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बिहार अपडेट मधुबनी

20 मई : मधुबनी की मुख्य ख़बरें

पानी भरे गड्ढे में डूबने से दो सगी बहनों समेत चार किशोरियों की मौत

मधुबनी : बेनीपट्टी प्रखंड की विशनपुर पंचायत में चार किशोरियों की पानी से भरे गड्ढे में डूबने से मौत हो गई है। सभी की उम्र 13-14 वर्ष बताई जा रही है। बताया जाता है कि बुधवार दोपहर भंगीटोल गांव की ये किशोरियों मिट्टी काटने गई थीं। इस दौरान पैर फिसलने से एक-एककर चारों पानी से भरे गड्ढे में गिर गईं। जेसीबी से खोदा गया गड्ढा काफी गहरा था। इस कारण सभी इसमें डूबती चली गईं। इसमें दो बहनें हैं। चारों के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

बेनीपट्टी के भंगिडीह गांव में डूबने से दो जुड़वां बहनों के साथ कुल चार बच्चियों की मौत हो गयी है। पुलिस सभी शव को पोस्टमार्टम के लिए मधुबनी भेज दिया है। पूरे गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है। मिली जानकारी के अनुसार भंगिडीह के सुजीता कुमारी, ज्योति कुमारी, राखी कुमारी व कल्पना कुमारी की मौत डूबने से हुई है।

बच्चों एवं किशोरों को तनाव से मुक्ति के लिए आईसीडीएस करेगा सहयोग

मधुबनी : महिला एवं विकास मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देश का किया जाएगा अनुपालन, महिला पर्यवेक्षिका एवं आंगनबाड़ी सेविका माता-पिता को करेंगी जागरूक। बच्चों में तनाव जनित प्रतिक्रिया की पहचान करना जरुरी, बच्चों के मस्तिष्क में चल रहे भय को जाने।

कोविड-19 के कारण दैनिक दिनचर्या में अचानक से व्यवधान आया है एवं सामान्य जीवन शैली की वापसी को लेकर अनिश्चितता बनी हुयी है. ऐसे प्रतिकूल माहौल में लोगों के मन में भय एवं तनाव का आना स्वाभाविक है. इसके कारण बच्चों एवं किशोरों को भी मानसिक तनाव का सामना करना पड़ रहा है. इन हालातों के मद्देनजर आईसीडीएस ने भी महामारी के दौरान बच्चों एवं किशोरों की विशेष देखभाल किये जाने की जरूरत पर बल दिया है।

इसको लेकर आईसीडीएस के कार्यपालक निदेशक आलोक कुमार ने सभी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को पत्र लिखकर इस संबंध में जानकारी दी है. पत्र में बताया गया है कि बच्चों एवं किशोरों को तनाव से बचाने के लिए महिला एवं विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव द्वारा पूर्व में ही दिशानिर्देश जारी किया गया था. इसी दिशानिर्देश का अनुपालन करते हुए राज्य में भी आवश्यक कार्रवाई करने की जरूरत है. इसके लिए इस दिशानिर्देश को सभी महिला पर्यवेक्षिका एवं आंगनबाड़ी सेविका को भेजने के भी निर्देश दिए गए हैं ताकि वे माता-पिता को इसके विषय में जागरूक कर सकें.

बच्चों के लिए माता-पिता की उपलब्धता है जरुरी:

महिला एवं विकास मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देश के अनुसार कोरोना संकटकाल में बच्चों द्वारा माता-पिता के ध्यान की अतिरिक्त अपेक्षा एवं अपनी चिंता, भय एवं प्रश्न के संबंध में जानने की इच्छा हो सकती है. इसलिए यह जरुरी है कि बच्चे आशवस्त हो सकें कि कोई उनकी बात सुनने वाला है. इस बात का माता-पिता को विशेष ध्यान रखने की जरूरत है कि वे अपने बच्चे एवं किशोर से नियमित तौर पर बात करें एवं उनके प्रश्नों का जवाब भी दें. माता-पिता कोशिश करें कि जानकारी इस प्रकार से सज्जा की जाए कि बच्चे उसे आसानी से समझ सकें. रोचक रूप से वास्तविक जानकारी विस्तार से बच्चों को समझाना चाहिए. साथ ही बच्चों को यह जरुर एहसास दिलाएं कि वे सुरक्षित हैं. इससे बच्चे के दिमाग में चल रहे तनाव में कमी आएगी.

