सीएस ने किया सिरदला पीएचसी का निरीक्षण
नवादा : शनिवार को सिरदला पीएचसी में डीएम यशपाल मीणा के निर्देश पर सीएस विमल कुमार सिंह ने अस्पताल का सघन निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने संक्रामक संबंधित प्रतिवेदन पंजी, अस्पताल की साफ-सफाई, स्वास्थ्य कार्यक्रम, टीकाकरण पंजी, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य जांच आरबीकेएस पंजी सहित तमाम सरकारी योजनाओं की जानकारी लिया।
उन्होंने लेबर रूम, मरजेंसी वार्ड, ऑपरेशन थियेटर, एक्सरे कक्ष, दवा वितरण कक्ष, दवा भंडारण कक्ष कर्मीयो की उपस्थिति पंजी, दवा वितरण पंजी, अस्पताल की साफ सफाई इत्यादि की जांच किया।
इस दौरान अस्पताल के दांत मरीजो के इलाज के लिए प्राप्त लाखो रुपये मूल्य के उपकरण बन्द रहने पर प्रभारी अर्जुन चौधरी की जमकर फटकार लगायी। जबकि अस्पताल में दांत इलाज के लिए डॉक्टर शत्रुध्न प्रसाद कार्यरत हैं। उपकरण खराब व बन्द रहने से चिकित्सक अस्पताल में ओपीडी चलाते हैं। स्थानीय बुद्धिजीवियों ने अस्पताल के दाँत इलाज के उपकरण को जल्द चालू करवाने की मांग किया है।
सिविल सर्जन ने कहा कि जल्द ही चालू करवाया जाएगा। अस्पताल कर्मीयो ने अस्पताल में गेट नही रहने से अस्पताल परिसर अतिक्रमण आदि से भी अवगत कराया। मौके पर सभी अस्पताल कर्मी उपस्थित थे।
आंधी-पानी में गिरी दीवार, मवेशी की मौत
नवादा : जिले में बेमौसम बरसात होने से प्रकृति का कहर जारी है। जिससे लोग हलकान हो रहे है। पिछले दो दिनों से आंधी पानी आने से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है।
शुक्रवार की रात में तेज आंधी के साथ बारिश शुरू हो गयी। जिससे नारदीगंज प्रखंड क्षेत्र के सहजपुरा निवासी विजय सिंह का तीसरी मंजिल का नवनिर्मित दीवार था, जो उनके पड़ोसी पंकज सिंह के मकान पर गिर गया। इस घटना में उनके घर मे बंधे मवेशी (गाय) की मौत हो गयी और घर मे रखे फर्निचर व सामाग्री क्षतिग्रस्त हो गया। इस घटना में पंकज सिंह के अन्य परिवार सकुशल रह गये।
घटना की वावत पंकज ने बताया मेरे घर के बगल में विजय सिंह का घर है। उनके मकान के तीसरी मंजिल में होली के पर्व के समय चाहरदिवारी का निर्माण कार्य किया गया था, जिसकी ऊॅचाई तकरीबन 7 फीट है।
शुक्रवार की देर रात में तेज आंधी व पानी पड़ने लगा,इसी बीच उनका दीवार मेरे घर में गिर पडा़ जिसमें एक कमरे का छप्पर क्षतिग्रस्त हो गया, वही दूसरे कमरे का कारकट व अन्य सामान बर्बाद हो गया, वही कमरे में बंधे मवेशी की मौत हो गयी। किसी तरह सभी परिवार बाल बाल बच गये। पीड़ित परिजनों ने आपदा राहत कोष से क्षतिपूर्ति की मांग सीओ से किया है।
इस संबंध मे सीओ कुमार विमल प्रकाश ने बताया राजस्व कर्मचारी को स्थलीय निरीक्षण के लिए भेजा गया है, जांच रिपोर्ट के आधार पर सरकारी प्रावधानो के मुताबिक सहायता राशि उपलब्ध कराया जायेगा।
डीएम के निर्देश पर एमओ ने की जन वितरण दुकान की जांच
नवादा : सिरदला प्रखण्ड अंतर्गत अब्दुल पंचायत स्थित रूपाय गांव के जन वितरण दुकान की शनिवार को सघन जांच की गई।
