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बिहार अपडेट मधुबनी

15 मई : मधुबनी की मुख्य ख़बरें

गुड़गांव से ठेला व बाइक से झंझारपुर आए प्रवासी श्रमिक

मधुबनी : लॉकडाउन के कारण प्रवासियों का घर लौटने का सिलसिला जारी है। गुरुवार को गुड़गांव हरियाणा से दर्जनों प्रवासी मजदूर ट्रेन व अपने निजी वाहन के द्वारा मघुबनी जिले के झंझारपुर पहुंचे। ये प्रवासी मजदूर अनुमंडल के मधेपुर, लखनौर, झंझारपुर व अंधराठाढ़ी प्रखंड के रहने वाले हैं। अनुमंडल प्रशासन द्वारा इन प्रवासियों को स्वास्थ्य परीक्षण करने के बाद क्वारंटाइन केंद्र पर भेजा जाएगा एन०एच०-57 के कन्हौली पॉइंट पर प्रशासन की सख्ती बरती जा रही थी। एएसआई उमेश सिंह प्रवासियों को निर्देश देते देखे गये।

जानकारी के अनुसार, लॉकडाउन में घर जाने की छूट मिलने के बाद अभी तक महानगरों और राज्य के बाहर अन्य राज्यों में गुजर-बसर कर रहे जिले के हजारों लोग अब तक अपने घर पहुंच चुके हैं। इनके पहुंचने पर डाक्टरों की टीम द्वारा सभी का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। प्रवासी अपने घर लौटने पर संतुष्ट नजर आ रहे हैं।

वहीं टैक्सियों और निजी वाहनों से भी राज्य के बाहर गुड़गांव , दिल्ली आदि शहरों से लोग घर लौट रहे हैं। बाहर से लौट रहे प्रवासी एन०एच०-57 के कन्हौली मोड़ पर कुछ समय के लिए रुके थे। पूछने पर एक ने महेशपुरा तो दूसरे ने अपना घर मधेपुर बताया ये लोग ठेला,स्कूटर व बाइक से लगातार सात दिनों की सफर कर यहाँ पहुंचे थे। रास्ते में खाने-पीने की बावत प्रसन्नता व्यक्त करते हुए यूपी की योगी सरकार द्वारा जगह जगह भोजन की व्यवस्था को सराहा। वहीं बिहार में प्रवेश करने पर कुछ एक जगहों को छोड़कर नीतीश सरकार की निंदा करते हुए कहा कि मुजफ्फरपुर से अभी तक कहीं भी भोजन नहीं मिला, साथ में रखे बिस्किट व पानी पीकर यहाँ तक का सफर तय किया है। लॉक डाउन में पत्नी बच्चे के साथ बिताए दिन का दुखड़ा सुनाते सुनाते प्रवासी श्रमिक की आँखे नम हो गई, उन्होंने कहा कि अब अपने घर पहुंचने पर खुश हैं।

घर उजाड़ बना रहे रास्ते का स्थानीय लोगों ने किया विरोध

मधुबनी : पिछले साल जयनगर के कमला नदी में आयी प्रलयकारी बाढ़ के कारण प्रखंड के बेलही पश्चिमी पंचायत के बेतौंहा और अकौन्हा गांव स्थित कमला नदी के पश्चिमी और पूर्वी तटबंध कई जगहों पर क्षतिग्रस्त हो गया। आवागमन बहाल करने के लिए विभागीय स्तर पर ध्वस्त तटबंध मरम्मती का काम युद्ध स्तर पर कराया जा रहा है, लेकिन विगत कई वर्षों से तटबंध किनारे बसे दर्जनों भूमिहीन दलित परिवारों को निर्माण एजेंसी के द्वारा निर्माण स्थल से घर उजाड़ने का आदेश दिया गया है।

