6 अगस्त से होगा पाईटी उत्तीर्ण छात्रों का नामांकन
दरभंगा : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में पीईटी-2019 उत्तीर्ण छात्रों का नामांकन हेतु काउंसलिंग छ: अगस्त से प्रारंभ किया जा रहा है। जानकारी देते हुए छात्र कल्याण अध्यक्ष प्रो० रतन कुमार चौधरी ने बताया कि काउंसलिंग हेतु कुल पॉंच केंद्र बनाए गए हैं। नरगोना परिसर स्थित स्नातकोत्तर भौतिकी विभाग में भूगोल, गणित एवं भौतिक शास्त्र के छात्रों का काउंसलिंग होगा। वाणिज्य एवं प्रबंधन विभाग में बाणिज्य विषय के छात्रों का, वनस्पति शास्त्र विभाग में रसायन शास्त्र, जंतु शास्त्र, मनोविज्ञान विभाग में अंग्रेजी एवं मनोविज्ञान का तथा राजनीति शास्त्र विभाग में इतिहास विषय के छात्रों का काउंसलिंग सुनिश्चित किया गया है। काउंसिलिंग सुबह दस बजे से शाम पॉंच बजे तक होगा। काउंसिलिंग हेतु सिर्फ प्रत्येक विषयों में सीट के अनुरूप कंफर्म अभ्यर्थियों को ही बुलाया गया है। काउंसिलिंग समाप्ति के उपरांत जो अभ्यर्थी अनुपस्थित रहेंगे उन शेष बची सीटों पर मेधा सूची से कोटि बद्ध रिक्त सीटों को भरा जाएगा। ज्ञात हो कि 30 मई को पीईटी-2019 की परीक्षा इन विषयों के लिए आयोजित की गई थी। पीईटी में प्राप्त अंक के आधार पर मेधा सूची पूर्व में ही वेबसाइट पर प्रकाशित कर दी गई थी वह सूची छात्रों की मेधा सूची थी। अब उस मेधा सूची के आधार पर सीटों की संख्या को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार द्वारा निर्गत 100 प्रतिशत रोस्टर प्रणाली को लागू करते हुए छात्रों को प्रत्येक विषय में सीटों की संख्या के अनुरूप काउंसलिंग हेतु बुलाया गया है। सभी विषयों के कॉन्सलिंग लिस्ट विश्वविद्यालय वेबसाइट पर डाल दी गई है तथा कॉन्सलिंग का शेड्यूल भी वेबसाइट पर डाल दिया गया है। छात्र काउंसिलिंग लिस्ट से अपने क्रमांक के आधार पर सेड्यूल से काउंसिलिंग की तिथि जान सकते हैं। जिन छात्रों को काउंसलिंग हेतु बुलाया जा रहा है उन छात्रों को आवेदन में जो मोबाईल नम्बर दिया गया है उस मोबाइल नम्बर पर मैसेज दिया गया है। मैसेज में उनके विषय में काउंसिलिंग सूची में वे कितने सीरियल नंबर पर हैं जानकारी दी गई है और शेड्यूल देखकर काउंसलिंग में उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है। जो छात्र काउंसलिंग में निर्धारित समय पर नहीं आएंगे उनका नामांकन हेतु दावा समाप्त हो जाएगा क्योंकि मेधा सूची में सीटों के बाद भी छात्र खड़े हैं जिन्हें अनुपस्थित होने की स्थिति में बुलाया जाएगा। छात्रों को काउंसिलिंग में अपने साथ ऑनलाइन आवेदन के समय जो प्रपत्र उन्होंने डाउनलोड किया था उसकी प्रति तथा स्नातक के अंक-पत्र की प्रति साथ में लाना होगा। काउंसिलिंग के उपरांत छात्रों द्वारा चुने गए विभाग व महाविद्यालय के लिए उस विषय के विभागाध्यक्ष द्वारा आवंटन पत्र जारी किया जायेगा। उक्त आवंटन पत्र को लेकर छात्र आवंटित विभाग या महाविद्यालय में जाएंगे जहां उनको नामांकन हेतु आवश्यक प्रमाण पत्रों की जांच की जाएगी और जांच के उपरांत नामांकन सुनिश्चित की जाएगी। छात्रों को काउंसलिंग केंद्र पर अपनी उपस्थिति 9:00 बजे तक सुनिश्चित करना होगा। पूर्व की भांति प्रत्येक विषय के विभागाध्यक्षों को कौनसिलिंग चेयरमैन एवं प्रत्येक केंद्र के विभागाध्यक्षों को कौनसिलिंग कोऑर्डिनेटर बनाया गया है।
