कंटेनमेंट एवं बफर जोन छोड़कर शेष क्षेत्रों में सशर्त नियमित टीकाकरण होगा बहाल
मधुबनी : कोरोना संक्रमण के कारण देशभर में नियमित टीकाकरण कार्यक्रम बेहद प्रभावित हुआ है। इसे ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने गाइडलाइन्स जारी कर क्षेत्रवार टीकाकरण सेवाओं को बहाल करने के संबंध में विस्तार से जानकारी दी है। जारी गाइडलाइन्स के अनुसार कोरोना संक्रमण के प्रसार के मुताबिक प्रत्येक जिले को रेड, ऑरेंज एवं ग्रीन जोन में बांटा गया है। वहीं रेड एवं ऑरेंज जोन में कोरोना संक्रमितों की व्यापकता के हिसाब से कॉन्टेंटमेंट एवं बफ़र जोन भी बनाया गया है। संक्रमण प्रसार की आशंका के मद्देनजर कॉन्टेंटमेंट एवं बफ़र जोन में स्वास्थ्य केन्द्रों एवं आउटरीच क्षेत्रों में नियमित टीकाकरण को फ़िलहाल रोका गया है। लेकिन सभी क्षेत्रों (कॉन्टेंटमेंट एवं बफ़र जोन सहित) के स्वास्थ्य केन्द्रों पर बर्थ डोज टीकाकरण जारी रहेगा।
बफ़र जोन के अलावा एवं ग्रीन जोन में शर्तों के साथ होगा टीकाकरण:
मंत्रालय के दिशानिर्देश के मुताबिक कॉन्टेंटमेंट एवं बफ़र जोन में स्वास्थ्य केंद्र आधारित टीकाकरण एवं आउटरीच टीकाकरण सेशन (ग्रामीण स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस) अभी शुरू नहीं होगा. लेकिन बफ़र जोन को छोड़कर एवं ग्रीन जोन में स्वास्थ्य केंद्र आधारित टीकाकरण एवं आउटरीच टीकाकरण सेशन कुछ शर्तों के साथ शुरू होगा। जिसमें आउटरीच सेशन पर एक समय में 5 से अधिक लोगों को उपस्थित रहने की मंजूरी नहीं मिलेगी. इन सेशन के दौरान कोरोना संक्रमण रोकथाम के सभी प्रोटोकॉल का अनुपालन करना अनिवार्य होगा. जिसमें पंचायत एवं अर्बन लोकल बॉडी आउटरीच सेशन साईट के प्लान में मदद करेंगे. किसी भी बफ़र एवं कॉन्टेंटमेंट जोन में 14 दिनों के बाद नियमित टीकाकरण सेवा की शुरुआत करने का फैसला राज्य एवं जिला प्रशासन द्वारा ही लिया जा सकेगा।
स्वास्थ्य केन्द्रों पर टीकाकरण के दौरान बरतनी होगी सतर्कता:
कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रसार को देखते हुए स्वास्थ्य केन्द्रों पर होने वाले टीकाकरण के दौरान विशेष सावधानी बरतने की सलाह गाइडलाइन्स में दी गयी है। यह बताया गया है कि स्वास्थ्य केन्द्रों पर टीकाकरण के पूर्व हवादार स्थान का चयन करना होगा एवं यह भी सुनिश्चित करना होगा कि प्रत्येक लोग एक दूसरे से 1 मीटर की दूरी पर ही बैठें. स्वास्थ्य केंद्र पर टीकाकरण लोड के मुताबिक पूर्व में ही फिक्स्ड टीकाकरण कर्मियों का चयन करना होगा. टीकाकरण कर्मियों को ग्लोब्स, तीन लेयर वाले मास्क एवं टीकाकरण करने से पूर्व हाथों को सैनिटाइज्ड करना अनिवार्य होगा. साथ ही टीकाकरण किसी भी रूप में बाधित नहीं हो इसके लिए वैक्सीन की पर्याप्त उपलब्धता पूर्व में ही सुनिश्चित करनी होगी एवं लोगों को कोविड-19 के प्रति सजग करने के लिए स्वास्थ्य केन्द्रों के बाहर पोस्टर भी लागने होंगे।
वीएचएसएनडी सत्र आयोजन के लिए दिए गए निर्देश:
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने ग्रामीण स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस(वीएचएसएनडी) के आयोजन को लेकर कुछ जरुरी दिशानिर्देश दिया है.
