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आरा की मुख्य ख़बरें
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23 जून : आरा की मुख्य ख़बरें

करंट लगने से बुज़ुर्ग की मौत

आरा : जिले के उदवंतनगर थाना क्षेत्र के मसाढ़ टोला गांव में सोमवार की देर शाम विद्युत करंट लगने से एक बुजुर्ग की मौत हो गई। घटना को लेकर गांव में अफरा-तफरी मची रही।

जानकारी के अनुसार मृतक उदवंतनगर के मसाढ़ टोला गांव निवासी लालपति यादव ( 65 वर्ष) हैं। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम मंगलवार की सुबह सदर अस्पताल में करवाया। हादसे के बाद मृतक के घर में हाहाकार मच गया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था।

घुस मांगे जाने का ऑडियो वायरल मामले में दारोगा सस्पेंड

आरा : केस में मदद करने एवं आरोपित को छोड़े जाने के नाम पर रिश्वत मांगे जाने के मामले में भोजपुर एसपी ने बड़ी कार्रवाई की है। घुस मांगने का ऑडियो वायरल होने पर एसपी सुशील कुमार ने गड़हनी थाने के एसआई वाहिद अली को सस्पेंड कर दिया।

एसपी सुशील कुमार ने बताया कि ऑडियो व घुस मांगने वाले अफसर की आवाज की जांच की जायेगी। जांच में आवाज की पुष्टि होने पर और भी सख्त कार्रवाई की जायेगी। बता दें कि तीन रोज पहले गड़हनी थाने के एक पुलिस अफसर द्वारा घुस मांगे जाने का एक ऑडियो वायरल हुआ था।

उस ऑडियो में बात करने वाले अफसर को मारपीट व आग लगाये जाने के मामले में गिरफ्तार एक आरोपित को छोड़ने के एवज में दस हजार रुपये की मांग करते सुना जा रहा था। लेकिन पैरवी करने वाले शख्स द्वारा दो-तीन हजार में मामले को निपटा देने की बात कही जा रही थी। उसके बाद अफसर द्वारा कोर्ट से बेल करा लेने की सलाह दी थी। मामला बराप टोला गांव से जुड़ा था।

ऑडियो वायरल होने के बाद एसपी ने कड़ा एक्शन लेते हुये एस आई वाहिद अली को सस्पेंड कर दिया। उन्होंने बताया कि इस तरह के मामले को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। सनद हो कि इस तरह के मामले में एसपी द्वारा पहले भी कार्रवाई की जा चुकी है। इसके बावजूद थाना स्तर के पुलिस अधिकारी इस तरह की हरकत से बाज नहीं आ रहे हैं।

झपट्टा मार गिरोह ने उड़ाये 90 हजार रुपए

आरा : शहर के नवादा थानान्तर्गत गिरजा मोड़ के समीप झपट्टा मार गिरोह के सदस्यों ने स्कूटी सवार मां-बेटे से 90 हजार रुपये उड़ा लिये। घटना मंगलवार की है। इस संबंध में अजय कुमार सिंह द्वारा नवादा थाने में एक आवेदन दिया गया है।

जानकारी के अनुसार गजराजगंज ओपी क्षेत्र के बामपाली गांव निवासी अजय कुमार सिंह अपनी बजुर्ग मां के साथ पेंशन का पैसा निकालवाने कतीरा स्थित एसबीआई ब्रांच आए थे। बैंक से 90 हजार रुपये निकाल दोनों स्कूटी से घर जा रहे थे। इस बीच पकड़ी गैस एजेंसी रोड में गिरजा मोड़ के समीप पल्सर बाइक सवार बदमाशों ने झपट्टा मारकर पैसे से भरा बैग छीन लिया। मां-बेटे जबतक शोर मचाते, तबतक दोनों बदमाश काफी दूर भाग चुके थे।

अग्रणी बैंक के नाते पीएनबी से जिले को विशेष अपेक्षाएं : डीएम

आरा : पंजाब नेशनल बैंक इस क्षेत्र का अग्रणी बैंक है। इसलिए जिलेवासियों को इस बैंक से काफी अपेक्षाएं हैं। लॉकडाउन के बाद अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए बैंकों की भूमिका बढ़ गई है। उपरोक्त बातें जिलाधिकारी रौशन कुशवाहा ने आज पीएनबी लोन प्वाइंट का उद्घाटन करते हुए कही । मंडल कार्यालय में रिटेल एग्रीक्लचर एमएसएमई ऋण (रैम) का विधिवत् उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि इस केन्द्र से अधिक से अधिक लोग सुविधाजनक तरीके से लाभ उठाएं, इसका विशेष ख्याल रखा जाए।