निर्माण एजेंसी के आदेश को लेकर लोगों में भारी आक्रोश

जयनगर प्रखंड के बेलही पश्चिमी पंचायत के बेतौंहा गांव के वार्ड नंबर सात निवासी लक्षमेश्वर पासवान, राम चन्द्र पासवान, विष्णुदेव पासवान, हिरा पासवान, श्याम पासवान, विशेश्वर पासवान, उमेश पासवान, झपसी पासवान, गंगा पासवान, दिलीप पासवान, खुशी लाल पासवान, देवू पासवान, राज कुमार पासवान, गोविंद पासवान गुरु पासवान, करण पासवान, शम्भु पासवान, राम दयाल पासवान, राम प्रकाश पासवान, छोटन पासवान एवं राम विलास पासवान समेत दर्जनों की संख्या में ग्रामीणों ने बताया कि तीस साल पहले हम लोग कमला नदी के तटबंध के भीतर भारत नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा के समीप घर बना कर परिवारों के साथ किसी तरह गुजर बसर करते थे। लेकिन सन् 1987ई० में कमला नदी में आयी प्रलयकारी बाढ़ के कारण पूरा गांव बाढ़ से पूरी तरह से प्रभावित हुआ और भारी नुकसान पहुंचा। बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने आये मधुबनी जिले के तत्कालीन जिला समाहर्ता अशोक कुमार सिंह ने तटबंध के भीतर फंसे सभी गाँव के लोगों को नाव के सहारे निकाल कर कमला नदी के पूर्वी तटबंध किनारे बेतौंहा गांव के वार्ड नंबर सात में सरकारी जमीन पर बसाने का काम किया। लेकिन पिछले साल एक बार पुनः कमला नदी में आयी प्रलयकारी बाढ़ के कारण बेतौंहा गांव तक जाने वाली मुख्य तटबंध चार अलग अलग जगहों पर ध्वस्त हो गया।

ध्वस्त तटबंध की मरम्मती को लेकर इन दिनों कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। इसी क्रम में ध्वस्त तटबंध के समीप दो दर्जन से अधिक परिवारों को निर्माण एजेंसी के द्वारा सभी को सरकारी जमीन से घर हटाने का आदेश दिया गया है। ग्रामीणों ने बताया कि पूर्व में एक पदाधिकारी हम सभी को जमीन नहीं रहने पर बसा रही है, और दूसरी ओर तटबंध मरम्मती को लेकर सभी भूमिहीन परिवारों को मकान तोड़ने का आदेश दिया जा रहा है।

ग्रामीणों ने बताया कि सभी भूमिहीन परिवार दलित वर्ग से आते हैं, और सरकार के द्वारा पूर्व में सभी को इंदिरा आवास योजना का लाभ दिया जा चुका है। पंचायत के सरपंच शत्रुधन बेराजी ने बताया कि सरकार को गरीबों व भुमिहीन परिवारों को बसाना चाहिए न कि उजारना चाहिए। सरकार अगर इन भुमिहीन परिवारों को हटाती है, तो हटाने से पहले सभी परिवारों को विस्थापित किया जाना चाहिए।

क्वारंटाइन सेंटर में खाने को दिया बासी खाना, तोड़फोड़

मधुबनी : लदनियां प्रखंड के क्वारंटाइन सेंटर में दिन के भोजन में बासी चावल परोसे जाने के बाद प्रवासियों ने बवाल कर दिया। प्रखंड सह अंचल कार्यालय परिसर में बने इस क्वारंटाइन सेंटर में तोड़फोड़ कर दी। समझाने पहुंचे बीडीओ नवल किशोर ठाकुर को सैकड़ों की प्रवासियों की भीड़ ने कब्जे में ले लिया। उनके साथ मारपीट भी की गई है। घटना की सूचना मिलने पर कई थाने की पुलिस पहुंच गई है। मगर, प्रवासी मानने को तैयार नहीं हैं। इस बीच एसपी डॉ० सत्य प्रकाश ने वहां अतिरिक्त बल भेजने की बात कही है।

बताया जा रहा कि शुक्रवार को उक्त क्वारंटाइन सेंटर पर दिन के भोजन में चावल, दाल व सब्जी परोया गया। अचानक यह बात फैल गई कि बासी चावल परोसा गया है। इसके बाद करीब चार सौ की संख्या में यहां आवासित प्रवासियों ने हंगामा शुरू कर दिया। हंगामे की सूचना पर बीडीओ वहां पहुंचे। उन्होंने भोजन देने वाली एजेंसी से इस बाबत पूछताछ शुरू की। यह पूछा गया कि किस तरह बासी चावल परोसा गया। इसी दौरान आक्रोशित भीड़ ने बीडीओ पर हमला कर दिया। साथ ही उनसे मारपीट की।

वे किसी तरह बचकर खुद को एक कमरे में बंद कर लिया। इसके बाद अनियंत्रित प्रवासियों ने कार्यालयों में तोड़फोड़ शुरू कर दी। फर्नीचर व अन्य सामान को तोड़ डाला। यह सूचना प्रवासियों के स्वजनों को भी मिली। वे भी क्वारंटाइन सेंटर के बाहर जमा हाेने लगे। इसकी सूचना जिले के वरीय पदाधिकारियों को दी गई। कई थाने की पुलिस वहां पहुंची। मगर, आक्राशित मानने को तैयार नहीं हैं। स्थानीय लोगों की भीड़ के आने की सूचना पर अतिरिक्त बल को भेजा जा रहा है।

