14 मई : मधुबनी की मुख्य ख़बरें

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तालाब में मिला युवक का शव, इलाक़े में सनसनी

मधुबनी : बिस्फी थाना क्षेत्र के सिमरी गांव के बड़की पोखरा से एक 26 वर्षीय युवक की शव बरामद हुई है। शव के मिलने से इलाके मे सनसनी का माहौल कायम हो गया। इस घटना की सूचना मिलते ही बिस्फी थाना पुलिस घटना स्थल पर पहुँची, जहाँ बिस्फी थाना अध्यक्ष उमेश कूमार पासवान, एसआई सुरेंद्र यादव, एएसआई उदय सिंह दल बल के साथ पहुंच युवक के शव को अपने कब्जे में लेकर छानबीन किया।

प्रवासी पक्षियों से गुलजार हुआ त्रिवेणी संगम तट का पिपराघाट

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मृतक की पहचान मूकेश सहनी पिता राजेन्द्र सहनी ग्राम रामनगरा थाना मेजरगंज जिला सीतामढ़ी के रूप मे किया गया। यह युवक अपने ससुराल बेनीपट्टी थाना क्षेत्र के पाली गाँव मे रहता था। बताया जा रहा है एक दिन पूर्व मछली पकड़ने के लिए अपने ससुर साला के साथ सिमरी बड़की पोखरा नामक तालाब मे आया था। मछली पकड़ने के पश्चात तीन युवक ने तालाब में ही एक नाव मे सो गया। जब सुबह एक ब्यक्ति नही मिलने के बाद खोजबीन मे तालाब से मृत अवस्था मे बरामद किया गया।बिस्फी थाना पुलिस शव को पोस्टमार्टम हेतु मधुबनी भेज दिया। इस बावत बिस्फी थाना अध्यक्ष उमेश कूमार पासवान ने बताया पुलिस के द्वारा मामले की छानबीन एवं जाँच की जा रहीं हैं।

डीएम ने अधिकारियों को क्वारंटाइन केंद्रों पर भ्रमण करने का दिया निर्देश

मधुबनी : जिलाधिकारी डॉ0 निलेश रामचन्द्र देवरे ने जिला के सभी प्रखंडों के वरीय पदाधिकारियों को अपने-अपने प्रखंड में बने क्वारंटाइन सेन्टर का भ्रमण करने का निदेश दिया गया है। साथ ही सभी क्वारेंटाइन केन्द्र पर रह रहे लोगों को दी जानेवाली सुविधाओं का भी जांच करने का निदेश दिया गया है।

सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी को अपने-अपने प्रखंड में क्वारंटाइन सेन्टर पर शारीरिक प्रशिक्षक शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति करते हुए नियमित योगाभ्यास कराने का निदेश दिया गया है। उन्होंने निदेश दिया है कि जिन व्यक्तियों का 14 दिन क्वारंटाइन सेन्टर में हो गया है, उन्हें 7 दिनों तक होम क्वारंटाइन में रहने हेतु भेजना की कारवाई करें। प्रखंडों में जहां कोविड-19 का सैंपल लिया जाता है, उसके लिए हेल्थ क्वारेंटाइन बनाये जाने का भी निदेश दिया गया है।

कोरोना की पुष्टि के बाद गांव को बनाया गया कंटेनमेंट ज़ोन

मधुबनी : एसकेएमसीएच, मुज0 से प्राप्त जानकारी पर कार्रवाई करते हुए जिलापदाधिकारी ने मधवापुर प्रखंड के एक पंचायत को कंटेनमेंट ज़ोन बनाए जाने का निर्देश दिया है। माधवपुर प्रखंड के एक व्यक्ति को कोरोना संक्रमित पाया गया है। प्रखंड के संबंधित गांव/पंचायत से कोविड-19 के मामले की पुष्टि होने के बाद इसके संक्रमण को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है।

मधवापुर प्रखंड के ग्राम-मुखियापट्टी को एपिसेेंटर घोषित करते हुए इसके 03 कि0मी0 के क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है। जिला पदाधिकारी, मधुबनी द्वारा सभी संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी/अंचल अधिकारी/थानाध्यक्ष/प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी एवं अन्य पदाधिकारियों को कंटेनमेंट जोन के अंतर्गत की जाने वाली सभी गतिविधियों के लिए विभाग द्वारा दिये गये निदेशों का अनुपालन सुनिश्चित कराने एवं कृत कार्रवाई का दैनिक प्रतिवेदन ससमय भेजने का निदेश दिया गया है।