उन्होंने कहा कि कोरोना के प्रति सावधानियां बरतें ताकि आप स्वयं, ग्राहक एवं परिजन सुरक्षित रहें। मण्डल प्रमुख मो0 माशूक रजा ने डीएम को आश्वस्त किया कि विभिन्न योजनाओं के तहत प्राप्त सही ऋण प्रस्ताव को पारदर्शिता के साथ त्वरित निष्पादन किया जाएगा। सहायक महाप्रबंधक पार्थो गांगुली ने पीएलपी के संदर्भ में विस्तृत जानकारी देते हुए डीएम, प्रबंधन एवं ग्राहकों को आश्वस्त किया कि इसके माध्यम से प्राप्त प्रस्तावों पर त्वरित कार्यवाही की जाएगी। ताकि ग्राहकों को ससमय ऋण प्रास हो सके।

ट्रेन के शौचालय से मिली भारी मात्रा में शराब

आरा : जीआरपी ने डाउन सिकंदराबाद-दानापुर ट्रेन से भारी मात्रा में शराब बरामद किया है। इनमें विभिन्न ब्रांड की व्हिस्की व बियर हैं। शराब ट्रेन की एस 9 बोगी के शौचालय में छुपाकर रखी गयी थी। हालाकि इस दौरान धंधेबाज पकड़ में नहीं आ सके।

जीआरपी इंचार्ज शहनवाज खान के अनुसार ट्रेन में शराब की सूचना थी। इस आधार पर आरा में ट्रेन की तलाशी शुरू की गयी। इस क्रम में एस-9 बोगी के शौचालय से विभिन्न ब्रांड व एमएल की 131 बोतल शराब बरामद की गयी। जब्त शराब की वजन करीब साढ़े 27 लीटर है।

यूपी से बिहार में शराब की तस्करी करनेवाले दो तस्कर गिरफ्तार

आरा : भोजपुर जिले के खवासपुर ओपी की पुलिस ने शराब की खेप के साथ दो धंधेबाजों को गिरफ्तार किया है। दोनों आरा के धरहरा हनुमान टोला के रहने वाले हैं। इनमें रवि कुमार व शिवशंकर कुमार हैं।

इनके पास से 90 पीस किंगफिशर बियर बरामद की गयी है। एक ऑटो भी जब्त की गयी है। दोनों ऑटो से शराब की खेप लेकर आरा आ रहे थे । इसकी सूचना मिलने पर खवासपुर ओपी पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने दोनों से पूछताछ कर शराब के धंधे में शामिल गिरोह के सभी सदस्यों के बारे में जानकारी ली। उसके बाद प्राथमिकी दर्ज कर दोनों को जेल भेज दिया।

आपसी विवाद में दो पक्ष भिड़े, दो महिला समेत पांच जख्मी

आरा : भोजपुर जिले के गड़हनी थाना क्षेत्र के बनकट गांव में सोमवार की रात नाद साफ करने को लेकर दो पक्षों के बीच जमकर मारपीट हुई। इसमें एक पक्ष से दो महिला समेत पांच लोग जख्मी हो गए हैं। सभी जख्मियों को इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया।

जानकारी के अनुसार जख्मियों में राजेश राम की पत्नी प्रभावती देवी, उसका पुत्र श्रवण कुमार, राजेंद्र राम आशा देवी एवं उनका पुत्र राकेश कुमार है।  बताया जाता है कि सोमवार की शाम जख्मी प्रभावती देवी मवेशी का नाद साफ कर रही थी। तभी दूसरे पक्ष के लोगों ने कहा कि यहां पर नाद साफ मत करो दुर्गन्ध दे रहा है। इसी बात को लेकर दोनों पक्षों में मारपीट शुरु हो गयी।

छत से गिरे जख्मी युवक की मौत

आरा : बक्सर जिले के नवानगर थाना क्षेत्र के रामनगर गांव में छत से गिरकर एक युवक की मौत हो गई। आरा सदर अस्पताल में इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। घटना के बाद मृतक के घर में हाहाकार मच गया। जानकारी के अनुसार मृतक रामनगर गांव निवासी अच्छे लाल मुसहर का 45 वर्षीय पुत्र छोटक मुसहर है।

