मुख्यमंत्री आश्रय गृह योजना में गया जिला भी शामिल
- जदयू नेताओं ने किया घोषणा का स्वागत
गया : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समाज कल्याण विभाग द्वारा मुख्यमंत्री आश्रय गृह योजना में गया जिला में आश्रय गृह निर्माण कराए जाने की स्वीकृति दे दी है। इस पर प्रसनता व्यक्त करते हुए गया जिला अध्यक्ष जदयू अलेक्ज़ेंडर खान ने कहा कि एक आश्रय गृह में 200 बच्चे के रहने की सुविधा होगी। इसमें एक सौ लड़के तथा एक सौ लड़कियां शामिल है। खान ने कहा कि आश्रय गृह में पढ़ाई, मनोरंजन के साथ-साथ रोजगार की ट्रेनिंग दी जाएगी। परिसर की सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था होगी। पूरे परिसर की मॉनिटरिंग के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।
जिला प्रवक्ता श्रीकान्त प्रसाद ने बताया कि पहले चरण में 12 जिलों में पटना, मुजफ्फरपुर, सिवान, वैशाली, गोपालगंज बक्सर, भोजपुर, भागलपुर, पूर्णिया, शिवहर,गया और सारण को स्वीकृत की गई थी। जिसमें अब 18 जिलों में विस्तार होगा जिन 6 जिलों को शामिल किया गया है। उसमें किशनगंज, रोहतास, लखीसराय, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण और जमुई भी शामिल है जदयू के उपाध्यक्ष क्रमशः मो शाहजाद शाह, डॉ आसिफ ज़फ़र, अरविन्द चरण प्रियदर्शी, महासचिव क्रमशः मो शाहिद रजा खान, अमित कुमार दांगी, कैलाश पासवान, अमित भारद्वाज, रामबली बिंद, बॉबी खान, बृजराज पाण्डे, जिला सचिव अजय कुमार दांगी, मो शाजिद इंजमाम, राज्य परिषद सदस्य अरुण कुमार राव, वरीय नेता कुंडल वर्मा, मुनेश्वर सिंह, जिला प्रवक्ता अवध बिहारी पटेल, सुरेश राव, बिरेन्द्र कुमार, महा नगर जदयू के सचिव प्रमोद कुमार सिन्हा अधिवक्ता ने इस निर्णय का स्वागत किया है।
कुए से मिला महिला का शव, आपसी विवाद में हत्या की आशंका
गया : जिले में बाराचट्टी थाना क्षेत्र के सूर्यमंडल सीमा पर स्थित कुएं से एक वृद्ध महिला की तैरता हुआ शव मिला है। प्राप्त जानकारी के अनुसार कुएं से बरामद शव की पहचान धर्मथान गांव की मेमो देवी (52वर्ष) के रूप में की गई है। घटना के संबंध में मृतक की पति हरि मांझी ने बताया कि शनिवार की दोपहर मेमो देवी अपने घर से सूर्य मंडल बहन के घर जाने को लिए निकली थी, लेकिन शाम तक घर नहीं लौटी फिर जब सुबह में भी नहीं आई तो खोजबीन शुरू की गई इसी बीच गांव के कुछ लोग मवेशी चराने के लिए बधार में गए चरवाहों ने देखा कि कुआं में एक महिला की शव कुएं में है। चरवाहों की सूचना पर स्थानीय निवासियों ने देखा कि एक महिला का शव कुएं में तैरता हुआ नजर आ रहा है, जिसे पहचान धर्मथान गांव के हरि मांझी की पत्नी के रूप में किया गया। शव को देखते ही गांव वालों में अफरा-तफरी का माहौल हो गया और आनन-फानन में पंचायत प्रतिनिधि मुखिया पति विनोद मांझी को फोन किया गया। मौके पर मुखिया पति आकर बाराचट्टी थाना को सूचना दिये। बाराचट्टी पुलिस दल बल के साथ मौके पर आए और ग्रामीणों के सहयोग से कुएं में से महिला के शव को निकाला गया। शव की पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल भेजा गया।