पूर्व सैनिक ने क्वारंटाइन केंद्रों में फेस मास्क व जूस का किया वितरण

मधुबनी : कोविड-19 के कारण पूरे राष्ट्र में देशव्यापी लॉक डाउन किया गया है। बाहर से आ रहे प्रवासियों के मद्देनजर क्वारंटाइन केंद्रों का व्यवस्था की गई है। पर कई जगह पर बहुत सारी खामियां उजागर हो रही हैं। इसी के मद्देनजर मधुबनी जिले के खजौली विधानसभा के जयनगर निवासी पूर्व सैनिक सह समाजसेवी बब्लू गुप्ता ने जयनगर प्रखंड के क्वारेंटाइन केंद्रों पर जाके वहां रह रहे लोगों के बीच जूस, फेस मास्क, सेनेटाइजर वितरण किया। इसके अलावा खाने का भी सामान वितरण किया।

वैश्विक महामारी बन चुके कोविड-19 नोबल कोरोना वायरस के प्रति सचेत करने और स्वच्छता के लिए जागरूकता के उद्देश्य से खजौली विधानसभा के कई गाँव में राशन, फेस मास्क ओर साबुन गाँव के लोगों के बीच वितरण डोर-टू-डोर करते हुए समाजसेवी सह खजौली विधानसभा चुनाव-2020 के भावी प्रत्याशी बब्लू कुमार गुप्ता ने ग्रामीणों के बीच जाके उनको इस वायरस से सावधान रहने को आगाह किया।

उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने जो कहा है, और जो दिशा-निर्देश हमें सरकार के तरफ से मिले हैं, उनका पालन हम सभी को शत-प्रतिशत करना है। सोशल डिस्टेंस बनाये रखना है, ओर अधिक जरूरत नही हो तो घर से बाहर बिल्कुल नही निकलें।

कई मौकों पर श्री गुप्ता ने ग्रामीणों से कहा कि बहुत जरूरत होने और ही घर से बाहर निकालें, ओर मास्क लगाएं एवं घर से बाहर जाने-आने के क्रम में हाथ को बढ़िया से धोएं ओर साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें। उन्होंने ग्रामीणों से उनके घर-घर जाके कहा कि ये एक महामारी बन चुका है हर जगह में, इसलिए अपने यहां भी हम इसके प्रभाव से बचने के लिए इससे बच कर रहें। क्योंकि अभी तक इसकी वैक्सीन या इससे निपटने की दवा का ईजाद नही हुआ है।

आपको बता दें कि बब्लू कुमार गुप्ता वर्ष 2019 में झंझारपुर लोकसभा से चुनाव लड़ चुके हैं, और 2020 में खजौली विधानसभा से भावी प्रत्याशी भी हैं। इससे पहले वो कई खजौली विधानसभा के दर्जनों प्रखंड के गाँव में जाकर अनाज, राशन, फेस मास्क ओर साबुन इत्यादि चीजों का वितरण कर चूके हैं।

हालांकि इस महामारी के दौरान स्थानीय लोगों में अपने विधायक के प्रति भारी रोष ओर गुस्सा भरा हुआ है, की संकट की इस घड़ी में भी वो राहत तो दूर की बात सुध लेने को भी न आये और किसी लोगों का कॉल रिसीव कर रहे हैं। ऐसे में खजौली विधानसभा वासियों में भारी गुस्सा दिखाई पड़ा वर्तमान खजौली विधायक के प्रति। हालांकि इस वैश्विक महामारी से पहले भी बब्लू कुमार गुप्ता जी खजौली विधानसभा के विभिन्न क्षेत्रों में लोगों की मदद करते रहे हैं।

मधुबनी के पांच कोरोना वॉरियर्स ने कोरोना को दी मात, अस्पताल से हुई छुट्टी

मधुबनी : कोरोना का पहला मामला 27 अप्रैल को आया था। एक साथ पांच लोगों के पॉजिटिव पाए जाने से जिला कोरोना की चपेट में आ गया था। मगर, करीब दो सप्ताह के बाद सभी पांचों ने कोरोना पर विजय प्राप्त कर ली। उनकी तीसरी रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद बुधवार को सभी को झंझारपुर के र्निसंग स्कूल में बने आइसोलेशन सेंटर से छुट्टी दे दी गई। इन वॉरियर्स की फूलमाला के साथ विदाई की गई।

