23 मई : सारण की मुख्य ख़बरें

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कंटेनमेंट व बफर ज़ोन छोड़ सभी क्षेत्रों में जारी रहेगा टीकाकरण कार्यक्रम

सारण : कोरोना संक्रमण के कारण नियमित टीकाकरण कार्यक्रम बेहद प्रभावित हुआ है। इसे ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने गाइडलाइन्स जारी कर क्षेत्रवार टीकाकरण सेवाओं को बहाल करने के संबंध में विस्तार से जानकारी दी है। जारी गाइडलाइन्स के अनुसार कोरोना संक्रमण के प्रसार के मुताबिक प्रत्येक जिले को रेड, ऑरेंज एवं ग्रीन जोन में बांटा गया है। वहीं रेड एवं ऑरेंज जोन में कोरोना संक्रमितों की व्यापकता के हिसाब से कॉन्टेंटमेंट एवं बफ़र जोन भी बनाया गया है। संक्रमण प्रसार की आशंका के मद्देनजर कॉन्टेंटमेंट एवं बफ़र जोन में स्वास्थ्य केन्द्रों एवं आउटरीच क्षेत्रों में नियमित टीकाकरण को फ़िलहाल रोका गया है। लेकिन सभी क्षेत्रों (कॉन्टेंटमेंट एवं बफ़र जोन सहित) के स्वास्थ्य केन्द्रों पर बर्थ डोज टीकाकरण जारी रहेगा।

बफ़र जोन के अलावा एवं ग्रीन जोन में शर्तों के साथ होगा टीकाकरण:

मंत्रालय के दिशानिर्देश के मुताबिक कॉन्टेंटमेंट एवं बफ़र जोन में स्वास्थ्य केंद्र आधारित टीकाकरण एवं आउटरीच टीकाकरण सेशन( ग्रामीण स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस) अभी शुरू नहीं होगा। लेकिन बफ़र जोन को छोड़कर एवं ग्रीन जोन में स्वास्थ्य केंद्र आधारित टीकाकरण एवं आउटरीच टीकाकरण सेशन कुछ शर्तों के साथ शुरू होगा। जिसमें आउटरीच सेशन पर एक समय में 5 से अधिक लोगों को उपस्थित रहने की मंजूरी नहीं मिलेगी। इन सेशन के दौरान कोरोना संक्रमण रोकथाम के सभी प्रोटोकॉल का अनुपालन करना अनिवार्य होगा। जिसमें पंचायत एवं अर्बन लोकल बॉडी आउटरीच सेशन साईट के प्लान में मदद करेंगे। किसी भी बफ़र एवं कॉन्टेंटमेंट जोन में 14 दिनों के बाद नियमित टीकाकरण सेवा की शुरुआत करने का फैसला राज्य एवं जिला प्रशासन द्वारा ही लिया जा सकेगा।

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स्वास्थ्य केन्द्रों पर टीकाकरण के दौरान बरतनी होगी सतर्कता:

कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रसार को देखते हुए स्वास्थ्य केन्द्रों पर होने वाले टीकाकरण के दौरान विशेष सावधानी बरतने की सलाह गाइडलाइन्स में दी गयी है। यह बताया गया है कि स्वास्थ्य केन्द्रों पर टीकाकरण के पूर्व हवादार स्थान का चयन करना होगा एवं यह भी सुनिश्चित करना होगा कि प्रत्येक लोग एक दूसरे से 1 मीटर की दूरी पर ही बैठें। स्वास्थ्य केंद्र पर टीकाकरण लोड के मुताबिक पूर्व में ही फिक्स्ड टीकाकरण कर्मियों का चयन करना होगा। टीकाकरण कर्मियों को ग्लोब्स, तीन लेयर वाले मास्क एवं टीकाकरण करने से पूर्व हाथों को सैनिटाइज्ड करना अनिवार्य होगा। साथ ही टीकाकरण किसी भी रूप में बाधित नहीं हो इसके लिए वैक्सीन की पर्याप्त उपलब्धता पूर्व में ही सुनिश्चित करनी होगी एवं लोगों को कोविड-19 के प्रति सजग करने के लिए स्वास्थ्य केन्द्रों के बाहर पोस्टर भी लागने होंगे।