• वीएचएसएनडी सत्र पर लोगों की भीड़ कम करने के लिए सत्र को प्रत्येक घन्टे के हिसाब से बाँटने की सलाह दी गयी है. प्रत्येक घंटे के स्लॉट में 4-5 लाभार्थियों को ही उपस्थित रहने के निर्देश दिए गए हैं.
• प्रत्येक वीएचएसएनडी सत्र को दो सेशन में बांटने के निर्देश दिए गए हैं, जिसमें अतिरिक्त सेशन के संचालन के लिए रिटायर्ड एएनएम एनएनएम, स्टाफ नर्सेज आदि या प्रशिक्षित पुरुष स्वास्थ्य कर्मी की नियुक्ति की जा सकती है.
• वीएचएसएनडी सत्र के एक दिन पूर्व ही आशा के द्वारा चिन्हित लाभार्थी को कॉल कर जानकारी दी जाएगी
• सत्र के दौरान एएनएम को कोरोना रोकथाम के प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करना होगा. साथ ही सत्र पर जरुरी वैक्सीन के साथ ओआरएस, जिंक, आइएफए, कैल्शियम आदि की उपलब्धता भी सुनिश्चित करानी होगी
• सत्र के दौरान एएनएम सामाजिक दूरी का पालन करते हुए लाभार्थियो को 30 मिनट के वेटिंग पीरियड के दौरान कोरोना संक्रमण की रोकथाम पर जानकारी देगी।
विधि-व्यवस्था बनाए ऱखने के लिए जन-प्रतिनिधियों के साथ हुई शांति समिति की बैठक
मधुबनी : नगर थाना पर आगामी ईद पर्व को लेके शांति-समिति की बैठक हुई। इस बैठक में आगामी पर्व ईद-उल-जोहा को लॉक डाउन के मद्देनजर शांतिपूर्ण तरीके से सोशल डिस्टेंसिनग का पालन करते हुए मनाने की अपील की गई, साथ ही ये सख्त हिदायत भी दी गयी कि ऐसा नही करने वालों के खिलाफ सख्त करवाई की जाएगी।
इस बैठक में नगर थानाध्यक्ष अरुण कुमार ने कहा अभी पूरे देश मे कोविड-19 नोबल कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर देशव्यापी लॉक डाउन 4.0 चल रहा है। हालांकि इस बार लॉक डाउन के इस फेज में काफी सारी छूट के साथ कई दुकानों को खोलने की बात की गई है, पर वहीं कुछ लोग इस वायरस के बढ़ते खतरे को इग्नोर कर सोशल डिस्टेंसिनग की भी धज्जी उड़ाने से बाज नही आते हैं। इसलिए इस बार इस पर्व को सौहार्दपूर्ण वातावरण में शांतिपूर्ण तरीके से लॉक डाउन का पालन एवं सोशल डिस्टेंसिनग मेन्टेन करते हुए मनाना है। अगर इसका उल्लंघन पाया जाएगा तो सख्त करवाई की जाएगी। इस बैठक में कांग्रेस नेता अमानुल्लाह खान एवं अन्य कई जन-प्रतिनिधि एवं शांति-समिति के सदस्य मौजूद रहे।
डीएम ने क्वारंटाइन केंद्रों के लिए जारी किए नए दिशा-निर्देश
मधुबनी : जिलाधिकारी डाॅ० निलेश रामचन्द्र देवरे ने आपदा प्रबंधन विभाग, बिहार के प्रधान सचिव, द्वारा कोरोना संक्रमण (कोविड-19) के परिप्रेक्ष्य में लागू लाॅकडाउन के दौरान राज्य में आने वाले अन्य प्रवासी मजदूरों के लिए क्वारंटाइन सेंटर के संबंध में जारी गाईडलाइन के आलोक में मधुबनी जिला के सभी अनुमंडल पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचल अधिकारी एवं थानाध्यक्ष को अनुपालन हेतु निदेश दिया गया है।