कोरोना से जंग जीतने वालों में महिला सिपाही दुर्गावती कुमारी (27), कलुआही की मीना देवी (65), मधेपुर का संतोष यादव (35), पिपरौलिया का मो. फिरोज (32) एवं मो. अफरोज (30) शामिल हैं। इन सभी को 22 मई तक घर में रह फिजिकल डिस्टेंसिग रखते हुए रहने को कहा गया है। इन वॉरियर्स ने इस सेंटर की बेहतर व्यवस्था के साथ ही यहां के स्वास्थ्य र्किमयों एवं चिकित्सकों को धन्यवाद दिया। विदाई के दौरान एसीएमओ डॉ. सुनील कुमार, डॉ. आरके सिंह, डीएस डॉ. किशोर चंद्र चौधरी, डॉ. मुकेश कुमार, डॉ. सुशील पूर्वे, डॉ. पवन कुमार, अस्पताल प्रबंधक श्याम चौधरी, केयर इंडिया के चन्दन कुमार आदि मौजूद थे। संकट के बीच राहत के पल! एक साथ पांच लोगों के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद जिले में मानो भूचाल आ गया था। लोग सशंकित हो उठे थे। क्योंकि कोरोना का यह पहला मामला था।

इस मामले ने लोगों को भले चिता में डाला हो। मगर, कोरोना के जंग जीतने वाले इन पांचों वॉरियर्स ने कभी हिम्मत नहीं हारी। जितने दिन ये कोरोना केयर सेंटर में रहे, बीमार तक नहीं पड़े। जिस बीमारी से दुनिया डर रही उसे इन वॉरियर्स ने कभी हावी नहीं होने दिया। तभी तो इलाज करने वाले चिकित्सक कहते रहे, इनमें कोई लक्षण ही नहीं। इस कारण कोई दवा नहीं दी गई। ये सभी खुद कोरोना वायरस से लड़ते रहे। महज पांच माह की बच्ची के साथ अस्पताल में भर्ती होने वाली महिला सिपाही दुर्गावती कुमारी यहां भी डटकर मुकाबला किया। वहीं 65 वर्ष की मीना देवी बीमारी का इलाज कर दिल्ली से लौटी थीं। बीमार इस महिला ने उम्र के अंतिम पड़ाव में भी कोरोना को मात दी। कोरोना के खिलाफ भले ही यह अभी शुरुआती जीत है। मगर, संकेत है बड़ी जीत का। उदाहरण है संयम व धैर्य का। जिलावासी अगर संयम व धैर्य रखें तो निश्चित रूप से हम कोरोना को परास्त करेंगे।

श्रमिक स्पेशल ट्रेन से पहुंचे 1600 प्रवासी कामगार

मधुबनी : श्रमिक स्पेशल ट्रेन आज दोपहर लगभग में मधुबनी स्टेशन पर पहुंची। ट्रेन से कुल 1600 यात्री/प्रवासी आए। जिनमें मधुबनी के 668 प्रवासी, दरभंगा के 205, मुजफ्फरपुर के 185, सुपौल-155, सीतामढ़ी-145, पूर्वी चंपारण-132, तथा शिवहर-110 प्रवासी थे। प्रवासियों को उनके सम्बंधित जिला तथा मधुबनी जिला के प्रवासियों को उनके जिला पहुंचाने के लिए 50 बसों की व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा किया गया था।

प्रवासियों की स्क्रीनिंग हेतु चिकित्सकों की 26 टीमें स्टेशन पर थी। प्रत्येक प्रवासी यात्री की स्क्रीनिंग के पश्चात उनको खाने की व्यवस्था थी। स्वयं जिला पदाधिकारी एवं एस0पी0 साहब द्वारा सभी यात्रियों को फ़ूड पैकेट, पानी का बोतल, फेस मास्क, साबुन आदि के किट का वितरण किया गया। इस दौरान यात्रियों/प्रवासियों को ट्रेन से उतरने तथा बसों में बैठने के दौरान डिस्टेंसिंग का पालन किया गया। सुरक्षा बलों के द्वारा भी दिए गये निदेशों का पालन कराया गया। जबकि एक अन्य ट्रेन शाम 07ः00 बजे भिवंडी से आने को निर्धारित है। जिला के प्रवासियों को सभी प्रखंडों के क्वारेंटाईन सेन्टर पर 14 दिन रखने की व्यवस्था पूर्व से है।