दूसरी ट्रेन पहुंची मधुबनी, स्क्रीनिंग के बाद भेजे गए

मधुबनी : थाणे(महाराष्ट्र) श्रमिक स्पेशल ट्रेन सुबह 07ः50 बजे अपने निर्धारित समय से लगभग 12 घंटे विलंब से मधुबनी स्टेशन पर पहुंची। ट्रेन से आये प्रवासियों की अगुवाई अजय कुमार सिंह, उप-विकास आयुक्त, सुशील कुमार, जिला परिवहन पदाधिकारी, सुनील कुमार सिंह, अनुमंडल पदाधिकारी, सदर, सुश्री कामिनीबाला, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सदर, शैलेन्द्र कुमार, जिला सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी, बुद्धप्रकाश, प्रभारी, जिला आपदा प्रबंधन शाखा द्वारा किया गया। इस ट्रेन से कुल 1400 यात्री/प्रवासी आये थे। जिनमें सहरसा, कटिहार, बांका, भागलपुर, पूर्णिया, समस्तीपुर, सुपौल, किशनगंज तथा मधुबनी जिला के प्रवासी थे।

प्रवासियों को उनके प्रखंड/जिला पहुंचाने के लिए 50 बसों की व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा किया गया था। प्रवासियों के स्क्रीनिंग हेतु चिकित्सकों का दल स्टेशन पर मौजूद था। प्रत्येक प्रवासी यात्री की स्क्रीनिंग के पश्चात उनको खाने का पैकेट, पानी का बोतल, मास्क, साबुन इत्यादि का किट वितरित किया गया।
जिला के प्रवासियों को सभी प्रखंडों के क्वारेंटाईन सेन्टर पर 14 दिन रखने की व्यवस्था पूर्व से है, जिनमे उनसभी को रखा जाएगा।

कोरोना का असर सोशल मीडिया से किया जाएगा लोगों को डेंगू के प्रति जागरूक

मधुबनी : कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रसार ने कई स्वास्थ्य दिवस के आयोजनों को भी प्रभावित किया है. प्रत्येक वर्ष 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस के रूप में मनाया जाता है परंतु इस वर्ष वैश्विक महामारी कोविड-19 की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए इस दिवस पर किसी प्रकार की जागरूकता रैली या सभा का आयोजन नहीं किया जाएगा. इसको लेकर अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी ने जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी को पत्र लिखकर इस संबंध में निर्देश दिया है। पत्र में बताया गया है कि कोविड-19 के मद्देनजर राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर आम जागरूकता बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया, फेसबुक, व्हाट्सएप आदि माध्यमों का सहारा लिया जाए. इस वर्ष के राष्ट्रीय डेंगू दिवस की थीम- ‘‘इफेक्टिव कम्युनिटी इंगेजमेंट: की टू डेंगू कंट्रोल’’ रखी गयी है. बरसात शुरू होते ही मच्छरजनित रोगों जैसे डेंगू एवं चिकनगुनिया का खतरा बढ़ जाता है। मच्छरों से फैलने वाले इन दोनों रोगों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए राज्य के साथ जिला भी पूर्व से ही सतर्क है।

मच्छरों से रहें सावधान :

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी ने बताया डेंगू एवं चिकनगुनिया की बीमारी संक्रमित एडीज मच्छर के काटने से होती है. यह मच्छर सामान्यता दिन में काटता है एवं यह स्थिर पानी में पनपता है. डेंगू का असर शरीर में 3 से 9 दिनों तक रहता है। इससे शरीर में अत्यधिक कमजोरी आ जाती है और शरीर में प्लेटलेट्स लगातार गिरने लगती है। वहीँ चिकनगुनिया का असर शरीर में 3 माह तक होती है। गंभीर स्थिति में यह 6 माह तक रह सकती है. डेंगू एवं चिकनगुनिया के लक्षण तक़रीबन एक जैसे ही होते हैं. इन लक्षणों के प्रति सावधान रहने की जरूरत है. तेज बुखार, बदन, सर एवं जोड़ों में दर्द ,जी मचलाना एवं उल्टी होना ,आँख के पीछे दर्द. त्वचा पर लाल धब्बे/ चकते का निशान,नाक, मसूढ़ों से रक्त स्त्राव, काला मल का आना डेंगू एवं चिकनगुनिया के लक्षण होते हैं।

