Swatva Samachar

Information, Intellect & Integrity

swatva samachar
नवादा बिहार अपडेट

23 मई : नवादा की मुख्य ख़बरें

मस्जिदों व ईदगाहों के बजाय घरों में पढ़ें नमाज

नवादा : शनिवार को समाहरणालय सभागार में अपर समाहर्त्ता ओम प्रकाश की अध्यक्षता में ईद पर्व को लेकर शाति समिति की बैठक आयोजित की गयी। बैठक को संबोधित करते हुए उन्होने कहा कि मुक्कदस ईद पर्व आपसी भाईचारगी के साथ मनायी जाए। यह पर्व आपसी प्रेम को र्दाता है। जिला भर में ईद का पर्व सौहार्दपूर्ण वातावरण में मनायी जाए।

शांति समिति की इस बैठक में जिला के सभी प्रखंडों के जन-प्रतिनिधि एवं सभी राजनितिक दल के प्रतिनिधिगण शामिल हुए। संभवतः आगामी ईद का पर्व सोमवार को मनाया जाना है। शांति समिति की इस बैठक में कुछ जन प्रतिनिधियों द्वारा अपनी बातों को रखते हुए कहा गया कि कोरोना महामारी को मात देने के लिए हम सब जिला बासी नियम का पालन करेंगे। एम0एच0ए0 एवं बिहार सरकार के लॉकडाउन के बनाये नियमों का पालन करते हुए आपसी भाईचारे के साथ ईद का पर्व मनाने की बात कही गयी। पर्व के दौरान आपसी सोल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखें। मास्क का प्रयोग करना न भूलें।

नगर परिषद अध्यक्षा पुनम कुमारी ने कहा कि ईद के अवसर पर गली मुहल्लों एवं सड़कों की साफ-सफाई की जा रही है। ब्लीचींग पाउडर का छिड़काव कर सेनिटाइज भी किया जा रहा है। सड़क पर मोटर साइकिल चलाते समय हेलमेट का प्रयोग जरूर करें। बैठक की अध्यक्षता कर रहे अपर समाहर्त्ता ओम प्रकाश ने कहा कि गलत अफवाहों से बचें। तनाव एवं हंगामा होने से पूर्व प्रशासन को अविलंब सूचित करना न भूलें।

साइबर अपराधियों ने युवक के खाते से उड़ाए 29,500

नवादा : जिले में साइबर अपराधियों का कहर जारी है । नगर के एक युवक के खाते से 29 हजार 500 रूपये उङा लिया। सूचना नगर थाने को दी गयी है। नगर के सद्भावना चौक के पास अम्बेडकर नगर मुहल्ले के निखिल कुमार ने बताया कि वह पंजाब नैशनल बैंक एटीएम से एक हजार रुपये निकालने गया था। एटीएम सेंटर पर पहले से खड़ा दो युवक ने पासवर्ड लिया। देख महज 10 मिनट में खाते से 29 हजार 500 रूपये निकालने का मैसेज मोबाइल पर देख दंग रह गया। पीङित युवक निखिल कुमार ने बैंक स्टेटमेंट के साथ नगर थाना को आवेदन दे न्याय की गुहार लगाई है ।

तिलैया-राजगीर रेल खंड पर मालगाड़ी का पहिया पटरी से उतरा

नवादा : जिले के तिलैया – राजगीर रेलखंड पर हिसुआ थाना क्षेत्र के बगोदर गाॅव के समीप शनिवार की दोपहर मालगाड़ी का पहिया पटरी से उतर गयी । मालगाड़ी बाढ थर्मल पावर प्लांट में कोयला उतारकर वापस लौट रही थी। बगोदर गाॅव के समीप पटरी का नट खुला रहने से मालगाड़ी का दो डिब्बा पटरी से उतर गया । हाॅलाकि चालक की बुद्धिमत्ता से डिब्बा पलटने से बच गया । बगोदर के समीप पटरी से डिब्बा उतरने के कारण तिलैया जंक्शन पर राजगीर तरफ जाने के लिए दूसरी मालगाड़ी खड़ी है। सूत्रों के अनुसार इंजीनियर एवं क्रेन की सहायता से डिब्बा को पटरी पर लाने का काम आरम्भ हो चुका है ।