बच्चे पहले से क्या जानते हैं, यह जरुर पता करें:

कोरोना संकटकाल में कई तरह की भ्रामक जानकारियाँ सोशल मीडिया पर फैली है. इसलिए माता-पिता यह जरुर सुनिश्चित करें कि बच्चे पहले से क्या जानते हैं. बच्चे से सवाल पूछकर इसके बारे में पता लगायें. साथ ही गलत जानकारी मिलने पर उन्हें धैर्यपूर्वक वास्तविक जानकारी दें.

भ्रामक जानकारी से बच्चे को दूर रखें:

यह संभव है कि बच्चे सोशल मीडिया में फैलाई जा रही जानकारी से डरने लगें. इसलिए यह ध्यान रखें कि बच्चे समाचार या सोशल मीडिया की जगह रोचक कहानी या सीरियल ही देखें. ऐसी परिस्थिति में बच्चे के मन में कोरोना संक्रमितों को लेकर किसी समुदाय विशेष या व्यक्ति के प्रति नफरत की भावना आ सकती है. इसलिए उन्हें समझाएं कि इसके लिए कोई समुदाय विशेष या व्यक्ति ज़िम्मेदार नहीं है. साथ ही बच्चे को यह जरुर समझाएं कि ऐसे वक़्त में तनाव होना एक सामान्य प्रक्रिया है.

बच्चों एवं किशोरों में तनाव जनित प्रतिक्रिया को ऐसे पहचाने:

• छोटे बच्चों का अधिक रोना या चिढ़ना
• बच्चों का विस्तर पर ही मल-मूत्र का त्याग करने लगाना
• अत्यधिक चिंता एवं उदासी
• किशोरों में चिडचिडापन का बढ़ जाना
• जिन गतिविधियों में बच्चों का मन लगता था उससे दूर भागना
• किशोरों द्वारा शराब, तम्बाकू या अन्य दवाओं का सेवन करने लगना
• बच्चों एवं किशोरों में अस्पष्ट सिरदर्द या शरीर में दर्द होना

चीनी मिल चालू करने की विधायक ने उठाई मांग

मधुबनी : बंद पड़े लोहट चीनी मिल को चालू करने के लिए मधुबनी विधायक समीर महासेठ ने सरकार से मांग उठाई है। उन्होंने सरकार से इस विषय को गंभीरता से लेने की बात कही। मिल के चालू होने से न केवल जिले के गन्ना किसानों की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी बल्कि कोरोना संकट में मधुबनी लौटे मजदूरों को भी जीविका के नए अवसर प्राप्त होंगे।

ज्ञात हो की दरभंगा सुगर कंपनी के तहत वर्ष 1914 मैं स्थापित लोहट चीनी मिल वर्ष 1996 से बंद पड़ी है वर्ष 2012 में नीतीश सरकार द्वारा इसे चालू करने की दिशा में पहल की गई लेकिन सरकार के दृढ़ इच्छाशक्ति के अभाव में इसे अभी तक चालू नहीं किया जा सका। बिजली उत्पादन के लिए पावर हाउस वाले इस मिल को150 एकड़ में कृषि फार्म, 75 एकड़ में कारखाना, पदाधिकारी एवं कर्मियों के लिए आवास सहित 225 एकड़ का भूखंड उपलब्ध है । इतनी संपत्ति के बाद भी इस मिल का चालू नहीं हो पाना समझ से परे है।

मधुबनी विधायक समीर महासेठ ने सरकार से अपील करते हुए कहा कि लोहट चीनी मिल को अभिलंब शुरू करने की दिशा में सरकार को नए सिरे से पहल करनी चाहिए । मधुबनी की जनता इसके लिए लंबे समय से संघर्ष करती आ रही है। इनका सब्र का बाँध अब टूट चुका है। मधुबनी की जनता अब इस औद्योगिक इकाई से धुआं उठते हुए देख कर ही संतुष्ट होगी।कोरोना संकट से उत्पन्न बदले हुए परिस्थिति में मधुबनी जिले में बंद पड़े अन्य औद्योगिक इकाई को भी शुरू करने की दिशा में सकारात्मक पहल करने का आग्रह किया ताकि बाहर से लौटे मजदूरों के लिए रोजगार के अवसर उत्पन्न हो सके।

