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नवादा बिहार अपडेट

18 मई : नवादा की मुख्य ख़बरें

855 यात्रियों को लेकर ट्रेन पहुंचेगी नवादा

नवादा : गौहाटी से श्रमिकों को लेकर रविवार को स्पेशल ट्रेन नवादा स्टेशन पहुंचेगी। इसके देर रात 9 बजे तक पहुंचने की संभावना है। स्टेशन पर तैयारियां शुरू कर दी गयी है। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं । डीएम-एसपी ने किया स्टेशन का निरीक्षण किया । पूरे स्टेशन को सैनिटाइज किया जा रहा है। ऐसा लाॅकडाउन के बाद पहली बार हो रहा है। आने वाले श्रमिकों को घर तक पहुंचाने के लिए विशेष व्यवस्था को अंतिम रूप दिया गया है।

अवैध खनन में लगे जेसीबी मशीन को पुलिस ने किया जब्त

नवादा : जिले के उग्रवाद प्रभावित रजौली थाना क्षेत्र के सवैयाटांड़ पंचायत के चटकरी स्थित शारदा अबरक खदान पर एएसपी अभियान कुमार आलोक के नेतृत्व में शारदा अभ्रक खदान पर छापेमारी की गई जिसमें अवैध खनन में लगे एक जेसीबी मशीन को पुलिस ने जप्त किया है।

पुलिस को देखते ही मौके से चालक सहित कार्य कर रहे मजदूर भाग गए जबकि अवैध खनन में लगे जेसीबी मशीन को जप्त कर पुलिस थाने लाई। एएसपी अभियान कुमार आलोक ने बताया कि सूचना मिली थी कि शारदा अबरक खदान के पास जेसीबी लगाकर अवैध अभ्रक का खनन किया जा रहा है। सूचना के आलोक में स्थानीय पुलिस व एसटीएफ के सहयोग से एक टीम बनाई गई और चारो तरफ से घेराबंदी कर अभ्रक का अवैध उत्खनन में लगे जेसीबी को जप्त किया गया।

हालांकि, इस कार्रवाई में जेसीबी के चालक मौके से भागने में सफल रहा। छापेमारी में एसटीएफ के जवान और जिला पुलिसबल के जवान शामिल थे। जानकर बताते हैं कि जप्त जेसीबी चटकरी गाँव का सिकंदर तुरिया का है जो शारदा में अवैध उत्खनन का कार्य करता है।सिकंदर तुरिया वर्षो से अवैध खनन का कार्य करता आ रहा है ।

लॉकडाउन में उजड़ गई पनवाड़ी, किसान बेहाल

नवादा : देशव्यापी लॉकडाउन के कारण पनवाड़ी उजङ गई हैं। पान की खेती करने वाले किसान परिवारों के समक्ष भुखमरी की स्थिति बनी हुई है। लॉकडाउन के चलते पान दुकानें नहीं खुलने से पान का कारोबार बंद है। ऐसे में किसान पान के पत्तों को कचड़े में फेंकने को विवश हैं।

पकरीबरावां प्रखंड क्षेत्र के डोला एवं छतरवार गांव मे पान की खेती करने वाले किसानों की स्थिति लॉकडाउन के कारण काफी दयनीय हो चुकी है। किसानों के मेहनत कर पान की फसल को तैयार किया था। मंडी तक पहुंचाने की कगार पर था। परंतु लॉकडाउन होने के कारण किसान पान मंडी की बजाय कचरों के ढेर में फेंक आए। बता दें पान की खेती करने वाले कई किसान पट्टे पर खेत लेकर खेती करते हैं। उन्हें पट्टेदार को जमीन के बदले मे तय की गई रकम को चुकता करने की चिंता सता रही है। पान की दुकान एवं मंडी भी बंद रहने के कारण किसान काफी मायूस हैं।

कई पान किसान बताते हैं कि किसी तरीके से परिवार का जीविकोपार्जन हो रहा है। किसानों के सामने एक बहुत बड़ी विपदा आन पड़ी है।  इस क्षेत्र में उत्पादित होने वाले पान बनारस, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल सहित कई महानगरों में पहुंचाए जाते थे। जहां से किसानों को काफी अधिक मुनाफा प्राप्त होता था उन्हीं मुनाफे से किसानों के परिवार का जीविकोपार्जन भी होता था।