6 अगस्त तक होगा पत्रकारिता में नामांकन
दरभंगा : विश्वविद्यालय हिन्दी विभाग के अधीन संचालित एक वर्षीय पत्रकारिता सर्टिफिकेट कोर्स सत्र 2019-20 में नामांकन हेतु चयनित एवं प्रतीक्षारत छात्र-छात्राओं की सूची प्रकाशित कर दी गई है। चयनित छात्र छात्राएँ 6 अगस्त तक नामांकन करा सकते है। नामांकन संबंधी विशेष जानकारी मोबाइल नंबरज 9572386088 पर प्राप्त की जा सकती हैं।
अतिथि शिक्षको के शिष्टमंडल ने कुलपति की कार्यकुशलता पर दी बधाई
दरभंगा : अतिथि शिक्षकों का एक शिष्टमंडल आज माननीय कुलपति महोदय से मिलकर महाविद्यालयों में वर्षो से रिक्त परी सीटों पर स्वस्थ एवं पारदर्शी व्यवस्था के तहत अतिथि शिक्षकों की नियुक्त करते हुए विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों सहित महाविद्यालयों की शैक्षणिक व्यवस्था को दुरुस्त करते हुए प्रदेश स्तर पर ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय का नाम ऊंचा करने के लिए माननीय कुलपति महोदय के प्रति हृदय से आभार एवं धन्यवाद व्यक्त किया। शिष्टमंडल ने एक ज्ञापन के द्वारा कहा कि करीब 6 महीनों से विश्वविद्यालय में निष्ठा पूर्वक हम कार्य कर रहे हैं तथा जीवन यापन के लिए अद्यतन राशि का भुगतान नहीं हो सका है। कुलपति महोदय ने बताया कि अतिथि शिक्षकों के एक वर्ष के पारिश्रमिक भुगतान हेतु राज्य सरकार से मांग की गई है। शिष्टमंडल नें अनुदान आने में विलंब को देखते हुए विश्वविद्यालय स्तर पर भुगतान का आग्रह किया। कुलपति ने शिष्टमंडल के समक्ष ही राजभवन संयुक्त सचिव विजय कुमार को दूरभाष पर अतिथि शिक्षकों के पारिश्रमिक भुगतान की समस्या से अवगत कराया और शिघ्र निदान का आग्रह किया। ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि शेष रिक्त परी सीटों पर भी निकट भविष्य में नियुक्ति की प्रक्रिया को सुनिश्चित करते हुए विभिन्न विभागों एवं महाविद्यालयों की शैक्षिक वातावरण को गतिमान बनाने में विश्वविद्यालय महती भूमिका निभाएं। शिष्टमंडल में डॉ राम सुभाग चौधरी, डॉ अरुण कुमार सिंह, डॉ अजय ठाकुर, डॉ राजीव कुमार झा, डॉ दास्तगीर आलम, डॉ चंदन कुमार चौधरी, डॉ एचके यादव, डॉ राजेश कुमार चौधरी, डॉ कौशलेंद्र कुमार, डॉ सुनील कुमार एवं डॉ सुमन पोद्दार उपस्थित थे।
विश्वविद्यालय के 47वें स्थापना दिवस पर कबड्डी प्रतियोगिता का हुआ आयोजन
दरभंगा : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के 47वें स्थापना दिवस के अवसर नागेंद्र झा मैदान में चार दिवसीय विश्वविद्यालय प्रसाशन द्वारा कर्मियों के लिए कबड्डी खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में कुलपति प्रो. सुरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि खेल अनुशासन का प्रतीक है, खेल हमें एकता और भाईचारे का संदेश देता है, एक खिलाड़ी का मानसिक, बौद्धिक और शारीरिक क्षमता बहुत ही प्रबल होती है, क्योंकि खेल बुद्धि विकास के साथ-साथ शारीरिक विकास की मजबूती भी प्रदान करता है। उन्होंने इस आयोजन के लिए विश्वविद्यालय के खेल विभाग को और खासतौर पर कुलसचिव कर्नल निशीथ कुमार राय को धन्यवाद दिया और कहा कि उन्होंने ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में पहली बार कर्मियों के खेल की रूपरेखा तैयार की। उन्होंने खेल विभाग के पदाधिकारी एवं कर्मियों को भी बेहतर आयोजन करने के लिए बधाई दिया।