वीएचएसएनडी सत्र आयोजन के लिए दिए गए निर्देश:

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने ग्रामीण स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस(वीएचएसएनडी) के आयोजन को लेकर कुछ जरुरी दिशानिर्देश दिया है।
• वीएचएसएनडी सत्र पर लोगों की भीड़ कम करने के लिए सत्र को प्रत्येक घन्टे के हिसाब से बाँटने की सलाह दी गयी है. प्रत्येक घंटे के स्लॉट में 4-5 लाभार्थियों को ही उपस्थित रहने के निर्देश दिए गए हैं.
• प्रत्येक वीएचएसएनडी सत्र को दो सेशन में बांटने के निर्देश दिए गए हैं, जिसमें अतिरिक्त सेशन के संचालन के लिए रिटायर्ड एएनएम एनएनएम, स्टाफ नर्सेज आदि या प्रशिक्षित पुरुष स्वास्थ्य कर्मी की नियुक्ति की जा सकती है.
• वीएचएसएनडी सत्र के एक दिन पूर्व ही आशा के द्वारा चिन्हित लाभार्थी को कॉल कर जानकारी दी जाएगी
• सत्र के दौरान एएनएम को कोरोना रोकथाम के प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करना होगा. साथ ही सत्र पर जरुरी वैक्सीन के साथ ओआरएस, जिंक, आइएफए, कैल्शियम आदि की उपलब्धता भी सुनिश्चित करानी होगी
• सत्र के दौरान एएनएम सामाजिक दूरी का पालन करते हुए लाभार्थियो को 30 मिनट के वेटिंग पीरियड के दौरान कोरोना संक्रमण की रोकथाम पर जानकारी देगी

कोरोना संकट में भी पोषण पुनर्वास केंद्र का किया जा रहा संचालन

सारण : वैश्विक महामारी कोरोना संकट के बीच भी कुपोषित बच्चों के बेहतर देखभाल के लिए स्वास्थ्य विभाग प्रयासरत है। इस संकट में भी पोषण पुनर्वास केंद्र को संचालित किया जा रहा है जिसमें कुपोषित बच्चों को बेहतर उपचार व इलाज के साथ-साथ पौष्टिक आहार भी दिया जा रहा है। सदर अस्पताल में संचालित पोषण पुनर्वास केंद्र कुपोषित बच्चों के लिए वरदान साबित हो रहा है। अति-कुपोषित बच्चों की बेहतर देखभाल के लिए पोषण पुनर्वास केंद्र(एनआरसी) केंद्र का संचालन किया जा रहा है। सदर अस्पताल परिसर स्थित पोषण पुनर्वास केंद्र द्वारा बच्चों का उपचार एवं पौष्टिक आहार देने के साथ उन्हें अक्षर ज्ञान का भी बोध कराकर स्वास्थ्य एवं शिक्षा की अनूठी मिसाल पेश की जा रही है। एएनएम पुष्पा कुमारी ने बताया पोषण पुनर्वास केंद्र में 10 अप्रैल से लेकर 23 मई तक 30 बच्चों को भर्ती किया गया जिसमें से 15 बच्चे स्वस्थ हो चुके हैं और उन्हें छुट्टी दे दी गई है। फिलहाल 15 बच्चों का उपचार पोषण पुर्नवास केंद्र में किया जा रहा है।

आशा कार्यकर्ता, सेविका व सीबीसी कर रहे हैं बच्चों को चिन्हित:

