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22 जुलाई : सारण की मुख्य ख़बरें

नेपाल ने छोड़ा 4.4 लाख क्यूसेक पानी, गंडक नदी के तटबंधों का डीएम ने किया निरीक्षण

सारण : नेपाल के वाल्मिकी नगर बराज से 4,40,000 क्यूसेक पानी छोड़ने के कारण गंडक नदी के जलस्तर में अगले कुछ घंटों में वृद्धि की संभावना को देखते हुए मंगलवार को जिलाधिकारी, सारण द्वारा पानापुर, तरैया प्रखंडों के प्रभावित क्षेत्रों/ तटबंधों का निरीक्षण संबंधित अंचल अधिकारियों एवं अनुमंडल पदाधिकारी, मढ़ौरा के साथ किया गया।

बताया गया कि गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि से पानापुर, तरैया, परसा, मकेर, दरियापुर एवं सोनपुर अंचल के कई पंचायत पूर्ण अथवा आंशिक रूप से प्रभावित होने की संभावना रहती है। उक्त के परिपेक्ष्य में सभी आवश्यक तैयारियॉ विभागीय निदेश एवं मानक संचालन प्रक्रिया के अनुरूप की गयी है। जिलाधिकारी के निदेश पर राहत बचाव कार्य के उद्देश्य से एनडीआरएफ की दो टीम जिसमें 41 सदस्य, 06 मोटरबोट, लाईफ जैकेट आदि के साथ पानापुर अंचल के आक्राम्य स्थलों के नजदीक तैनात की गयी है। इसी प्रकार एनडीआरएफ की एक टुकड़ी जिसमें 15 सदस्य है 04 मोटरबोट के साथ सोनपुर में तैनात किया गया है।

जलस्तर में वृद्धि की संभावना को देखते हुए जिलाधिकारी, सारण द्वारा सभी अनुमंडल पदाधिकारियों एवं वरीय पदाधिकारियों को प्रखंड कर्णांकित करते हुए संबद्ध प्रखंडों का सत्त पर्यवेक्षण एवं तैयारियों के अनुश्रवण का निदेश दिया गया है। इस क्रम में अनुमंडल पदाधिकारी, सदर द्वारा परसा एवं मकेर, अपर समाहर्त्ता, विभागीय जाँच द्वारा परसा एवं अनुमंडल पदाधिकारी, सोनपुर द्वारा दिघवारा एवं सोनपुर प्रखंडों के संभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निदेश दिये गये हैं। जिलाधिकारी के द्वारा संबंधित अंचलों यथा पानापुर, तरैया, मकेर, परसा, दरियापुर एवं सोनपुर को पूर्व से चिन्हित शरणस्थलियों पर निचलें इलाकों में बसे लोगों के निष्क्रमण करते हुए सामुदायिक रसोई के संचालन का निदेश दिया गया है।

वर्तमान में पानापुर में प्राथमिक विद्यालय बसहियॉ एवं प्राथमिक विद्यालय कोन्ध तथा तरैया अंचल के मध्य विद्यालय सगुनी में सामुदायिक रसोई आरंभ कर दिया गया है। वही पानापुर अंचल के प्राथमिक विद्यालय सलेमपुर एवं उत्क्रमित मध्य विद्यालय पृथ्वीपुर में अन्य दो सामुदायिक रसोई आज आरंभ किये जा रहे है। उक्त अंचलों में जनसंख्या निष्क्रमण के उद्देश्य से परिचालन हेतु निजी नाव चिन्हित है। वही उपरोक्त अंचलों को जिला पदाधिकारी के निदेशानुसार आवश्यक संख्या में पॉलिथीन सिट्स उपलब्ध करायी जा रही है।

जिलाधिकारी द्वारा 20 जुलाई को निर्गत अलर्ट एवं 21 जुलाई के निरीक्षण में स्वास्थ्य विभाग, पशुपालन विभाग एवं लोक स्वास्थ्य प्रमंडल विभाग को संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी/ अंचल अधिकारी से समन्वय में रहते हुए आवश्यकता अनुसार मानव स्वास्थ्य शिविर, पशु शिविर के संचालन एवं संचालित राहत केन्द्रों पर पेयजल व्यवस्था/ शौचालय आदि की समुचित व्यवस्था का निदेश दिया गया है। वर्तमान में सभी तटबंध सुरक्षित हैं एवं बताया गया है कि जिला प्रशासन किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूर्ण सजग एवं तैयार है।