मोटर चालक यूनियन ने चालकों को के लिए बीमा व मुआवज़े की उठाई मांग

मधुबनी : मोटर चालक यूनियन, जयनगर से जुड़े कार्यकर्ताओं की एक आवश्यक बैठक बाबा पोखर जयनगर के भिंडा पर मोटर चालक यूनियन के अनुमंडल अध्यक्ष मो० सद्दाम के अध्यक्षता में आयोजित की गई इस बैठक में उन्होंने चालकों के लिए बीमा, मुआवजा और सुरक्षा की मांग सरकार से की।

इस बैठक को संबोधित करते हुए मोटर चालक यूनियन जयनगर के अनुमंडल सचिव भूषण सिंह ने वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बचाव के लिए चालकों के बीच जागरूकता करते हुए कहे कि लॉक डाउन के क्रम में मोटर चालक सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। मोटर चालक देश के सभी प्रकार के विकट परिस्थितियों में अपने जान जोखिम में डालकर सभी प्रकार के जरूरतमंद कार्य करते हैं, और सरकार उनसे सहयोग लेते हैं।

इस जानलेवा महामारी में भी मजबूती से भूमिका निभाते हुए देखा जा रहा है, लेकिन लॉक डाउन होने के कारण चालकों के जीविका पर हमला हो चुका है। जिसके कारण भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो चुकी है। लेकिन सरकार का कहीं से भी ध्यान उन चालकों पर नहीं है, जो निंदनीय है। हम इस बैठक के माध्यम से सरकार से मांग करते हैं, लॉक डाउन के दरमियान मरने वाले सभी चालकों के परिजनों को 20 लाख मुआवजा दे। और लॉक डाउन से प्रभावित सभी चालकों को ₹15000 गुजारा भत्ता, बैंक से कर्ज पर लिए विभिन्न प्रकार के वाहन का किस्त माफ किया जाय।

चालकों पर हो रहे पुलिस दमन पर रोक और सुरक्षा की गारंटी तथा सभी चालकों को सरकारी पैसे से ₹20 लाख का बीमा अभिलंब करने की मांग किया गया, और उक्त मांगों को लेकर आगामी 27 मई को धरना देने के निर्णय के साथ चरणबद्ध आंदोलन की घोषणा किए। इस बैठक में मो० सद्दाम, मो० इम्तियाज, राजेश्वर यादव, वीरेंद्र महारा, मनोज शाह, अनिल राय, मो०शमीम, मो० शमामूल , मो० भुल्ला, प्रदीप गोईत, मो० नौशाद ने उपस्थित होकर संबोधित किए।

मनरेगा में 200 दिन काम और 500 रुपए मजदूरी के लिए माले चलाएगा अभियान

मधुबनी : बेनीपट्टी प्रखंड क्षेत्र के बीचखाना में भाकपा(माले) बीचखाना पार्टी शाखा की बैठक शाखा सचिव सोनी देवी की अध्यक्षता में हुई। जिसे भाकपा माले बेनीपट्टी प्रखंड कमिटी सचिव श्याम पंडित, खेग्रामस के जिला सचिव बेचन राम, सुगनी देवी, अनिल राम, रूबी देवी, सुमित्रा देवी, ललित राम, रामा राम, सहित दर्जनों साथी भाग लिए ।

इस बैठक में मोदी व नीतीश सरकार सरकार को उन्होंने अमानवीय बताया उन्होंने कहा कि सरकार को गरीबों की कोई चिंता नहीं है। इस संकट की घड़ी में इस बैठक में सभी गरीब परिवारों को तीन महीने का मुफ्त राशन, सभी मजदूरों को जांब कार्ड और सभी जाॅब कार्डधारियों को बर्ष में 200 दिन काम एवं 500/-रुपया दैनिक मजदूरी के लिए अभियान चलाने का निर्णय लिया गया।

लॉकडाउन हुआ फैल, सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ाई जा रही धज्जियां

मधुबनी : लखनौर प्रखंड में लॉकडाउन बेअसर दिख रहा है यहां लोग देह से दूरी के नियम का भी पालन नहीं कर रहे है। दरअसल लखनौर प्रखंड के मैबी कछुआ गांव में हटिया (बाजार) लगता है जहां लाॅकडाउन के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। जिला के लखनौर प्रखंड में लॉकडाउन पूरी तरह से फैल होता नजर आ रहा है, एवं लखनौर प्रखंड के मैबी कछुआ में हटिया लगाकर वहाँ पर सोशल डिस्टेंसिंग का धज्जियां उड़ाई जा रही है।