जिलाधिकारी ने झारखंड बॉर्डर का किया निरीक्षण
गया : जिलाधिकारी अभिषेक सिंह व वरीय पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्रा द्वारा गया- झारखंड बॉर्डर बिंदु चोरदाहा का निरीक्षण किया गया। यह बॉर्डर बिहार के गया जिला के बाराचट्टी प्रखंड एवं झारखंड के हजारीबाग जिला के चौपारण पुलिस चौकी के बीच का बॉर्डर है। चुकी यह बॉर्डर अंतर्राज्यीय बॉर्डर है, इसलिए यहाँ पर विशेष चौकसी की आवश्यकता है। वरीय पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्रा ने कहा कि किसी भी पुलिसकर्मी द्वारा लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जिलाधिकारी ने उपस्थित पुलिसकर्मियों से वाहनों की जांच की विस्तृत जानकारी ली। उपस्थित पुलिसकर्मी द्वारा बताया गया कि आठ आठ घंटों की तीन पालियों में निगरानी की जा रही है। उन्होंने कहा कि 1 दिन में लगभग 130 वाहन झारखंड से गया जिला एवं गया जिला से झारखंड बॉर्डर क्रॉस करता है। जिनमें लगभग 30 से 35 वाहन पब्लिक की रहती है बाकी सब ट्रांसपोर्टेशन की वाहन रहती है। पब्लिक वाहन की जांच के संबंध में बताया गया कि एसडीओ द्वारा निर्गत पास या अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी द्वारा निर्गत पास से वाहन को झारखंड बॉर्डर से गया जिला में प्रवेश दिया जा रहा है।
जिलाधिकारी ने उपस्थित दंडाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारी को निर्देश दिए कि एक जिला से दूसरे जिला में प्रवेश के लिए संबंधित जिलाधिकारी या डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर ही पास निर्गत करेंगे, किसी भी परिस्थिति में अनुमंडल पदाधिकारी या कोई भी पदाधिकारी द्वारा निर्गत पास को वैध नहीं माना जाएगा। उसे बॉर्डर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। जिलाधिकारी ने अनुमंडल पदाधिकारी शेरघाटी को चोरदाहा बॉर्डर पर हाई रेजुलेशन वाला सीसीटीवी कैमरा 24 घंटे के अंदर लगाने के निर्देश दिए साथ ही इसका मॉनिटर भी नजदीक में ही संस्थापित करने के निर्देश दिए। इसके अलावा जितने भी वाहन को प्रवेश दिया जाता है उन सभी गाड़ियों के नंबर टाइमिंग सहित डायरी में एंट्री की जाती है। जिलाधिकारी ने प्रखंड विकास पदाधिकारी बाराचट्टी को सभी मजिस्ट्रेट एवं पुलिस पदाधिकारी को ग्लब्स एवं सैनिटाइजर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि ये अंतर्राज्यीय क्षेत्र से आने वाले सभी गाड़ियों की जांच करते हैं इसलिए ये ग्लब्स पहनकर अपनी सुरक्षा रखेंगे। उन्होंने कहा कि सभी वाहनों की जांच अनिवार्य रूप से होनी चाहिए जो भी वाहन आते हैं उसका पूरा डिटेल लेना अनिवार्य है। कौन वाहन कहां से आया है और कहां जाएगा यह सभी डायरी में अंकित रखेंगे।
