बढ़ते ठंड के मद्देनजर गरीबों के बीच 100 कंबल का किया गया वितरण

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मधुबनी : जिले के जयनगर शहर के जयनगर रेलवे स्टेशन परिसर में माँ अन्नपूर्णा कम्युनिटी किचन के द्वारा आज गरीब, निर्धन, जरूरतमंद, अहसहाय, निःसहाय लोगों के बीच 100पीस कम्बल वितरण कार्यक्रम का किया गया। दाता के माध्यम से संस्था के द्वारा 100 गरीबों के बीच कंबल का वितरण किया गया।

बता दें की माँ अन्नपूर्णा कम्युनिटी किचेन के पदाधिकारियों एवं सदस्यों के अथक प्रयास करने के कारण यह समिति दिन-हू-दिन उचाईयों और प्रगति की ओर बढ़ रहें हैं, जिसकी चर्चा मधुबनी जिला ही नही बल्कि पूरे बिहार सहित नेपाल में भी होने लगी हैं।

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यहाँ बताते चले कि जयनगर के युवाओं ने तीन वर्ष पूर्व कोरोना संकट के समय से ही माँ अन्नपूर्णा कम्युनिटी किचन की शुरुआत की थी, लेकिन अब धीरे-धीरे इस माँ अन्नपूर्णा कम्युनिटी किचन ने जरूरतमंदों के लिए जयनगर में लंगर लगाकर नि: शुल्क भोजन प्रतिदिन वितरण कर रहें हैं। माँ अन्नपूर्णा कम्युनिटी किचन के जरिए गरीब-भूखे लोंगो को गुणवत्ता युक्त भोजन उपलब्ध कराए जाते हैं। सच्चा कार्य वही हैं, जो समाज के हित को सर्वोपरि बना सके। इसलिए कहा जाता है कि समाज सेवा का मतलब तलवार की धार पर चलने का कार्य और यह कायरों का काम नहीं। जिंदगी में संघर्ष जरूरी हैं।

मतलब की दुनिया में कौन किसका सोचता है, जो जैसा देखता है वो वैसा खोजता है। ये बात भले ही सच होगी, लेकिन आज भी दुनिया में ऐसे लोग है, जो अपने मतलब और स्वार्थ को पीछे छोड़ किसी और को खुश करने में जी जान से लगे हुए है। हम बात कर रहे है माँ अन्नपूर्णा सेवा समिति की, जो न केवल किसी के चेहरे पर मुस्कान लाने का काम करती है, बल्कि किसी भी इंसान की जान बचने के लिए जहां तक कोशिश की जा सकती है। वहां तक उसका साथ नि:स्वार्थ भाव से देती है। रक्तदान करवाना, किसी गरीब का इलाज करवाना, किसी की पढाई में पैसे लगाना, किसी की छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी जरुरत को पूरा करना इत्यादि।

माँ अन्नपूर्णा कम्युनिटी किचन के मुख्य संयोजक समाजसेवी भाई अमित कुमार राउत ने बताया की हमारी इस संस्था का एक मात्र उदेश्य है कि समाज के निराश्रित एवं अंतिम पंक्ति के व्यक्ति को भी वह सुख सुविधाएँ पहुंचाने का प्रयास करना है, जिनसे अभी तक यह अछूता है। इन्ही बातों को आत्मसात करते हुए सभी के सहयोग से कोरोना महामारी के चलते आयी इस विकट परिस्थिति में भी हर जरूरतमंदों की हर सम्भव मदद करने का प्रयास संस्था द्वारा विगत 3वर्षों से किया जा रहा है।

उन्होने बताया की संस्था न केवल जयनगर, बल्कि आसपास के अलावा पडोसी देश नेपाल के भी कई क्षेत्र शामिल हैं। जनसहयोग से सम्पूर्ण हुआ इस आयोजन के माध्यम से आश्रित व जरूरतमंद परिवारों को मुख्य धारा से जोड़ना, यही संस्था का मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने बताया कि माँ अन्नपूर्णा कम्युनिटी किचेन का उद्देश्य हैं कि जयनगर नगर में कोई भी व्यक्ति भोजन के लिए दर-दर न भटके तथा हर जरूरत मंद लोंगो को सरलता से भोजन उपलब्ध हो जाएं।

इस मौके पर संस्था के सदस्यों ने संयुक्त रूप ने कहा कि मनुष्य के जीवन की सार्थकता तब है, जब वह गरीब और असहायों की सेवा करे। मानव जीवन यही सबसे बड़ा कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि जो लोग ऐसा करते हैं, वे इंसानियत की मिसाल पेश करते हैं। उन्होंने कहा कि जीवन का सच्चा अर्थ गरीब व जरूरतमंद को मदद करना है। समाज में आपसी भाईचारा के लिये समाज के अग्रणी व प्रतिष्ठित लोगों को सदैव आगे रहना चाहिये। इस बात पर खुशी जाहिर की कि यहाँ हमारी संस्था इस कार्य में पूरी तरह तत्पर है।

