एबीवीपी ने दी सर्जना निखार शिविर की जानकारी
दरभंगा : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् दरभंगा महानगर इकाई के द्वारा सर्जना निखार शिविर को लेकर प्रेस वार्ता किया गया।
इस प्रेस वार्ता में सीएम महाविद्यालय के संस्कृत विभाग के विभागाध्यक्ष सह विधार्थी परिषद् के नगर अध्यक्ष डॉक्टर आरएन चौरसिया ने कहा कि गर्मी की छुट्टी में इस शिविर का आयोजन कर के छात्राओं के समय का सदुपयोग किया जा रहा है। इससे समाज व देश के विकास में सहयोग मिलेगा इस प्रकार के कौशल विकास प्रशिक्षण प्राप्त कर के छात्रा अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। एकेडमिक एजुकेशन प्राप्त करके साथ साथ व्यवसायिक शिक्षा प्राप्त करने से ही कौशल का विकास होगा। उन्होंने कहा कि यह पहला ऐसा छात्र संगठन है जो इस रूप में छात्राओं के लिए प्रशिक्षण शिविर चलाता है इससे हमारे समाज की छात्राएं गर्मी छुट्टी का सदुपयोग करती हैं उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम अभूतपूर्व होता है। इससे छात्राओं को विभिन्न विधाओं मैं एक साथ हुनरमंद बनाने का अवसर मिलता है।
वही अनुराधा श्रीवास्तव ने कहा कि स्वच्छ समाज व सशक्त भारत के निर्माण के लिए नारी शक्ति का उत्थान जरूरी है उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृत में सबसे निहित हैं अतः इसे अपनाकर हम समेकित विकास कर सकते हैं छात्रों के लिए शिविर को काफी उपयोगी बताएं
वही डॉ निशा शरण सिन्हा कहा कि यह शिविर विगत 13 वर्षों से निरंतर चलता आ रहा है। कार्यक्रम में प्रत्येक साल छात्राएं बढ़-चढ़कर भाग लेती है प्रशिक्षण के बाद छात्राओं की प्रत्येक विषय में जांच परीक्षा लिया जाता है। इसमें जो छात्राओं उत्तीर्ण होगी उनको प्रत्येक विषय मे प्रमाण पत्र एवं पुरस्कार दिया जाएगा। सभी छात्राओं का प्रशिक्षण शिविर पत्र दिया जाता है। वही नगर छात्रा प्रमुख पूजा कुमारी ने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद दरभंगा महानगर इकाई के द्वारा एमआरएम महिला महाविद्यालय में छात्राओं के लिए निशुल्क 15 विषयों की प्रशिक्षण दिया जायेगा जिसमें कंप्यूटर, इंग्लिश स्पोकन, मेहंदी, सिलाई कढ़ाई, ब्यूटीशियन, योगा, खेलकूद, कुकिंग इत्यादि विषयों की प्रशिक्षण दिया जायेगा। यह कार्यक्रम का उद्घाटन 5 जून को महाविद्यालय में किया जाएगा जो छात्रा अभी तक अपना पंजीयन नहीं कराऐ हैं। वह एम आर एम महाविद्यालय में 4 जून तक अपना पंजीयन करा सकते हैं।
वही इस कार्यक्रम को लेकर एक संचालन समिति का गठन किया गया कार्यक्रम प्रभारी डॉक्टर कन्हैया चौधरी, कार्यक्रम संयोजक डॉक्टर निशा शरण सिन्हा, सह संयोजक डॉक्टर आर एन चौरसिया, कार्यक्रम प्रमुख पूजा झा, सह प्रमुख काजोल कुमारी, कार्यकारिणी सदस्य प्रीति कुमारी, अभिलाषा कुमारी, अंजली कुमारी, श्वेता कुमारी, गुड़िया कुमारी, अमिता कुमारी, सालनी कुमारी, रूपम कुमारी को बनाया गया।