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी ने बताया तेज बुखार का उपचार हेतु एस्प्रिन अथवा ब्रुफेन की गोलियां का कदापि इस्तेमाल ना करें इसके लिए पारासिटामोल सुरक्षित दवा है। यदि किसी व्यक्ति में पूर्व में डेंगू हो चुका है तो उन्हें अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। वैसे व्यक्ति में दोबारा डेंगू बुखार की शंका होने पर तुरंत सरकारी अस्पताल से संपर्क करें।

ऐसे करें बचाव :

• घर में साफ सफाई पर ध्यान रखें ,कूलर एवं गमले का पानी रोज बदलें.
• सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें. मच्छर भागने वाली क्रीम का इस्तेमाल दिन में करें.
• पूरे शरीर को ढंकने वाले कपडे पहने एवं कमरों की साफ़-सफाई के साथ उसे हवादार रखें.
• आस-पास गंदगी जमा नहीं होने दें. जमा पानी एवं गंदगी पर कीटनाशक का प्रयोग करें.
• खाली बर्तन एवं समानों में पानी जमा नहीं होने दें. जमे हुए पानी में मिट्टी का तेल डालें.
• डेंगू के लक्षण मिलने पर तुरंत ही नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करें.

रोजा तोड़ मुस्लिम युवक ने किया रक्तदान, बचाई जान

मधुबनी : मिथिला स्टूडेंट यूनियन के दानिश नाम का युवा अपना रोजा तोड़कर ब्लड डोनेट कर एक हिंदू बेटी की जान बचाता है। ये युवा दानिश पंडौल का रहने वाला है, और पेसेंट रामपट्टी गांव की है, जो मधुबनी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती है। रक्त आपूर्ति की खबर मिलते ही परिजन में खुशी की लहर दौड़ गयी।

ट्रेन मिलाना ख़ुशनसीबी, सात हजार खर्च करने के बाद भी चले पैदल

मधुबनी : झंझारपुर अनुमंडल परिक्षेत्र में मजदूरों के दूसरे प्रदेशों से आने का तांता लगा है। वे मजदूर खुशनसीब हैं जिन्हें ट्रेनों में जगह मिल गई। मगर, बड़ी संख्या ऐसे मजदूरों की भी है जो जैसे-तैसे घर पहुंच रहे हैं। झंझारपुर की सड़कों, रेलवे ट्रैकों पर पांव पैदल अपने घर की ओर जाने का सिलसिला अचानक बढ़ गया है। मजदूर हाथों पर मोटा, बक्सा, प्लास्टिक की बाल्टी में सामान लिए चले जा रहे हैं। किसी को मजदूरों की चिता दिखाई नहीं दे रही। गुरुवार को कई ट्रकों में भर भरकर मजदूर मोहना एन एच 57 पर उतरे। जेठ की चिलचिलाती धूप में हांफते मजदूर चले जा रहे थे। लखनौर प्रखंड कार्यालय से 500 मीटर पीछे गंगा मत्स्य हेचरी दैयाखड़वार के नजदीक करीब 40 मजदूरों का जत्था मिला।

मजदूरों ने बताया कि वे लोग महाराष्ट्र के भिवंडी से आ रहे हैं। मजदूरों ने चौकाने वाली बातें कहीं। इनमें मजदूरों का दर्द छलककर बाहर आ रहा था। हाथ जोड़े एक मजदूर ने कहा, सर, फोटो कि लेईछी, संभव हुए त एकटा गाड़ी केर व्यवस्था क दिअ। घर पहुंच में सुविधा होयत। मजदूरों ने कहा कि महाराष्ट्र में कभी सरकार तो कभी स्वयंसेवी संस्थाओं ने भोजन पानी की खूब व्यवस्था की। मगर, मोहना में उतरकर जब गांव की ओर चले हैं, तो लोग पानी तक देना नहीं चाहते। अपनी मिट्टी की खुशबू उनलोगों को इस लॉकडाउन में भी गांव की ओर खींच लाई है। मगर, यहां के लोग अपने ही भाई बांधव को पानी तक देना मुनासिब नहीं समझते।