बताया जाता है कि वह शनिवार की रात छत पर सोने गया था। इसी बीच पैर फिसलने के कारण वह छत से नीचे गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गया। आनन-फानन में इलाज के लिए आरा सदर अस्पताल लाया गया। जहां उसे भर्ती कर इलाज किया जा रहा था।इसी बीच मंगलवार की सुबह उसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। परिजन बिना पोस्टमार्टम कराए ही शव को वापस गांव ले गए।

बताया जाता है कि मृतक चार भाई व एक बहन में सबसे छोटा था। मृतक के परिवार में पत्नी बसमतिया देवी, चार पुत्र मिथुन, चक्रवर्ती, रजलू, राजेश व दो पुत्री तेतरी एवं तरेगनी है।घटना के बाद मृतक की पत्नी बसमतिया देवी एवं परिवार के सभी सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल था।

दूरगामी नीति से होगा बिहार से पलायन का समाधान : डा. सुबोध कुमार

आरा : कोविड-19 ने मनुष्य को अंतरात्मा की आवाज सुनने पर मजबूर कर दिया है। यह बदलाव मनुष्य को अपनी प्रतिबद्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित कर रहा है। इस नए बदलाव से सांस्कृतिक, सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक क्षेत्र में बदलाव देखने को मिल रहा है। यह बदलाव सबसे ज्यादा उन प्रदेशों में दिखेगा जहां मूलभूत ढांचा, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार का अभाव है, जिसके कारण मजबूरन पलायन करना पड़ता है। ऐसा ही एक प्रदेश बिहार है, जहां पलायन एक संस्कृति बन गई है। ये बातें डॉ. सुबोध कुमार, सहायक प्रोफेसर सामाजिक विज्ञान विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय ने आरा में कही।

उन्होंने आगे कहा कि उनके घर वाले, गांव वाले और खुद भी मानसिक तौर पर इसकी तैयारी बचपन से ही कर लेते हैं। जब 1991, में नई आर्थिक नीति लागू हुयी तब उन्हीं राज्यों में निवेश दिखा जिन राज्यों में इंफ्रास्ट्रक्चर और शिक्षा थे| बिहार को नई आर्थिक नीति का फायदा नहीं मिला क्योंकि मार्केट को आकर्षित करने वाली संस्थाएं बिहार में नहीं थी। इसका नतीजा यह हुआ कि लोग रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए पलायन करने लगे। पिछले 30 सालों में बिहार जहां खड़ा था, वहां आज भी खड़ा है। ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स (विकास सूचकांक) गरीबी, अशिक्षा, कुपोषण, न्याय सूचकांक, शिशु मृत्यु दर, पुलिस बर्बरता, पलायन में पिछले 30 सालों से बिहार निचले स्थान पर पड़ा है। वहीं दूसरी तरफ 1991 से 2019 तक बिहार का प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत का सिर्फ 40% रहा है। इसका मतलब यह हुआ कि बिहार 1991 से लेकर आज तक राष्ट्रीय औसत की तुलना में जहां था, वहीं है।

कोविड-19 ने बिहार के सिविल सोसायटी (नागरिक समाज) राजनैतिक पारखियों को सोचने पर मजबूर किया है कि एक नीतिगत बदलाव बिहार की आवश्यकता है ताकि मजबूरन पलायन को रोका जा सके। इसके लिए अल्पकालिक नीतियों और दीर्घकालिक नीतियों की आवश्यकता है। भारत में संविधान और अंतरराष्ट्रीय कानून में भी मजदूर वर्ग को सम्मान से जीने के लिए कहा गया है। अंतरराष्ट्रीय कानून आयोग 2001 के ड्राफ्ट आर्टिकल ऑन प्रिवेंशन ऑफ ट्रांस बाउंड्री हॉर्म (DAPTH) में प्रावधान है कि कोई भी कानून या नीति एपिडेमिक और पैनडेमिक सर्वव्यापी महामारी के रोकथाम करने की प्रक्रिया में माइग्रेंट वर्कर्स (प्रवासी कामगार) के अधिकारों का हनन नहीं कर सकता।

