12 मई : दरभंगा की मुख्य ख़बरें

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कोविड-19 पर भारत विकास परिषद् की उत्तर बिहार प्रांत के पदाधिकारियों की हुई महत्वपूर्ण बैठक

दरभंगा : विश्वव्यापी कोविड-19 की रोकथाम के उद्देश्य से भारत विकास परिषद् की उत्तर बिहार प्रांत के पदाधिकारियों,शाखा- अध्यक्षों व सचिवों एवं संयोजकों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। प्रांतीय महासचिव राजेश कुमार के संयोजकत्व में आयोजित बैठक की अध्यक्षता परिषद् के राष्ट्रीय सहायक महासचिव बाल्मीकि कुमार ने की, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में क्षेत्रीय संगठन मंत्री मिथिलेश कुमार वर्मा उपस्थित रहे। बैठक में प्रांतीय अध्यक्ष उषा श्रीवास्तव,विद्यापति शाखा, दरभंगा के अध्यक्ष प्रो रामानंद यादव,भारती-मंडन शाखा,दरभंगा के संयोजक डा आर एन चौरसिया, रक्सौल शाखा के सचिव उमेश सिकारिया एवं कोषाध्यक्ष जी एस गोयल, मधुबनी शाखा के उदय जयसवाल,जयनगर शाखा के सचिव राजेश गुप्ता,विद्यापति शाखा की महिला संयोजिका डा अंजू कुमारी एवं क्षेत्रीय महिला संयोजक सुमन सिंह आदि ने मुख्य रूप से भाग लिया।

बैठक में क्षेत्रीय महासचिव राजेश कुमार ने बताया कि उत्तर बिहार प्रांत से कोविड-19 की रोकथाम हेतु कम से कम ₹3,00,000 शीघ ही प्रधानमंत्री राहत कोष में दिया जाएगा।उन्होंने कहा कि प्रांत में 500 से अधिक सदस्य हैं, जिनमें प्रत्येक सदस्य से कम से कम ₹500 सहायता राशि देने की अपील की गई है।

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भारती-मंडन शाखा,दरभंगा के संयोजक डा आर एन चौरसिया ने आह्वान किया कि आज कोरोना वायरस की महामारी से संघर्षरत राष्ट्र को काफी आर्थिक सहायता तथा सामाजिक जागरूकता की आवश्यकता है, जिसके लिए प्रत्येक बुद्धिजीवी एवं समृद्ध व्यक्तियों को आगे आना चाहिए। उन्होंने अपनी नव गठित भारती-मंडन शाखा की ओर से कम से कम 51,000 रुपये भारत विकास परिषद् के तत्वावधान में प्रधानमंत्री राहत कोष में देने की घोषणा की।

मुख्य अतिथि मिथिलेश कुमार वर्मा ने कहा कि कोरोना वायरस की विश्वव्यापी महामारी से बचाव हेतु हमें गरीब व जरूरतमंदों को अधिक से अधिक सहायता तथा सामाजिक जागरूकता लानी चाहिए। अध्यक्षीय संबोधन में बाल्मीकि कुमार ने सभी शाखाओं के अध्यक्षों एवं सचिवों से अपील की कि वे 30 जून तक निश्चित रूपेण केंद्रांश एवं राज्यांश ऑनलाइन खाता में भेज दें।

बैठक की शुरुआत राष्ट्रगान– वंदे मातरम् तथा समापन राष्ट्रगीत– जन गण मन के सामूहिक गायन से हुआ। संयोजक राजेश कुमार के संचालन में आयोजित बैठक में अतिथियों का स्वागत प्रांतीय अध्यक्ष उषा श्रीवास्तव ने किया,जबकि धन्यवाद ज्ञापन भारती-मंडन शाखा के संयोजक डा आर एन चौरसिया ने किया।

प्रत्येक व्यक्ति हर क्षेत्र में कतई निपुण नहीं हो सकता, जागरुकता और दूरदर्शिता ही दुनिया को देगी नई दिशा : प्रोफेसर पीके भारती

दरभंगा : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा की अंगीभूत इकाई डी.बी. कालेज, जयनगर के वाणिज्य विभाग व इंडियन एशोसिएशन फार मैनेजमेंट डेवलपमेंट के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित बिहार के प्रथम अंतर्राष्ट्रीय वेबीनार / डिजिटल संगोष्ठी का समापन हुआ।

वेबीनार के समापन सत्र का शुभारंभ मुख्य अतिथि आई. ए. विश्वविद्यालय, इरान के कुलपति प्रोफेसर हामीद सेरेनी विशिष्ट अतिथि श्री वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर पी के भारती, कलिंगा विश्वविद्यालय, भुवनेश्वर की प्रति कुलपति सश्मिता सामंता व पूर्णीया विश्वविद्यालय के वरिष्ठ शिक्षाविद प्रोफेसर टी एन झा, प्रधानाचार्य प्रोफेसर नंद कुमार व डा शैलेश कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से माॅ सरस्वती की अर्चना व दीप प्रज्वलन कर किया।