प्रति-कुलपति प्रो. जय गोपाल ने कहा कि इस प्रकार का आयोजन होना विश्वविद्यालय के लिए गौरवान्वित और रोमांचित करने वाला है, आमतौर पर देखें तो किसी विश्वविद्यालय में कर्मियों के लिए इस प्रकार का खेल का आयोजन नहीं होता है, परंतु हमारे विश्वविद्यालय में फुटबॉल के बाद एक बेहतर कबड्डी का आयोजन किया गया जा रहा है जिसकी मैं भूरी भूरी प्रशंसा करता हूं। विश्वविद्यालय के विकास पदाधिकारी डॉ. केके साहू ने कहा कि विश्वविद्यालय के खेल विभाग एवं विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से उठाए गए कर्मियों के लिए यह बेहतर कदम बहुत ही सराहनीय है। खेल हर व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण है यह मानसिक और कार्य करनेवाले कर्मियों को एक संतुष्टि प्रदान करता है। इस अवसर पर कुलसचिव कर्नल निशीथ कुमार राय, खेल पदाधिकारी प्रो. अजय नाथ झा, विश्वविद्यालय अभियंता सोहन चौधरी, दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के उप निदेशक डॉ. विजय कुमार, खेल विभाग के चंद्रकांत झा आदि मौजुद थे। खेल पदाधिकारी डॉ. झा ने कहा कि इस 47वें स्थापना दिवस पर हमारे विभाग द्वारा विश्वविद्यालय के सभी पदाधिकारियों को इस खेल टूर्नामेंट देखने एवं हमारे खिलाड़ियों के मनोबल को उचा करने के लिए आमंत्रित किया गया है परंतु आज मैच में उनकी उपस्थिति नगण्य थी। अतः उन्होंने सभी कर्मियों एवं पदाधिकारियों से अनुरोध किया कि इस विश्वविद्यालय जिसे हम अपना कार्य शैली का मंदिर मानते हैं स्थापना दिवस पर आप की उपस्थिति अनिवार्य है।
टूर्नामेंट का पहला मैच आज
दूरस्थ शिक्षा निदेशालय एवं भू-संपदा विभाग के बीच खेला गया दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के खिलाड़ियों ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए अपने प्रतिद्वंदी टीम को बेहतर अंक से पराजित कर दिया। दूरस्थ शिक्षा निदेशालय ने 47 अंक बनाया एवं भू संपदा विभाग ने 29 अंक पर ही सिमट गई । इस प्रकार दूरस्थ शिक्षा निदेशालय की टीम 18 अंक से जीत हासिल की। विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के कर्मियों द्वारा भाग ले रहे इस टूर्नामेंट में चार टीमों को (ए, बी, सी, डी.) तैयार किया गया है। लीग के आधार पर खेले जाने वाले इस टूर्नामेंट का समापन दिनांक 04.08.2019 को होगा। कल का मैच प्रशासनिक भवन 1 बनाम दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के बीच एवं दूसरा मैच प्रशासनिक भवन द्वितीय एवं भू संपदा विभाग के बीच नागेन्द्र झा मैदान में खेला जाएगा।
प्रमचंद की 139वीं जयंती मनी
दरभंगा : शिक्षा शास्त्र विभाग, कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय, दरभंगा में 139वीं प्रेमचंद-जयंती मनाई गई।