ट्रेन से आए प्रवासियों का स्वागत डाॅ0 निलेश रामचन्द्र देवरे, जिला पदाधिकारी, मधुबनी, पुलिस कप्तान, डाॅ0 सत्यप्रकाश, प्रशिक्षु आई0ए0एस0, सुश्री प्रीति, सिविल सर्जन, श्री अवधेश राम, अपर समाहत्र्ता, श्री अजय कुमार सिंह, उप-विकास आयुक्त, श्री सुशील कुमार, जिला परिवहन पदाधिकारी, श्री सुनील कुमार सिंह, एसडीओ, सुश्री कामिनीबाला, एसडीपीओ, सदर, श्री शैलेन्द्र कुमार, जिला सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी, श्री बुद्धप्रकाश, जिला आपदा प्रभारी द्वारा किया गया।

ज़ूम एप के माध्यम से छात्र कोर कमिटी की हुई बैठक

मधुबनी : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय छात्र संघ के द्वारा जूम ऐप के माध्यम से आज छात्र संघ कोर कमेटी की बैठक की गई, जिसकी अध्यक्षता विश्वविद्यालय छात्रसंघ अध्यक्ष आलोक कुमार ने किया। इस बैठक में मुख्यतः बिंदुओं पर चर्चा किया गया, जिसमें ऑनलाइन वर्ग संचालन कन्या उत्थान योजना से वंचित छात्राओं के लिए एवं चारों जिले में छात्र संघ के द्वारा महामारी कोरोना वायरस मैं जागरूकता फैलाने के दृष्टिकोण से व्यापक चर्चा की गई।

इस बैठक को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय छात्रसंघ अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा वर्तमान समय में मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति सहित सभी पदाधिकारी ऑनलाइन वर्ग संचालन का दावा कर रहे हैं, लेकिन जमीन पर कहीं कुछ भी दिख नहीं रहा। चंद शिक्षकों को छोड़कर ऑनलाइन वर्ग संचालन मे सबकी भूमिका है ही नही। विश्वविद्यालय में ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था है ही नहीं। छात्र संघ इस रवैया से बहुत दुखी है। विश्वविद्यालय कुलपति जल्द से जल्द सभी कॉलेज को हिदायत देते हुए निर्देश दे की ऑनलाइन क्लास का संचालन हर एक विषय में अच्छी तरह से किया जाए, अन्यथा छात्र संघ आंदोलन की रूपरेखा तैयार करेगी। चुकी जहां तक छात्रसंघ देख रही है, शिक्षक वेतन के लिए परेशान है। लेकिन छात्र को कैसे पढ़ाया जाए कैसे ऑनलाइन क्लास करवाया जाए इसकी कोई चिंता नहीं है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।

वहीं, विश्वविद्यालय उपाध्यक्ष ने कहां की विश्वविद्यालय के पदाधिकारी ऑनलाइन क्लास के प्रति कोई ठोस कदम नहीं ले रहे हैं, यह बहुत ही दुखद एवं दुर्भाग्यपूर्ण की बात है। सिर्फ मिडिया मे वाहवाही लुट रहे है। महासचिव प्रीति कुमारी ने कहा कि विश्वविद्यालय की गलती के वजह से आज हजारों छात्रा कन्या उत्थान योजना से वंचित है। विश्वविद्यालय अगर जागरूक रहती तो आज हजारों छात्राओं को कन्या उत्थान योजना के माध्यम से मिलने वाली ₹25000 की राशि मिल चुकी होती है। विश्वविद्यालय प्रशासन जल्द से जल्द कन्या उत्थान योजना से जुड़े सभी छात्राओं को भुगतान करने की दिशा में पहल करें। संयुक्त सचिव अमृत एवं कोषाध्यक्ष नीतीश कुमार ने कहा कि किसी भी महाविद्यालय में ऑनलाइन क्लास नहीं चल रहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन मीडिया में विगत महीने भर से दावा कर रही है, कि ऑनलाइन क्लास शुरू कर रहे हैं। लेकिन आज तक संभव नहीं हो पाया है। महाविद्यालय से लेकर विश्वविद्यालय तक विश्वविद्यालय के कई विभागों के शिक्षक चुपचाप अपना वेतन का लाभ उठा रहे हैं, लेकिन छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाने के दिशा में सोचने की भी फुरसत उनके पास नहीं है।

सभी कोर कमेटी के सदस्यों ने आंदोलन की रूपरेखा तैयार करने को कहा। अगर विश्वविद्यालय प्रशासन जल्द से जल्द ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था दुरुस्त नहीं करती है तो।

