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21 मई : सारण की मुख्य ख़बरें

डीएम ने क्वारंटाइन केंद्रों का किया निरीक्षण

सारण : जिलाधिकारी ने प्रखड के सभी क्वांरेंटाइन केन्द्रो का निरीक्षण किया जहा डीएम ने प्रतिनियुक्त पदाधिकारियो को प्रवासियों के लिए प्रदत्त हर संभव व्यवस्था का निर्देश दिया। डीएम द्वारा प्रखंड के सभी क्वारेंटाइन सेंटर पर मैनू के अनुसार खाना दरी आदि का व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया।

प्रखंड में बने क्वारेंटाइन सेंटर का डीएम ने बुधवार को निरीक्षण के दौरान व्यवस्था को ठीक करने का निर्देश दिया। जानकारी के मुताबिक बनियापुर प्रखंड के उच्च विद्यालय कोल्हुंआ का निरीक्षण करने के बाद डीएम सूब्रत कुमार सेन के द्वारा उमापांडे प्रोजेक्ट उच्च विद्यालय के क्वारेंटाइन सेंटर तथा मध्य विद्यालय पैगम्बरपुर तथा बलुआं सहित लगभग आधा दर्जन से अधिक का निरीक्षण किया। जहां व्यवस्था की जानकारी ली।

डीएम के द्वारा क्वारेंटाइन सेंटर पर सभी प्रवासियों के मैनू के अनुसार खाना खिलाने तथा सभी को दरी बिछावन की व्यवस्था करने का निर्देश दिया। डीएम के द्वारा यह भी निर्देश दिया गया की समुचित व्यवस्था के बाद इसकी सूचना आज रात तक उपलब्ध कराई जाए।

निरीक्षण के दौरान सारण एसपी हरकिशोर राय, मेडिकल टीम में चिकित्सा प्रभारी एपी गुप्ता, बीडीओ सुदामा प्रसाद सिंह, सीओ स्वामी नाथ राम, बनियापुर थाना अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह, तथा सहाजितपुर थाना अध्यक्ष संजय प्रसाद सहित अन्य अधिकारी भी शामिल थे।

कोरोना योद्धा किया गया सम्मानित

सारण : राष्ट्र सृजन अभियान के तहत बुधवार को कोरोना कर्मवीर योद्धा के रूप में मांझी थानाध्यक्ष नीरज मिश्रा को अंग-वस्त्र व प्रशस्ति -पत्र देकर सम्मानित किया गया। वहीं अन्य पुलिस कर्मियों को भी अंग वस्त्र प्रदान किये गए। इस मौके पर राष्ट्र सृजन अभियान के प्रमंडलीय संयोजक मनोज प्रसाद ने कहा कि कोरोना काल मे जहां पूरे देश व विश्व के लोग संकट झेल रहे हैं।

वहीं पुलिस, प्रेस, डॉक्टर व अन्य कर्मी ईमानदारी से अपनी ड्यूटी कर रहे हैं। अतः आप सभी निश्चित रूप से सम्मान के हकदार हैं। इस अवसर पर मीडिया प्रभारी आशीष मिश्रा, जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह समाज, जिला सचिव पंकज सिंह, प्रखंड अध्यक्ष अरविंद सिंह, युवा मोर्चा के सचिव मैथिली शरण शुक्ला, फतेह खान आदि मौजूद थे।

सूरत से 1205 प्रवासियों को ले कर पहुंची श्रमिक स्पेशल ट्रेन

सारण : सूरत से श्रमिक स्पेशल ट्रेन बुधवार को छपरा जंक्शन पहुंची। जिसमें कुल 1205 प्रवासी आये। छपरा जंक्सन पर जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के द्वारा ट्रेन से आये श्रमिक बंधुओं की आगवानी की गयी। इसके बाद बारी-बारी से लोगो के उतरने का सिलसिला शुरू हुआ। लोगों ने अपने धैर्य का परिचय दिया और सभी प्रक्रियाओ का समुचित रूप से पालन किया। प्लेट फार्म पर हीं लोगों को और उनके बैग या थैले को सैनिटाइज किया गया। इसके लिए टीम लगी हुयी थी।