रजौली वन प्रक्षेत्र में अभ्रक का अवैध खनन बदस्तूर जारी

नवादा : जिले के उग्रवाद प्रभावित रजौली वन क्षेत्र की सवैयाटांड़ पंचायत के हनुमंती, ललकि, शारदा, टोपापहाड़ी, फगुनी, सेठवा, अंगिया, कोरैया, चुहवा पहाड़ व हरदिया पंचायत की भानेखाप, महुआ खदान, सुरांगो समेत कई छोटे बड़े खदान को खोदकर माफिया के द्वारा अवैध अभ्रक का खनन किया जा रहा है।  हालांकि लॉकडाउन की वजह से अवैध खनन की रफ्तार पर थोड़ी ब्रेक लगी है, लेकिन काम बंद नहीं हुआ है। लॉकडाउन की अवधि में ही पुलिस व वन विभाग के द्वारा अवैध खनन की कई प्राथमिकियां दर्ज कराई जा चुकी है।

होता है करोड़ो के राजस्व का नुकसान :

रजौली वन क्षेत्र से अभ्रक का अवैध खनन कराने वाले माफिया सरकार को प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये का चूना लगा रहे हैं। यह कारोबार प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। इस कारोबार का हैंडलर पड़ोसी राज्य झारखंड के कोडरमा में बैठे रहते हैं और वहीं से अवैध खनन का सारा सिस्टम चलाते हैं। जिस जगह पर अभ्रक का अवैध उत्खनन होता है वह नवादा जिले का क्षेत्र है, लेकिन यहां स्थानीय लोगों के सहयोग से झारखंड के माफिया अपना वर्चस्व कायम कर रहें हैं।
लॉकडाउन की वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में अभ्रक की मांग कम हुई है उसके बाद भी कोडरमा में बैठे व्यापारी मजदूरो से कम दाम में अभ्रक का खरीदारी कर भंडारण कर रहे हैं। ताकि बाजार खुलते ही ऊंचे दामों पर बेचा जा सके।

माफिया व वन अधिकारियों की साठगांठ

अवैध खनन को रोकने को लेकर पुलिस से लेकर वन विभाग की टीम कई बार प्रयास कर चुकी है। जिसमें कई बार पुलिस को सफलता भी हाथ लगी है तो कई बार निराशाजनक होकर बैरंग लौटना भी पड़ा है। स्थानीय लोगों ने लिखित रूप से आवेदन देकर खनन माफिया और वन विभाग के फाॅरेस्टर व फाॅरेस्टगार्ड पर गठजोड़ का आरोप लगाया है।

जंगली क्षेत्र होने का लाभ उठाते हैं माफिया

अभ्रक का अवैध खनन अधिकतर जंगली इलाकों में हो रहा है। जिसका फायदा सीधे तौर पर मफिया को पहुंचता है क्योंकि अभ्रक को बाजार तक लाने के लिए माफिया के द्वारा जंगली क्षेत्र में कच्ची सड़क बनाया जाता है। जिससे पुलिसिया कार्रवाई से बचते हुए अभ्रक सीधा बाजारों तक पहुंच जाता है। अभ्रक माफिया द्वारा कई बार किया गया है छापेमारी दल पर हमला -अवैध खनन करने वाले माफिया इतने बेखौफ है कि छापेमारी करने गई टीम पर कई हमला बोला है और अवैध खनन में जब्त मशीनों को भी छुड़ा कर ले गए है। पहला हमला 20 मार्च को चटकरी गांव मे हुआ था। दूसरा हमला बाराटांड़ में 06 मई को हुआ था। जिसमें माफिया के द्वारा एक जेसीबी मशीन को छापेमारी टीम से छुड़ाकर ले गया था। इससे पहले भी कई बार वन विभाग के कर्मी व माफिया के बीच छोटी मोटी नोंकझोक तो आम हो गयी है ।

