटिंग नही हुई तो उसे उसी माफियाओं के द्वारा पुलिस तक सूचना देकर उसे जब्त करवा दी जाती है। इस भय के वाहन से अवैध लोड गिट्टी के बड़े वाहन सेटिंग ही कराना उचित समझते हैं।

दूसरी ओर ओवर लोड बालू के वाहन इस रास्ते से होकर मुंगेर, जमुई, शेखपुरा, बेगूसराय सहित अन्य जिलों के विभिन्न क्षेत्रों में ट्रक,  हाइवा, ट्रैक्टर आदि जाती है। जानकारों की माने तो कादिरगंज की ओर से आने वाले बालू के वाहनों के चालान तो होते हैं परन्तु वारिसलीगंज की ओर से आने वाले बहुत ही कम वाहनों के चालान होते हैं। कादिरगंज की ओर से आने वाले कई वाहन तो एक ही चालान पर कई बार लोड कर लेते हैं।

धमौल थाना क्षेत्र से भी अवैध बालू का खनन जारी है। यह सब पुलिस के नाक के नीचे हो रही है परन्तु वह मौन है। इस मौन के कारण सरकार को राजस्व का चूना लग रहा है।

शराब डीपो में लगी आग, हजारों की संपत्ति हुई राख

नवादा : जिले के नगर थाना क्षेत्र के उत्पाद निरीक्षक कार्यालय परिसर स्थित शराब डीपो में आग लग गई। देखते ही देखते परिसर में खड़ी एक जब्त मैजिक वाहन पर रखा बोरा का बंडल जलने लगा। आग की लपटें इतनी तेज थी कि करीब दर्जनों बोरा का बंडल को अपने आगोश में ले लिया। आग की लपटें देखकर आस-पास के लोगों ने उत्पाद विभाग के कर्मियों को सूचना दी। इसके बाद कर्मियों में अफरातफरी मच गई। लोग चापाकल से बाल्टी में पानी भरकर आग को बुझाने में जुट गए। अग्निशमन विभाग के अधिकारियों को सूचना दिया। सूचना मिलते ही अग्निशमन दस्ता पहुंचकर आग पर काबू पाया। इस घटनाक्रम में परिसर में लगा एक सीसीटीवी कैमरा समेत खाली बोरा का दर्जनों बंडल जलकर राख हो गया।

उत्पाद निरीक्षक बिनोद कुमार खलीफा ने बताया कि समाहरणालय स्थित उत्पाद अधीक्षक कार्यालय में था। इसी बीच आग लगने की सूचना मिली। इसके बाद अग्निशमन विभाग के अधिकारियों को मोबाइल से सूचना दिया गया। विभागीय कर्मियों एवं सैप व उत्पाद जवानों के सहयोग से आग पर काबू पाया गया।

उन्होंने बताया कि इस घटनाक्रम में एक सीसीटीवी कैमरा एवं दर्जनों खाली बोरा का बंडल जलकर राख हो गया। आग कैसे लगी इसका पता नहीं चल सका।

सात दिनों से गोविदपुर पीएचसी में लटका ताला

नवादा : जिले का नक्सल प्रभावित गोविदपुर प्रखंड का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बीते सात दिनों से लगातार बंद रह रहा है। जिस अस्पताल में सुबह से शाम तक मरीजों का इलाज होता था वहां विरानगी छाई हुई है। अस्पताल के दरवाजे पर अनिश्चितकालीन बंदी का नोटिस चस्पा किया गया है। बुधवार को बनियाबिगहा, गोविदपुर से इलाज कराने के लिए आए कई मरीजों को वापस लौटना पड़ा। हालात इस कदर हैं कि इस अस्पताल में ना तो यहां कोई डाक्टर पहुंच रहे हैं ना ही कोई नर्स या अन्य स्टाफ। खामियाजा प्रखंड क्षेत्र की करीब 5 लाख की आबादी के बीच बीमार मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। यह स्थिति बीते 19 अप्रैल से है।

गोविदपुर प्रखंड मुख्यालय समेत गांव-कस्बे के मरीज और उनके परिजन इलाज के लिए परेशान हैं। सबसे ज्यादा परेशानी गरीब तबके के मरीजों को हो रही है। साधन संपन्न लोग तो निजी क्लीनिक जाकर इलाज करा ले रहे हैं। लेकिन रुपये के अभाव में गरीब परिवारों के मरीज गोविदपुर अस्पताल आकर बैरंग लौटने को मजबूर हैं। हर बार उन्हें अस्पताल बंद है का जवाब मिल रहा है। ऐसे में गोविदपुर प्रखंड के प्रबुद्धजनों में इस कुव्यवस्था को लेकर घोर नाराजगी है। प्रखंड क्षेत्र की आम आवाम ने गोविदपुर पीएचसी को अविलंब चालू करने की मांग की है। इस पूरे मामले में अफसोस इस बात का है कि किसी भी स्तर से पीएचसी को चालू कराने के लिए सकारात्मक पहल नहीं हो रही है।