प्लेटफार्म से बाहर निकलने पर सभी की स्क्रीनिंग की गयी जिसके लिए 14 काउण्टर बनाये गये थे और सभी काउण्टर पर दो-दो प्रशिक्षित चिकित्सा कर्मी लगाये गये थे। इसके बाद सभी लोगों को जिला प्रशासन द्वारा तैयार कराये गये फुड पैकेट्स और पानी का बोतल दिया गया। बच्चों को अलग से बिस्कीट, टाॅफी और कुरकुरे का पैकेट दिया गया, तत्पष्चात् लोगों को उनके गंतब्य के जिलों में बसों के माध्यम से भेज दिया गया। जंक्शन पर काफी अच्छी व्यवस्था की गयी थी, छपरा जंक्शन को फुलों और गुब्बारों से सजाया गया था।

प्रवासी यात्री छपरा पहूॅच कर काफी खुश दिखे। आगंतुकों के द्वारा यहाॅ की गयी व्यवस्था को काफी अच्छा बताया गया। टेªन से आए 1205 प्रवासियों में 458 गोपालगंज, 303 सिवान, 196 छपरा, 179 पूर्वी चम्पारण, 51 मुजफ्फरपुर जिला के निवासी प्रमुख रूप से थे। इस अवसर पर जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने कहा कि आये हुए सारण जिला के सभी लोगों को उनके गृह प्रखंड में बनाये गये क्वेरेंटीन कैम्प में भेजा जा रहा है। वहाँ सभी लोगो को डिग्निटी किट उपलब्ध कराया जाएगा। इन कैम्पों में सुबह में नाष्ता और दो बार का भोजन ससमय उपलब्ध कराया जाएगा। इन कैम्पो में मनोरंजन के लिए टेलीविजन (एलसीडी) भी लगाया गया है तथा सुबह-शाम योगाभ्यास भी कराया जा रहा है। दूसरे जिले के लोगों को बसों के द्वारा उनके जिला भेजा जा रहा है।

उत्तर प्रदेश से आ रहे लोगों को भाजपा उपलब्ध करा रही भोजन

सारण : बिहार एवं उत्तर प्रदेश के सीमा के रास्ते उत्तर प्रदेश राज्य से पैदल चल कर आ रहे प्रवासी श्रमिक मजदूरों को महाराजगंज सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल के दिशा निर्देश पर भाजपा युवा नेता राणा प्रताप सिंह उर्फ डब्लू सिंह सौजन्य से जय प्रभा सेतु पर विगत कई दिनों से प्रतिदिन लगभग दो हजार राहगीरों को भोजन,पानी एवं यथासंभव जरूरतमंद मदद पहुंचाया जा रहा है। साथ ही साथ प्रवासी श्रमिक भाइयों को अपने स्वास्थ परीक्षण ,होम कोरेण्टाइन ,मास्क प्रयोग, सेनेटाइजर प्रयोग एवं लॉक डाउन अनुपालन से सम्बंधित बातें भी बतायी जा रही हैं।

भाजपा युवा नेता डब्ल्यू सिंह ने बताया कि इस समय देश जिस कोरोना जैसे बीमारी के संकट से लड़ रहा है इसमें देश के हर व्यक्ति की जिम्मेदारी बनती है कि देश के साथ इस मुसीबत के समय न किसी राजनीतिक सोच,न किसी मंच एवं न ही किसी विचार के साथ बल्कि सिर्फ और सिर्फ प्रवासियों के पीड़ा एवं राष्ट्रहित को ध्यान में रखकर ही काम करने की आवश्यकता हैं। उन्होंने बताया कि मेरे साथ इस कार्य में जिले के विभिन्न सामाजिक संगठन एवं सामाजिक कार्यकर्ता भी मेरा भरपूर सहयोग कर रहे हैं उन सब का मैं आभार प्रकट करता हूं एवं प्रयास है कि यह कार्य निरंतर जारी रहे और हम सब जल्द से जल्द कोरोना बीमारी के संक्रमण बढ़ने से रोकें।

जदयू जिला अध्यक्ष ने क्वारंटाइन केंद्र का किया निरीक्षण

सारण : जिले के माझी विधान सभा के सभी क्वारेंटाइन सेंटरों पर जदयू के जिला महिला अध्यक्ष माधवी सिंह ने निरीक्षण कर प्रवासियों का हाल पता पूछा।उन्होंने बाहर से आए प्रवासियों को कुशलक्षेम में बाद एक-एक प्रवासी को हर संभव सरकारी मानदण्ड के अनुरूप मदद पहुंचाने का आश्वासन दिया।