अध्यक्ष के रूप में शिक्षा-शास्त्र के निदेशक डॉ घनश्याम मिश्र ने कहा कि उनके साहित्य से साहित्य को जीवित रखने की कला को सीखी जा सकती है। उन्होंने कहा कि वह जिस समय लिख रहे थे, उस समय साहित्य सौंदर्य का विषय नहीं, समाज को जागृत करने का विषय था और मुंशी प्रेमचन्द ने बखूबी उस समय की जरूरत को साहित्य में ढाला।
विषय परावर्तन करते हुए विभागीय शिक्षिका एवं कार्यक्रम संयोजिका डॉ रीता सिंह ने कहा कि प्रेमचंद का साहित्य भारतीय समाज का दर्पण है। प्रेमचंद साहित्य आज भी वह उतना ही प्रासंगिक है। यह साहित्य नहीं एक आंदोलन है। हम इससे मार्गदर्शन लेकर समाज के विसंगतियों को दूर कर सकते हैं।
छात्रों की ओर से राजनारायण चौधरी, कुंदन झा, दयासागर झा, सत्यपाल पाठक, शैलेश झा, राकेश चौधरी,जयशंकर प्रसाद, शिवकुमार राम, आकांक्षा, अंकिता ने अपने वक्तव्यों के माध्यम से प्रेमचंद के साहित्य से स्वयं के परिमार्जन की बात कही। मंच संचालन भवेश झा ने किया। धन्यवाद ज्ञापन विभागीय प्रध्यापक डॉ ऋद्धिनाथ झा ने किया। कार्यक्रम में डॉ रामनन्दन झा, पवन सहनी, संजीव कुमार झा, अवन कुमार आदि शिक्षक उपस्थित रहे।
इंटर्नशिप, स्वच्छता एवं वाढ़ राहत कार्यक्रम का हुआ आयोजन
दरभंगा : राष्ट्रिय सेवा योजना ईकाइ के द्वारा आयोजित सप्ताहव्यापी समर इंटर्नशिप, स्वच्छता अभियान एवं वाढ़ राहत कार्यक्रम के द्वितीय दिन दिनांक 31 जुलाई, 2019 को महारानी अधिरानी रमेश्वरलता संस्कृत महाविद्यालय में समर इंटर्नशिप कार्यक्रम किया गया।
महाविद्यालय के एनएसएस पदाधिकारी डॉ विजय कुमार मिश्र ने इस कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कहा कि यह समर इंटर्नशिप सभी के लिए आवश्यक है। हम जब प्रशिक्षित रहेंगे तभी सभी को प्रशिक्षित कर सकते हैं, महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ दिनेश झा जी ने अपने अभिभाषणो में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि इस समय वर्षा से प्रभावित होकर लोग बहुत रोगाक्रान्त होते हैअनेक प्रकार के उत्पात देखे जाते है ऐसे में हमें कैसे अपने आप को सुरक्षित रखते हुए दूसरे को भी सुरक्षित रहने का दिशा निर्देश करना है। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापकगण डॉ वागीश मिश्र, डॉ वैद्यनाथ झा, डॉ सुबोध ठाकुर के साथ साथ सहायक प्राध्यापकगण डॉ विवेकानन्द पासवान, डॉ मुकेश प्रसाद निराला, डॉ विजय कुमार मिश्र, डॉ राजकिशोर मिश्र,श्री प्रमोद कुमार मिश्र, डॉ मैथिली कुमारी ने भी अपने अभिप्राय को सभी के समक्ष रखा कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के सीनेट सदस्य व महाविद्यालय के लिपिक पंकज मोहन झा के साथ अन्य सदस्यगण भी उपस्थित रहे इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के सभी छात्र व छात्रा भाग लिए।
वेद विभाग के लिपिक कर्मचारी हुए सेवानिवृत
दरभंगा : स्नातकोत्तर वेदविभागीय दिनचर्या लिपिक -चन्देश्वर तिवारी सेवानिवृत हो गए। स्नातकोत्तर वेदविभाग विभागाध्यक्ष एवं विभागीय शिक्षकों एवं स्नातकोत्तर विभागीय शिक्षक एवं कर्मचारी की उपस्थिति में वेद विभाग द्वारा पाग चादर माला द्वारा सम्मानित कर भावभीनी विदाई दी गई, एवं श्री तिवारी को दीर्घजीवी होने की कामना की।मौंके पर प्रो० हरेन्द्र किशोर झा, प्रो०विद्येश्वर झा, डॉ० सत्यवान कुमार, प्रो० दिलीप कुमार झा, डॉ० शुभेन्दु पाठक इत्यादि व्यक्ति सम्मिलित हुए।