उन्होंने कहा कि मालवाहक वाहन का भी विशेष सतर्कता से जांच करेंगे, क्योंकि ऐसा हो सकता है कि मालवाहक वाहन में कोई व्यक्ति दूसरे राज्य में प्रवेश करने की कोशिश करें। इसके उपरांत हजारीबाग जिले से आ रही वाहन जो एसबीआई के कर्मचारी थे अपने वाहन पर एसबीआई का टैग लगाए हुए थे। वाहन को रोकने पर उनसे जानकारी ली गई कि आप गया जिले के बॉर्डर में प्रवेश क्यों कर रहे हैं तो बताया गया कि वे हजारीबाग से गया जाना चाह रहे हैं जबकि उनका पोस्टिंग पटना जिले के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में है। वरीय पुलिस अधीक्षक ने वाहन मालिक को फटकार लगाया एवं बाराचट्टी थाना अध्यक्ष को अविलंब प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया वरीय पुलिस अधीक्षक ने एसबीआई के कर्मचारी को चेतावनी दी कि यदि वह वाहन तुरंत वापस हजारीबाग नहीं लेंगे तो उन पर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। एसबीआई के कर्मचारी द्वारा वाहन को वापस हजारीबाग मोड़ना पड़ा। जिलाधिकारी ने उपस्थित मजिस्ट्रेट को वाहन संख्या BR29AJ 8590 नोट करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि यदि अगली बार यह वाहन वापस बॉर्डर क्रॉस करेगी तो इस पर प्राथमिकी दर्ज करेंगे। जिलाधिकारी ने उन्हें चेतावनी दी लॉक डाउन के नियमों का पालन करें यदि उल्लंघन करेंगे तो वाहन को भी जप्त कर लिया जाएगा।
इसके उपरांत जिलाधिकारी ने बॉर्डर पर पुलिस कर्मियों के लिए लगाए गए टेंट की अच्छी तरह मरम्मती करवाने, पंखा लगाने का निर्देश प्रखंड विकास पदाधिकारी बाराचट्टी को दिया। जिलाधिकारी ने मजिस्ट्रेट को निर्देश दिया कि मेडिकल एवं आवश्यक वस्तुओं के वाहन को छोड़कर अन्य कोई भी वाहन हो चाहे वह बैंक की भी गाड़ियां क्यों न हो, सभी की जांच करने के बाद ही प्रवेश करने देंगे।
जिलाधिकारी एवं वरीय पुलिस अधीक्षक ने चतरा बॉर्डर का मुआयना किया। चतरा बॉर्डर पर उपस्थित पुलिस पदाधिकारी ने बताया कि इस इलाके से ज्यादातर मरीज का इलाज कराने के लिए लोग जाते हैं। जिलाधिकारी ने पुलिस पदाधिकारी को निर्देश दिया कि जांच पड़ताल के लिए रेंडमली संबंधित डॉक्टर या हॉस्पिटल को कॉल करके वेरीफाई कर लिया करेंगे कि बॉर्डर में प्रवेश करने वाला व्यक्ति सच बोल रहा है या नहीं। उन्होंने कहा कि पब्लिक वाहन को बिना कारण जाने बगैर प्रवेश नहीं देंगे। उन्होंने अनुमंडल पदाधिकारी सदर को चतरा बॉर्डर के समीप पुलिस पदाधिकारी एवं दंडाधिकारी के लिए टेंट लगवाने के निर्देश दिए। वहाँ उपस्थित पुलिसकर्मी द्वारा बताया गया कि उपयुक्त स्थल पर लॉ एंड आर्डर के लिए प्रतिनियुक्त मजिस्ट्रेट उपस्थित नहीं रहते हैं। जिलाधिकारी ने अनुमंडल पदाधिकारी शेरघाटी को संबंधित पदाधिकारी का नाम भेजवाने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने कहा कि डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत उन पर सीधे तौर पर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। जिलाधिकारी ने अनुमंडल पदाधिकारी शेरघाटी को कंप्यूटर ऑपरेटर की संख्या और बढ़ाने के निर्देश दिए ताकि राशन कार्ड तेजी से बन सके। उन्होंने अनुमंडल पदाधिकारी शेरघाटी एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी शेरघाटी को निर्देश दिया कि सब्जी मंडी एवं भीड़-भाड़ वाले एरिया में गश्ती लगातार करेंगे साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग को फॉलो कराएंगे।