उन्होनो बताया कि आज इस कोरोना वैश्विक महामारी में एक तरफ देश दुनिया में तबाही मची हुई है। वही हमारे राज्य के मुखिया नीतीश कुमार इस आपदा की घड़ी में अपने बिहार के सभी जनता जनार्दन के साथ कदम में कदम मिलाकर सहयोग करते कोरोना से लड़ने का आह्वान कर रहे है।वही कोरोना की लड़ाई में अपने राज्य के प्रवासियो को हर सनभव मदद का भरोसा दिया है। कोरोना हारेगा, देश जीतेगा।

उन्होंने जिलाध्यक्ष ने बताई कि विधान सभा स्तर पर लॉकडाउन से ही जरूरतमन्दों के बीच खाद्यान सहित राहत सामग्री का वितरण किया जा रहा है। वही कार्यलय स्थित कैम्प निरन्तर चल रहा है जंहा शिविर में प्रवासियों सहित इलाके के जरूरतमन्द लाभान्वित ही रहे है। उन्होंने प्रवासियों के बीच क्वांरेंटाइन सेंटरों पर मास्क साबुन सेनेटाइजर का वितरण किया।

वही मौके पर उन्होंने बताया की जिला स्तर जदयू के सभी सिपाही इस आपदा की घड़ी जिला के प्रवासियों जरूरतमन्दों की मदद में लगे हुए है। जरूरत है सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर घरो में सुरक्षित रहे। सरकार के गाइडलाइन का पालन करना करना है।

राशन कार्ड सर्वे में गरीबो को शामिल नहीं करने कि की शिकायत

सारण : नगर निगम वार्ड 30 की पार्षद नाज़िया सुल्ताना ने जिला पदाधिकारी और नगर आयूक्त को आवेदन देकर राशन कार्ड सर्वे में गरीब लोगों का सर्वे छोड़ देने की शिकायत की है।

दिए गए आवेदन में पार्षद नाज़िया सुल्ताना ने कहा है की वार्ड 30 से 488 लोगो का आवेदन पत्र विभाग द्वारा लिया गया था मगर विभाग द्वारा इस वार्ड के सैकड़ो वइसे गरीब जो राशन कार्ड के गाइडलाइन के अनुसार अहर्ता रखते है जिनमे विकलांग विधवा ठेला चालक दैनिक मजदूरी पर कार्य करने वाले मजदूर प्लम्बर मिस्त्री ड्राइवर सिलाई करने वाले सब्जी बेचने वाले दुसरो के दुकान पर काम करने वाले और फुटपाथी दुकानदार शामिल है इनका भी फार्म जानबूझ कर अपलोड नही किया गया है और इन गरीबो को भूखे रहने को विवश कर दिया गया है। अतः प्रसाशन से मांग की गई है कि जल्द से जल्द छुटे हुवे लोगो का भी राशन कार्ड बना कर दिया जाए जिससे कोई भी व्यक्ति भूखा न सोए।

इस संदर्भ में न्याय फाइटिंग फ़ॉर द पिपुल के संस्थापक महासचिव मो सुल्तान हुसैन इदरीसी ने कहा कि सरकार एक तरफ 2 महीनों से राशन कार्ड बनाने की सिर्फ घोषणा ही कर रही है कभी एक हफ्ता में कभी पंद्रह दिन में और कभी रिजेक्ट आवेदन की जांच कर कार्ड निर्गत करने की बात कर रही है जबकि वास्तविकता ये ही है कि सरकार सिर्फ बेवकूफ बनाने का काम कर रही है धरातल पर अभी तक एक व्यक्ति को राशन कार्ड नही मिला है। सरकार अगर जल्द से जल्द इसपे कार्यवाई नही करती तो फिर हम लोग आंदोलन करेंगे जिसकी जवाबदेही सरकार की होगी।

दूरभाष के माध्यम से ली जाएगी सभी गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य संबंधी जानकारी

सारण : कोरोना संकटकाल के बीच मातृत्व स्वास्थ्य सेवाओं को व्यवस्थित एवं सुदृढ करने के मकसद से राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने सभी जिला पदाधिकारी व सिविल सर्जन को पत्र लिखकर आवश्यक निर्देश दिया है। पत्र में कहा गया है कि राज्य सरकार के समाज कल्याण विभाग द्वारा आंगनबाड़ी द्वारा कॉमन एप्पलीकेशन सॉफ्टवेयर के माध्यम से संकलित डाटा जिलावार व प्रखंडवार एवं आंगनबाड़ी केंद्रवार बांट कर सभी जिलों को भेजा गया है। जिसमें हर जिले में अगले तीन माह के दौरान अपेक्षित प्रसव की जानकारी दी गयी है। साथ ही आरसीएच पंजी में भी गर्भवती महिलाओं के संबंध में आवश्यक जानकारी दी गयी है। ऐसे में उनके लिए जरूरी सुविधाओं की व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग को करना है।