देह से दूरी कोरोना संक्रमण से बचाव में सबसे कारगर

सारण : कोविड-19 संक्रमण तेजी से फैल रहा हैं। ऐसे में बिहार में लॉकडाउन लागू किया गया है। सरकार और प्रशासन की ओर से इस महामारी को रोकने के लिए लगातार जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने लोगों से अपील करते हुए कहा इस जानलेवा वायरस से बचाव का सबसे आसान तरीका सोशल डिस्टेंसिंग यानी सामाजिक दूरी है। यही वजह है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों को सोशल डिस्टेंस की सलाह दी है। लोगों को भीड़-भाड़ वाली जगह से दूर रहने को कहा गया है। साथ ही किसी से मिलते वक्त कम से कम एक दूसरे से 6 फीट की दूरी बेहद जरूरी है। उन्होने लोगों से अपील की है कि बेवजह घरों से बाहर नहीं निकलें।

ज्यादा जरूरी होने पर हीं अस्पताल आयें। घरों पर रहकर कोरोना से बचाव के लिए बताये गये नियमों का पालन करें। साथ ही उन्होंने कहा कि रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए विटामिन सी विटामिन डी तथा जिंक का सेवन बहुत जरूरी है। इसके लिए फल दूध संतरा नींबू आदि का सेवन किया जाना चाहिए। कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए मांस का उपयोग बेहद जरूरी है। घर से बाहर निकलते समय मास्क का उपयोग करें। कपड़ों से बने मास का उपयोग कारगर साबित होगा।

कोरोना पर लगाम के लिए सोशल डिस्टेंस है जरूरी:

डॉ दिलीप कुमार सिंह ने कहा कि सोशल डिस्टेंस का सामान्य अर्थ लोगों से दूरी बनाए रखना है। अगर बाहर जाते हैं तो लोगों से कम से कम 6 फीट की दूरी बेहद जरूरी है। कोरोना से बचने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय शुरू से ही लोगों को भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचने की अपील करता रहा है। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि भीड़ में यह पता नहीं होता कि कौन इस खतरनाक वायरस से संक्रमित है। अगर किसी को इसका संक्रमण होगा तो दूसरे भी इसकी चपेट में आ सकते हैं। इस स्थिति में संक्रमण बढ़ने का खतरा ज्यादा होता है।सोशल डिस्टेंस का सीधा मकसद यही है कि इस महामारी को बढ़ने से रोकना। अगर ऐसा करने में सफल होते हैं तो इससे स्वास्थ्य प्रणाली पर बोझ कम पड़ेगा। सोशल डिस्टेंस इस बीमारी को रोकने से ज्यादा इसके बढ़ने की दर को कम करने का साधन है, जिससे लोग ज्यादा बीमार नहीं पड़ें। इंफेक्शन कम फैले और बीमारी थम जाए, इसलिए एक-दूसरे से संपर्क में आने से बचने की निरंतर सलाह दी जा रही है।

सर्दी-जुकाम से पीड़ित लोगों से दूरी रखें:

अगर किसी को सर्दी-जुकाम या फिर खांसी की समस्या है तो ऐसे लोगों करीब जाने से परहेज करना चाहिए। इसके साथ ही किसी भीड़ वाली जगह पर कम से कम लोगों से 6 फीट की दूरी जरूरी है।

कोरोना के लक्षण महसूस हों तो जांच कराएं:

इसके साथ ही अगर किसी को भी लगता है कि उन्हें कोरोना वायरस के लक्षण महसूस हो रहे हैं तो जरूरी है कि वो एक बार अपनी जांच जरूरी कराएं। कोरोना वायरस का संक्रमण तभी कम होगा जब आप खुद इसे हराना चाहेंगे। ऐसे में अगर कहीं बाहर जाते हैं तो वहां से घर आने पर हाथ सफाई से धुलें। ज्यादा से ज्यादा सेनेटाइजर्स का इस्तेमाल करें। अपने हाथों से आंख, नाक, मुंह को बार-बार नहीं छुएं।

10 दिनों से मोटर ख़राब, 50 हज़ार से अधिक आबादी परेशान

सारण : शहर के कटहरी बाग महारानी स्थान स्थित पानी का मोटर पिछले 10 दिनों से जला पड़ा है जिससे 50,हजार से अधिक आबादी प्रभावित है इसको लेकर सारण के डीएम को स्थानीय लोगों द्वारा एक आवेदन दिया गया है। जिसमें कहा गया है कि कटहरी बाग महारानी स्थान स्थित पानी टंकी का मोटर पिछले 10 दिनों से जला पड़ा है विभाग को बार-बार कहने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रहा है।

एक तरफ लोग करोना से लड़ रहे हैं तो दूसरी और पानी की संकट से भी लड़ रहे हैं इस दोहरी मार का कई वार्ड के लोग सजा भुगत रहे हैं स्थानीय लोगों की मानें तो इसी पानी टंकी से लोगों की दिनचर्या शुरू होती है मोटर जलने से अब लोग आसपास के चापाकल से पानी भरने को मजबूर है पानी की सबसे अधिक परेशानी महिलाओं और बच्चों को हो रही है स्थानीय लोगों ने डीएम से अविलंब इस पर कार्रवाई करने की मांग की है।