कोरोना संकटकाल के बीच भी कुपोषित बच्चों को चिन्हित करने का कार्य चल रहा है। आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सेविका तथा कम्युनिटी बेस्ड केयर के द्वारा बच्चों को चिन्हित कर पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराया जा रहा है। जहां पर उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है।

कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के बारे में दी जा रही जानकारी:

पोषण पुर्नवास केंद्र में भर्ती बच्चों के परिजनों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव तथा लक्षणों के बारे में जानकारी दी जा रही है। साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने व मास्क का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। भर्ती बच्चों को छूने से पहले हाथों को अच्छी तरह से धोने व सैनिटाइज करने की बातें बताई जा रही है।

मिल रही है ये सुविधाएं:

एएनएम पुष्पा कुमारी ने बताया पोषण पुनर्वास केंद्र पर कुपोषित बच्चों एवं उनकी माताओं को आवासीय सुविधा प्रदान किया जा रहा है। जहां उसके पौष्टिक आहार की व्यवस्था है। यहां कुपोषित बच्चों व उनकी माताओं को 21 दिन तक रखने का प्रावधान है। मार्गदर्शिका के अनुसार जब बच्चे के वजन में बढ़ोतरी होना आरंभ होने लगता है तो उसे 21 दिन के पूर्व ही छोड़ दिया जाता है।

दी जा रही है ये पौष्टिक आहार:

एनआरसी में भर्ती बच्चों को एफ-100 मिक्स डाइट की आहार दी जाती है जिसमें आहार में खिचड़ी, दलिया, सेव, चुकंदर, अंडा आदि शामिल होता है.

तीन स्तर पर कुपोषित बच्चों की होती है पहचान:

जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीसी रमेशचंद्र कुमार ने बताया पोषण पुनर्वास केंद्र में 0 से लेकर 5 वर्ष तक के कुपोषित बच्चों को ही भर्ती किया जाता है। कुपोषित बच्चों के पहचान के लिए तीन स्तर पर उनकी जांच की जाती है। तीनों जांच के बाद ही बच्चे को कुपोषण की श्रेणी में रखा जाता है। सर्वप्रथम बच्चे का हाइट के अनुसार वजन देखा जाता है। दूसरे स्तर पर एमयूएसी जांच में बच्चे के बाजू का माप 11.5 से कम होना तथा बच्चे का इडिमा से ग्रसित होना शामिल है। तीनों स्तर पर जांच के दौरान बच्चे कुपोषित की श्रेणी में रखकर उसे भर्ती कर 1 महीने तक उपचार के साथ पौष्टिक आहार दिया जाता है।

भर्ती बच्चों की मां को प्रोत्साहन राशि:

एनआरसी केंद्र में भर्ती बच्चों के माता को प्रतिदिन 150 रूपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। भर्ती होने वाले बच्चे शून्य से 5 वर्ष तक के होते हैं। इसके लिए बच्चों की देखभाल के लिए मां को भी साथ रहना पड़ता है। जहां उनके रहने एवं भोजन की व्यवस्था के साथ उन्हें प्रतिदिन के हिसाब से 150 रुपए का भुगतान भी किया जाता है।

आशा एवं सेविका को भी 200 रुपए की प्रोत्साहन राशि :

आगंनबाड़ी की सेविका व आशा कार्यकर्ताओं द्वारा सर्वे करके कुपोषित बच्चों की पहचान की जाती है और बच्चों को बेहतर उपचार के लिए एनआरसी लाती हैं। इसके लिए आशा एवं सेविकाओं को 200 रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाती है ताकि वह गांव गांव में घूमकर कुपोषित बच्चों की पहचान कर उन्हें एनआरसी में भर्ती करवा सकें।

