19 मई : चंपारण की मुख्य ख़बरें

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चंपारण की मुख्य ख़बरें

भारतीयों का 58 दिन बाद अपने वतन हुई वापसी

चंपारण : करीब 58 दिन से अधिक समय से नेपाल में फंसे भारतीय नागरिकों की इंडो-नेपाल सीमा रक्सौल के माध्यम से वतन वापसी की प्रक्रिया मंगलवार से शुरू हो गई। इस क्रम में भारत-नेपाल सीमा पर बने एकिकृत जांच चौकी के माध्यम से भारतीय नागरिको की वतन वापसी हुई। वतन वापसी की प्रक्रिया में किसी प्रकार की परेशानी न हो इसको लेकर जिलाधिकारी मोतिहारी शीर्षत कपिल अशोक रक्सौल पहुंचे थे।

डीएम मोतिहारी व पर्सा जिला नेपाल के डीएम की निगरानी में मंगलवार को करीब 217 भारतीय नागरिको को अपने देश में वापस लाया गया। इनमे वे लोग शामिल थे, जो नेपाल के क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे थे। सीमा पर बड़ी गर्मजोशी के साथ भारतीय नागरिको का जिला प्रशासन के द्वारा स्वागत किया गया। नेपाल से आने वाले भारतीय नागरिकों की सबसे पहले सीमा पर स्क्रिनिंग की गयी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के सिविल सर्जन डॉ रिजवान अहमद मौजूद थे। पीएचसी प्रभारी डॉ शरतचंद्र शर्मा के द्वारा सभी लोगों की स्क्रिनिंग की गयी।

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नेपाल से आये लोगों को भोजन का पैकेट दिया गया। साथ में पेयजल भी उपलब्ध कराया गया। नेपाल से लौट रहे सभी भारतीय नागरिकों के चेहरे पर वतन वापसी की खुशी साफ तौर पर झलक रही थी। सभी इस बात को लेकर काफी खुश थे कि उनकी सरकार ने उनकी चिंता की और लॉकडाउन के बीच उन्हे अपने घर बुला लिया। डीएम श्री अशोक ने बताया कि जो लोग नेपाल में कोरेनटाइन होकर आये है, उनको होम क्वारंटीन किया जाएगा। साथ ही जो लोग क्वांरंटीन होकर नहीं आये है, उनको संबंधित प्रखंड में क्वारंटीन किया जाएगा। बुधवार को यह संभावना है कि रक्सौल में फंसे नेपाली नागरिको को उनके देश भेजा जाएगा।

नेपाल में फंसे भारतीय नागरिकों की पहली खेप के साथ नेपाल के अधिकारी भी पहुंचे थे। जिसमें पर्सा के डीएम ललीत कुमार बसनेत के अलावा एसपी गंगा पंत भी शामिल थीं। वहीं भारतीय पक्ष के तरफ से एसपी नवीनचंद्र झा, कस्टम के अधिकारी आशुतोष कुमार सिंह, भारतीय महावाणिज्य दूतावास के अधिकारी नीतीश कुमार, एसडीओ अमीत कुमार, डीसीएलआर मनीष कुमार, अवर एसडीओ सर्वेश कुमार, निर्वाची पदाधिकारी संतोष कुमार सिंह, नप के गौतम आनंद, बीडीओ कुमार प्रशांत, थानाध्यक्ष अभय कुमार, हरैया के प्रभारी ध्रुव नारायण प्रसाद सहित कई अधिकारी मौजूद थे। अभी लगातार नेपाल से लोगों के आने का क्रम जारी रहेगा।