आठ दिवंगत शिक्षकों के आश्रितों को दिया गया 4-4 लाख

नवादा : जिले के विभिन्न विद्यालयों में कार्यकाल के दौरान मृत आठ दिवंगत शिक्षकों के आश्रितों को 4-4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी गई है। राशि का भुगतान बैंक खाते के माध्यम से किया गया है। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना द्वारा जारी पत्र के अनुसार प्रावि बिनोवा नगर के शिक्षक स्व. धर्मेंद्र कुमार की पत्नी अनिता देवी, उमवि रजहत के शिक्षक स्व. इसरत अंजुम की पत्नी कुरतुलैएन अफसर आयमन अफर, उमवि मीरचक की शिक्षक स्व. राधा कुमारी के पति जितेंद्र पासवान, प्रावि भोला विगहा की शिक्षिका स्व. सुनीता कुमारी के पति विरेंद्र कुमार, प्रावि पेश बेल्दारी की दिवंगत शिक्षिका बबीता कुमारी के पति सुनील कुमार सुमन, प्रावि पड़िया की दिवंगत शिक्षिका गिरिजा मिश्रा के पति अशोक कुमार मिश्रा, बुनियादी विद्यालय गोपालपुर के शिक्षक स्व. देवनंदन प्रसाद की पत्नी दुसिया देवी और उमवि धमौल हिसुआ की शिक्षिका स्व. निशा भारती के आश्रित इंदु कुमारी को राशि दी गई है।

उन्होंने बताया कि शेष आश्रितों को अनुकंपा पर अबतक किसी प्रकार का विचार आरंभ नहीं किया गया है । इसके लिए राज्य शिक्षा विभाग से दिशा निर्देश की मांग की गयी है ।

ईट-भट्ठे पर कार्यरत श्रमिकों का कोई लेखा-जोखा नहीं रहने से होगी परेशानी

नवादा : जिले से प्रतिवर्ष तकरीबन साढे तीन लाख मजदूर विभिन्न प्रदेशों के ईंट भट्ठा पर पलायन करते हैं । इसकी कोई सूची श्रम विभाग के पास नहीं होती। ऐसे में मगध और पड़ोसी जिलों के उन लाखों मजदूरों को मदद की जरूरत है, जो प्रति वर्ष रोजी-रोजगार के लिए दूसरे राज्यों के ईंट-भट्ठे पर जाते हैं।

सीमावर्ती गया, नालंदा, शेखपुरा, लखीसराय, जमुई आदि जिलों से भी बड़ी संख्या में मजदूर कुछ माह के लिए पलायन करते हैं। उनकी संख्या दस लाख के करीब है। उनमें से कुछ मजदूरों का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान निबंधित प्रवासी मजदूरों की सूची में उनकी संख्या भी शामिल की जाए। नवादा में फिलहाल जो श्रमिक दूसरे प्रदेशों से लौट रहे हैं वे ईट-भट्ठे पर काम करने वालों से अलग श्रेणी के हैं। अधिकारिक तौर पर अब तक करीब 15 हजार श्रमिक घर लौटे हैं। करीब 7 हजार श्रमिक विभिन्न क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे। इसके पूर्व हर घर सर्वे अथवा अन्य स्रोतों से भी करीब 7-8 हजार प्रवासियों के आने की रिपोर्ट जिला प्रशासन को मिली थी।

जानकार बताते हैं कि नवादा जिले से करीब 3.5 लाख, गया जिले से 2.50 लाख, नालंदा जिले से करीब 1.50 लाख और जमुई, लखीसराय तथा शेखपुरा जिले के करीब 2.50 लाख मजदूर प्रतिवर्ष दूसरे राज्यों के ईंट-भट्ठे पर जाते हैं। उन्हें वहां तक पहुंचाने का काम ठीकेदार करते हैं। उसके एवज में उन्हें कमीशन मिलता है, जिसकी मात्रा मजदूर और समय के हिसाब से तय होता है। ठीकेदार प्रति जुटी (एक जोड़ी मजदूर, जो आम तौर पर पति-पत्नी होते हैं) को बतौर अग्रिम 80 हजार से एक लाख रुपये तक का भुगतान करते हैं। घर वापसी के समय बाकी हिसाब-किताब होता है।