इन बातों को ध्यान में रखते हुए बिहार को तुरंत अल्पकालिक नीति बनानी चाहिए। कोविड-19 महामारी ने प्रवासी कामगारों का मूल्य राज्य और प्रवास वाले राज्यों का अंतर समझा दिया है। वह वापस नहीं जाना चाहते हैं। ज्यादातर प्रवासी कामगार निर्माण, कृषि और उद्योग में काम करते हैं। इन सब पहलुओं को ध्यान में रखते हुए बिहार सरकार को श्रमिक बैंक बनाना चाहिए और वर्कर्स प्रोफाइल तैयार कर जॉब कार्ड मुहैया कराना चाहिए ताकि प्रवासी कामगारों को काम मिले और दूसरे प्रदेशों में जाए तो सम्मान भी मिले। अल्पकालिक नीति के तहत मनरेगा में जो काम मिलता है उसके अंतर्गत ऐसे प्रावधान बनाए ताकि प्रवासी कामगारों के लिए वरदान साबित हो और उन्हें सम्मान से जीवन जीने का अवसर प्रदान हो सके। बिहार सरकार अपने विभागों में अवसर तैयार करें ताकि ज्यादा से ज्यादा प्रवासी कामगार को काम मिल सके जैसे आपूर्ति के क्षेत्र में तालाबों का जीर्णोद्धार, नाला जीर्णोद्धार और सोख्ता गड्ढा कार्य। ठीक इसी प्रकार शहरी विकास विभाग में स्कूलों की मरम्मत, रंग पोतन, शौचालय निर्माण, बागवानी, पौधारोपण और घेराबंदी के कार्य में कामगारों को लगाया जाए।

इसके अलावा प्रत्येक ग्राम पंचायत में अनेक निर्माण के कार्य के साथ-साथ ग्रामीण सड़कों के निर्माण, लूस बोल्डर स्ट्रक्चर का कार्य, टड की मेडबंदी का कार्य, बाढ़ नियंत्रण के लिए बांधों की मरम्मत और उत्तर बिहार में अनेक लैगून, झील और पोखर की ड्रैगिंग करवाकर मछली उत्पादन के क्षेत्र में आगे कदम बढ़ाना। जो लोग supply-chain के कार्य में बड़े शहरों में काम कर रहे थे उनके लिए निजी डिपार्टमेंटल स्टोर के साथ मिलकर सरकारी सप्लाई चेन शुरू करें। सरकार के ऑनलाइन से सामान खरीदने में सब्सिडी मिले। बिहार वापस आ रहे प्रवासी मजदूरों में बहुत सारी ऐसी महिलाएं हैं, जो घरेलू कामकाज शहरों में करती हैं, ऐसे में उन्हें प्राइमरी हेल्थ सेंटर क्वॉरेंटाइन सेंटर कम्युनिटी हेल्थ सेंटर पंचायत भवन और पंचायत प्रखंड स्तर पर साफ सफाई के कामों में लगाया जाए। जो मजदूर शहरों में गार्ड या सिक्योरिटी का काम करते थे उन्हें हाईवे गार्ड्स, ट्रैफिक संचालन, पर्यटन स्थलों का देखरेख के साथ-साथ क्वांरटाइन सेंटर का भी देखभाल करें। इसके साथ-साथ बिहार में लगभग 95 बाजार समितियां हैं, इन सभी को शुरू करके फल फूल, सब्जी और अन्य वस्तुओं से संबंधित कामों में प्रवासी कामगारों को लगाया जाए। कुटीर उद्योग, लघु उद्योग, मध्यम उद्योग में भी कामगारो को काम मिल सकता है, जैसे कि चमड़ा उद्योग, पावरलूम उद्योग, रेशम केंद्र, शहद की खेती, बांस आधारित कुटीर उद्योग और डेयरी उद्योगों में हजारों प्रवासी कामगार को काम मिल सकता है।