एमओ रंजीत कुमारी ने बताया कि जिलाधिकारी नवादा के निर्देश पर जांच के दौरान बच्चु शर्मा पी डीएस दुकान संचालक उपस्थित नही थे। दुकान उनके पुत्र के द्वारा खोल रखा गया था। पाॅस मशीन से खाद्यान्न का वितरण संतोष जनक नही पाया गया। ग्रामीणों से भी आवश्यक पूछताछ किया गया। जांच के दौरान फरवरी माह का खाद्यान दुकान में पाया गया। एमओ ने बताया कि जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को जल्द सौंपा जाएगा।
बाईक के दुर्घटनाग्रस्त होने से शिक्षक जख्मी
नवादा : जिले के रूपौ बाजार के समीप आज शनिवार को एक सड़क दुर्घटना में शिक्षक जख्मी हो गए। इस सड़क दुर्घटना नवादा न्यू एरिया मुहल्ले के रहनेवाले शिक्षक राजीव कुमार जख्मी हो गए है। जख्मी शिक्षक का ईलाज सदर अस्पताल में चल रहा है।
बताया जाता है कि वे अपने पैतृक घर केवाली से बाईक से नवादा आ रहे थे। रूपौ बाजार के पास अचानक बाईक दुर्घटनाग्रस्त हो गयी जिसमें वे जख्मी हो गए।
स्थानीय लोगों के सहयोग से उन्हें इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। उन्हें पैर में चोट लगी है। चिकित्सकों ने उन्हें खतरे से बाहर बताया है।
सुलह करने पहुंचे युवक की पिटाई
नवादा : नरहट थाना क्षेत्र के चातर निवासी प्रदीप चौधरी सिरदला थाना के लौंद निवासी जितेंद्र चौधरी, प्रकाश चौधरी, उपेंद्र चौधरी, सुनील चौधरी और बच्चिया चौधरी पर मारपीट, गाली गलौज तथा छेड़खानी जैसा संगीन आरोप लगाते हुए लिखित शिकायत दर्ज करवाया है।
पीड़ित युवक प्रदीप चौधरी ने बताया कि उसकी बहन की शादी लौंद निवासी उपेंद्र चौधरी के साथ हिन्दू रीति रिवाजों के साथ किया गया था। करीब छह महीने से उसकी बहन को पति सहित ससुराल वालों द्वारा प्रताड़ित कर मारपीट की जा रही थी, जिसका सुलहनामा को ले पीड़ित युवक और चार महिलाएं शुक्रवार को लौंद पहुचे थे। तभी उक्त आरोपीयो द्वारा लोहे की सरिया लाठी डंडे से जान मारने की नीयत से अचानक हमला कर दिया जिसमे पीड़ित युवक के भाई विजय और भाभी रीता देवी गंभीर रूप से जख्मी हो गये।
स्थानीय ग्रामीणों के सहयोग से किसी तरह जान बचा कर थाना पर लिखित शिकायत दर्ज करवाया है। थानाध्यक्ष आशीष कुमार मिश्रा ने बताया कि पीड़ित युवक के शिकायत पर मामले की छानबीन की जा रही है।
सात निश्चय योजना को लेकर बीडीओ ने मुखिया के साथ की समीक्षात्मक बैठक
नवादा : जिले के उग्रवाद प्रभावित सिरदला प्रखंड कार्यालय में बीडीओ अखिलेश्वर कुमार ने सात निश्चय योजनाओं की समीक्षा की। इसमें मुखिया के साथ नल-जल योजना में हुए कार्यों की विशेष समीक्षा की गई। बीडीओ ने कहा कि पंचायतों मे चल रहे नल जल योजना को हर हाल मे आगामी 31 मार्च तक पूरा करना होगा। यह सरकार का सख्त निर्देश है। इसमें किसी तरह की कोताही व लापरवाही बर्दाश्त नही किया जाएगा। समय अवधि के भीतर कार्य पूर्ण नहीं होने पर कार्रवाई तय है। साथ ही सभी कार्यरत पंचायत सचिव को 31 मार्च तक पंचायत अन्तर्गत जिस वार्ड में नल-जल योजना कार्य प्रारंभ हैं जल्द से जल्द पूरा करने का लिखित आदेश दिए हैं साथ ही जिस पंचायत अन्तर्गत कार्य प्रारंभ नहीं हुआ हैं उस कार्य को जल्द से जल्द प्रारंभ करने के लिए लिखित आवेदन कार्यालय द्वारा दिया गया है।जेई को बचे एमबी को पूर्ण करने का निर्देश दिया गया है।प्रपत्र एक से 24 तक पूर्ण करने का निर्देश दिया गया है।