अक्टूबर-नवंबर में करते हैं पलायन :

ऐसे श्रमिक अमूमन अक्टूबर-नवंबर यानी दशहरा से छठ के बीच दूसरे प्रदेशों को जाते हैं। ईंट पथाई का काम पूरा होने से पहले लौट आते हैं। मई के अंतिम सप्ताह से लेकर जून तक उनकी वापसी का समय होता है। उसके बाद बरसात शुरू हो जाती है और ईट पथाई का काम बंद हो जाता है।

कहां-कहां भेजे जाते हैं श्रमिक :- जिले में सक्रिय ठीकेदार श्रमिकों को बस या ट्रेन से यूपी, हरियाणा, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों के ईंट-भट्ठों पर भेजते हैं। इसके लिए ठीकेदारों को ईंट-भट्ठा संचालकों से कमीशन मिलता है। श्रमिक असंगठित क्षेत्र के होते हैं और ठीकेदारों को कोई निबंधन नहीं। इस कारण श्रमिकों का सही आंकड़ा प्रशासन के पास नहीं होता।

क्या बन रही है स्थिति :

ठीकेदार राजकुमार के मुताबिक इस वर्ष सभी श्रमिकों की घर वापसी होगी या नहीं, यह अब तक साफ नहीं है। यूपी के ईंट-भट्ठा संचालक श्रमिकों को वहीं रोकने के पक्ष में हैं। पश्चिम बंगाल गए श्रमिकों के साथ भी यही स्थिति है। कुछ दिन और इंतजार करना होगा। आवागमन का साधन बहाल हो जाने पर श्रमिकों की घर वापसी संभव हो सकती है। घर आने पर उनके लिए रोजी-रोटी का जुगाड़ एक अतिरिक्त समस्या होगी।

क्या कहते हैं अधिकारी

जो भी मजदूर जहां फंसे हैं, उनके बारे में पता लगाया जा रहा है। सभी को घर लाने के लिए उचित पहल की जा रही है। अमरेंद्र नारायण, श्रम अधीक्षक, नवादा।

पिता ने पुत्री की प्राण रक्षा की लगाई गुहार

नवादा : जिले के नरहट थाना अतर्गत पाली कला गांव निवासी त्रिलोकी यादव ने अकबरपुर थाने में आवेदन देकर पुत्री कमली देवी के साथ मारपीट व प्रताड़ित कर घर में बंद रखने से संबंधित शिकायत दर्ज करा उसकी प्राण रक्षा की गुहार लगाई है। पिता ने बताया कि वे अपनी पुत्री की शादी 10 वर्ष पूर्व अकबरपुर थाना क्षेत्र के फतेहपुर गांव के निवासी सकलदेव यादव के पुत्र संटू कुमार के साथ हिदू रीति रिवाज के साथ किया था।

दुरागमन के पश्चात छोटी-छोटी बातों को लेकर उनकी पुत्री को ससुराल वालों ने बराबर झगड़ा तकरार और मारपीट किया करता है। जिसके कारण उनकी पुत्री, पति, सांस और घर के अन्य परिवार सदस्यों के साथ काफी उब चुकी है। 17 मई को उसके साथ बुरी तरह पिटाई की गई और एक कमरे में बंद कर दिया गया। आरोप है कि शराब के नशे में पति उसके साथ प्रतिदिन मारपीट किया करता है और ससुराल वाले भी उसे प्रताड़ित किया करते है।  गुरुवार को मोबाइल पर पीडि़ता द्वारा दी गयी सूचना के आधार पर उसका भाई और पिता फतेहपुर पहुंचा तो घटना सही पाया गया। ससुराल वाले उनकी पुत्री को एक कमरे में बंद कर बंधक बनाए हुए था।