बिहार सरकार को अल्पकालिक नीति के साथ-साथ दीर्घकालीन नीति भी बनानी होगी। सभी विद्यालयों और विश्वविद्यालयों को बड़े पैमाने पर कार्यकलाप करना होगा, ताकि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा लेने विद्यार्थी पलायन ना करें। ठीक इसी प्रकार गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा के लिए लोग शहरों में जाते हैं। इसका कारण है बिहार में स्वास्थ्य संस्थाएं और डॉक्टर्स की कमी। बिहार में लगभग 800 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र होने चाहिए पर है मात्र 148| 622 रेफरल अस्पताल होने चाहिए पर है सिर्फ 70| 212 स्पेशलिस्ट सब डिविजनल अस्पताल होने चाहिए लेकिन मात्र 44 है। राज्य में कम से कम 40 मेडिकल कॉलेज होने चाहिए लेकिन है सिर्फ 9, और 2700 डॉक्टर्स पदस्थापित हैं। ठीक इसी प्रकार सुनवाई (सुशासन) का है, जिसके कारण माइग्रेशन के लिए एक फर्टाइल ग्राउंड बिहार बना हुआ है। पिछले 5 साल में ही देखें तो पाते हैं कि 2014 में बिहार में लगभग 195024 मामले दर्ज हुए थे, वहीं 2019 में लगभग 270000 मामले हो गए। हत्या के मामले 2016 में 2581 थे जो बढ़कर 2019 में लगभग 3000 हो गए। इसी प्रकार डकैती के केस 2016 में 2947 थे जो 2019 में 3200 हो गए। बलात्कार के 2014 में 1127 मामले दर्ज किए गए जबकि 2019 में 1500 के आसपास के मामले दर्ज हुए। ठीक इसी प्रकार अपहरण का केस 2014 में 6570 थे जो 2019 में लगभग 10, 000 हो गए। प्रदेश में लगातार बढ़ रहे अपराध से लोगों में भय का माहौल बना हुआ है और लोग पलायन कर रहे हैं। ठीक इसी प्रकार सिंचाई के मजदूरों का पलायन देखने को मिलता है।

बिहार ने कृषि रोड मैप बनाया ताकि बिहार को कुपोषण से निकाला जाए और सामाजिक न्याय के साथ-साथ आर्थिक वृद्धि के लक्ष्य हासिल किए जा सके पर सिंचाई क्षेत्र में भी विफलता के अंबार के सामने पलायन ही एक रास्ता है। भूमंडलीकरण के दौर में बिहार को बुनियादी समस्याओं से निजात पाए और चहुमुखी विकास करें तभी पलायन थम सकता है। इसे पढ़ाई दवाई सिचाई और सुनवाई के खस्ताहाल को देखकर कोई भी इन्वेस्टर बिहार में काम करने के लिए राजी नहीं है, जिसका कारण बिहार अपने लक्ष्य को पाने में पिछड़ा रहता है और राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मापदंड पर निचले स्थान पर रहता है। इस कारण बिहार में बेरोजगारी चरम पर है जिसके कारण बिहार में पलायन सबसे ज्यादा है। भयावह बेरोजगारी से मानसिक दबाव झेलना पड़ता है बल्कि और भी अनेक कठिनाइयों के साथ जीवन जीने के लिए विवश होना पड़ता है और अंत में पलायन ही एकमात्र रास्ता बचता है। इसका खात्मा शार्ट टर्म और लांग टर्म नीति बनाकर किया जा सकता है।

कोविड-19 में बिहार को एक मौका दिया है जहां जनता भी आने वाले विधानसभा चुनाव में उसे वोट करें जो पढ़ाई दवाई सिंचाई और सुनवाई के मुद्दे जनता के सामने रखें। यह दूरगामी नीति बिहार को गरीबी, कुपोषण, भूख, बीमारी, बेरोजगारी के साथ-साथ पलायन और बोझ बन चुके संस्थानों से निजात मिल सकेगा।

ट्रांसफॉर्मर बदलने की मांग को ले लोगों ने किया हाईवे जाम

आरा : बिजली विभाग के अधिकारियों की कथित शिथिलता के कारण पीरो नगर के वार्ड संख्या- 10 में दो दिनों से जले ट्रांसफॉर्मर को नहीं बदले जाने से आक्रोशित ग्रामीणों ने आरा- सासाराम स्टेट हाइवे को जामकर रोषपूर्ण प्रदर्शन किया।