स्नातकोत्तर में नामांकन के लिए 23 जून को होगी परीक्षा
दरभंगा : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर प्रथम सेमेस्टर सत्र 2019-21 में नामॉकन हेतु पीईटी परीक्षा 2019 का आयेजन 23 जून, 2019 को सम्भावित है। इस बार स्नातकोत्तर विभागों एवं स्नातकोत्तर अध्यापन वाले महाविद्यालयों में पीईटी परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर मेधा सूची तैयार की जायगी। जिन विषयों में कुल निर्धारित सीटों से कम आवेदन प्राप्त होंगें उन विषयों में स्नातक प्रतिष्ठा के अंक के आधार पर मेधा सूची बनाई जायगी। स्नातक परीक्षा में सब्सिडियरी विषयों में 55 प्रतिशत अंक प्राप्त करनें वाले छात्र भी उन विषयों में स्नातकोत्तर में नामॉंकन के लिये अहर्ता रखतें हैं परन्तु उन्हें भी पीईटी परीक्षा के आधार पर बनी मेधा सूची से नामांकन लेना होगा। अंकों के आधार पर बनायी गयी मेधा सूची में प्रतिष्ठा के छात्रों को नामॉंकन में प्राथमिकता मिलेगी। सीट खाली रहने पर सबसीडियरी के छात्रों का नामॉंकन होगा। नामॉंकन हेतु छात्रो से ऑनलाईन आवेदन दिनॉंक 23 मई, 2019 से स्वीकार किये जा रहे हैं। छात्र 12 जून, 2019 तक ऑनलाईन आवेदन कर सकते हैं। अध्यक्ष छात्र कल्याण प्रो॰ रतन कुमार चौधरी ने उपरोक्त जानकारी देते हुए बताया कि कुलपति प्रो॰ सुरेन्द्र कुमार सिंह के नेतृत्व में विश्वविद्यालय पहली बार काउन्सिलिंग के द्वारा ऑनस्पॉट नामॉंकन कराये जाने का निर्णय लिया है। सत्र नियमितीकरण की दिशा में सबसे अग्रसर इस विश्वविद्यालय में स्नातक नामॉंकन हेतु एक लाख छिहत्तर हजार से अधिक छात्रों ने ऑनलाईन आवेदन किया है। इस विश्वविद्यालय नें सूबे में सबसे पहले पन्द्रह मई 2019 को स्नातक 2019 का परीक्षाफल प्रकाशित कर दिया है। सूबे के अधिकांश विश्वविद्यालयों के छात्रों का स्नातक 2019 का परीक्षाफल का प्रकाशन में विलम्ब है जिस कारण स्नातक की तरह स्नातकोत्तर में अन्य विश्वविद्यालयों के वर्तमान सत्र के स्नातक के छात्र आवेदन नहीं कर सकेंगें। कई विश्वविद्यालयों के पिछले सत्र 2016-18 के स्नातक का परीक्षाफल हाल ही में प्रकाशित हुआ है। ऐसे छात्रों का इस विश्वविद्यालय में स्नातकोत्तर में नामॉंकन का यह अच्छा अवसर है।
बीएड की छह दिवसीय कार्यशाला का हुआ आयोजन
दरभंगा : बीएड (दूरस्थ माध्यम) 2017-19 की छः दिवसीय कार्यशाला डॉ. जाकिर हुसैन टीचर्स ट्रैनिंग कॉलेज में आयोजित की गई है। कार्यशाला के आज तीसरे दिन आधार पुरुषों ने छात्र-अध्यापकों को शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया की सूक्ष्म बातों को विस्तार से बताया। आधारपुरुषों ने छात्र-अध्यापकों को आकलन क्यों, कैसे, उपलब्धि प्रशिक्षण के साथ ब्लू प्रिंट निर्माण की प्रक्रिया, अपने-अपने बिषय का ब्लू प्रिंट बनाकर अपने कार्य का संपादन करना जैसी महत्वपूर्ण जानकारियों से अवगत कराया गया। आज के आधार पुरुषों में डॉ. एससी