इस दौरान जिलाधिकारी, मधुबनी के द्वारा सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी को निदेश दिया गया कि वे श्रेणी ‘क’ के राज्यों/शहरों यथा-सूरत, अहमदाबाद, मुबंई, पुणे, दिल्ली, गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुरूग्राम, नोएडा, कोलकाता एवं बैंगलोर के प्रवासियों को यथासंभव प्रखंड क्वारंटाइन सेंटर में ही रखने की व्यवस्था करें। यदि प्रखंड क्वारंटाइन सेंटर में जगह नहीं रहने पर उन्हें प्रखंड मुख्यालय से सटे पंचायत के क्वारंटाइन सेंटर पर रहने की व्यवस्था करें, साथ ही प्रखंड स्तरीय क्वारंटाइन सेंटर पर सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन सख्ती से कराने का निदेश दिया गया।
प्रखंड स्तरीय क्वारंटाइन सेंटर पर 14 दिन पूर्ण होने के पश्चात उनके स्वास्थ्य जांच में यदि कोविड के लक्षण नहीं पाये जाते है, तो उनसे स्वघोषणा पत्र लेकर 7 दिनों तक होम क्वारंटाइन में भेजने की कार्रवाई करें। समूह ‘क’ के अलावे अन्य राज्यों से आने वाले वैसे प्रवासी जिनमें कोविड-19 का लक्षण परिलक्षित नहीं होता है, उनसे भी स्वघोषणा पत्र लेकर होम क्वारंटाइन में भेजने का निदेश दिया गया।
जिलाधिकारी, मधुबनी के द्वारा अन्य राज्यों से आनेवाले सभी प्रवासियों का पंजीकरण प्रखंड स्तर पर ही अनिवार्य रूप से कराने का निदेश दिया गया। पंजीकरण के दौरान उनका बैंक खाता संख्या, आधार संख्या आदि की जानकारी उनसे ले ली जाय, ताकि उउन्हें प्रवासी निःष्क्रमण सहायता राशि दी जा सकें। उन्होंने प्रखंडों के क्वारंटाइन सेंटरों पर प्रवासियों के पंजीकरण की गतिविधि धीमी हाने को लेकर नाराजगी व्यक्त की एवं इसमें तेजी लाने हेतु आवश्यक निदेश दिया गया।
मधुबनी की ये महिलाएं लिखी कृषि क्रांति की नई गाथा
मधुबनी : एक तरफ लॉकडाउन में मजदूरों की कमी, ऊपर से बेमौसम आंधी-पानी व ओलाव़ृष्टि की समस्या। इस दोहरी मार से पूरे राज्य में किसान परेशान हैं, लेकिन मधुबनी जिले के खजौली प्रखंड में ऐसा नहीं है। वहां की पांच दर्जन महिला किसानों ने अपने हौसले के बल पर बता दिया है कि कोई भी काम मुश्किल नहीं। स्वयं सहायता समूह से जुड़ीं इन महिलाओं ने खेतों में उतरकर कृषि यंत्र चला कामयाबी व कृषि क्रांति की नई गाथा लिख डाली है। अपने बल पर उन्होंने फसल को बर्बाद होने से बचा लिया है। आगे वे खरीफ फसल के लिए भी तैयार हैं।
कृषि कार्य की छूट मिलते ही खेतों में उतरीं महिलाएं
खजौली की इन महिला किसानों की सफलता की कहानी की शुरुआत एक साल पहले हुई थी। स्वयं सहायता समूह से जुड़ीं इन महिलाओं ने खेतीबाड़ी के तौर-तरीकों को सीखा व समझा। उन्होंने कृषि यंत्रों को चलाने के गुर सीखे। जैसे ही लॉकडाउन 2 में कृषि कार्य की छूट मिली, खेतों में उतर गईं।
मौसम खराब होने के पहले पूरी की फसल की कटाई
उन्होंने समूह से जुड़े 261 लोगों के सौ एकड़ खेतों की कटनी शारीरिक दूरी का पालन करते हुए महज नौ दिनों में कर दी। जबकि, सामान्य तौर पर इसमें 16 से 20 दिन लगते। उन्होंने यह काम कृषि के आधुनिक यंत्रों के सहारे किया। इससे समय की बचत हुई। साथ ही जब तक मौसम खराब होता, कटनी (फसल की कटाई) पूरी हो चुकी थी।कृषि यंत्रों को चलाना सीख कर रहीं बेहतर इस्तेमाल महिला किसानों के स्वयं सहायता समूह से जुड़ी सुक्की गांव की गौरी देवी कहती हैं, ”हाथ से कटनी में समय व मेहनत अधिक लगता था। अब मशीन से मेहनत कम लग रही और काम भी ज्यादा हो रहा है।” इसी गांव की अमेरिका देवी और दौलत देवी ने इससे पहले रीपर बाइंडर या ब्रश कटर से काम नहीं किया था। अब ये कृषि यंत्र उनके लिए कचिया (हंसिया) के समान हो गए हैं। वे इनका बेहतर इस्तेमाल कर रही हैं।