गर्भवती महिलाओं का लिया जाएगा मोबाइल नंबर:

पत्र में कहा गया है आशा एवं आंगनबाड़ी सेविका की मदद से सभी गर्भवती महिलाओं जिनका प्रसव का समय अगले तीन माह में अपेक्षित है उनका मोबाइल नंबर एवं पता की जानकारी गृह भ्रमण कर एकत्रित कराया जाये तथा इससे स्वास्थ्य संस्थान स्तर पर संकलित किया जाये। दूरभाष के माध्यम से सभी गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी जानकारी नियमित रूप से प्राप्त की जाये।

गंभीर गर्भावस्था में विशेष निगरानी:

गंभीर गर्भावस्था वाली महिलाओं की विशेष निगरानी के निर्देश दिए गए हैं एवं संबंधित आशा व एएनएम को प्रसव की तारीख से एक सप्ताह पूर्व से लगातार हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं के घर प्रतिदिन भ्रमण करने एवं उनको ईडीडी(एस्टीमेटेड डिलीवरी डेट) के कम से कम तीन दिन पूर्व अस्पताल में लाकर प्रसव के लिए आवश्यक व्यवस्था कराने में सहयोग करने के विषय में निर्देशित किया गया है। इसकी पूरी जानकारी पूर्व में ही अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों एवं अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को देने की बात बताई गयी है।

कोरोना संक्रमित गर्भवती के लिए अलग वार्ड:

पत्र में बताया गया है कि अगर किसी गर्भवती महिला को कोविड 19 संक्रमण के लक्षण हो, ट्रेवल हिस्ट्री के आधार पर लक्षण दिखते हों या कोविड पॉजिटिव के साथ कॉनटैक्ट हिस्ट्री हो एवं स्क्रीनिंग के दौरान इनकी जांच नहीं हो पायी है तो प्रसव के दौरान सभी संलग्न स्वास्थ्य कर्मी भारत सरकार द्वार बताये गये इंफेक्शन प्रीवेंशन एंड कंट्रोल गाइडलाइन में निहित प्रावधान का अनुसरण करना है। उक्त गर्भवती माताओं के प्रसव के लिए अस्पताल के अलग कमरे को चिन्हित कर एक लेबर टेबल और एक बेड तैयार रखा जाये। इन गर्भवती माताओं के प्रसव कार्य में कम से कम चिकित्सा कर्मियों का उपयोग किया जाये और जब तक उक्त मरीज का कोविड जांच निगेटिव नहीं आ जाये तब तक संक्रमण से सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रसव कक्ष का उपयोग अन्य चिकित्सीय कार्य में नहीं किया जाये। चिकित्साकर्मी भी मरीज के निगेटिव रिजल्ट आने तक क्वारेंटाइन में रहेंगे। प्रसव के बाद संस्थान में कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार को रोकने के उद्देश्य से प्रसव गृह , ऑपरेशन थियेटर एवं वार्ड को अच्छी तरह सैनिटाइज कराना सुनिश्चित करेंगे।

पोर्टल पर अपलोड करने का निर्देश:

प्रसव संबंधी कार्य को संजीवनी व ई जननी पोर्टल पर प्रविष्टि की जाये ताकि किये गये कार्रवाई एवं प्रगति से मुख्यालय को अवगत कराया जा सके। इस पत्र के साथ स्वास्थ्यकर्मियों के लिए एडवाइजरी भी भेजी गयी है। एडवाइजरी को प्रमुखता से अस्पताल के दीवारों पर लगाया जाना है और इसमें दी गयी जानकारी का व्यापक प्रचार प्रसार भी करना है।

दिये गए ये निर्देश:

• किसी गर्भवती महिला में कोविड 19 के लक्षण पाये जाने पर जाँच के बाद सरकारी स्वास्थ्य संस्थान के आइसोलेशन वार्ड या डेडिकेटेड कोविड हॉस्पीटल के रूप में चिन्हित चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में उपचार एवं प्रसव के लिए भेजा जाये.