सीएम विधि महाविद्यालय में सेल्फी विथ कैंपस का हुआ आगाज
दरभंगा : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद दरभंगा नगर इकाई द्वारा सीएमविधि महाविद्यालय में सेल्फी विथ कैंपस यूनिट बनाने के साथ इस राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम का सुरुआत किया गया। यह कार्यक्रम 1 अगस्त से 10 अगस्त तक विभिन्न महाविद्यालय व इंटरमीडिएट विद्यालय में चलेगी।
इस अवसर पर सीएम विधि महाविद्यालय प्रभारी सुमित सिंह ने कहा कि सेल्फी विथ कैंपस यूनिट के माध्यम से हर परिसर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद पहुँचेगी, एवं वहाँ इकाई बनाई जाएगी, संगठन का उद्देश्य परिसर को भयमुक्त बनाने व परिसर के शिक्षा व्यवस्था की कमियों को दूर करने हेतु प्रयास करना, विधि महाविद्यालय में इकाई गठन करते हुए इन्होंने कहा कि सेल्फी विथ कैंपस के माध्यम से लॉ महाविद्यालय के नवनियुक्त पूरे टीम को बधाई देता हूँ, आप सभी सदैव छात्र हित, महाविद्यालय हित मे कार्य करते रहे यह शुभकामनाएं आप सभी को देता हूँ।
वहीं इस अवसर पर प्रकासस पिंटू भंडारी ने कहा कि इस कैंपस यूनिट अभियान का उद्देश्य अधिक से अधिक परिसर में जाकर वहां के छात्रों को होने वाले कठिनाइयों को जानने व कार्य करने का अवसर हमे मिल रहा है, पूरे देश मे यह कार्यक्रम चल रहा है, इन्होंने कहा कि इस यूनिट में दायित्ववान सभी कार्यकर्ताओं को शुभकामनाएं देता हूँ, आशा करता हूँ कि आप सदैव छात्र हित मे कार्य करते रहेंगे। संगठन का उद्देश्य ही छात्र हित समाज हित रास्त्र हित में कार्य करते रहना है।
वहीं इस अवसर पर महाविद्यालय अध्यक्ष राकेश कुमार ने कहा कि अभाविप का उद्देश्य छात्र हित मे कार्य करना है, सेल्फी विथ कैंपस यूनिट इसी का एकभाग है, हम सदैव छात्र हित के लिए कार्य करते रहेंगे।
वहीं इस अवसर पर छात्र संघ अध्यक्ष ब्रिज मोहन सिंह ने कहा कि हम लगातार संगठन के कार्य प्रणाली के तहत छात्र हित में कार्य कर रहे हैं और गए भी करते रहेंगे, इस सेल्फी विथ कैंपस के माध्यम से हम अपनो साथ अधिक से अधिक छात्रों को जोड़ने का कार्य करेंगे।
इस कार्यक्रम में मुख्यरूप से प्रदेश कार्य समिति सदस्य मणिकांत ठाकुर, महाविद्यालय उपाध्यक्ष अंजलि कुमारी, नरेंद्र कुमार, महासचिव अमित कुमार, संयुक्त सचिव संजय कुमार, कोषाध्यक्ष नवनीत रंजन , छात्र संघ महासचिव उत्सव पराशर, उज्ज्वल कुमार, आर्यन कुमार, बिकास कुमार, आशुतोष गौरव, अलका कुमारी, ज्योत्स्ना कुमारी, राधिका सिंह, कल्पना कुमारी,आकाश कुमार, चंद्रानंद महाराज सहित दर्जनों अन्य कार्यकर्ता इस सेल्फी विथ कैंपस यूनिट कार्यक्रम में उपस्थित थे।
दस दिनों तक मनाया जाएगा संस्कृत दिवस