एसएसबी ने भारत में प्रवेश कर रहे 17 नेपाली नागरिकों को क्वारंटाइन सेंटर भेजा

चंपारण : कोरोना महामारी को लेकर भारत से नेपाल में अवैध रूप से प्रवेश करने के दौरान एसएसबी के जवानों ने भारत नेपाल सीमा के पिलर नंबर 390 से 17 नेपाली नागरिकों को नियंत्रण में लेकर क्वारंटाइन सेन्टर को सौंप दिया।एसएसबी के सहायक कमांडेन्ट राजकुमार कुमावत ने बताया कि नियंत्रण में लिए गए नेपाली कामगारो में सेे 15 नेपाल के बर्दीया के निवासी है जो भारत के महाराष्ट्र में मजदूरी करते है। जबकि दो नेपाल के बारा जिला के निवासी है। जो भारत केे राजधानी दिल्ली मेंं मजदूरी करते है। नियंत्रण में लिए गए लोगों मेें बर्दीया केे खुुुरखुरे निवास टिका राम, पवन सोनार, जोहन सिंह,प्रेेेम वीक, बिरेन्द्र, खडग बहादुर,टेक बहादुर, पदम बहादुर, अमर बहादुर, चम्पा बीक,कृष्णा कामी, हरीश कामी, पूूर्णीमा सोनार, सुुुनिता कामी,शिशीर सोनार, बाारा जिला के सिमरा निवासी नमूना,एलिहा शाामिल है।जिन्हे रक्सौल स्थित क्वरंटाइन सेन्टर भेेेजा गया।

राजन दत्त द्विवेदी

तलाब समेत तीन एकड़ सरकारी जमीन किया अतिक्रमित

  • दो-दो बार हुई मामले में शिकायत, 15 लोगों पर दर्ज हुई प्राथमिकी

चंपारण : कोटवा, एक तरफ जहां विश्व कोरोना से लड़ रहा है। वही कुछ लोग सरकारी तालाब व सरकारी भूमि को अतिक्रमण कर लगातार हड़पने में लगे हैं। नया मामला प्रखंड के सागर चुरामन स्थित सरकारी तालाब व तीन एकड़ सरकारी जमीन के अतिक्रमण का है। मामले में ग्रामीणों दो- दो बार वर्ष 2018 व 2020 में इसे खाली कराने के लिए सीओ को आवेदन सौंपा था। आवेदन में ग्रामीणों ने सागर चुरामन स्थित सरकारी तालाब समेत लगभग तीन एकड़ सरकारी जमीन को गांव के ही लगभग एक दर्जन लोगों द्वारा अतिक्रमित करके आवासीय रूप में उपयोग किये जाने का आरोप लगाया था। उक्त अतिक्रमणकारियों के पास अपना आवासीय जमीन पूर्व से उपलब्ध हैं।

वर्ष 2018 में स्थानीय मुखिया इंदु देवी द्वारा भी ग्रामीणों के आवेदन पर करवाई के लिए अंचल प्रशासन को लिखा गया था। लेकिन करवाई नहीं होते देख एक बार फिर गांव के ही अजय भारती समेत दर्जनों ग्रामीणों ने पिछले 2 मई को अंचलाधिकारी को आवेदन सौप कर तलाब के जमीन को अतिक्रमण मुक्त करने की मांग की गई थी।लेकिन करवाई शून्य रहीं।जबकि छठ घाट निर्माण के लिए तलाब की जमीन पर मिटीकरण करवा रहें ग्रामीण अजय भारती व उमेश भारती पर अंचल प्रशासन द्वारा थाने में मामला दर्ज करवा दिया गया। जबकि इनके द्वारा पूर्व से उक्त तालाब की जमीन को अतिक्रमण मुक्त करवा कर उसके जिर्णोदर के लिए बार बार अंचल प्रशासन से लिखित और मौखिक शिकायत की जा रहीं थी।

ग्रामीण मुकेश सिंह,संजीत कुमार सिंह,मुन्नी लाल साह, सीताराम भगत,भाग्य नारायण सिंह,महेश महतो,बिंदा महतो,राम बाबू महतो, सीताराम भगत, हरि किशोर भारती समेत कई दर्जन ग्रामीणों का कहना हैं कि एक तरफ सरकार जल संचय के लिए ग्रामीणों क्षेत्रों में सूखे और छिछले सरकारी तालाब को जल जीवन हरियाली योजना के तहत उसके जीर्णोदार में लाखों रुपये खर्च किये जा रहे हैं । मामले में सीओ इन्द्रासन साह ने बताया कि 12 अतिक्रमणकारियों समेत 15 पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। लॉक डाउन समाप्त होने के पश्चात आगे की कर्रवाई होगी।

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