मशीन से धान रोपनी सीख अब खरीफ के लिए तैयार
पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहीं महिलाएं अब खरीफ फसल के लिए भी तैयार हैं। धान रोपने की मशीन (पैडी ट्रांसप्लांटर) चलाना सीख चुकी हैं। समूह की अधिक से अधिक महिलाएं इसे चलाना सीखना चाहती हैं, क्योंकि मधुबनी में धान ही मुख्य फसल है। मशीन का उपयोग कर महिलाएं हाथ से धान रोपने में लगने वाला अधिक समय में बड़ी बचत कर सकेंगी।
महिलाओं ने रखी ग्रामीण क्षेत्र में कृषि क्रांति की नींव
इन महिलाओं को सहयोग करने वाले हेम नारायण हिमांशु कहते हैं कि मशीन से कटाई के कारण कम संख्या में महिलाएं खेतों में गईं। इससे शारीरिक दूरी का पालन हुआ। कोरोना संक्रमण का खतरा नहीं रहा। इन महिलाओं ने ग्रामीण क्षेत्र में नई कृषि क्रांति की नींव रख दी है। खजौली प्रखंड की 261 महिलाएं अभी कृषि यंत्रों से काम करना सीख चुकी हैं। एक-दो सीजन में जिले में यह संख्या हजारों में हो जाएगी।
जीविका के माध्यम से कृषि यंत्र चलाने का प्रशिक्षण
जीविका की डीपीएम (डिस्ट्रिक्ट प्रोजेक्ट मैनेजर) ऋचा गार्गी कहती हैं कि करीब 80 लाख रुपये के 21 कृषि उपकरण खरीदे गए हैं। इन्हें चलाने का प्रशिक्षण जीविका के माध्यम से महिलाओं को दिया जा रहा है। कुछ वर्षों बाद मजदूरों के कारण खेती का काम नहीं रुकेगा।
कृषि विभाग सहायता व प्रोत्साहन देने को तैयार
मधुबनी के जिला कृषि पदाधिकारी सुधीर कुमार कहते हैं कि खजौली की ये महिलाएं महिला सशक्तीकरण का उदाहरण हैं। कृषि विभाग उन्हें हर तरह से प्रोत्साहन देने के लिए तैयार है। 10 लाख रुपये तक के कृषि यंत्रों की खरीद पर 80 फीसद सब्सिडी दी जाती है। अगर वे इन यंत्रों का बेहतर इस्तेमाल करना सीख गईं तो उन्हें भी इस योजना का लाभ दिया जाएगा।
सूड़ी समाज के द्वारा क्वारंटाइन सेन्टर पर बांटी गई राहत सामाग्री
मधुबनी : वैश्विक महामारी कोविड-19, नोवेल कोरोना वायरस के मद्देनजर पूरे देश मे राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन किया गया है। अब इस लॉकडाउन के चौथे चरण में हमलोग हैं। बता दें कि इस वायरस के प्रकोप से बचने के लिए कभी तक कोई दवा या वैक्सीन नही है, ऐसे में डब्लूएचओ ओर एमएचए के तरफ से जो दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, उसमें शारीरिक दूरी, ओर साफ-सफाई ही मुख्य उपाय बताए गए हैं। लोगों से फेस मास्क पहनने की बात और सेनेटाइजर का उपयोग करने को कहा गया है।
ऐसे में समाजसेवी संस्था सूड़ी युवा शक्ति, देवधा अपने अध्यक्ष हरेराम चौधरी के नेतृत्व में पहले लॉक डाउन फेज से ही देवधा ओर उसके आसपास के गांव में अनाज, फेस मास्क, साबुन, सेनेटाइजर और हैंड वाश वितरण लगातार कर रहे हैं।