बालू चालान घाट के बजाए एनएच से सटे मकान से काटने को ले सड़क जाम

सारण : लाल बालू चालान घाट काटने को लेकर बुधवार की सुबह 11 बजे रामपुर आमी गांव के सामने ग्रामीणों ने एनएच जाम कर दिया । ग्रामीणों ने जिलाधिकारी, सारण व जिला खनन पदाधिकारी द्वारा घाट पर चालान काटना सुनिश्चित नहीं कराएँगे तब तक नहीं हटने पर अडिग रहे।

बताते चलें कि बालू भंडारण की अनुज्ञप्ति जनवरी से दिसम्बर तक वैध है और एनएच 19 के सटे ईशुपुर नवलटोला अनुज्ञप्ति धारक चालान काटते हैं । जबकि पंचायत मुखिया, प्रखंड प्रमुख प्रतिनिधि व पूर्व मुखिया राकेश कुमार सिंह सहित रामपुर आमी निवासियों का कहना है कि एनएच जाम की समस्या चालान है और अब ग्रामीण सड़कें भी भारी वाहनों के परिचालन से गड्ढे में तब्दील हो रही है।

इस संबंध में पंचायत मुखिया, उप मुखिया, सरपंच व ग्रामीणों ने गत् 8 जुलाई को जिलाधिकारी, सारण को आवेदन पत्र दिया था ,किंतु प्रशासनिक स्तर से कोई पहल नहीं हुई । पुनः प्रखंड प्रमुख प्रतिनिधि व पूर्व मुखिया राकेश कुमार सिंह ने गत् 19 जुलाई को जिलाधिकारी, सारण को पत्र लिखा था ,जिसमें एक व्यक्ति की मौत बालू से भरी ट्रक से होने की चर्चा करते हुए पहल की मांग की दी। इस बाबत जिलाधिकारी ने विभागीय पदाधिकारी को निदेशित किया था ,लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। बहरहाल बुधवार को लोगों ने एनएच जाम कर दिया ।

बाइक, साइकिल आदि चल रहे हैं, किंतु टेम्पो, ट्रकों व ट्रैक्टरों का आना जाना ठप्प है। समाचार प्रेषण तक कोई पदाधिकारी जाम स्थल पर नहीं पहुंच पाया था । सोनपुर एसडीएम शंभु नाथ पांडेय से दूरभाषीय संपर्क स्थापित करने की कोशिश की गई किंतु स्वीच आॅप बताया जा रहा था । दिघवारा अंचलाधिकारी प्रवीण कुमार सिंहा का भी मोबाइल स्वीच आॅफ बता रहा था । जिला खनन पदाधिकारी जेपी सिंह ने दूरभाषीय संपर्क स्थापित करने पर बताना कि वे आ रहे हैं, किंतु अब तक नहीं आ पाए थे। उन्होंने मोबाइल फोन बताया कि यह बालू व्यवसायियों के अहम् का मामला हैऔर जाम का मुख्य कारण यही है। नियम क्या है?

बोले डीएमओ, सारण ” खनन स्थल व भंडारण स्थल की अनुज्ञप्ति जनवरी से दिसम्बर तक वैध है । खनन स्थल से नावों का चालान कटता है और भंडारण स्थल से बालू लोडिंग का। पूर्व से ही ईशुपुर नवलटोला के सामने एनएच पर कट रहा है, जेपी सिंह ,जिला खनन पदाधिकारी, सारण

अनियंत्रित हाइड्रा गड्ढ़े में पलटा

सारण : सोनपुर अनुमंडल अन्तर्गत नयागांव थानाक्षेत्र के गोपालपुर गांव के समीप बुधवार को एनएच-19 पर एक तेज रफ्तार से आ रही स्कॉर्पियो के चकमे से एक हाइड्रा सड़क किनारे गड्ढ़े में पलट गया।

इस घटना में हाइड्रा का ड्राइवर बाल-बाल बच गया उसे मामूली चोटें आई। वही इस बाबत हाइड्रा के चालक ने बताया कि घटना के उपरांत उल्टे स्कॉर्पियो पर सवार लोगों ने उसकी पिटाई कर दी।

चालक की पिटाई देखकर जब आसपास ग्रामीणो की भीड़ मौके पर पहुंच गया । ग्रामीणों की भीड़ बढ़ता देख स्कॉर्पियो सवार भाग निकले। हाइड्रा के गड्ढे में चले जाने के बाद थोड़ी देर के लिए सड़क जाम की स्थिति बनी रही।

राणा परमार अखिलेश