घटना की सूचना गांव वालों को दी गयी। गांव वाले आकर दरवाजा खुलवाया। तब परिजनों को घटना की विस्तृत जानकारी दी गयी। जब पिता ने पुत्री को ससुराल से विदाई करने को कहा गया तो ससुराल वाले भड़क उठे और लड़की के पिता और भाई को मारने के लिए दौड़ पड़े।

इस संबंध में घटना के पूर्व भी गांव में पंचायत किया गया था। जिस फैसला का उल्लंघन ससुराल वालों ने कर दिया। पीडि़ता के पिता ने थाने में आवेदन देकर ससुराल वालों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। इस बाबत थानाध्यक्ष मुन्ना कुमार वर्मा ने घटना की जांच कर कारवाई सुनिश्चित करने का भरोसा दिलाया।

आम तोङने से मना करने पर बगीचा रखवालों के साथ मारपीट

नवादा : जिले के गोविन्दपुर प्रखंड क्षेत्र के पूर्व महाधिवक्ता स्व वलभद्र प्रसाद सिंह के आम बगान से जबरन आम की चोरी कर ली गयी । शुक्रवार को घटित घटना में ऐसा करने से मना करने पर बगीचा की रखवाली कर रहे रखवालों के साथ मारपीट किया । सूचना थाने को दी गयी है । बताया जाता है कि कर्पूरी नगर के महादलित समुदाय के कुछ बच्चे आम तोङने बगिया में घुस गए । रखवालों द्वारा ऐसा करने से मना करने पर भाग खङे हुए तथा घर पहुंच परिजनों को रखवालों द्वारा मारपीट किये जाने की सूचना दी।

सूचना के आलोक में पहुंचे सुरेन्द्र राम व उनकी पत्नी मीना देवी अपने अन्य सहयोगियों के साथ पहुंच रखवाली कर रहे साहेब खान समेत अन्य की पिटाई कर झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी । बीच बचाव में आये नागो राम, भगीरथ राम के साथ भी दुर्व्यवहार किया। इस बावत मोटरसाइकिल हस्नैन ने थाना को आवेदन देकर संबंधित लोगों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है ।

परिवहन विभाग में 90 फीसद तक घट गई राजस्व की वसूली

नवादा : लॉकडाउन की अवधि में जिला परिवहन विभाग को राजस्व का काफी नुकसान हो रहा है। 90 फीसद तक राजस्व घट गया है। 25 मार्च से लॉकडाउन शरू हुआ, तब से सभी प्रकार की गतिविधियां थम गई। इस बीच जो भी राजस्व प्राप्त हुए सिर्फ वाहनों की जांच के दौरान प्राप्त जुर्माना की राशि ही है। आलम यह कि यह कार्यालय फिलहाल कोविड-19 महामारी में वाहन कोषांग बना हुआ है। अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक इसी कोषांग में काम कर रहे हैं। सरकारी पत्रों का अनुपालन, प्रवासियों के लिए वाहन का इंतजाम आदि कार्य ही इस विभाग के कर्मियों के पास रह गया है। देशव्यापी लॉकडाउन शुरू होने के बाद से ही कार्यालय का सभी काउंटर बंद पड़ा है।

औसतन ढाई करोड़ प्रतिमाह का है लक्ष्य

वित्तीय वर्ष 2020-21 में करीब 30 करोड़ रुपये राजस्व वसूली का लक्ष्य मानकर विभाग के अधिकारी व कर्मी काम कर रहे हैं। औसतन प्रतिमाह ढाई करोड़ रुपये की वसूली होनी है, लेकिन वित्तीय वर्ष के पहले माह यानी अप्रैल 2020 में 22 लाख 62 हजार 770 रुपये ही राजस्व प्राप्त हुए। इसमें 18 लाख 34 हजार 403 रुपये सिर्फ जुर्माना की वसूली है। मात्र 4 लाख 28 हजार 367 रुपये ही निबंधन से प्राप्त हुए। निबंधन से प्राप्त रुपये ऑनलाइन प्राप्त हुए हैं। इस प्रकार 90 फीसद राजस्व की वसूली कम हो गई।