• एक्सपेक्टेड डिलेवरी डेट के एक सप्ताह पूर्व से ही सभी गर्भवती महिलाओं का निरंतर अनुश्रवण दूरभाष के माध्यम से किया जाये ताकि ससमय उनको प्रखंड स्तर पर उपलब्ध एंबुलेंस अथवा अन्य वाहनों से स्वास्थ्य संस्थानों पर प्रसव हेतु लाया जा सके।

• एंबुलेंस व स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध वाहन गर्भवती महिलाओं को उपलब्ध नहीं कराये जाने की स्थिति में पूर्व में ही प्राइवेट वाहन को टैग कराया जाये। निजी वाहन से गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य संस्थानों में लाने की स्थिति में गर्भवती महिलाओं को जननी बाल सुरक्षा योजना की राशि के साथ परिवहन के लिए 500 रुपये का भुगतान किया जाये।

• लॉकडाउन के दौरान गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व जांच व संस्थागत प्रसव के लिए अस्पताल जाने के समय में आवागमन में परेशानी नहीं हो इसके लिए अस्पताल भ्रमण के दौरान एमसीपी कार्ड रखने का निर्देश दिया जाये।

एबीवीपी ने एसटीइटी रद्द करने को बताया दुर्भाग्यपूर्ण

सारण : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद बिहार ने माध्यमिक शिक्षक पत्रता परीक्षा रद्द करने के निर्णय को दुर्भाग्यपूर्ण व आत्मघाती कदम ठहराया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने मा• राज्यपाल, मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री व बिहार बोर्ड अध्यक्ष को पत्र लिखकर तुरंत पुनर्विचार का आग्रह किया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश मंत्री व जेपीयू की सीनेट सदस्य सुश्री लक्ष्मी कुमारी ने कहा कि STET परीक्षा की पूरे धटनाक्रम के अध्ययन हेतु अभाविप ने एक आंतरिक अध्ययन दल गठित किया था।अध्ययन दल के रिपोर्ट के अनुसार BSEB के द्वारा रिजल्ट प्रकाशित होने के समय अचानक से परीक्षा रद्द किया जाना खुद BSEB, शिक्षा विभाग एवं बिहार सरकार के ही ऊपर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है।
जिन्हें हम निम्नलिखित बिन्दुओं से समझते हैं

(1) Bihar STET 2019 की परीक्षा के लिए जब नोटिफिकेशन निकला तो लगभग चार पन्नों में सारी जानकारी, क्रमशः एवं वारिकी से लिखा हुआ था । इसके अतिरिक्त किसी भी तरह के कन्फ्यूजन को दूर करने के लिए बोर्ड ने ई-मेल एवं मोबाइल नम्बर जारी किये हुए थे
(2) 28 जनवरी को जब एग्जाम लिया गया तो सभी सेन्टर पर त्रीस्तरीय जांच की व्यवस्था की गई।

(3) प्रत्येक परीक्षा हॉल में जैमर (इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जैसे फोन, ब्लूटूथ के प्रयोग को रोकने वाला यंत्र) लगाया गया ।
(4) जूता चप्पल घड़ी एवं बेल्ट बच्चे को गेट के बाहर ही खुलवा दिया गया

(5) एक बेंच पर केवल दो परीक्षार्थी को बैठाया गया
(6) परीक्षा के संपूर्ण समय काल का वीडियो रिकॉर्डिंग किया गया।
(7) जिस सेंटर पर बच्चे परीक्षा का बहिष्कार किए थे या फिर देर से जाने के कारण गेट लॉक कर दिया गया था उन सेंटरों पर पुनः परीक्षा फरवरी में ले ली गई।
(8) सभी विषय के प्रश्न सिलेबस से ही थे चुंकि बोर्ड ने पहले ही मुख्य विज्ञापन में सूचित कर दिया था कि निर्देश विषय से ही प्रश्न रहेंगे।
जैसे सामाजिक विज्ञान का प्रश्न सामाजिक विज्ञान से ही था उसमें गणित या अंग्रेजी के प्रश्न नहीं थे। इसके अतिरिक्त
सामाजिक विज्ञान सहित सभी विषय के प्रश्न का स्तर बिहार टेक्स्ट बुक या उसी पेटर्न पर आधारित ही थे।
(9) फरवरी के परीक्षा के बाद कभी भी किसी भी न्यूज़ पेपर में या किसी छात्र संगठन या किसी परीक्षार्थी के समूह द्वारा परीक्षा का निम्न स्तर पर भी, ना तो बहिष्कार किया गया और ना ही रद्द करने की मांग की गई
(10) दोनों परीक्षा का बारी बारी से शिक्षा विभाग एवं परीक्षा समिति के द्वारा आंसर शीट जारी किया गया एवं आंसर पर आपत्ति की तिथियां निकाली गई ।
(11) परीक्षा समिति के अध्यक्ष द्वारा 15 मई तक हर हाल में रिजल्ट घोषित करने की बात कही है