क्या कहते है स्थानीय किसान

पान की फसल विगत वर्ष की अपेक्षा बेहतर हुई है। इस वर्ष अधिक लाभ होने के आसार थे। परंतु लॉकडाउन पान के किसान के लिए ग्रहण बनकर सामने आया। जिससे पान मंडी तक नहीं पहुंच सका, सोनू चौरसिया, किसान।

पिछले कई वर्षों से किसानों को प्रकृति दगा दे रही थी। इस वर्ष भी कोरोना माहमारी के कारण किसानों को काफी नुकसान हुआ है। फसल अच्छी हुई थी। किसानों को अधिक लाभ मिलने की संभावना थी। परंतु लॉकडाउन ने किसानों के मंसूबे पर पानी फेर दिया। किसानों के पान मंडी की बजाय कचरे की शोभा बढ़ा रही है, नगीना चौरसिया, किसान

ब्याज पर रुपये लेकर पान की खेती की गई थी। पान से जो लाभ होना था उसी से कर्ज को चुकाना था और परिवार का जीविकोपार्जन भी किया जाना था। परंतु लॉकडाउन की चपेट में आने से पान की फसल सूख कर बर्बाद हो गई है। जो फसल बची है वह भी बर्बाद होने के कगार पर हैं, अशोक चौरसिया, किसान।

पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष अच्छी फसल हुई थी। जिससे अधिक मुनाफे होने के आसार थे। परंतु लॉकडाउन हो जाने के कारण काफी नुकसान हुआ है। किसानों के सामने बहुत बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है, हीरा चौरसिया, किसान।

बंद पड़ी चरखे की खट-खट, नहीं हो रही कपड़ों की बुनाई

नवादा : कोरोना कहर के चलते जारी लॉकडाउन के कारण सिल्क के कपड़ों की बुनाई का काम पूरी तरह ठप है। बुनकरों के घर चरखे की खट-खट की आवाज मौन है। अब अपना और अपने परिवार के भरण-पोषण की समस्या सामने आई तो कई बुनकरों ने मजदूरी, सब्जी बेचने, घूम-घूमकर मनिहारी का सामान बेचने का काम शुरू कर दिया। जिला मुख्यालय से तकरीबन पांच किमी की दूरी पर कादिरगंज बाजार में करीब ढाई सौ बुनकर सिल्क के कपड़े की बुनाई का काम करते हैं। लेकिन कोरोना ने उनके इस पुश्तैनी धंधे पर विराम लगा दिया।

अपना दर्द बयां करते हुए बुनकरों ने बताया कि कच्चा माल नहीं मिल रहा। झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश आदि राज्यों से कुकुन आता था, लॉकडाउन के चलते वह नहीं आ रहा। ऐसे में चरखे की आवाज कहां से आएगी? पेट पर आफत है। कई बुनकरों के यहां लाखों का माल तैयार है। लेकिन बाजार तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं।

गौरतलब है कि कादिरगंज का सिल्क क्षेत्र में काफी प्रसिद्ध है। यहां के सिल्क से कुर्ता, शर्ट व साड़ी बनाकर बिहार समेत कई राज्यों में बेचा जाता है। बुनकर मुन्ना कुमार, श्रीराम प्रसाद, गया राम, विनोद कुमार, नीतीश कुमार, रणजीत कुमार आदि बताते हैं, उनकी आजीविका का मुख्य साधन यही है। लेकिन कोरोना कहर से रोजगार बंद है तो परिवार की आíथक स्थिति चरमरा गई है।

दूसरा काम करने की है विवशता

चरखे की खट-खट बंद हुई तो रोजी-रोटी पर आफत आ गई। बुनकर नवीन कुमार भारती बताते हैं, लॉकडाउन के कारण स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है। अब तो दूसरा काम करने की विवशता है। वे बताते हैं, कई बुनकर सब्जी बेचने का काम कर रहे है तो कई कुली का। कुछ लोगों ने घूम-घूमकर मनिहारी का सामान बेचना शुरू कर दिया है। परिवार की परवरिश के लिए कुछ तो करना ही पड़ेगा।