गत वर्ष लक्ष्य से ज्यादा की हुई वसूली

वित्तीय वर्ष 2019-20 की समाप्ति के 7 दिन पूर्व ही देशव्यापी लॉकडाउन घोषित होने के बावजूद जिला परिवहन विभाग लक्ष्य को पार कर चुका था। लक्ष्य से 8 फीसद ज्यादा की वसूली हुई थी। वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए जिला का लक्ष्य 28.47 करोड़ था। इसके विरुद्ध 30 करोड़ 98 लाख 10 हजार 670 रुपये राजस्व प्राप्त हुआ था। जो कि लक्ष्य का 108 फीसद था।

चार स्रोतों से आता है राजस्व

परिवहन विभाग को चार स्रोतों निबंधन, ड्राइविग लाइसेंस, समन (जुर्माना) और टैक्स से राजस्व की प्राप्ति होती है। लॉकडाउन की अवधि में राजस्व का मुख्य स्रोत जुर्माना ही रहा है। इसमें पुलिस विभाग का ज्यादा योगदान रहा है। लॉकडाउन की अवधि में दो पहिया व चार पहिया वाहनों की सघन जांच हुई है। इस दौरान पुलिस महकमा काफी सख्ती से जुर्माना की वसूली की है। मई का आंकड़ा आना शेष है।

पुराने स्टॉक पर टिका ईद का बाजार, खरीदारी को दिया जा रहा अंतिम रूप

नवादा : शुक्रवार को अलविदा जुमे की नमाज अदा हो गई है। मुसलमानों का खास त्योहार ईद आने के अब कुछ घंटों शेष रह गये हैं। लिहाजा ईद को लेकर खरीदारी अंतिम चरण में है। लेकिन, कोरोना ने दुकानदारों और ग्राहकों को काफी निराश किया है।

ईद के चंद घंटों शेष होने के बावजूद बाजार में पिछले सालों की तुलना में उतनी चहल-पहल नहीं दिख रही है। जिससे कारोबार पर काफी असर पड़ रहा है। सेवई-लच्छा, टोपी-रुमाल, कपड़ा आदि दुकानों में गत वर्षों की तुलना में कम संख्या में लोग नजर आ रहे हैं। वजह एक तो कोरोना का खौफ, दूसरों वाहनों का परिचालन नहीं होना है। प्रखंडों और ग्रामीण क्षेत्रों से लोग बाजार नहीं पहुंच रहे हैं।

इधर, ईद का बाजार भी पुराने स्टॉक पर टिका है। मेन रोड के मिस्टर पान दुकान वाले ने बताया कि हर साल ईद के अवसर पर टोपी-रुमाल, लच्छा-सेवई की बड़ी दुकान सजाते थे। लेकिन, इस साल नया माल नहीं मिल रहा है। स्थानीय थोक बाजार से सेवई-लच्छा मिल गया है, जिससे बिक्री करनी पड़ रही है। वैसे लखनऊ और वाराणसी भी लच्छे मंगाए गए हैं, लेकिन काफी कम मात्रा में। थोक बाजार में टोपी-रुमाल तो मिला ही नहीं। लिहाजा जो पुराना स्टॉक बचा है, उसकी ही बिक्री कर रहे हैं।

दुकानदार ने यह भी बताया कि हर साल अकेले उनकी दुकान से ढाई हजार किलो हाथ से बना लच्छा और 50 कार्टन मशीन से बना लच्छा बिक जाता था। लेकिन इस साल उसका आधा बिक पाना भी मुश्किल है। उन्होंने बताया कि कोरोना के खौफ के चलते मुसलमान भाई रमजान में मस्जिद जाकर नमाज नहीं पढ़ सके तो एक-दूसरे के घर कैसे जा पाएंगे। जिससे लच्छा-सेवई की खपत भी कम होगी। ऐसे में अधिक माल बिक पाना मुश्किल है। कमोवेश यही स्थिति कपड़ा बाजार में है। दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्रों से भी खरीदारी के लिए लोग बाजार नहीं आ रहे हैं। जिससे कारोबार पर असर पङना स्वाभाविक है ।