वीडियो कांफ्रेंस के जरिए मुख्यमंत्री ने लिया क्वारंटाइन केंद्रों का जायज़ा

सारण : जिले में बनाए गए वारंटिंग सेंटरों का मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हालचाल जाना तथा व्यवस्था को पूरा करने की कई निर्देश दिए बताया जाता है कि जिले के गरखा प्रखंड स्थित मध्य विद्यालय चैनपुर भेसमारा तथा रिवीलगंज प्रखंड के राजकीय मध्य विद्यालय सिमरिया पूर्वी के सेंटर में ऐसे प्रवासी मजदूरों के साथ मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की तथा प्रवासियों से आने का जगह पूछा और उन्हें मिल रहे सुविधाओं का जायजा लिया जहां सभी प्रवासियों ने एक सुर में अच्छी व्यवस्था बताते हुए घर जाने से इनकार किया वही मौके पर जिलाधिकारी पुलिस अधीक्षक सदर एसडीओ सहित कई अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे जहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को कई निर्देश दिए जिसमें प्रवासियों को खाता नहीं होने पर खाता खुलवा कर एक एक हजार रुपये व अन्य सुविधाएं देने को कहा।

300 लोगों के बीच किया सूखा राशन का वितरण

सारण : कोरोना महामारी के संक्रमण की रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन से दैनिक मजदूरी कर गुजर बसर करनेवाले लोगों को काफ़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है उनके सामने भुखमरी जैसी समस्या उत्पन्न हो गई है। इनकी समस्या व सांसद राजीव प्रताप रूडी, भाजपा जिलाध्यक्ष के निर्देशानुसार रिविलगंज प्रखण्ड प्रमुख युवा भाजपा नेता राहुल ने अपने विधानसभा क्षेत्र के 300 मजदूर भाइयों के बीच सुखा राशन का वितरण किया।

मुंबई से लौटा युवक पाया गया कोरोना पॉजिटिव, गांव सील

सारण : नगरा प्रखंड के खैरा थाना क्षेत्र अंतर्गत भीखमपुर गांव में एक युवक में कोरोना संक्रमण की पुष्टि होने के बाद गांव में हड़कंप मच गया। वहीं स्थानीय प्रशासन के द्वारा गाँव को चारो तरफ से सील कर दिया गया। नगरा चिकित्सक मेडिकल टीम ने बताया कि युवक के सम्पर्क में आए घर से तीन सदस्य को भी छपरा में जाँच के लिए भेज दिया गया है।

बताया जाता है कि उक्त युवक मुंबई से अपने सबंधी इसुआपुर निवासी के साथ दोनो युवक मुंबई से ट्रक से साथ में चले थे। बता दें कि महाराष्ट्र के मुंबई से ट्रक से नौ मई को चले थे जो 13 मई को छपरा पहुचा था और 16 मई को सदर अस्पताल में जांच कराने पहुँचा। उसके बाद युवक होम क्वोरोटाइन में रहने लगा। उधर इसुआपुर में क्वोरोटाइन सेंटर पर रह रहे सबंधी की पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद उसके चेन के बारे पता किया गया।

जहां भीखमपुर गांव निवासी के बारे में स्वास्थ्य विभाग को जानकारी होते ही नगरा पीएचसी द्वारा उसको 19 मई को छपरा भेजा गया और जांच के लिए सैम्पल लिया गया,जहां 21 मई को देर शाम को उसका रिपोर्ट पॉजिटिव आया। उधर प्रशासन द्वारा गांव को तत्काल सील कर दिया गया। वहीं नगरा पीएचसी की पूरी टीम भीखमपुर गांव पहुचकर युवक के सम्पर्क में आये हुए लोगो की पता लगा रही है। मालूम चलते ही उनलोगों को भी जांच कराया जाएगा।