सिल्क के कपड़े की बुनाई के लिए कुकुन मिल नहीं रहा तो वर्षों से चल रहा यह काम कैसे होगा। अब तो स्थिति सामान्य होने पर ही अपना यह पुश्तैना धंधा शुरू हो सकेगा, लेकिन निकट भविष्य में ऐसा कुछ नहीं दिख रहा। किशोरी राम बताते हैं, कच्चा माल नहीं रहने के कारण उनके घर का चरखा तो बिल्कुल बंद पड़ा है। अब सरकार मदद करे तो बात बने। चूंकि कच्चा माल खरीदने के लिए भी पैसे नहीं हैं।

मास्क निर्माण में जुटे कई युवा

वर्तमान हालात को देखते हुए बुनकरों की नई पीढ़ी मास्क निर्माण में जुटी है। खादी के कपड़ों से मास्क बनाने का काम शुरू कर दिया है। गांव के प्रह्लाद व उनके अन्य साथी कहते हैं कि जीविका चलाने के लिए कुछ तो करना ही पड़ेगा।
फिलहाल मास्क का डिमांड बाजार में है तो इसी कार्य में जुट गए हैं। वे सभी शासन-प्रशासन की तरफ नजर गड़ाए हैं कि कम से कम मास्क बनाने का ही ऑर्डर मिल जाए, जिससे रोजी-रोटी चल सके।

बालू लदा 9 ट्रक जब्त, खनन विभाग व पुलिस ने की संयुक्त कार्रवाई

नवादा : खनन विभाग की टीम ने सोमवार को कौआकोल पुलिस के सहयोग से अवैध बालू की चोरी कर बिक्री करने ले जाने के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए नौ ट्रक को जब्त किया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, झारखण्ड के लोकाय थाना अंतर्गत नदी घाटों से बालू माफिया द्वारा बिक्री करने के उद्देश्य से कई  ट्रकों पर बालू लोडकर कौआकोल के रास्ते प्रदेश के अन्य जिलों के लिए ले जाया जा रहा था।

सूचना के बाद खनन विभाग की टीम ने कौआकोल थानाध्यक्ष मनोज कुमार, एएसआई अभिरंजन कुमार यादव एवं अन्य पुलिस बलों के सहयोग से कौआकोल-महुडर मुख्य पथ पर मधुरापुर गांव के पास से तीन ट्रक जबकि कौआकोल-पकरीबरावां मुख्य पथ पर सरौनी एवं इटपकवा गांव के पास से छः ट्रक को छापेमारी के दौरान जब्त कर थाना ले आई।

थानाध्यक्ष मनोज कुमार के अनुसार सभी नौ ट्रक में बालू के कोई वैध चालान नहीं था। समाचार प्रेषण तक इस मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई जा सकी है। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो लॉकडाउन के बावजूद भी कौआकोल के सीमाई झारखण्ड के इलाके से सक्रिय खनन माफिया द्वारा अवैध ढंग से बालू का खनन और भंडारण कर कौआकोल के रास्ते सूबे के अन्य जिलों में ट्रक से भेजा जाता था। जिससे सरकार को प्रतिदिन लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है।

नियमित साफ-सफाई नहीं होने से शहर में पसरा गंदगी का अंबार

नवादा : कोरोना संक्रमण के दौर में भी शहर की नियमित साफ-सफाई नहीं कराई जा रही है। शहर की साफ-सफाई का हाल बेहाल है। नगर बाजार में नियमित कूड़े-कचरे का उठाव नहीं हो रहा है। गली-मोहल्लों में भी सफाई नहीं कराई जा रही है। कचरा उठाव के नाम पर केवल खानापूíत की जा रही है। इसके कारण शहर से लेकर गली-मोहल्लों में कई स्थानों पर गंदगी का अंबार लगा है। साथ ही नालियां भी गंदगी से बजबजा रही है। कोरोना संक्रमण के निरंतर बढ़ने और गंदगी से लोग सशंकित हैं।