नवजात बच्चे की मौत के बाद हंगामा व मारपीट से अस्पताल कर्मियों में गुस्सा

गोविदपुर पीएचसी में बंदी का मुख्य कारण बीते 18 अप्रैल की रात्रि में एक नवजात बच्चे की मौत और उसके बाद हो हंगामा व मारपीट की घटना है। आरोप है कि परिजनों ने चिकित्सा प्रभारी के साथ मारपीट की। अस्पताल के प्रभारी समेत तमाम कर्मी खुद को असुरक्षित बताते हुए यहां इलाज करने में असमर्थ बताते हैं। मारपीट की घटना का केस स्थानीय पुलिस थाने में दर्ज है। लेकिन मामले में अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने से चिकित्सक समेत स्वास्थ्य कर्मियों में गुस्सा है। नरहट व काशीचक के बाद गोविदपुर की घटना से लचर व्यवस्था पर सवाल

चारा पानी की टोह में मवेशियों को ले पलायन कर रहे पशुपालक

नवादा : जिले के उग्रवाद प्रभावित कौआकोल प्रखण्ड में भूमिगत जलस्तर में गिरावट होने के साथ ही उत्पन्न पानी की गम्भीर संकट से जनजीवन अस्त व्यस्त होकर रह गया है। मानव तो दूर पानी की गम्भीर समस्या से पशु पक्षी भी परेशान हैं। यही कारण है कि प्रखण्ड के सभी गांवों से पशुपालक पानी एवं चारा के अभाव में अपने अपने मवेशियों को लेकर दूसरे जिले में पलायन कर रहे हैं। पशुपालकों की मानें तो गर्मी शुरु होते ही वे लोग अपने अपने मवेशियों को लेकर उत्तरी बिहार के टाल क्षेत्रों, खगड़िया जिला के सीमावर्ती क्षेत्र फरकिया, बेगूसराय के सिंहमा दियारा सहित अन्य क्षेत्रों में सड़क मार्ग से पैदल ही चले जाते हैं।

जहां गर्मी के मौसम में भी पानी एवं चारा उपलब्ध तो हो जाता है पर इसके लिए मीलों भटकना पड़ता है। ढ़ाई से तीन माह के प्रवास के बाद मानसून का आगमन होने के साथ ही पुनः पशुपालक मवेशियों को लेकर अपने अपने घर आ जाते हैं। पशुपालकों का कहना है कि गांव में पानी की उपलब्धता पर्याप्त मात्रा में नहीं रहने के कारण पानी के अभाव में मवेशियों की जानें तक चली जाती है या फिर मवेशियों को औने पौने दाम पर बेचने को मजबूर होना पड़ता है। जिसके कारण वे लोग परेषानी उठाकर भी मवेशियों के साथ पलायन करने को विवश रहते हैं।

प्रखण्ड के मधुरापुर, धमनी, बाजितपुर, डोमनबाग, अफरडीह, महुडर, बरियारपुर, तरौन, पचम्बा, महुलियाटांड़, भोरमबाग आदि प्रमुख गावों से सैकड़ों किसान प्रत्येक वर्ष हजारों मवेशियों को लेकर टाल क्षेत्रों में जाकर मवेशियों को गर्मी में चारा एवं पानी उपलब्ध कराते हैं। वहां पशुपालक इन मवेशियों के दूध आदि से अपना जीवन यापन किसी तरह कर लेते हैं।

साहब,  जाम हटा दीजिए, बड़ी जोरों की भूख लगी है

नवादा : जिले के नारदीगंज प्रखंड मुख्यालय चौक पर आये दिन सड़क जाम से लोग हलकान हो रहे है। स्थिति यह है कि आबादी बढती जा रही है और सड़के सिकुड़ती जा रही है। राजगीर बोधगया राजमार्ग पर नारदीगंज चौक अवस्थित है। हर पल सड़क जाम हो रहा है, वावजूद लोगों को सड़क जाम से निजात नहीं मिल पा रही है। जिससे आमलोगों को काफी फजिहत हो रही है। इस समस्या के समाधान के लिए प्रशासनिक स्तर पर कोई साकारात्मक पहल नहीं किया जा रहा है।

नारदीगंज चौक पर अस्थायी बस स्टैण्ड है। अस्थायी बस स्टैण्ड होने के कारण नवादा, गया जाने बाली बसों का ठहराव होता है। वही चौक से उतर 50 मीटर की दूरी। पर राजगीर, बिहार, पटना जाने बाली बसों का ठहराव होता है। उससे आगे 20 मीटर की दूरी पर जेठियन सारसु आदि गांव जाने बाली बस व छोटीवाहन, झरझडी रिक्शा का स्टैण्ड बना हुआ है। उसके आगे 30-35 मीटर पर इंटर विद्यालय नारदीगंज के आसपास धनियावां इचुआ आदि गांव जाने के लिए वाहन रूकती है। वही दूसरी ओर नारदीगंज चौक से दक्षिण राजकीय बुनियादि विद्यालय तक टैम्पो, झरझड़ी बोलोरो आदि वाहन रूकने का अस्थायी स्टैण्ड बना हुआ है।