देह से दूरी का नियम क्या है किसी को कुछ पता नहीं और लखनौर थाना प्रशासन इन सब से बेखबर है। वहीँ दूसरी ओर मधुबनी में लगातार प्रतिदिन कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। मधुबनी के जिला अधिकारी लगातार कह रहे हैं कि प्रशासन पूरा सतर्क हैं, तो दूसरी तरफ लखनौर में इस प्रकार की घटना हो रही यदि इस क्षेत्र में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ती है, तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? इसलिए लखनौर प्रशासन को इस पर जल्द से जल्द ध्यान देना चाहिए प्रशासन के साथ साथ आम जन को भी इस पर ध्यान देना चाहिेए।

जब प्रेमी ने साथ रहने से किया इंकार प्रेमिका ने छत से लगाई छलांग

मधुबनी : जिला व्यवहार न्यायालय परिसर में मंगलवार को तब हंगामा मच गया, जब एक युवती छत से कूद गई। वह गंभीर रूप से घायल हो गई। इस घटना की सूचना मिलते ही सदर डीएसपी कामिनीबाला और नगर थानाध्यक्ष अरुण कुमार राय कोर्ट पहुंचे। युवती को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

सदर डीएसपी कामिनीबाला ने बताया कलुआही थाना के हरिपुर डीहटोल के राजू कुमार मिश्र का गांव की एक युवती से प्रेम-प्रसंग चल रहा था, दोनों घर से भाग गए थे। कलुआही पुलिस दोनों को कोर्ट लाई थी। युवती ने मजिस्ट्रेट के सामने राजू को पति मानते हुए उसके साथ रहने की इच्छा जताई। शाम करीब चार बजे जब दोनों कोर्ट रूम से बाहर निकले तो राजू ने युवती को साथ रखने से इन्कार कर दिया। इस बात पर युवती कोर्ट की छत से नीचे कूद गई। पुलिस ने राजू कमार मिश्र और उसके पिता बिनोद मिश्र को हिरासत में ले लिया है।

एक ही परिवार के चार सदस्यों ने जीती कोरोना से जंग

मधुबनी : जिले के एक परिवार के पांच सदस्य एक साथ कोरोना से संक्रमित हो गए थे। मगर, एक-दूसरे को दी गई हिम्मत व चिकित्सकों द्वारा लगातार हौसला बढ़ाने का परिणाम सामने आया। परिवार के चार सदस्यों ने कोरोना की जंग जीत ली। हालांकि, एक महिला सदस्य अब भी जंग लड़ रही। परिवार के तीन लोगों को मंगलवार को झंझारपुर र्निसंग स्कूल के आइसोलेशन सह केयर सेंटर से तालियों की गड़गड़ाहट के बीच अस्पताल से विदाई दी गई। बेटी की रिपोर्ट पॉजिटिव आ जाने से पिता अस्पताल में ही रह गए हैं। इस अवसर पर अस्पताल के डीएस डॉ. किशोर चन्द्र चौधरी ने कहा कि कोरोना वायरस से लोगों को सावधान होने की आवश्यकता है। भयभीत नहीं हो।

स्वच्छता के साथ ही सैनिटाइजर एवं मास्क का उपयोग इससे सुरक्षित रख सकता है। मालूम हो कि बीते चार मई को अनुमंडल क्षेत्र के पट्टीटोल गांव के एक परिवार के पांच लोगों की रिपोर्ट पोजेटिव आने से अनुमंडल क्षेत्र में हाहाकार मच गया था। इनमें से चार लोगों का द्वितीय एवं तृतीय जांच रिपोर्ट निगेटिव आई। विदाई काल में सभी ने बताया कि इस सेंटर पर सभी चिकित्सकों एवं दीदियों का व्यवहार अच्छा रहा। घर जैसा ही माहौल देखने को मिला। महिला ने बताया कि अभी पति और पुत्री को लेकर चिता है। ईश्वर बेटी को जल्द स्वस्थ कर दें। साथ ही बताया कि घर जाने के बाबजूद वे लोग यहां से मिले सभी निर्देशों का पालन करेंगे। विदाई के समय डीएस डॉ. किशोर चन्द्र चौधरी, डॉ. राजीव रंजन के अलावा अस्पताल प्रबन्धक श्याम चौधरी भी मौजूद थे।