मजदूरों ने कहा कि यहां के लोगों को आशंका है कि कहीं मजदूरों से उन्हें कोरोना का संक्रमण ना हो जाए। सभी 40 मजदूर मधेपुर प्रखंड के बलथी गांव के रहने वाले थे। मजदूर सदरे आलम, जिलानी, सागिर्द सहित अन्य ने बताया कि वे लोग करीब 140 आदमी भिवंडी से दो ट्रक के सहारे चले थे। प्रत्येक मजदूर को आने में करीब सात हजार रुपये का खर्च आया है। इतनी राशि खर्च की भी चिता नहीं है। मगर, स्थानीय प्रशासन मोहना से मधेपुर के लिए कोई बस वगैरह की व्यवस्था करती तो सहुलियत होती। मजदूरों ने कहा कि वे लोग किराया देने को भी तैयार हैं। मगर, रास्ता में न तो ऑटो वाला और ना ही कोई ट्रक वाला। उनके इलाके में भी लोग बिठाने के लिए तैयार नहीं है। इतने कष्ट के बाबजूद भी मजदूरों ने बताया कि वे लोग मधेपुर ब्लॉक पर जाकर अपनी जांच कराएंगे। प्रशासन जैसा निर्देश देगा वैसा ही करेंगे।

क्वारंटाइन केंद्र में दर्द से तड़पता रहा युवक पर नहीं मिली चिकित्सीय सहायता

मधुबनी : बिहार से बाहर के राज्यों से कोरोना संक्रमण से परेशान प्रवासी मजदूरों को सरकार के द्वारा तो घर पहुँचा दी गई, लेकिन इन प्रवासियो को कोई देखने वाला नही। मामला मधुबनी जिले के बिस्फी प्रखंड क्षेत्र के सिबौल उच्च विधालय मे बने एक पंचायत स्तरीय क्वारंटाइन केन्द्र का है, जिसमे एक प्रवासी मजदूर दर्द से तरपता रहा, लेकिन कोई भी सरकारी मुलाजिम या स्थानीय प्रतिनिधि दर्द समझने वाला नहीं दिखाई दिया। प्रवासी के इलाज हेतु कोई भी चिकित्सक नही पहुँचा। अपना जिंदगी भगवान भरोसे काटता रहा।

क्वारंटाइन केन्द्र मे ठहरे प्रवासियो ने बताया यहाँ किसी भी प्रकार की कोई सुविधा उपलब्ध नही करायी जा रही है। विधालय के अर्द्ध निर्मित फर्स के ईट पर ही सोने को विवश है। यहाँ यह सवाल है कि इन प्रवासियो को सरकार ने तो वापस घर लाया। लेकिन इनको इस वक्त ना ही रहने सोने एवं खाने पीने के लिये स्थानीय प्रशासन के द्वारा व्यवस्था क्यों नहीं की जा रही है,ना ही कोई स्थानीय प्रतिनिधि इस पर अमल कर रहे हैं। खाना भी तरीके का नहीं खिलाया जा रहा है।
खंगरैठा उच्च विद्यालय एवं भोज पंडोल पंचायत के कमला बाड़ी विद्यालय में बनाई गई क्वारंटाइन कि भी वही हाल देखी जा रही है। वहीं पंचायत के मुखिया के द्वारा भी सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है। प्रवासी मजदूरों द्वारा मुखिया को कहे जाने पर पंचायतो के मुखिया द्वारा डांट फटकार कर दी जाती है, कि मामला प्रकाश में लगातार आ रही हैं। एवं बाहर से आ रहें प्रवासी असुविधा होने के कारण इधर उधर भटक रहने की मामला लगातार प्रकाश में आ रही हैं। प्रवासी अपने घर से विस्तर मंगवाकर भगवान भरोसा अपना कोरोना अवधि काट रहे हैं।

रेलवे गेटमैन ने लगाया शोषण का आरोप, बारह घंटे लिया जा रहा काम

मधुबनी : वैश्विक महामारी से विश्व त्रस्त है। भारत मे लॉकडाउन लागु है। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोगों को सोशल डिस्टेंस के साथ लॉकडाउन का पालन करने के लिये लोगों से अपील कर रहे है। अनावश्यक कामों से घर से नहीं निकलने की सलाह दे रहे है। प्रवासी मजदूर एवं अन्य राज्यो मे फँसे छात्र-छात्राओं की समस्याओ को देखते हुये उन्हें स्पेशल ट्रेनों से घर भेजकर क्वारन्टाइन करवा रहे है।