इस ममौके पर कमेटी सदस्य आर्यन सिंह, ध्रुव कुमार, सूरज कुमार ठाकुर, ज्योत्सना आनंद, मानस, मयंक, अबोध कुमार, दुर्गा कुमारी, घनश्याम देव, सत्यम कुमार सहित सभी कोर कमेटी सदस्य उपस्थित थे।

पीजीआरओ ने क्वारंटाइन केंद्रों व कंटेन्मेंट जोन का लिया जायजा

मधुबनी : पीजीआरओ अवधेश कुमार आनंद ने दुल्लीपट्टी एवं जयनगर के क्वारंटाइन कैम्प एवं बरही के कंटेन्मेंट जोन एवं खाना बनाये जाने वाले स्थल का निरीक्षण किया गया। पीजीआरओ ने निरीक्षण के क्रम में कहा कि क्वारंटाइन कैम्प में रहने वाले लोगों को किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होनी चाहिए।

पीजीआरओ ने क्वारंटाइन कैम्प में रहने वाले व्यक्तियों को मिलने वाली बुनियादी सुविधाओं के बारें में जयनगर अंचल अधिकारी संतोष कुमार से पूछताछ की, साथ ही समय पर भोजन, पेयजल के साथ ही मच्छर आदि से बचाव के लिए भी समुचित व्यवस्था अपडेट रखने को कहा है। पीजीआरओ अवधेश आनंद ने बाहर से आए मजदूर जो क्वारंटाइन कैम्प में रह रहे हैं, उनके खाना बनाये जाने वाले स्थल का भी अवलोकन किया। पीजीआरओ द्वारा क्वारेंटाइन में रकेह रहे सभी व्यक्तियों को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मास्क का उपयोग अनिवार्य रूप से करने को कहा गया। इसके अलावा अन्य कई जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए। इस मौके पर जयनगर अंचल अधिकारी संतोष कुमार एवं अन्य सहायक कर्मी भी मौजूद रहे।

सुरक्षा कवच बनेगा आयुष संजीवनी एप, 50 लाख लोगों के अनुभवों के आधार पर आंकड़े जुटाने का लक्ष्य

मधुबनी : अनुभवों के आकलन से आयुष मंत्रालय की सलाह से होने वाले फायदे का चलेगा पता। आयुष मंत्रालय की सभी एडवाइजरी से भी लैस है संजीवनी एप।

कोरोना वायरस यानि कोविड-19 से लोगों की रक्षा करने में अग्रणी भूमिका निभा रहा आयुष मंत्रालय अब आयुष संजीवनी एप लेकर आगे आया है। इस एप में जहाँ आयुष मंत्रालय की सभी एडवायजरी हैं। वहीँ इसमें लोगों के सवाल-जवाब का भी प्रावधान किया गया है। इन्हीं सवाल-जवाब के आंकड़ों के आधार पर यह तय होगा कि आयुष मंत्रालय की सलाह लोगों के लिए कितनी फायदेमंद साबित हो रही है। लोग इस एप पर अपने अनुभव साझा कर सकेंगे कि वह आयुष मंत्रालय की सलाह को कब से अपना रहे हैं, और कितने दिनों में फायदा हुआ। इसके अलावा किन दिशा-निर्देशों के पालन से ज्यादा लाभ हुआ है।

कोविड से लड़ने के लिए आयुर्वेद पद्धति के प्रभाव का होगा आकलन:

सरकार का प्रयास है कि इस एप का ज्यादा से ज्यादा प्रचार-प्रसार हो, ताकि और लोग इसका फायदा उठाकर निरोगी काया पा सकें। भारत में पारंपरिक चिकित्सा का लम्बा इतिहास रहा है, और आयुर्वेद के क्षेत्र में अग्रणी होने के नाते आयुष मंत्रालय आयुष प्रणालियों के नैदानिक अध्ययन के माध्यम से देश में कोरोना वायरस यानि कोविड-19 की समस्या का समाधान करने के लिए काम कर रहा है। इन्हीं आयुर्वेद से जुड़ीं पद्धतियों पर क्लिनिकल रिसर्च स्टडीज और आयुष संजीवनी एप की शुरुआत की गयी है। यह एप कोविड की रोकथाम के लिए आयुष चिकित्सा प्रणालियों के उपयोग की स्वीकृति और लोगों के बीच इसके प्रभावों से आंकड़े जुटाने में उपयोगी साबित होगा। मंत्रालय लोगों के बीच कोविड की रोकथाम के लिए आयुष प्रभाव का भी आकलन कर रहा है।

एप के जरिये 50 लाख लोगों के आंकड़े जुटाने का लक्ष्य :