राम-जानकी मंदिर से बेशकीमती प्रतिमाओं की चोरी

मधुबनी : राजनगर प्रखंड इस्तिथ स्थानीय मिर्जापुर स्थित महंत स्थल परिसर में स्थापित प्राचीन राम-जानकी मंदिर के प्रवेश द्वार का ताला तोड़कर चोरों ने सैकड़ों वर्ष पुरानी अष्टधातु निíमत भगवान राम के बाल्यकाल स्वरुप की 15 बेशकीमती प्रतिमाओं की चोरी कर ली। घटना सोमवार की रात्रि घटने की बात ग्रामीणों ने बताई है। मंगलवार को मंदिर के आसपास खेल रहे बच्चों की नजर जब राम-जानकी मंदिर के खुले प्रवेश द्वार पर पड़ी तो चोरी की घटना का पता चला।

बच्चों के शोर मचाने पर मंदिर में जुटे ग्रामीणों ने मंदिर में प्रवेश किया तो राम दरबार में सजाई गईं छोटी-छोटी मूíतयों तथा राम, लक्ष्मण व माता जानकी की बड़ी प्रतिमाओं के ऊपर लगा हुआ चांदी का तीनों मुकुट गायब पाया। मंदिर में स्थापित भगवान राम-जानकी व लक्ष्मण की बड़ी प्रतिमाएं सुरक्षित हैं।  घटना की सूचना ग्रामीणों द्वारा मिलते ही स्थानीय थानाध्यक्ष अमृत कुमार साह मौके पर पहुंच घटनास्थल का जायजा लिया। ग्रामीणों ने मूíत चोरी की घटना के बाबत लिखित आवेदन थाना पुलिस को सौंपा है।

ग्रामीणों ने मंदिर में सजी लघु स्वरुप की 15 प्रतिमाओं तथा चांदी के तीन मुकुटों की चोरी का उल्लेख किया है। थानाध्यक्ष ने बताया कि घटनास्थल का मुआयना कर लिया गया है। तफ्तीश की जा रही है। गौरतलब है कि राम-जानकी मंदिर की स्थापना सैकड़ों वर्ष पूर्व मिर्जापुर के तत्कालीन महंत मदन मोहन दास ने की थी। इस मंदिर के प्रति स्थानीय समाज की गहरी आस्था जुड़ी हुई है। मूíत चोरी की इस घटना से ग्रामीणों में आक्रोश है। वहीं मिर्जापुर के वर्तमान महंत सर्वजीत कुमार ने राम-जानकी मंदिर में प्रतिमाओं की चोरी की घटना की पुष्टि की है।

नगर पंचायत की सशक्त स्थायी समिति की हुई बैठक

मधुबनी : जयनगर में नगर पंचायत जयनगर के सभागार में नगर पंचायत के स्थायी शशक्त कमिटी की बैठक हुई। इस बैठक की अध्यक्षता मुख्य पार्षद कैलाश पासवान ने किया। इस बैठक में मुख्य पार्षद से प्राप्त एजेंडा पर चर्चा की गई।

जिसमें मुख्य बातें निम्न हैं :

1). गत बैठक की संपुष्टि प्रदान करना।
2). एनजीओ के कार्य कोविद-19 के अंतर्गत तुन माह के लिए बढ़ाने एवं प्राप्त आवेदन के आधार पर राशि बढ़ाने पर विचार करना।
3). कोविद-19 के दौरान सफाईकर्मी को वस्त्र, मास्क, साबुन, सेनेटाइजर एवं हैंड ग्लोव्स की राशि भुगतान पर विचार करना।
4). कोविद-19 के अंतर्गत सामुदायिक किचन चलाने एवं इसको चलाने और हुए व्यय की राशि की भुगतान पर विचार करना।
5). मैजिक गाड़ी के रिपेयरिंग, रंग-रोगन एवं इसके व्यय के भुगतान पर विचार करना।
6). कोविद-19 के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए ब्लीचिंग पॉवडर एवं सोडियम हाइपोक्लोराइड एवं चुना खरीद एवं प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान करने पर विचार करना।
7). सफाई कर्मी बर्फी राम के द्वारा दिये गए आवेदन पर दो वर्षों के लिए मानदेय पर रखने पर विचार करना।
8). अन्यान्य।
उपरोक्त सभी बिंदुओं पर गहन चिंतन एवं मंथन के बाद इनकी स्वीकृति दे दी गयी।
इस बैठक में अमित कुमार(कार्यपालक पदाधिकारी), कैलाश पासवान(मुख्य पार्षद), दुर्गा देवी(उप-मुख्य पार्षद), रुपा देवी(वार्ड आयुक्त), इंदर देव साह(वार्ड आयुक्त), गणेश पासवान(वार्ड आयुक्त) मौजूद रहे।

सुमित राउत