उन्होंने गांव के बैंक और अन्य दूसरे भीड़-भाड़ वाले जगह जैसे कि सब्जी हाट, मछली हाट, हाट-बाजार पर जाके उनके बीच ये सब वितान भी किया है, ओर उनको सोशल डिस्टेंसिग का भी पालन करने के प्रति कहा जाता रहा है। इसी क्रम में आज फिर से ये वितरण कार्य किया गया, जिसमें संस्था के अन्य कई सदस्यों ने भी सहयोग किया। आज ये वितरण कार्य देवधा मिडिल स्कूल और गाढा प्राइमरी स्कूल कोरोनटाइन सेन्टर पर किया गया। इस राहत सामाग्री में खाना, बिस्कुट, फेस मास्क, साबुन एवं अन्य सामग्री था। जानकारी देते हुए अध्यक्ष सह समाजसेवी हरेराम चौधरी ने कहा कि जब तक ये लॉक डाउन खत्म नही होता है, तब तक हमलोग ऐसे ही सेवा करते रहेंगे।
सोशल डिस्टेंनसिंग को नजरअंदाज कर की जा रही ईद की ख़रीदारी
मधुबनी : वैश्विक महामारी कोविड-19, नोवेल कोरोना वायरस को लेकर ओर देश मे लॉक डाउन 4.0 चल रहा है। ऐसे में सोशल डिस्टेंनसिंग का पालन करते और ओड-इवन फॉर्मूले के आधार पर बाजार में दुकानें खोली जा रही है। ऐसे में आने वाले ईद-उल-जोहा को लेकर मुसलमानों ने बाजार में जमकर की खरीदारी, ओर इसी क्रम में सोशल डिस्टेंनसिंग की भी जमकर उड़ाई धज्जियां।
ज्ञात हो कि एक-दो दिन में इनका पर्व ईद आने वाला है, जिसके मद्देनजर सभी अलप8समुदाय के लोग बाजार के कई दिनों बाद खुलने के बाद खरीददारी को बाजार निकलें, ऐसे में बाजार भरा-भरा से नजर आया, ओर खरीददारी भी जम कर किया गया। ऐसे में लोग जब बाजार आये तो सोशल डिस्टेंनसिंग की भी जमकर धज्जियां उड़ाई। बाजार में जाम सा हो जा रहा था बार-बार। ऐसा ही नजारा सब्जी मंडी, मछली हाट जैसी जगहों पर देखने को मिला।
क्वारंटाइन सेन्टर की व्यवस्था देख संतुष्ट हुए विधायक, किया मुखिया की प्रशंसा
मधुबनी : वैश्विक महामारी सें विश्व परेशान है। भारत मे लॉकडाउन लागु है। लोग कई तरह के एहतियात बरत रहे है। सोशल डिस्टेंस के साथ लोग घरो मे रहकर लॉकडाउन का पालन कर रहे है। लॉकडाउन पार्ट 1के बाद पार्ट 2, इसके बाद पार्ट 3, अब लॉक डाउन पार्ट 4 चल रही है। लॉकडाउन 4 मे सरकार ने जान है, तो जहान की तर्ज पर लोगो को काफी रियायते दी है। उसी के अन्तर्गत अन्य राज्यो मे फँसे प्रवासियों को अपने घर जाने के लिये कई श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई है।
छूट मिलने के बाद प्रवासियों का जिला मे ट्रेन एवं बसों से आना जारी है वैसे प्रवासियों के लिये सरकार ने गाइडलाइन जारी किये है, की उन्हें जाँच के बाद 14दिनों तक कॉरँनटाइन सेंटर मे रहना होगा जहाँ उसे ख़ाना-पीना से लेकर घोषित हर सुविधा प्रदान की जायेगी। मधुबनी जिला प्रशासन के द्वारा कई कॉरनटाइन सेन्टर बनाई गई है, जिसमे अन्य राज्यो से आने वाले प्रवासियों को रखा जा रहा है। इसी बीच सोशल मीडिया एवं अन्य न्यूज़ चैनलो मे कॉरेंनटाइन सेंटरों की कुव्यवस्था सुर्खियाँ मे नजर आ रही है। सुविधा विहीन कॉरेंनटाइन सेंटरों को लेकर उसमें रह रहे प्रवासियों द्वारा हंगामा करने की भी खबर आ रही है।
इसी को देखते हुये राष्ट्रीय जनता दल के विधायक सह प्रवक्ता समीर कुमार महासेठ के द्वारा बराबर कॉरेंनटाइन सेंटरों का जायजा लिया जा रहा है। इसी आलोक मे आज विधायक समीर कुमार महासेठ ने पंचायत सरकार भवन सकरी पूर्वी मे बने कॉरेंनटाइन सेन्टर का जायजा लिया। उन्होने उसमें रह रहे प्रवासियों से काफी देर तक बात की। सभी रह रहे प्रवासियों ने कॉरेंनटाइन सेन्टर मे उपलब्ध सुविधा की तारीफ की। विधायक समीर कुमार महासेठ प्रवासियों की बातें सुनकर काफी संतुष्ट हुये और मुखिया श्रीमति राधा प्रसाद के कामों की प्रशंसा की साथ ही विधायक ने अपने तरफ से प्रवासियों को ड्राय फ्रूट के साथ अन्य राहत की सामानों का वितरण किया।