आयुष संजीवनी एप के जरिये देश भर के 50 लाख लोगों के अनुभवों के बारे में आंकड़े जुटाने का लक्ष्य तय किया गया है। यह आंकड़े कोविड-19 की रोकथाम के लिए आयुष चिकित्सा प्रणालियों के उपयोग की स्वीकृति और लोगों के बीच इसके प्रभावों के आकलन में उपयोगी साबित होंगे।

जनसंख्या आधारित पारम्परिक अध्ययन पर जोर :

जिला आयुष चिकित्सक ने बताया कि आयुष मंत्रालय उच्च जोखिम वाली आबादी में कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम में आयुर्वेदिक दवाओं के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए जनसंख्या आधारित अध्ययन भी शुरू करने जा रहा है। इससे निवारक क्षमता का पता चल सकेगा। देश में आयुष मंत्रालय के अनुसन्धान परिषदों, राष्ट्रीय संस्थानों व कई राज्यों के माध्यम से यह अध्ययन किया जाएगा। इसके तहत 5 लाख की आबादी को कवर करने की योजना है। यह अध्ययन रिपोर्ट कोविड-19 के उपचार में आयुष पद्धति की क्षमताओं के आकलन के लिए वैज्ञानिक सबूतों के आधार पर अवसरों के नए द्वार खोलेगी।

कोरोना से बचने के लिए आयुष मंत्रालय की सलाह :

• दिन में बार-बार गुनगुना पानी पिएं।
• रोजाना 30 मिनट तक योगा करें।
• भोजन में हल्दी, जीरा, धनिया और लहसुन का इस्तेमाल करें।
• एक चम्मच या 10 ग्राम च्यवनप्राश का हर रोज सेवन करें।
• दिन में एक-दो बार हर्बल चाय/काढ़ा पियें।
• दिन में एक/दो बार हल्दी वाला दूध पियें।
• तिल या नारियल का तेल या घी सुबह-शाम नाक के छिद्रों में लगायें।
• एक चम्मच नारियल या तिल का तेल को मुंह में लेकर इधर-उधर घुमाएँ और गुनगुने पानी के साथ कुल्ला करें।
• गले में खरास या सूखा कफ हो तो पुदीने की पत्तियां व अजवाइन को गर्म कर भाप लें।
• गुड़ या शहद के साथ लौंग का पाउडर मिलाकर दिन में दो-तीन बार खाएं।

घर में लूट पाट एवं आगजनी के मामले में केस दर्ज

मधुबनी : बिस्फी प्रखंड क्षेत्र के नूरचक पंचायत के नूरचक गांव में बीते दिन कुछ बदमासो के द्वारा दिन दहारे घर में घुस कर लूट पाट एवं आगजनी कर वरदात को अंजाम देने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करवाई गई हैं। इस घटना को लेकर नूरचक गांव निवासी भोगेंद्र सिंह ने बिस्फी थाना में एफआईआर दर्ज करवा कर न्याय की गुहार लगाया हैं।

आवेदन में लिखा गया है, गांव के कीही राम पुकार यादव, रामसेवक यादव सहित कई लोगों ने अपने कुछ बदमाश साथियों के साथ मेरे घर पर गाली-गलौज करते हुए धावा बोल दिया। गाली-गलौज करने से मना किया, तो इन सभी ने मेरे साथ मारपीट करने लगा था। मेरे घर से कागजात एवं नगद पैसे भी लूट ले गया। उसके बाद इन लोगों ने मेरे घर में ताला लगा दिया, तथा उसके बाद आग लगा दिया गया।

उन्होंने कहा है की किसी तरह से ग्रामीणों के सहयोग से हम घर से बाहर भाग कर थाना पहुंचे, और थाना को इसकी लिखित आवेदन दिया। आवेदन में लिखा गया हैं कि आरोपी ने कहा कि पहले भी कपड़ा के दुकान में आग लगा दिया था, तो तुम क्या कर लिया?और आज भी लगा दिया है, और जान से मार देने की भी धमकी दिया। इसको लेकर पीड़िता ने स्थानीय थाना बिस्फी में आरोपी पर केस दर्ज करवाया है। उन्होंने थाना प्रशासन से न्याय की गुहार लगाया है।
वहीं, बिस्फी थाना अध्यक्ष उमेश पासवान ने बताया मामला दर्ज कर ली गई हैं। मामलों को गंभीरता से लेते हुए घटना की जांच की जा रही हैं, दोषीयों पर जल्द कार्रवाई की जायेगी।

सुमित राउत

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