इंडियन एशोसिएशन फार मैनेजमेंट डेवलपमेंट के प्रतिनिधि व आयोजक डा शैलेश कुमार सिंह ने मुख्य अतिथि प्रोफेसर हामीद सेरेनी जी व विशिष्ट अतिथिगण का आनलाईन स्वागत किया।

कोरोना संक्रमण का निदान सोशल डिस्टेंसींग व साफ सफाई है, लेकिन इसके निदान के लिए स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय व सरकारी कार्यालय भी बन्द किए गए हैं। छात्र किसी भी राष्ट्र का भविष्य होता है। उनका समय पर पाठ्यक्रम एवं परीक्षा समाप्त हो यह विश्व के प्रत्येक राष्ट्र का प्रथम दायित्व होना चाहिए है, इस क्रम में आनलाईन स्टडी छात्रों के साथ शिक्षको के लिए भी एक नया अनुभव है।

उक्त उदगार मुख्य अतिथि व आइ.ए. विश्वविद्यालय, ईरान के कुलपति प्रोफेसर हामीद सेरेनी के है । वे डी.बी. कालेज, जयनगर द्वारा कोविद -19 का सामाजिक आर्थिक और राजनैतिक प्रभाव पर आनलाईन आयोजित अंतर्राष्ट्रीय वेबीनार के समापन सत्र में छात्र छात्राओं एवं शिक्षको को सम्बोधित कर रहे थे।

वेबीनार को सम्बोधित करते हुए उदघाटन सत्र के विशिष्ट अतिथि श्री वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश के कुलपति प्रो. पी के भारती ने कहा कि, प्रत्येक व्यक्ति हर क्षेत्र में कतई निपुण नहीं हो सकता। ये एक व्यवहारिक समस्या है लेकिन कोरोना महामारी में उपरोक्त समस्या का समाधान नवाचार तकनीकी के प्रयोग से किया जा सकता है । उन्होने शिक्षा पद्धति में नवाचार तकनीकों को प्रमुखता से शामिल करते हुए सामान्य मेडिसिन, कानून, नैतिकता, राष्ट्र के प्रति कर्तव्य आदि का अध्ययन कराने का सुझाव दिया।

विशिष्ट अतिथि कलिंगा विश्वविद्यालय, भुवनेश्वर के प्रति कुलपति प्रोफेसर सश्मिता सामंता ने कहा कि करोना वायरस ने हमारे सामाजिक, मनोवैज्ञानिक और राजनैतिक पक्षों में बहुत बड़ा परिवर्तन किया है, कोरोना संकट का समाधान, आत्म अनुसंधान, सामाजिक दूरी और सरकारी नियमों के पालन से होगा।

अध्यक्षता करते हुए प्रधानाचार्य डा नंद कुमार ने कहा कि, भारत के जीडीपी को नुकसान से उभरने में करीब दो साल का समय लग जाएगा। लेकिन इस संकट से सामाजिक और आध्यात्मिक तौर पर भारत को वैश्विक नेतृत्व प्राप्त करने में आसानी होगी।

आयोजक व इंडियन एशोसिएशन फार मैनेजमेंट डेवलपमेंट के मुख्य संपादक *डाॅ. शैलेश कुमार सिंह ने रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया कि, दो दिवसीय वेबीनार में इरान, नेपाल, भूटान, श्रीलंका, बांग्लादेश सहित भारत के झारखंड, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, नई दिल्ली, हरियाणा, केरल, पश्चिम बंगाल सहित विभिन्न राज्यों के सैकड़ों प्रतिभागियों ने भाग लिया। वहीं विभिन्न सत्रों में 80 से अधिक शिक्षाविद व शोधार्थीयों ने समसामयिक विषय कोविद -19 पर शोध पत्र प्रस्तुत किया। इस दौरान बेस्ट पेपर प्रजेंटेशन के लिए श्री वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश की शेफाली शर्मा व गुजरात की शोधार्थी गार्गी गोयल को रिसर्च एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित किया गया। अंत में आयोजन सचिव डा मो. मिनहाजुद्दीन ने समस्त अतिथि एवं प्रतिभागीयों के प्रति आभार प्रकट किया।

इस दौरान मुख्य रूप से कुलसचिव कर्नल निशीथ कुमार राय, वाणिज्य व व्यवसाय प्रशासन विभाग के निदेशक प्रोफेसर एच के सिंह, प्रोफेसर मुनेश्वर यादव, डा नंद कुमार, डा विमलेन्दु मिश्रा, डा उमेश कुमार सिंह, डा शैलेश कुमार सिंह, डा जमील हसन अंसारी, डा अभिषेक झा, डा मनोज कुमार सिंह, डा प्रियंका सिंह, डा अरविन्द तिवारी, डा संजय कुमार पासवान, डा संजय कुमार, डा बुद्धदेव प्रसाद सिंह, डा अंतेश्वर यादव, डा ओम कुमार सिंह, डा अवध बिहारी यादव, डा आनंद कुँवर, डा रंजना, डा रमन कुमार ठाकुर, डा सुनील कुमार सुमन, डा मो. मुन्ना, डा मो. मिनहाजुद्दीन, डा अखिलेश कुमार सिंह सहित समस्त शिक्षक आनलाइन उपस्थित रहें ।

मुरारी ठाकुर

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