मौके पर मुखिया रामलखन प्रसाद, धर्मेंद्र कुमार, कुणाल कुमार, सुरेंद्र भुइया, अलीरजा अंसारी, उमेश राम, मुखिया प्रतिनिधि अरुण लाल, बिनोद कुमार, बाल्मीकि राजबंशी, सुबोध सिंह, गयाचन्द्र भूषण प्रसाद, ब्राउन यादव, श्याम सुन्दर प्रसाद, नन्दकिशोर गुप्ता इत्यादि उपस्थित थे।
डॉ. विमल बने प्रभारी सिविल सर्जन
नवादा : सदर अस्पताल के प्रभारी उपाधीक्षक डॉ. विमल प्रसाद सिंह को जिले का प्रभारी सिविल सर्जन नियुक्त किया गया है।
इस बावत स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव अनिल कुमार ने पत्र जारी किया है। जिसके मुताबिक, डॉ. विमल को सिविल सर्जन का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। वित्तीय शक्ति सहित प्रशासनिक प्रभार उन्हें सौंपा गया है। पत्र में यह भी कहा गया है कि नियमित पदस्थापन होने पर उनका यह पद स्वत: समाप्त माना जाएगा। बता दें कि सिविल सर्जन डॉ. श्रीनाथ प्रसाद के सेवानिवृत्त होने के बाद यह पद रिक्त था। सेवानिवृत्ति के दौरान उन्होंने एसीएमओ डॉ. जितेंद्र नाथ को प्रभार सौंपा था। अब सरकार के इस आदेश के बाद डॉ. विमल प्रसाद सिंह जिले के प्रभारी सिविल सर्जन के तौर पर कार्यभार देखेंगे।
बेमौसम बारिश ने किसानों की बढ़ाई मुश्किलें
नवादा : पिछले अड़तालीस घंटे से लगातार हो रही बेमौसम बारिश ने जिले के किसानों को काफी क्षति पहुंचाई है। बारिश से अधिकांश रबी फसलों को भारी नुकसान हुआ है। खासकर दलहन एवं तिलहन फसलों यथा मसूर, केराव, चना, खेसाड़ी, अरहर समेत राई, सरसो, तीसी आदि की फसल पिछले दो सप्ताह पूर्व हुई बारिश से प्रभावित हुआ और उसका फूल झड़ गया था। रही सही कसर दो दिनों से हो रही झमाझम बारिश ने पूरी कर दिया।
किसान कहते हैं कि मगही क्षेत्र के अधिकांश किसान दलहन-तेलहन में राई, तीसी, मसूर, केराव, खेसाड़ी आदि बोआई करते हैं।
मध्यकालीन शीत ऋतु में कुहरा के कारण दलहनी फसलों में अच्छी बढ़वार हुई थी। लेकिन बेमौसम बारिश ने किसानों के मंसूबे पर पानी फेर दिया है।
मकनपुर गांव के किसान पपु सिंह, मनोज सिंह, अवधेश सिंह, शिवदानी सिंह, दिनेश सिंह आदि कहते हैं की खेतों में लगी दलहनी फसल बारिश से बर्बाद होकर धरती में सट गया है। जिसे कोई मजदूर निकालने को भी तैयार नहीं होंगे।
मौसम की मार झेल रहे गरीब किसान कहते हैं कि कर्ज-उधारी लेकर बीज और खाद देकर फसलों की बोआई किया था सो पूंजी भी अब वापस नहीं हो सकेगी।
असमय वर्षा होने से गेहूं और दलहन की फसल को नुकसान:- शुक्रवार की सुबह से हो रही वर्षा होने के कारण गेहूं और दलहन फसल का नुकसान हुआ है। किसानों को इस वर्षा से काफी आर्थिक क्षति हुई है। पूर्व में भी समय पर वर्षा नहीं होने से प्रखंड के कई पंचायत में धान का बिचड़ा नहीं गिरा था। जब वर्षा ऋतु समाप्ति के कगार पर पहुंचा तो काफी बारिश हुई। इसका फायदा हुआ कि रबी फसल की बोआई समय पर हो गई।
गेहूं-दलहन की फसल लगने के बाद अब तैयार फसल कटनी के कगार पर आया तो बेमौसम वर्षा ने किसानों की कमर तोड़ दिया है।
जिले में लक्ष्य से काफी पीछे है संस्थागत प्रसव की स्थिति
नवादा : सरकार की ओर से आमजनों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लगातार अभियान चलाया जा रहा है। इसके साथ कई योजनाएं चलायी जा रही है। शहर से लेकर ग्रामीण स्तर तक स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराया जा रहा है। सदर अस्पताल से लेकर पीएचसी तक मरीजों के इलाज की समुचित व्यवस्था की जा रही है। इसके अलावा संस्थागत प्रसव के लिए सदर अस्पताल से लेकर पीएचसी तक इलाज की समुचित व्यवस्था उपलब्ध करायी गई है। इसके लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। बावजूद नवादा जिला संस्थागत प्रसव में लक्ष्य से काफी पीछे रह गया है।