वहीं मौके पर मौजूद मुखिया प्रतिनिधि निर्मल कुमार प्रसाद ने बताया की पंचायत सरकार भवन सकरी पूर्वी मे बने कॉरेंनटाइन सेन्टर मे मुखिया श्रीमती राधा प्रसाद द्वारा हर संभव सुविधा दी जा रही उसके लिये खुद मुखिया के द्वारा हो रहे कामों की हमेशा मॉनिटरिंग की जा रही है, ताकि किसी भी प्रवासियों को दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़े।
कंटेनमेंट जोन के तीन किलोमीटर क्षेत्र को किया गया सील
मधुबनी : एसकेएमसीएच, मुज़फ़्फ़रपुर से प्राप्त प्रतिवेदन के अनुसार खजौली प्रखंड के 01 पुरूष एवं झंझारपुर प्रखंड के 01 पुरुष को कोरोना से संक्रमित होने की पुष्टि की गई। संबंधित गांव/पंचायत से कोविड-19 का मामला संपुष्ट पाए जाने के कारण, इसके अन्यत्र प्रादुर्भाव को रोकने हेतु संबंधित प्रखंड के उक्त क्षेत्र को कंटेनमेंट जाने के रूप में जिला पदाधिकारी, मधुबनी के द्वारा घोषित किया गया है। खजौली प्रखंड के उच्च विद्यालय, कसमा मरार एवं झंझारपुर के अनुमंडलीय अस्पताल, झंझारपुर को एपिसेेंटर घोषित करते हुए इसके 03 कि०मी० के क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है।
डॉ० नीलेश रामचंद्र देवरे, जिला पदाधिकारी, मधुबनी द्वारा सभी संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी/अंचल अधिकारी/थानाध्यक्ष/प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी एवं अन्य पदाधिकारियों को कंटेनमेंट जोन के अंतर्गत की जाने वाली सभी गतिविधियों के लिए विभाग द्वारा दिये गये निदेशों का अनुपालन सुनिश्चित कराने एवं कृत कार्रवाई का दैनिक प्रतिवेदन ससमय भेजने का निदेश दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने क्वारंटाइन केंद्रों में रह रहे लोगों से किया संवाद
मधुबनी : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को विडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिले के दो क्वारंटाइन सेंटरों का अवलोकन, निरीक्षण एवं रह रहे प्रवासियों के साथ संवाद किया गया। इस अवसर पर रहिका प्रखंड के पोल स्टार स्कूल स्थित क्वारंटाइन सेंटर पर डाॅ० निलेश रामचन्द्र देवरे, भा०प्र०से०, जिलाधिकारी, मधुबनी, डाॅ० सत्यप्रकाश, पुलिस अधीक्षक, मधुबनी एवं अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित थे।
विस्वान के माध्यम से हो रहे विडियो काॅन्फ्रेंसिंग द्वारा माननीय मुख्यमंत्री, बिहार के द्वारा पोल स्टार स्कूल क्वारंटाइन सेंटर पर रह रहे प्रवासी प्रदीप कुमार यादव, पंचायत-सुंदरपुरभिट्ठिी, प्रखंड-रहिका से क्वारंटाईन सेंटर पर मिल रही सुविधाओं के बारे में जानकारी ली गयी। साथ ही प्रदीप कुमार से मुख्यमंत्री के द्वारा पूछा गया कि आप कहां से आये है, तथा वहां क्या करते थे? श्री यादव द्वारा बताया गया कि वह हैदराबाद से आया है, तथा हैदराबाद के आई०बी०आई०एस० होटल में खाना बनाने का कार्य करता था। वह इंडियन एवं चाईनिज सभी प्रकार के व्यंजन यथा-इडली-डोसा, बिरयानी एवं अन्य फास्ट फूड बनाने में दक्ष है। श्री यादव द्वारा माननीय मुख्यमंत्री को उसके हाथों के बने व्यंजनों को खाने हेतु मधुबनी आने का निमंत्रण दिया गया।