झा, डॉ. कल्याणि, डॉ. रेणु, डॉ. जैफी, डॉ. एमए खान, डॉ. हाशमी, डॉ. एके मिलन, डॉ. मुक्ता मनी, डॉ. निधि वत्स, निर्मल कुमार, डॉ. आर बेग आदि। कार्यशाला को सफलतापूर्वक संचालन हेतु दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के निदेशक डॉ. सरदार अरविंद सिंह, सहायक निदेशक डॉ. शम्भू प्रसाद कार्यक्रम समन्वयक डॉ. अखिलेश कुमार मिश्र, डॉ. सुबोध कुमार एवं डॉ. किरण कुमारी आदि उपस्थित थे।
शैक्षणिक माहौल के लिए विश्वविद्यालय की अनूठी पहल
दरभंगा : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुरेंद्र कुमार सिंह के मार्गदर्शन में दिनांक 01 जून, 2019 को छात्रों के साथ कुलसचिव कर्नल निशीथ कुमार राय ने भेंटवार्ता की। इस भेंटवार्ता में छात्रों के अन्दर स्व-विकास कैसे हो, इस पर प्रकाश डाला गया। इसी कड़ी में उन्होंने मिथिला शब्द के अंग्रेजी MITHLA का वर्णात्मक व्याख्या करते हुए प्रत्येक अक्षर को निम्न रूप में परिभाषित किया:
M-Mind मनुष्य के शरीर में मस्तिष्क का स्थान सर्वोच्च है जो किसी व्यक्ति के सभी विचारों का केन्द्र-बिन्दु होता है। विचारों पर नियंत्रण प्राप्त कर हम उन्हें इच्छित दिशा में केन्द्रित कर सकते हैं जो हमारे लक्ष्य की प्राप्ति हेतु आवश्यक है। तेजी से सीखने की प्रक्रिया एवं सूचनाओं को लम्बे समय तक मस्तिष्क में संधारण को हम निरंतर प्रयास से प्राप्त कर सकते हैं जो अंततः हमें अपने भविष्य को संवारने में महत्वपूर्ण कारक साबित हो सकते हैं।
I-Impossible असंभव कुछ भी नहीं होता। यदि मनुष्य ठान ले तो वह अपना लक्ष्य प्राप्त कर ही सकता है। बस इसके लिए जरूरी है आवश्यक ज्ञान, नियमित सीखने की कला, व्यक्तित्व में विकास एवं अपने लक्ष्य की प्राप्ति हेतु निरंतर प्रयास। इसी कड़ी में (मैं) के स्थान पर “We” (हम) का प्रयोग करने की भी बात कही। ‘हम’ से सामूहिकता का बोध होता है जो एक टीम के रूप में हमारे क्रिया-कलापों एवं सामुदायिक भागीदारी का द्योत्तक होता है।
T– Time & Teacher समय प्रबन्धन छात्रों के लिए महत्वपूर्ण कारक है। उचित समय प्रबन्धन की विधियाँ बताई गई। अपने मित्रों/सहपाठियों के बीच कोई भी छात्र शिक्षक के रूप में मार्गदर्शन दे सकता है।
H-Habit & Helath ‘आदत’ ज्ञान, कौशल एवं ईच्छा का सम्मिलित रूप है। ज्ञान हमें बताता है कि हमें क्या करना चाहिए और क्यों करना चाहिए। ‘कैसे किया जाय’- यह हमें कौशल बताती है। ‘इच्छा’ हमें प्रेरित करती है। स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क बसता है जो लक्ष्य प्राप्ति हेतु आवश्यक है।
L– Listen & Learn सुनने की कला सफलता के लिए आवश्यक है। धैर्यपूर्वक सुनने से ज्ञानार्जन भी होता है।
A-Aim ‘लक्ष्य’ का निर्धारण प्रत्येक व्यक्ति द्वारा स्वयं के लिए किया जाना चाहिए। अपने सामर्थ्य एवं कमियों को ध्यान में रखते हुए लक्ष्य का निर्धारण करना चाहिए। ऐसे पारस्परिक संवाद नियमित रूप से भविष्य में भी आयोजित किए जायेंगे।