जलजमाव की समस्या से निज़ात के लिए सांसद ने अधिकारियों को दिए निर्देश

सारण : सांसद राजीव प्रताप रुडी ने असमय वर्षा से शहर के कई इलाकों में उत्पन्न हुए जल जमाव की स्थिति से लोगों को शीघ्र निजात दिलाने के लिए पथ निर्माण विभाग और बुडकों के अधिकारियों को निर्देश दिया है। यहां जल निकासी के स्थायी निराकरण हेतु एक बड़ी योजना पर काम चल रहा है जो अब तक पूरा नहीं हुआ है इसलिये यह जल जमाव हुआ। सांसद रुडी के निर्देश पर जल जमाव से मुक्ति के लिए बुडको व पथ निर्माण विभाग के अधिकारी प्रभुनाथ नगर, शक्ति नगर, साँढ़ा ढ़ाला ओवर ब्रिज आदि इलाकों में स्थिति का जायजा और सांसद को अवगत कराया।

वीसी के माध्यम से हुई बैठक में सांसद ने अधिकारियों को जल जमाव की स्थिति से तत्काल निवारण के लिए योजना तैयार करने का निर्देश दिया साथ ही उच्च शक्ति का पंप लगाकर पानी निकालने की त्वरित कारवाई करने की बात कही। बता दें कि सारण के भाजपा जिलाध्यक्ष श्री राम दयाल शर्मा ने सांसद के संज्ञान में जल जमाव से उत्पन्न स्थितियों को संज्ञान में लाया जिसके बाद सांसद ने उक्त कार्रवाई की।सांसद रुडी ने अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई करते हुए उच्च शक्ति का पम्प लगाकर पानी को प्रभुनाथ नगर से ओवर ब्रिज के समानान्तर नाले में निकालने का निर्देश दिया है। इससे जल जमाव वाले इलाकों में त्वरित राहत मिल सकेगी। अधिकारियों ने भी इन इलाकों को जल जमाव से मुक्त करने के लिए तेज कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।

विदित हो कि सांसद राजीव प्रताप रुडी ने अपने प्रयास से शहर में केंद्र की 230 करोड़ की राशि के साथ ही राज्य सरकार से भी 30 करोड़ की राशि स्वीकृत कराई। इसके साथ ही 550 करोड़ की लागत से प्रभुनाथ नगर टांढ़ी पथ के टी प्वाईंट से छपरा मढ़ौरा पीडब्लूडी पथ एवं पक्की नाली की भी योजना है। 30 करोड़ की योजना का कार्य शुरू भी हो गया है वहीं कोविड के वैश्विक संकट के कारण अन्य योजनाएं रुकी हुई है। संभावना है कि कोरोना संकट के समाप्त होते ही अक्टूबर नवम्बर से योजना पर अमल शुरू हो जायेगा। अब बिन मौसम बरसात के कारण शहर के प्रभुनाथ नगर और शक्ति नगर जैसे इलाकों में जल जमाव हो गया।

सांसद को जब इसकी सूचना प्राप्त हुई तब उन्होंने योजना से जुड़े बुडकों और पथ निर्माण विभाग के अधिकारियों को इसके निरीक्षण के लिए भेजा।जल जमाव वाले इलाकों के निरीक्षण के दौरान मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता, कार्यपालक अभियंता, सहायक अभियंता बुडकों के साथ सहायक अभियंता और कनीय अभियंता पथ निर्माण विभाग समेत ई॰ सत्येन्द्र कुमार सिंह भी उपस्थित थे। सांसद के साथ वीसी के माध्यम से बैठक में इन सभी के साथ भारतीय जनता पार्टी सारण जिला इकाई के अध्यक्ष रामदयाल शर्मा उपस्थित थे।

डीएम ने अधिकारियों को श्रेणीवार क्वारंटाइन करने का दिया निर्देश

सारण : जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन के द्वारा सारण जिला के अंचलाधिकारी और प्रखंड विकास पदाधिकरियों को निर्देश दिया गया है कि देश के वैसे शहर या स्थान जहां कोरोना वायरस का संक्रमण अपेक्षाकृत बहुत अधिक है वहां से आने-वाले प्रवासियों को श्रेणी वन में रखते हुए उन्हे प्रखंड क्वारंटाइन या पंयाचत क्वारंटाइन में रखने की व्यवस्था करायी जाय।