अगर यू कहा जाय की नारदीगंज मेन रोड पर बुनियादि विद्यालय से लेकर इंटर विद्यालय के आसपास तक सड़कों व फुटपाथो पर अस्थायी छोटी बड़ी वाहन का ठहराव का केन्द्र बिन्दु बनकर रह गया है। इसके अलावा सड़क के दोनों तरफ तम्बू लगाकर अपना व्यवसाय चला रहे है। जिस कारण फुटपाथ दिखाई नहीं पड़ता है। सड़को पर वाहन दौड़ती है, आखिर पैदल चलने वाले किस दिशा मे चले, उनके सामने भी यक्ष प्रशन खड़ा है। पैदल चलने वाला लोगो के फुटपाथ पर तो फुटपाथी दुकानदारों का अवैध कब्जा है टै्रफिकव्यवस्था भी नहीं है। आए दिन सड़क मार्ग पर वाहन कराहते नजर आते है। जबकि यह सड़क ‘बुद्ध सर्किट’ मार्ग के नाम से जाना जाता है। इस मार्ग से राजगीर, नालंदा, पावापुरी, पटना, बोधगया समेत अन्य दर्शनीय स्थल व प्रमुख शहर जाने का मुख्य मार्ग है। इस परिस्थिति में यह अतिव्यस्तममार्ग के रूप में माना जाता है। आए दिन पर्यटक वाहन भी इसी रास्ते से गुजरती है। यह स्थिति अतिक्रमणकारियों के बोलवाला रहने केकारण सड़क सिकुड़ती जा रही है। आबादी बढती जा रही है और सड़क। मार्ग सिकुडती जा रही है। जिसे देखनहार कोई नहीं है। नारदीगंज चौक से पूरब ननौरा-मसोढा मार्ग में सब्जी मंडी व अन्य व्यवसाय करने बाले दुकानदारों के अधीनस्थ सड़क मार्ग है। साथ ही मसौढा, ननौरा आदि गांव जाने के लिए झरझड़ी व छोटी वाहनोंका ठहराव होता है। सड़क के किनारें दोनोँ ओर व्यवासियों के अवैध कब्जा रहने के कारण सड़क जाम की स्थिति बनी रहती है। वहीम चौक से पश्चिम नारदीगंज बाजार जाने बाली मार्ग पर फल व्यवसाय व दातून बेचने बालों अपनी दूकानें चले रहे है। यों कहा जाय कि सड़क जामकी यह स्थिति आये दिन हो रहा है। सबसे ज्यादा स्कूली बच्चे को फजिहत हो रही है। सड़क जाम मे फंसे स्कूली बच्चे चिल्ला पड़े, साहब, सडक जाम को हटा दीजिए, बडी जोरों की भूख लगी हुई है। सड़क जाम मे बच्चे चिल्लाते है, लेकिन अधिकारियो व जनप्रतिनिधियो को मानवीय संवेदना नहीं जग रही है। इसी रास्ते से माननीय व आलाधिकारी भी गुजरते है, लेकिन समस्या के समाधान के प्रति स कारात्मक कदम नहीं उठा पा रहे है। स्थानीय लोगो ने सडक जाम से छूटकारा दिलाने की मांग जिला प्रशासन से किया है। वही इधरफुटपाथी दूकानदारो का कहना है कि सरकार व जिला प्रशासन हमसबों के रोजी रोटी की व्यवस्था कर दें, ताकि परिवार का भरण पोषण कियाजा सकें। हमलोग विवशतावश फुटपाथ पर अपना व्यवसाय चलाकर अपने परिवार के लिए जीविकोपार्जन कर रहे हैक्या कहते है स्थानीय नागरिक-अभय सिंह, परमा-यह मार्ग बुद्ध सर्किट मार्ग के नाम से जाना जाता है। आये दिन विदेशी पर्यटक भी गुजरते है। आये दिन सड़क जाम रहने से आमजनो को काफी परेशानी हो रही है। सड़क के किनारे अतिक्रमणकारियो के बोलवाला रहने से स्थिति बनी हुई है। प्रशासन को सकारात्मक पहल करना चाहिये और फुटपाथी दुकानदारो को रोजी रोटी की व्यवस्था करने के साथसड़क जाम से आमलोगो को मुक्ति के लिए ठोस कदम उठाने के लिएमानवीय संवेदना की आवश्यकता है। 2 छोटेलाल शर्मा, कहुआरा-इस सड़क मार्ग पर फुटपाथ दिखाई नहीं पड़ता है। सड़क के दोनो किनारे फुटपाथ पर फुटपाथी दुकानदार है। जिसकारण सड़क जाम की स्थिति बनी रहती है।

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