भाजपा नेता अमित कुमार वर्मा के नेतृत्व में सड़क पर उतरे विद्युत उपभोक्ताओं ने कहा कि सरकार एक ओर 24 घंटे के अंदर जले ट्रांसफॉर्मर बदल कर विद्युत आपूर्ति बहाल करने का दावा करती है लेकिन यहां पिछले दो दिनों से ट्रांसफॉर्मर जला पड़ा है जिसे बदलने की चिता स्थानीय सहायक विद्युत अभियंता को नहीं है। ठीक यही स्थिति यहां विद्युत आपूर्ति के मामले में है। सरकार चौबीस घंटे बिजली आपूर्ति का दावा करती है पर यहां बमुश्किल आठ दस घंटे ही बिजली मिल पाती है। यह स्थिति विभाग के स्थानीय अधिकारियों की मनमानी की वजह से है।

जाम में शामिल लोग यथाशीघ्र जले ट्रांसफर्मर को बदलने की मांग कर रहे थे। बाद में पीरो पुलिस के हस्तक्षेप के बाद सड़क जाम समाप्त हुआ। सड़क जाम के कारण आरा-सासाराम मार्ग पर दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लगी रही, जिसके कारण आम लोगों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

नदी के बहाव के साथ बह गया किशोर

आरा : शाहपुर थाना क्षेत्र के बिलौटी पंचायत अंतर्गत रंदाडीह गांव के समीप सोमवार की दोपहर छेर नदी में एक किशोर डूब गया। इसकी सूचना समीप के मवेशियों को चराने गए चरवाहों ने दी। बताया जा रहा है कि गांव के ही विनय यादव का पुत्र गौतम कुमार(13) सोमवार को घर से दस बजे के करीब निकला था। स्नान करने के लिए वो जैसे ही नदी में कूदा की गहरे पानी मे चला गया। दूर खड़े चरवाहे उसे बचाने के लिए जबतक नदी तक पहुंचते किशोर नदी के बहाव के साथ बह गया।

ग्रामीणों द्वारा किशोर के शव को खोजने के लिए काफी प्रयास किया गया। लेकिन उसका शव नही मिला। इसके पश्चात ग्रामीणों द्वारा इसकी सूचना अंचलाधिकारी शाहपुर को दी गई। अंचलाधिकारी रवि शंकर सिन्हा द्वारा पेशेवर गोताखोरों को शव की तलाश के लिए भेजा गया हालांकि खबर लिखे जाने तक किशोर के शव को खोजा नहीं जा सका है।

शहीद चंदन के परिजनों से मिल सुशील मोदी ने सौपा 25 लाख का चेक

आरा : सूबे के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी मंगलवार की दोपहर लद्दाख के गलवन में चीनी सैनिकों के साथ लड़ते लड़ते अपने देश की अखंडता के लिए बलिदान देने वाले शहीद चंदन यादव के पैतृक गांव जगदीशपुर के ज्ञानपुरा पहुंचे। उन्होंने इस दौरान शहीद को श्रद्धांजलि देने के उपरांत शहीद की मां धर्मा देवी को राज्य सरकार की ओर से 25 लाख रुपए का चेक भी सौपा । शहीद चन्दन बिहार रेजिमेंट में थे और 15 जून को देश की रक्षा करते हुए शहीद हो गए थे |

डिप्टी मुख्य मंत्री आज पटना से सड़क मार्ग से शहीद के पैतृक गाँव जगदीशपुर के ज्ञानपुरा पहुंचे | शहीद के स्वजन, माता पिता से मिल तथा उन्हें सांत्वना देते हुए डिप्टी मुख्य मंत्री ने आश्वासन दिया कि इस दुःख की घडी में सरकार उनके साथ कड़ी है | उनके आगमन को लेकर भोजपुर जिला प्रशासन ने सारी प्रशासनिक तैयारियां पूरी कर ली थी | भोजपुर जिलाधिकारी रौशन कुशवाहा ने बताया कि जिला कल्याण पदाधिकारी ने शहीद की माँ को ग्यारह लाख का चेक घर पर जाकर दिया है |

उप मुख्य मंत्री सुशील मोदी ने कहा कि बिहार रेजिमेंट पर सरकार को गर्व है | 1857 के प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम के समय भी बिहार रेजिमेंट ने देश की स्वतंत्र के लिए अद्भुत काम किया था | इस दौरान उन्होंने शहीद के शोक संतप्त परिवार से मुलाकात कर उन्हें ढाढस बंधाया। कहा कि चंदन के शहादत पर पूरे राष्ट्र को गर्व है। इस मौके पर कई भाजपा नेता मौजूद थे |