श्रेणी वन में सूरत, अहमदाबाद, मुम्बई, पुणे, दिल्ली, एनसीआर (गुडगांव, फरीदाबाद, गाजियाबाद, नोएडा, कोलकाता और बैंगलोर को रखा गया है। श्रेणी वन वाले प्रवासियों का रजिस्ट्रेशन और हेल्थ स्क्रीनिंग प्रखंड स्तरीय क्वारेंटीन कैम्प में करायी जाय। ये लोग हर हाल में 14 दिन प्रखंड क्वारेंटीन में रहेंगे। इनकी समुचित जांच होने के बाद हीं इन्हें प्रखंड क्वारेंटीन से मुक्त किया जाएगा। श्रेणी टू के प्रवासियों को सीधे उनके घर भेजा जाएगा जहां वे 14 दिन होम क्वारेंटीन में रहेंगे लेकिन उसके पूर्व उन्हें उनके प्रखंड भेजा जाएगा जहां के चिन्हित स्थल पर उनका हेल्थ स्क्रीनिंग किया जाएगा, उनका आधार एवं खाता विवरणी लिया जाएगा तथा उनसे स्वघोषणा पत्र लेकर उन्हें होम क्वारेंटीन भेजा जाएगा। इन प्रवासियों को डिग्निटी किट नहीं दिया जाना है परन्तु उनके खाते में 1000/- की राशि आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा राहत के रूप में डाली जाएगी

जिलाधिकारी के द्वारा सभी प्रखंडो में एक-एक स्थल चिन्हित करने, वहां तीन शिफ्ट में मेडिकल स्टाफ, अन्य कर्मी एवं आपरेटर की प्रतिनियुक्ति करते हुए दो अलग-अलग काउंटर बनाने का निर्देश दिया गया है। जिलाधिकारी के द्वारा निदेष दिया गया है कि प्रतिनियुक्त आपरेटर प्रवासियों से विहित प्रपत्र में विवरणी प्राप्त कर उसे पोर्टल पर रजिस्टर करेंगे। जो प्रवासी पूर्व से ग्राम पंचायतों/गांव के क्वारेंटीन में रह रहे हैं उसमें से भी श्रेणी टू के प्रवासियों की हेल्थ स्क्रीनिंग करा कर उनसे स्वघोषणा पत्र एवं खाता संबंधी विवरणी लेकर उन्हें होम क्वारेंटीन में भेज देना है। परन्तु जहा दोनों ही श्रेणी के लोग एक कमरे में रह रहे हैं उन्हें 14 दिन पूरा करने के उपरांत हीं छोड़ा जाना है। जिलाधिकारी ने कहा है कि प्रखंड क्वारेंटीन में अब एक कमरे में दो और हॉल में चार व्यक्तियों को हीं आवासित करना है।

आईटी सेल के नवनियुक्त जिला संयोजक ने पार्टी के शीर्ष नेताओं का जताया आभार

सारण : भारतीय जनता पार्टी, सारण के आईटी सेल एवं सोशल मीडिया विभाग के नवनियुक्त जिला संयोजक निशांत राज ने कहा कि पार्टी द्वारा उन्हें यह महत्वपूर्ण दायित्व दिया गया है,वह इस दायित्व का सही से निर्वाहन करने की कोशिश करूंगा।

अपने निर्वाचन के लिए उन्होंने भाजपा जिला अध्यक्ष श्री रामदयाल शर्मा एवं प्रदेश नेतृत्व का कोटि कोटि आभार व्यक्त किया। उन्होंने पार्टी द्वारा उनपर विश्वास किये जाने पर सभी का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि उनका शतप्रतिशत प्रयास रहेगा कि वह पार्टी के हित के लिए निष्पक्ष एवं निस्वार्थ भाव से काम करेंगे।

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