मुख्यमंत्री द्वारा निमंत्रण को स्वीकार करते हुए इसकी संपुष्टि जिलाधिकारी से भी की गयी। संवाद के क्रम में जिलाधिकारी द्वारा माननीय मुख्यमंत्री को जिले में कार्यरत क्वारंटाइन सेंटरों एवं उनमें दी जा रही बुनियादी सुविधाओं के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गयी। मधुबनी जिलाधिकारी द्वारा बताया गया कि मधुबनी जिला में वत्र्तमान में 362 प्रखंड स्तरीय तथा 473 पंचायत स्तरीय कुल 835 क्वारंटाइन सेंटर कार्यरत है। जिसमें प्रखंड एवं पंचायत के क्वारंटाइन सेंटरों की कुल क्षमता 50176 है। वत्र्तमान में वहां पर 39707 लोग (प्रखंड/पंचायतों में) रह रहे है। 39707 लोगों में से 14723 रेड जोन एरिया से आनेवाले प्रवासी है।
मधुबनी जिलाधिकारी द्वारा मुख्यमंत्री को संवाद के क्रम में यह भी बताया गया कि रहिका प्रखंड के पोल स्टार स्कूल क्वारंटाइन सेंटर की क्षमता 200 है, जिसमें वत्र्तमान में 50 लोग रह रहे है। इन पचास लोगों में 28 लोग मुंबई, 11 लोग दिल्ली(एन०सी०आर०), 1 कोलकाता से 10 अन्य राज्यों से आये प्रवासी है। इन प्रवासियों का स्कील मैंपिंग के आधार पर यह ज्ञात हुआ है कि इनमें दो ड्राईवर, पांच बैंग मिस्त्री, 3 कुक, 4 राजमिस्त्री, 4 दर्जी तथा 32 दैनिक मजदूर है। जिला प्रशासन द्वारा इन्हें रोजगार मुहैया कराने हेतु विकल्प पर विचार-विमर्श की जा रही है।
मधुबनी जिलाधिकारी, मधुबनी के द्वारा प्रदीप कुमार यादव एवं उनके सहयोगियों को क्वारंटाइन सेंटर पर रह रहे अन्य प्रवासियों के लिए तथा स्वयं उनके लिए भी अपने हाथों से व्यंजन बनाकर खिलाने एवं भेजवाने का अनुरोध किया गया। साथ ही प्रखंड विकास पदाधिकारी, रहिका को उन्हें कच्ची सामग्री उपलब्ध कराने हेतु निदेश दिया।
मुख्यमंत्री, बिहार द्वारा जिला प्रशासन, मधुबनी द्वारा उक्त क्वारंटाइन सेंटर पर दी जा रही सुविधाओं पर प्रवासियों से संवाद के पश्चात संतोष व्यक्त किया गया। तत्पश्चात मुख्यमंत्री द्वारा मधुबनी जिले के दूसरे क्वारंटाइन सेंटर कलुआही प्रखंड के उत्क्रमित उच्च विद्यालय, मलमल पर उपस्थित उप-विकास आयुक्त, मधुबनी, अजय कुमार सिंह, एवं अनुमंडल पदाधिकारी, सदर मधुबनी, सुनील कुमार सिंह के नेतृत्व में संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस दौरान उप-विकास आयुक्त द्वारा उक्त क्वारंटाइन सेंटर पर रह रहे प्रवासियों के बारे में एवं उन्हें दी जा रही सुविधाओं से मुख्यमंत्री, बिहार को अवगत कराया गया।
उप-विकास आयुक्त, मधुबनी ने बताया कि उक्त क्वारंटाइन सेंटर की क्षमता 160 लोगों की है। जिसमें 155 लोग रह रहे है। 52 लोग मुंबई, 77 दिल्ली(एन०सी०आर०), 2 सूरत एवं 24 अन्य राज्यों से आये प्रवासी है। इस अवसर पर मनोज कुमार दास, पंचायत-मलमल दक्षिणी द्वारा बताया गया, कि वह दिनांक 19.05.2020 को मुंबई से आया है। वह मुंबई में एक हार्डवेयर कंपनी में सुपरवाईजर के रूप में कार्यरत था।
उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि उक्त क्वारंटाइन सेंटर पर प्रवासियों को सभी सुविधाएं प्राप्त हो रही है, डिग्निटी किट भी प्राप्त हुई है। उन्हें यहां किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं है।मुख्यमंत्री, बिहार द्वारा जिला प्रषासन, मधुबनी द्वारा उक्त क्वारंटाइन सेंटर पर दी जा रही सुविधाओं पर प्रवासियों से संवाद के पश्चात संतोष व्यक्त किया गया।
महानगरों से लौटे प्रवासियों को छोड़ अन्यों को होम क्वारंटाइन करने की उठाई मांग
मधुबनी : अपर समार्हता मधुबनी प्रीति कुमारी ने जयनगर पहुंचकर इंडों नेपाल बॉडर पीलर का जाऐजा लिया, तथा अधिकारियों से आवश्यक बातों की जानकारी ली। वह दो दिवसीय कार्यक्रम के तहत जयनगर आयी थी। इंडो-नेपाल के इनरवा, बैतौन्हा बॉडर पीलरों का निरीक्षण के बाद हाईस्कूल व दुल्लीपट्टी स्थित कस्तुरबा स्कूल क्वारंटाइन का निरीक्षण कर प्रवासियों की समस्या से अवगत हुआ, तथा शीध्र निदान का आश्वासन दिया।
एडीएम ने रेडजोन महानगरों वाले प्रवासियों को ही प्रखंड मुख्यालय क्वारंटाइन में रखने की बात कहते हुये बतायी कि बिहार के अन्य जिलों समेत रेडजोन इलाकों को छोड़कर आये प्रवासियों को होम क्वारंटाइन का फार्म भरा कर रिलीज करें, तथा प्रवासियों को मिलने वाले खर्चे यानि आवासित राशि को उनके एकाउंट में भेजने के लिए पासबुक व आधार कार्ड जमा कराने का निर्देश दिया। इसके बाद डीलरों के साथ बैठक कर खाद्यान्न वितरण के लिए दिशा निर्देश दिये।
इस दौरान उन्होंने गरीब, निःसहाय एवं जरूरतमंद लोगों को खाद्यान्न के पैकेट भी बांटे। उनके साथ जयनगर एसडीएम शंकरशरण ओमी, जयनगर अपर एसडीएम गोविंद कुमार, जयनगर बीडीओ चंदकांता कुमारी समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।
छह ट्रेनों से अपने घर लौटे प्रवासी कामगार
मधुबनी : प्रवासी कामगारों लौटना जारी है शनिवार की सुबह 04ः35 बजे जमालपुर-मधुबनी(डी0एम0यू0) से 328 प्रवासी अपने घर लौटे। सुबह 07ः11 बजे दादरी से मधुबनी ट्रेन आयी, जिसमें 505 प्रवासी और सुबह 08ः50 बजे आनंद बिहार से मधुबनी ट्रेन पहुंची, जिसमें 748 प्रवासी सवार थे।
पुनः 10ः56 बजे सुबह भिवंडी से मधुबनी ट्रेन आयी, जिसमें 715 प्रवासी सवार थे। प्रतिदिन बरौनी-मधुबनी (डी0एम0यू0) दोपहर 01ः30 बजे मधुबनी पहुंची। जिसमें 244 प्रवासी सवार थे। संध्या 04ः00 बजे गोधरा से मधुबनी एक ट्रेन मधुबनी आयी।
मधुबनी जिले के प्रवासियों को बस द्वारा उनके संबंधित प्रखंड क्वारंटाइन सेंटर पर भेजा गया। तथा वैसे श्रमिक जो अन्य जिलों के थे उन्हें अगले दिन बरौनी के लिए निर्धारित ट्रेन में भेजने हेतु जे0एन0 काॅलेज, मधुबनी में भेजा गया। जिसे अगले दिन बरौनी भेजने की कार्रवाई की जायेगी।
प्रवासियेां के आगमन के अवसर पर रेलवे स्टेशन पर श्री सुनील कुमार सिंह, अनुमंडल पदाधिकारी, सदर मधुबनी, सुश्री कामिनीबाला, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, मधुबनी एवं अन्य दिवा पालियों के दंडाधिकारी एवं प्रभारी पदाधिकारी तथा काफी संख्या में पुलिस बल उपस्थित थे।
सुमित राउत