बता दें स्वास्थ्य विभाग की ओर से सदर अस्पताल से लेकर पीएचसी तक प्रसव की समुचित व्यवस्था की गई है।महिलाओं का सामान्य प्रसव से लेकर ऑपरेशन के जरिए होने वाली प्रसव की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। महिलाओं को प्रसव कार्य हेतु सरकारी अस्पताल पहुंचने के लिए आशा कार्यकर्ता को जिम्मेवारी सौंपी गई है। इसके एवज में आशा कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन राशि भी दिया जा है। साथ ही प्रसव के उपरांत महिलाओं को भी प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराई जा रही है। लेकिन अस्पताल कर्मियों द्वारा मरीजों का सही से देखरेख नहीं किया जाता है। और कर्मियों की लापरवाही के कारण मरीज के परिजन निजी क्लीनिकों को ज्यादा तरजीह दे रहे हैं। इसके अलावा सरकारी अस्पतालों में दलालों का हमेशा जमावड़ा लगा रहता है। प्रसव के लिए अस्पताल आने वाले मरीज के परिजनों को बहला-फुसलाकर निजी क्लीनिकों तक पहुंचाने में जुटे हैं। इसके कारण नवादा जिला संस्थागत प्रसव के लक्ष्य से काफी पीछे है।
68846 प्रसव का है लक्ष्य
- स्वास्थ्य विभाग की ओर से वित्तीय वर्ष 2019-20 में नवादा जिला को 68 हजार 846 संस्थागत प्रसव का लक्ष्य दिया गया है। इसके लिए सदर अस्पताल से लेकर प्रखंड के सभी पीएचसी को अलग-अलग लक्ष्य निर्धारित किया गया है। और विभागीय चिकित्सक व कर्मियों को लक्ष्य पूरा करने का निर्देश दिया गया है।
शहर से लेकर ग्रामीण इलाके में महिलाओं को प्रसव के लिए अस्पताल तक पहुंचने के लिए आशा कार्यकर्ता को जिम्मेवारी सौंपी गई है। बावजूद लक्ष्य को पूरा करने में नवादा जिला काफी पीछे रह गया है।
अब तक 30776 महिलाओं हो सका प्रसव
- जिला स्वास्थ्य समिति कार्यालय से प्राप्त आंकड़े के अनुसार फरवरी माह तक कुल 30 हजार 776 महिलाओं का प्रसव कराया गया है। जो निर्धारित लक्ष्य से काफी दूर है। जबकि वित्तीय वर्ष समाप्त होने में मात्र 18 दिन बचे हैं। ऐसे में विभाग की ओर से निर्धारित लक्ष्य को हासिल कर पाना असंभव दिख रहा है। अब देखना यह है कि स्वास्थ्य विभाग इस लक्ष्य को कैसे पूरा कर पाता है।
लाभुकों व आशा को मिलता है प्रोत्साहन राशि
- सदर अस्पताल के प्रसव पश्चात लाभुकों व आशा कार्यकर्ता को प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराने के लिए कर्मी को जिम्मेवारी सौंपी गई है।
प्रसव से संबंधित कार्य का निष्पादन करने के लिए शैलेश कुमार को नियुक्त किया गया है। इसके अलावा दो सहयोगियों को लगाया गया है। शैलेश कुमार ने बताया कि प्रसव के पश्चात शहरी क्षेत्र के लाभुक को 1 हजार व आशा कार्यकर्ता को 4 सौ रूपये एवं ग्रामीण इलाके के लाभुक को 1400 व आशा कार्यकर्ता को 6 सौ रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाती है।
हर कोई झाड़ रहा पल्ला
- लक्ष्य की प्राप्ति मुश्किल दिख रही है तो हर कोई इससे पल्ला झाड़ेगा। करीब 4 वर्षों तक सिविल सर्जन रहे डॉ. श्रीनाथ प्रसाद फरवरी 20 में सेवानिवृत जिले से विदा ले चुके हैं।
अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. जितेंद्र नाथ की पोस्टिग पिछले माह ही हुई है। ऐसे में कोई जिम्मेवारी लेने को तैयार नहीं हैं।
जिला व प्रखंडवार लक्ष्य :
नाम लक्ष्य फरवरी तक कराया गया प्रसव
सदर अस्पताल- 10,032 6,109
अकबरपुर – 7,416 1992
गोविदपुर- 2,988 0964
हिसुआ – 4,392 2,352
काशीचक- 2,244 1089
कौआकोल – 4,464 2500
मेसकौर – 2,940 1003
नारदीगंज – 3,888 2,250
नरहट – 3,504 1316
पकरीबरावां – 5,712 2,352
रजौली – 5,172 2,377
रोह – 5,064 2,046
सिरदला- 5,568 2,236
रफ्ता-रफ्ता धान खरीद के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा नवादा
नवादा : जिले में रफ्ता-रफ्ता धान खरीद लक्ष्य पूरा होता दिख रहा है। ऐसा विभागीय आंकड़ा बताता है। अबतक लक्ष्य का करीब 73 फीसद धान खरीद होने का दावा विभाग का है। 31 मार्च तक खरीद होना है। ऐसे में लक्ष्य को पा लेने की उम्मीद है।
हालांकि खरीद में कई प्रकार के व्यवधान आते रहे हैं। कभी पैक्स चुनाव तो कभी नमी की मात्रा ज्यादा होना और अब राशि भुगतान का पेंच आ खड़ा हुआ है।
क्या है स्थिति :
विभागीय अधिकारी बताते हैं कि इस वित्तीय वर्ष में 36477 मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य रखा गया था। कम लक्ष्य के पीछे उत्पादन कम होना बताया गया है। तय लक्ष्य की अपेक्षा अबतक 26458.16 एमटी खरीद हुई है। जो कि लक्ष्य का करीब 73 फीसद है।
विभागीय अधिकारी के अनुसार करीब 9 हजार किसानों ने धान बेचने के लिए ऑनलाइन निबंधन करा रखे हैं। जिसमें अबतक 3642 किसानों से खरीद हुई है।
कुल 171 सोसायटी को धान खरीद का जिम्मा दिया गया था। जिसमें 166 अबतक धान खरीद में दिलचस्पी ली है। सर्वाधिक खरीद करीब 4000 एमटी अकबरपुर प्रखंड में हुआ है। जबकि सबसे कम 161 एमटी मेसकौर प्रखंड में हुआ है। इस वर्ष धान का उत्पादन काफी कम होने से लक्ष्य ही पूर्व के वर्षों की अपेक्षा काफी कम निर्धारित किया गया है। कभी इस जिले में एक लाख एमटी से ज्यादा की खरीद होती थी।
खरीद में आता रहा व्यवधान
- नियमत: 15 नवंबर से धान की खरीद शुरू होनी थी। लेकिन, पैक्स चुनाव शुरू हो जाने के कारण खरीद शुरू नहीं हो सका। दिसंबर के तीसरे सप्ताह तक चुनाव हुआ। उसके बाद खरीद की दिशा में सिस्टम आगे बढ़ा। लेकिन धान में नमी की मात्रा ज्यादा होने के कारण पेंच फंसता रहा। जनवरी के दूसरे सप्ताह तक खरीद शुरू हुई। अब एक नई समस्या सामने आई है।
यस बैंक खरीद में बना बाधक
- सेंट्रल कोआपरेटिव बैंक किसानों को राशि का भुगतान येस बैंक के आइएफएस कोड पर आरटीजीएस करती है। 7 मार्च तक भुगतान सही सलामत हुआ। 8 मार्च से किसानों को राशि भुगतान में परेशानियां आने लगी।
आलम ये कि जिन 3642 किसानों से धान की खरीद हुई है उनमें 2806 किसानों को ही राशि का 7 मार्च तक भुगतान हो सका है। यस बैंक से राशि निकासी या ट्रांसफर एक दिन में 50 हजार से ज्यादा नहीं हो रहा है। ऐसे में किसानों को राशि का भुगतान नहीं हो रहा है। 836 ऐसे किसान हैं जिन्हें राशि का भुगतान नहीं हो सका है। विभागीय अधिकारी से लेकर खरीद एजेंसी से जुडे़ लोग परेशान हैं।