रेलवे के ड्यूटी मे लगे गेटमैन  ने अपने पदाधिकारियों पर शोषण एवं तुगलकी फरमान जारी करने का आरोप लगाया है। मधुबनी रेलवे के गुमटी नंबर-10सी पर कार्यरत गेटमैन सह ऑल इंडिया रेलवे ट्रैक मेंटेनर यूनियन समस्तीपुर मंडल के अध्यक्ष पंकज कुमार ने बताया की लॉकडाउन के पीरियड मे हमलोगो को ट्रांसफ़र का आदेश यानि तुगलकी फरमान जारी किया गया है, जिसके जिम्मेवार एडीईन सेकेंड दरभंगा दिनेश कुमार एवं एसएसई सकरी पंकज कुमार पदाधिकारी है।

जबकि 12 मई 2020 को रेलवे बोर्ड के असिस्टेंट एक्क्युटिव डायरेक्टर सुनील कुमार पत्र जारी कर पेरिओडिकल ट्रांसफर पर रोक लगाई है, तो लॉकडाउन के इस महामारी के समय मे गेटमैन का ट्रांसफ़र का किस मनसिकता के साथ किया गया है। साथ ही मधुबनी गेट नंबर 10सी का टीभीयू 50232 है, जहाँ 2018के ही नियम मुताबिक गेटमैन को 08घंटा ड्यूटी करनी है। लेकिन हमसे कई वर्षो से 12घंटा ड्यूटी ली जा रही है।गेटमैन पंकज कुमार ने बताया की इसकी शिकायत वरीय पदाधिकारी को आवेदन के माध्यम से किया हूँ, और रेलवे के वरीय पदाधिकारियों से मेरी माँग है की संपूर्ण मामले की जाँच कर दोषियों पर करवाई हो और मेरे साथ न्याय हो।

राजद विधायक ने साफ-सफाई का लिया जायजा

मधुबनी : राष्ट्रीय जनता दल के विधायक समीर कुमार महासेठ ने आज नगर परिषद के कारकपट्टी,बड़ा बाजार मे हो रहे साफ-सफाई का जायजा लिया।इस सम्बन्ध मे स्थानीय लोगों से विस्तार से बात की और हो रहे साफ-सफाई से संतुष्ट दिखे। इस मौके प्रह्लाद पूर्वे सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।

वार्ड पार्षद ने बताया कि नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी के द्वारा आवेदन देने के बावजूद भी साफ-सफाई पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है, अभी फिलहाल मुख्य पार्षद सुनैना देवी के पहल पर साफ-सफाई की शुरुआत हुई है। इसके बाद इस वार्ड का राजद विधायक समीर कुमार महासेठ ने जायजा लिया, एवं वहाँ की जनता ने घरो मे पानी लगने एवं अन्य दूसरी शिकायत विधायक से की। शिकायत सुनते ही विधायक ने जल्द निदान की बात कही।
विधायक समीर कुमार महासेठ ने बताया की पिछले कुछ दिनों से लगातार हम नगर के वार्डों का अवलोकन खुद से कर रहे हैं। इस दरम्यान वहां की जनता से मिलकर उनकी परेशानी को सुनकर, उसको दूर करने का समुचित प्रयास किया जाएगा।

क्वारंटाइन केंद्रों का अधिकारियों ने किया मुआयना

मधुबनी : बाहर से आए प्रवासी मजदूरों, कामगारों एवं अन्य लोगों को संगरोध हेतु प्रखण्ड क्वारंटाइन कैम्प में रखा गया है। क्वारंटाइन कैम्प की व्यवस्था एवं वहाँ रहने वाले लोगों को उपलब्ध करायी जा रही बुनियादी सुविधाओं का निरीक्षण करने हेतु सभी प्रखण्डों के वरीय पदाधिकारी को जिलाधिकारी डॉ० निलेश रामचन्द्र देवरे द्वारा निदेशित किया गया था।

जाँच के क्रम में सभी प्रखंड स्तरीय क्वारंटाइन कैंप का निरीक्षण कर आवासित व्यक्तियों को दी जा रही सुविधा जैसे डिग्निटी किट, भोजन, पेयजल, शौचालय आदि की जांच के साथ साथ प्रखंड क्वारांटाइन कैंप में आवासित व्यक्तियों के स्किल मैट्रिक्स (कुशल/अकुशल सर्वे) की समीक्षा करने की बात जिलाधिकारी द्वारा कही गयी थी। जिसके आलोक में आज प्रखण्डों के वरीय अधिकारियों के द्वारा क्वारंटाइन कैम्पों का निरीक्षण किया गया।

सुमित राउत