दरभंगा : संस्कृत हमारी अस्मिता एवं संस्कृति का मूल आधार है। इसके मार्फत हम पुनः गौरवशाली अस्मिता को पा सकते हैं। संस्कृत के कारण ही पहले भारत विश्व गुरु था। संस्कृत के माध्यम से ही हम भारत के प्राचीन ज्ञान-विज्ञान को जान सकते हैं। संस्कृत को देवभाषा तथा आदिभाषा कहा जाता है। पहले यह हमारी मातृभाषा भी थी। आज कुछ कारणों से युवाओं का रुझान संस्कृत की ओर कम हुआ है। उक्त बातें विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एसके सिंह ने विश्वविद्यालय संस्कृत विभाग तथा लोक भाषा प्रचार समिति की बिहारशाखा के संयुक्त तत्त्वावधान में संस्कृत विभाग के सभागार में आयोजित 10 दिवसीय संस्कृत संभाषण शिविर का दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन करते हुए कहा। उन्होंने कहा कि आज जरूरत है कि हम समयानुसार संस्कृत को लोकप्रिय बनाकर आमलोगों तक पहुंचाएं। संस्कृत दिवस को 10 दिनों तक मनाया जाना सराहनीय है। इसके लिए विश्वविद्यालय की ओर से संस्कृतविभाग को बधाई।
मुख्य अतिथि के रूप में दरभंगा चिकित्सा महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ हर्ष नारायण झा ने कहा कि हमारी चिकित्सा पद्धति,ज्ञान- विज्ञान, संस्कृति, आचार-व्यवहार सभी प्राचीन काल से ही संस्कृत साहित्य में निहित हैं। संस्कृत भारत की आत्मा है। स्वयं को ईश्वर को तथा इह लोक व परलोग को जानने के लिए संस्कृत का ज्ञान परम आवश्यक है। संस्कृत ज्ञान आध्यात्मिक ज्ञान है। शब्द ही ब्रह्म है। संस्कृत के सभी शब्द मंत्र सदृश्य हैं। आज विज्ञान भी संस्कृत ज्ञान को पक्का मानता है तथा उसके बल पर आगे बढ़ता है। संस्कृत की महत्ता कम होना हमारे लिए दुःखद है।
विशिष्ट अतिथि के रूप में कुलसचिव निशीथ कुमार राय ने कहा कि इस शिविर का उद्देश्य छात्रों को सरल संस्कृत में बातचीत सिखाना है। इससे संस्कृत भाषा-साहित्य का प्रचार-प्रसार भी होगा। संस्कृत भारत की प्राचीन भाषा है। इसमें समाजोपयोगी ज्ञान विज्ञान विद्यमान हैं, जो हमारे उच्च मानवीय मूल्यों को व्यक्त करते हैं।
मुख्य वक्ता के रूप में संस्कृत विश्वविद्यालय के अवकाश प्राप्त प्राध्यापक डॉ शशिनाथ झा ने कहा कि यह लोगों का भ्रम है कि संस्कृत कठिन है। भारत की एकता के लिए संस्कृत का ज्ञान आवश्यक है। संस्कृत में जो बोला जाता है वही लिखा जाता है।
अध्यक्षीय संबोधन में विभागाध्यक्ष डॉ नीरजा मिश्रा ने संस्कृत की महत्ता का विस्तार से चर्चा करते हुए इस शिविर में भाग लेकर छात्रों को अधिक से अधिक लाभ उठाने का आह्वान किया।
इस अवसर पर शिविर प्रशिक्षक अंशु कुमारी ने सरल संस्कृत बोलने का अभ्यास कराते हुए अपने विचार व्यक्त किया। प्रसिद्ध गायक पारस ने श्रावण गीत गाकर श्रोताओं की खूब तालियां बटोरी। वहीं वेद ध्वनि डॉ सोमेश्वरनाथ झा दधीचि ने प्रस्तुत किया।
उद्घाटन सत्र में डॉ देव नारायण यादव,प्रोफ़ेसर मनोज कुमार झा, प्रोफेसर मुनेश्वर यादव, डॉ आर एन चौरसिया, डॉ योगेंद्र महतो, डॉ विनय कुमार झा, डॉ चौधरी हेमचंद्र राय, चंदना कुमारी, डॉ मुकेश कुमार, प्रोफेसर अरुणिमा सिन्हा, प्रोफेसर अनिल कुमार झा, डॉ प्रतिभा गुप्ता, कुमारी पूनम राय, प्रो हिमांशु शेखर, डॉ विनोदानंद झा, डॉ सरदार अरविंद सिंह तथा उर्दू विभागाध्यक्ष सहित एक सौ से अधिक व्यक्तियों ने भाग लिया। अतिथियों का स्वागत पाग, चादर तथा पुष्पगुच्छ से किया गया।
अतिथियों का स्वागत पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर रामनाथ सिंह ने किया। विभागीय प्राध्यापक डॉ जयशंकर झा के संचालन में आयोजित कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन पूर्व संस्कृत विभागाध्यक्ष कृष्णचंद्र सिंह ने किया।
मुरारी ठाकुर