फिर अचानक से 16 मई को 4 सदस्य टीम के बारे में जानकारी देते हुए परीक्षा को रद्द करने की बात कही गई। जबकि परीक्षा समाप्त होने के बाद बोर्ड अध्यक्ष के द्वारा यह साफ तौर पर कहां गया कि ना तो कहीं पर परीक्षा का पर्चा लीक हुआ था और ना ही परीक्षा में किसी भी प्रकार का भ्रष्टाचार हुआ तो फिर क्या मजबूरी आई बिहार बोर्ड और बिहार सरकार को जो “अपरिहार्य कारणों” से परीक्षा को रद्द करना पड़ा ?

आखिर क्यों ?

● STET एग्जाम कैंसिल के मामले में माननीय हाई कोर्ट का डिसिशन जब 22 मई को आना था तो कोर्ट के डिसिशन से पहले एग्जाम कैंसिल का डिसिशन बोर्ड़ के द्वारा क्यों?
● स्कूल में नए बहाली को रोकने का प्रयास क्यों?
● बिहार के 2950 नये हाई स्कूल में 9वीं की पढ़ाई इस सेशन 2020 से ही शुरू करने का सरकार के द्वारा आदेश , तो बिना शिक्षक बहाली के नए स्कूल में पढ़ाई कैसे??
● प्राथमिक को मध्य, मध्य को हाई तथा हाई स्कूल को इंटर स्कूल में उत्क्रमित करने का आदेश, बिना शिक्षक बहाली के पढ़ाई कैसे?
● लॉक डाउन के कारण लाखों बेरोजगार युवकों को बिहार में ही रोजगार मिल जाता लेकिन शिक्षक बहाली रोकना आखिर क्यों??
● हाई स्कूल में रिटायर्ड शिक्षक से पुनः सेवा लेना क्यों जरूरी? कम से कम उतना नये युवकों को रोजगार मिल सकता ।
● उच्च शिक्षा जैसी बर्बादी का षड्यंत्र प्राथमिक शिक्षा में भी क्यों?
● शिक्षा का राजनीति करण क्यों?
● प्राथमिक, मध्य, हाई,एवम इंटर स्कूल में शिक्षकों की बहाली कब तक ?

लक्ष्मी ने कहा, सरकार से विनम्र निवेदन है की STET की परीक्षा रद्द करने का निर्णय गलत था। इसलिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का सुविचारित मत है कि सरकार इस निर्णय पर पुनर्विचार करें। क्योंकि जब कोर्ट का निर्णय 22 को आना था तो निर्णय के पूर्व रद्द किया जाना कोर्ट की अवमानना भी है। इस निर्णय से कई प्रश्न खड़े होते हैं की आखिर किन लोगो, पदाधिकारियों को लाभ पहुंचाने का प्रयास हो रहे हैं।प्रदेश मंत्री लक्ष्मी ने कहा कि बिहार शिक्षा व्यवस्था भ्रष्टतंत्र के आगे नतमस्तक हो गई है जिसका परिणाम है कि लाखों युवाओं के भविष्य की परवाह किये बिना परीक्षा रद्द करने का आत्मघाती निर्णय लिया गया।

लक्ष्मी के कहा आठ वर्षों के बाद STET की परीक्षा आयोजित हुई। ढाई लाख से अधिक अभियर्थियों ने आवेदन दिया। प्रदेश के बेबस-लाचार युवाओं को उनके बदहाली पर छोड़ने के लिए परीक्षा रद्ध करने का निर्णय हुआ। उन्होंने कहा सुनियोजित तरीके से एक तरफ 34000 पदों पर शिक्षकों की बहाली को लेकर अधिसूचना जारी की गई तो वही दूसरी ओर STET की परीक्षा रद्द किया गया। इस पर प्रकरण में गहरी साजिश प्रतीत हो रही है। सरकार निर्णय पर पुनर्विचार करें अन्यथा इस लॉक डॉन के समय विद्यार्थी परिषद रचनात्मक दृष्टि से विचार करते हुए नहीं चाहती है कि आंदोलन खड़ा कर कोई नया समस्या उत्पन्न हो। यदि सरकार पुनर्विचार नही करती तो अभाविप के कार्यकर्ता आंदोलन करने को बाध्य होंगे। परीक्षा रद्द होने के विरूद्ध 23 मई को अभाविप काला दिवस मनायेगी ।