वारिसलीगंज प्रखंड दोसुत पैक्स अध्यक्ष अरुण कुमार सिंह कहते हैं कि धान खरीद की प्रक्रिया गड़बड़ है। नियम को सरल बनाना चाहिए। एक लॉट खरीद करने के बाद दूसरे लॉट की खरीद में काफी वक्त लग जा रहा है। इन दिनों राशि भुगतान का संकट है। वैसे सहकारिता पदाधिकारी मुख्यालय का दावा है कि जल्द ही इस समस्या का भी समाधान भी निकल जाएगा।
- 171 सोसायटी को धान खरीद का मिला है जिम्मा
- 73 फीसद धान खरीद होने का विभाग का दावा
सदर अस्पताल के मुख्य द्वार पर जलजमाव की स्थिति हुई उत्पन्न, लोग रहे परेशान
नवादा : जिले में सदर अस्पताल के मुख्य द्वार पर नाली का गंदा पानी बहने से जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो गयी हैं। जिले के विभिन्न प्रखंडों व गांवों से इलाज के लिये पंहुचने वाले मरीजों को पानी में घुसकर पार होना पड़ रहा है।
यहां बता दे सदर अस्पताल के चहारदिवारी से सटे नाला की साफ-सफाई नहीं होने की वजह से नाला का गंदा पानी सड़को पर बहना शुरू हो गया है।
नाले से निकलने वाले गंदा पानी अस्पताल के मुख्य द्वार पर बहने से जलजमाव की स्थिति लगभग 5 दिनो से बनी हूई है। जिसके कारण प्रतिदिन विभिन्न स्थानो से इलाज कराने के लिये अस्पताल पंहुचने वाले मरीजों व अस्पताल कर्मियों एवं पदाधिकारियों को भी पानी में घुसकर आना जाना पड़ रहा है। जलजमाव की स्थिति उत्पन्न होने से बदबू होने लगी है और अस्पताल में इलाज के लिये भर्ती मरीजों को भी पानी से निकलने वाले बदबू के कारण परेशानी हो रही है।
जबकि अस्पताल पंहुचने वाले पदाधिकारी प्रतिदिन इस रास्ते से गुजरकर अपने कार्यालय आते-जातें है। इसके बावजूद 5 दिनों से जलजमाव की स्थिति उत्पन्न होने के बाद भी सदर अस्पताल के पदाधिकारियो का ध्यान इस ओर नहीं है। अस्पताल आने जाने वाले मरीज व उनके परिजन मजबूरन नाली के गंदे पानी में घुसकर इलाज के लिये अस्पताल पंहुच रहे है। जिसके कारण अस्पताल पंहुचने वाले लोगो को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
विद्युत आपूर्ति ठप रहने से पानी के लिए हाहाकार
नवादा : जिले के विभिन्न क्षेत्रों में पिछले अड़तालीस से भी अधिक घंटों से विद्युत आपूर्ति ठप रहने से पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है । विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों से कर्मचारियों से लोग बिजली आपूर्ति बहाल करने की गुहार लगा रहे हैं लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है । यहां तक कि कोई मोबाइल तक नहीं उठा पा रहा है । ऐसे में कई घरों में पानी के अभाव में भोजन तक नहीं बन पा रहा है ।
यह हाल तब है जब सरकार चौबीस घंटे बिजली उपलब्ध कराने का दावा करती है। पर हल्की से बारिश में ही घंटों से बिजली कटी हुई है। फिर लोगों को पानी के लाले पड़े हुए हैं। पिछले अड़तालीस घंटे से लगातार वारिस के कारण जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है।
जिले में भू-जलस्तर में गिरावट के कारण चापाकलों ने पानी देना बंद कर दिया। परिणाम यह हुआ कि शहरी क्षेत्रों से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक सवमर्सिवल मोटर का प्रयोग होना आरंभ हो गया। इसका चलना बिजली पर निर्भर करता है और बिजली है कि अड़तालीस घंटे से लगातार गायब है। ऐसे में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है।