अकाल तख्त सहित अन्य सिख संगठनों ने की घर से ही बैसाखी मानाने की अपील
गया : खालसा यूथ परिवार बिहार के संयोजक अंकुश बग्गा ने करोना वायरस की संकट की वजह से सभी गया वासियों और देशवासियों से गुजारिश की है की सभी अपने घर पर ही वैशाखी मनाए और एक साथ मिलकर अरदास करें जैसा कि अकाल तख्त ने सुबह 11:30 का आदेश दिया है। उन्होंने बताया की
बैसाखी नाम वैशाख से बना है। पंजाब और हरियाणा के किसान सर्दियों की फसल काट लेने के बाद नए साल की खुशियाँ मनाते हैं। इसीलिए बैसाखी पंजाब और आसपास के प्रदेशों का सबसे बड़ा त्योहार है। यह रबी की फसल के पकने की खुशी का प्रतीक है। इसी दिन, 13 अप्रैल 1699 को दसवें गुरु गोविंद सिंहजी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी। सिख इस त्योहार को सामूहिक जन्मदिवस के रूप में मनाते हैं।
खालसा यूथ परिवार बिहार के संयोजक अंकुश बग्गा ने बताया कि प्रकृति का एक नियम है कि जब भी किसी जुल्म, अन्याय, अत्याचार की पराकाष्ठा होती है, तो उसे हल करने अथवा उसके उपाय के लिए कोई कारण भी बन जाता है। इसी नियमाधीन जब मुगल शासक औरंगजेब द्वारा जुल्म, अन्याय व अत्याचार की हर सीमा लाँघ, श्री गुरु तेग बहादुरजी को दिल्ली में चाँदनी चौक पर शहीद कर दिया गया, तभी गुरु गोविंदसिंहजी ने अपने अनुयायियों को संगठित कर खालसा पंथ की स्थापना की जिसका लक्ष्य था धर्म व नेकी (भलाई) के आदर्श के लिए सदैव तत्पर रहना। पुराने रीति-रिवाजों से ग्रसित निर्बल, कमजोर व साहसहीन हो चुके लोग, सदियों की राजनीतिक व मानसिक गुलामी के कारण कायर हो चुके थे। निम्न जाति के समझे जाने वाले लोगों को जिन्हें समाज तुच्छ समझता था, दशमेश पिता ने अमृत छकाकर सिंह बना दिया। इस तरह 13 अप्रैल,1699 को श्री केसगढ़ साहिब आनंदपुर में दसवें गुरु गोविंदसिंहजी ने खालसा पंथ की स्थापना कर अत्याचार को समाप्त किया।
उन्होंने सभी जातियों के लोगों को एक ही अमृत पात्र (बाटे) से अमृत चखा पाँच प्यारे सजाए। ये पाँच प्यारे किसी एक जाति या स्थान के नहीं थे, वरन् अलग-अलग जाति, कुल व स्थानों के थे, जिन्हें खंडे बाटे का अमृत चखाकर इनके नाम के साथ सिंह शब्द लगा। अज्ञानी ही घमंडी नहीं होते, ‘ज्ञानी’ को भी अक्सर घमंड हो जाता है। जो परिग्रह (संचय) करते हैं उन्हें ही घमंड हो ऐसा नहीं है, अपरिग्रहियों को भी कभी-कभी अपने ‘त्याग’ का घमंड हो जाता है।
अहंकारी अत्यंत सूक्ष्म अहंकार के शिकार हो जाते हैं। ज्ञानी, ध्यानी, गुरु, त्यागी या संन्यासी होने का अहंकार कहीं ज्यादा प्रबल हो जाता है। यह बात गुरु गोविंदसिंहजी जानते थे। इसलिए उन्होंने न केवल अपने गुरुत्व को त्याग गुरु गद्दी गुरुग्रंथ साहिब को सौंपी बल्कि व्यक्ति पूजा ही निषिद्ध कर दी।
पंकज कुमार सिन्हा