शहर के मेन रोड, स्टेशन रोड, सब्जी बाजार आदि इलाकों में नियमित साफ-सफाई नहीं होती है। इसके कारण सड़कों के किनारे कूड़ा-कचरा का अंबार है। इसके अलावा शहर के कई स्थानों पर गंदगी का अंबार लगा है। नप की पुरानी पोस्टमार्टम रोड स्थित नाला की सफाई नहीं होने से गंदगी से बजबजा रही है।

पटेल नगर, मिर्जापुर, शिवनगर आदि इलाकों में नाला की सफाई नहीं होने से गंदगी से भरा पड़ा है। इन मोहल्लों में नियमित साफ-सफाई नहीं होने से जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा है। इसके अलावा अन्य मोहल्लों में भी स्थिति जस-की-तस बनी है।

नियमित साफ-सफाई नहीं होने से संक्रमण बढ़ने की आशंका है। मच्छरों का प्रकोप बढ़ा लोगों ने बताया कि नियमित साफ-सफाई नहीं होने से नालियां हमेशा जाम रहती हैं। जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है।

नाली का गंदा जमा रहने के कारण मच्छरों का प्रकोप भी काफी बढ़ गया है। शाम होते ही मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है। लोगों को मच्छरों के काटने से होने वाली मलेरिया जैसी बीमारी फैलने का भय सताने लगी है। जबकि सरकार की ओर कोरोना महामारी के दौर में सफाई पर विशेष ध्यान देने का निर्देश जारी किया गया है। बावजूद सफाई के नाम पर केवल खानापूíत की जा रही है।

गली-मोहल्लों को सैनिटाइज करवाना जरूरी

शहर के स्टेशन रोड निवासी प्रमोद कुमार, रौशन कुमार एवं सब्जी बाजार के राजेश कुमार, शिवशक्ति कुमार आदि ने बताया कि नियमित साफ-सफाई नहीं होती है। इसके कारण जगह-जगह कूड़ों-कचरों का अंबार लगा रहता है। नाली हमेशा जाम रहता है। मच्छरों का प्रकोप काफी बढ़ गया है। बीमारी फैलने का भय सताने लगा है। कोरोना महामारी के दौर में नियमित सफाई होनी चाहिए। शहर से लेकर गली-मोहल्लों को सैनिटाइज करवाना जरूरी है।

कहते हैं अधिकारी

कोरोना संक्रमण के दौर में नप क्षेत्र के सभी वार्ड के मोहल्लों की नियमित साफ-सफाई कराई जा रही है। प्रतिदिन कूड़ों-कचरों का उठाव कराया जा रहा है। नालियों की भी सफाई हो रही है, लेकिन आमजनों द्वारा अपने घर के कचरों को नाली में फेंक दिया जाता है। इससे नाली जाम हो जाता है। लोगों को जागरूक होने की जरूरत है। फॉगिग मशीन खराब रहने के कारण दवा का छिड़काव नहीं हो पाया है। नई मशीन की खरीदारी के लिए ऑर्डर दिया गया है।
देवेंद्र सुमन, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद, नवादा:

3.19 करोड़ की लागत से बनेगा नया थाना भवन

नवादा : महिला और अनुसूचित जाति-जनजाति थाना का शीघ्र ही अपना भवन होगा। इसके लिए बकायदा कार्य की शुरुआत कर दी गई है। अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस भवन का निर्माण शुरू हुआ है। मंगर बिगहा में खुरी नदी पुल के किनारे रविवार को भवन निर्माण कार्य की शुरुआत हुई। मिली जानकारी के अनुसार, तीन करोड़ 19 लाख की लागत से भवन का निर्माण कराया जाएगा। निर्माण का कार्य पूरा होने के बाद तीन तल्ले वाले इस भवन में महिला और एससी-एसटी थाना का संचालन किया जा सकेगा। एक वर्ष में कार्य को पूरा करने का अवधि निर्धारित है।