वित्त समिति सदस्यों के नाम घोषित
दरभंगा : संस्कृत विश्वविद्यालय में वित्त सम्बन्धी कार्यों का सुगमता से निर्वहन के लिए कुलपति प्रो0 सर्व नारायण झा ने सीनेट के चार सदस्यों को वित्त समिति का सदस्य मनोनीत किया है। इस की अधिसूचना कुलसचिव नवीन कुमार ने गुरुवार को जारी की है।
उक्त जानकारी देते हुए पीआरओ निशिकांत ने बताया कि वित्त समिति के नए सदस्यों में मधुबनी के कुंवर झा, पूर्वी चंपारण के मो0 सैय्युम अंसारी, दरभंगा के सुनील भारती एवम कर्मचारी संवर्ग के पंकज मोहन झा शामिल हैं। सभी सदस्यों का कार्यकाल तीन वर्षों या फिर उनके सीनेटर रहने की अवधि तक के लिए मान्य होगा।
दूसरे दिन भी परीक्षा केंद्र पर डटे रहे प्रोवीसी
दरभंगा : समय पर कदाचारमुक्त परीक्षाओं के संचालन के लिए अड़े संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रोवीसी प्रो0 चन्द्रेश्वर प्रसाद सिंह लगातार दूसरे दिन गुरुवार को भी भागलपुर के परीक्षा केंद्र राजकीय संस्कृत महाविद्यालय में घण्टों डटे रहे। शायद ऐसा पहली बार हुआ है कि स्वच्छ व साफ-सुथरी परीक्षा कराने के लिए प्रोवीसी स्तर के पदाधिकारी एक ही केंद्र पर निगरानी वास्ते दो दिनों से रुके हों। नतीजा यह रहा कि समय से पहले प्रोवीसी परीक्षा केंद्र पहुंचे और सारी विभागीय औपचारिकताएं अपने समक्ष पूरी कराए। परीक्षा कक्ष में छात्रों को बैठाने से लेकर दोनों पालियों की उत्तरपुस्तिकाओं के सील होने तक की व्यवस्था कड़ी हिदायत के साथ उन्होंने खुद चुस्त-दुरुस्त रखी।
उक्त जानकारी देते हुए पीआरओ निशिकांत ने बताया कि इसी क्रम में मीडिया से मुखातिब होते हुए प्रोवीसी प्रो0 सिंह ने कदाचारमुक्त परीक्षा लेने के संस्कृत विश्वविद्यालय प्रशासन के संकल्पों को आज फिर दोहराया। उन्होंने कहा कि छात्र हित में विश्वविद्यालय प्रशासन की उदारता सर्वविदित है लेकिन परीक्षा के मामले में कोई ढिलाई नहीं चलेगी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि परीक्षा पूर्व छात्र अगर समय का उचित प्रबंधन कर पढ़े तो हर परीक्षा में वे बाजी मार सकते हैं। यह कोई नई बात नहीं है बल्कि आजमाया हुआ फार्मूला है। छात्रों को सफलता के लिए इस ओर जरूर चिंतन करना चाहिए। अभिभावक को भी चाहिए कि वे अपने बच्चों को लगातार बेहतर करने के लिए प्रेरित करे। हां, ज्ञान उन्नयन वास्ते शिक्षकों को भी नियमित वर्ग संचालन के लिए साकांक्ष व सचेष्ट रहना पड़ेगा। ऐसा करने से परीक्षा के दौरान चिट-पुर्जे का इस्तेमाल खुद रुक जाएगा।
बता दें कि भागलपुर केंद्र से ही प्रोवीसी ने मोबाइल के जरिये करीब करीब सभी 11 केंद्राधीक्षकों से परीक्षा की बाबत जानकारी ली एवम अपेक्षित निर्देश भी दिए। साथ ही उन्होंने आधा दर्जन भर केंद्रों से परीक्षा कक्षों की वीडियोग्राफी भी मंगाई एवम उसका अवलोकन भी किया।उल्लेखनीय है कि सभी केंद्रों पर इस बार करीब 12 हजार छात्र परीक्षा दे रहे हैं।
मुरारी ठाकुर