एक वरीय पुलिस पदाधिकारी ने बताया कि अन्य पुलिस भवनों की तुलना में यह भवन भव्य और आधुनिक होगा। जिसमें कई प्रकार की सुविधाएं रहेंगी। महिला थाना और एससी-एसटी थाना के पुलिस पदाधिकारियों के लिए इसी भवन में अलग-अलग चैंबर होंगे।

उन्होंने बताया कि थाना भवन के बगल में आवासीय भवन भी संभावित है। गौरतलब है कि अभी नगर थाना के पुराने भवन में महिला थाना संचालित है। जहां वर्तमान में कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जबकि एससी-एसटी थाना मंगर बिगहा में ही चल रहा है।

जिले में नियमित टीकाकरण शुरू होने पर केंद्र सरकार ने की सराहना

नवादा : कोरोना का कहर और लॉकडाउन के चौथे चरण के बीच जिले में नियमित टीकाकरण का कार्य चल रहा है। विभिन्न प्रकार की दुश्वारियों के बीच जिले में नियमित टीकाकरण शुरू होने पर केंद्र सरकार ने इसकी सराहना की है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने आधिकारिक ट्विटर पर नवादा जिले के आंगनबाड़ी केंद्र पर चल रहे टीकाकरण की तस्वीरें साझा करते हुए इसकी प्रशंसा की है। आधिकारिक ट्विटर पर यह भी कहा गया है कि प्रतिरक्षण पूरी तरह सुरक्षित एवं प्रभावी है।

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि 6 मई से जिले के कई आंगनबाड़ी केंद्रों पर टीकाकरण अभियान शुरू कर दिया गया है। अब तक 11 हजार 727 बच्चों को टीके लगाए गए हैं। इसके अलावा 3 हजार 600 गर्भवती महिलाओं को भी टीके दिए गए हैं। गौरतलब है कि विभिन्न प्रकार की बीमारियों से लड़ने के लिए शरीर में प्रतिरोधात्मक क्षमता बढ़ाने को टीके लगाए जाते हैं। टीका शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है। इधर, कोरोना का कहर शुरू होने के बाद लॉकडाउन के चलते टीकाकरण कार्य पूरी तरह बाधित हो गया था।

अधिकांश स्वास्थ्य कर्मी कोरोना से जुड़े बचाव कार्यों में व्यस्त हो गए थे। जिसके चलते बच्चों और गर्भवती महिलाओं को दिक्कतें हो रही थी। नवजात शिशुओं के माता-पिता भी परेशान थे कि उनके बच्चों को टीके कैसे लग सकेंगे। बहरहाल, जिले में टीकाकरण शुरू होने के बाद ऐसे लोगों ने राहत की सांस ली है। हालांकि, अभी भी रजौली, वारिसलीगंज, नवादा सदर आदि प्रखंडों में यह कार्य शुरू नहीं हो सका है। अभी भी कई आशा कार्यकर्ता और एएनएम कोरोना से जुड़े बचाव कार्यों में व्यस्त हैं। लेकिन जल्द ही सभी स्थानों पर टीकाकरण शुरू कर दिया जाएगा। वैसे सभी सरकारी अस्पतालों में टीकाकरण कार्य जारी है।

शारीरिक दूरी का किया जा रहा पालन

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि प्रतिरक्षण के दौरान शारीरिक दूरी का पालन किया जा रहा है।  प्रतिरक्षण करने वाली टीम के साथ ही जो महिला अपने बच्चे को टीके लगाने पहुंची हैं, वे भी मास्क लगाकर रह रहे हैं। सेंटर पर अन्य लोग भी मास्क पहन कर रहते हैं और शारीरिक दूरी का पूरी तरह से पालन करते हैं।

कब और कितना हुआ टीकाकरण :

तिथि – बच्चे – गर्भवती
6 मई – 2415 – 838
8 मई – 2518 – 797
9 मई – 1092 – 324
11 मई – 351 – 95
13 मई – 2235 – 716
14 मई – 536 – 172
15 मई – 1892 – 600
16 मई – 125 – 33
17 मई- 324 – 25