संस्था के संरक्षक एवं सदस्य भी खुद कार्यरत हैं, बावजूद इसके यहाँ आकर एक तय समय पर सभी दिन नि:शुल्क श्रमदान कर गरीब, अहसहाय, जरूरतमंद, विकलांग, निःसहाय लोगों को प्रतिदिन शाम को सात बजे जयनगर रेल्वे स्टेशन के ठीक सामने पुराने नगर पंचायत कार्यालय परिसर मे लंगर लगा कर रोज भोजन खिलाते हैं। इस वर्ष के ठण्ड के मौसम ने दस्तक दे दी है, उसी के मद्देनज़र आज हमलोगों ने दाता के सहयोग से खुले आसमान के नीचे रह रहे गरीब, जरूरतमंद, अहसहाय, निर्धन, विकलांग एवं खुले आसमान के नीचे जिंदगी गुजर-बसर करने वाले लगभग एक सौ लोगों के बीच कम्बल वितरण करने का कार्य किया है।

वहीं, संस्था के संस्थापक भाई अमित कुमार राउत ने बताया कि जयनगर प्रखंड क्षेत्र में वैसे गरीब, असहाय, जरूरतमंद, विकलांग लोगों के लिए संस्था के दाता के माध्यम से आज प्रथम फेज में 100 कम्बल मुहैया कराया गया है, जिसे आज संस्था के द्वारा जयनगर रेलवे स्टेशन परिसर के वैसे लोग जो लाचार, बेबस व गरीब होने के कारण इस कड़ाके की ठंड में किसी तरह अपना जीवन गुजर बसर कर रहे हैं, उनलोगों को चिन्हित कर कम्बल का वितरण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आने वाले समय मे ठंड का प्रकोप ओर ज्यादा बढ़ने की संभावना है, जिसके कारण संस्था के द्वारा दाताओं के सहयोग से गर्म वस्त्र वितरण कार्यक्रम के तहत गरीब, निःसहाय, जरूरतमंद लोगों को कम्बल वितरण किया जाएगा। उन्होंने मानव सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं है।

असहाय व निर्धन लोगों के बीच कंबल का वितरण करते हैं, जिनके पास इस कंपकपाती ठंड में भी तन ढकने के लिए सही से कपड़े नहीं रहते हैं। उन्होंने कहा कि हम हमेशा पूरी सादगी ढंग से कंबल वितरण का कार्यक्रम करते हैं, लेकिन यह कंबल जरूरतमंदों तक पहुंचे इसके लिए पूर्व से ही तैयारी करते हैं, और क्षेत्र में घूम-घूम कर वैसे लोगों की सूची बनाते हैं, जो पूरी तरह लाचार व बेवश हों। उन्होंने कहा कि कहा कि ऐसा कर हमें काफी आत्मसंतुष्टि मिलती है, क्योंकि साधन संपन्न लोग तो अपने संसाधनों से गर्म कपड़े व कंबल जुटा लेते हैं। लेकिन गरीब तबके के लिए एक अदद कंबल खरीदने के लिए काफी परेशानी झेलनी पड़ती है, इसलिए हमलोग ऐसे काम करते हैं।

इस कार्यक्रम में डॉ० सुनील कुमार राउत, प्रवीर महासेठ, उपेन्द्र नायक, गोविन्द शर्मा, संजय महतो, लक्ष्मण यादव, मिथिलेश महतो, हर्ष कुमार, सुनील कर्ण, राम जी गुप्ता, सोनू पूर्वे, विक्की साह, गौरव जोशी, राहुल महतो, विवेक पूर्वे, पप्पू पूर्वे, सुमित कुमार राउत एवं अन्य कई सदस्य मौजूद रहे।

वहीँ, 42बार रक्तदान कर चुके समाज सेवा में अपनी सक्रिय भूमिका निभाने वाले सुमित कुमार राउत कहते हैं कि कोरोना संकट से शुरू हुआ माँ अन्नपूर्णा कम्युनिटी अन्नपूर्णा किचन अब हर गरीब और असहाय लोगो की भूख मिटा रहा हैं। अब माँ अन्नपूर्णा कम्युनिटी किचन की ओर से नई पहल करते हुए नगर के लोगो को जागरूक और अपील किया जा रहा हैं कि जन्म दिन हो या पूण्य तिथि, शादी की सालगिरह हो या कभी कुछ और शुभ कार्य व्यर्थ खर्च करने के बजाय आप जरूरतमंद लोगो के लिए भोजन की सुनिश्चित व्यवस्था करें, ताकि सभी लोग इनकी मदद के लिए आगे आ जाय। कोरोना काल के समय हुए लॉक डाउन से ही लोगो को अनवरत भोजन समिति द्वारा उपलब्ध कराई जा रही हैं।

बता दें कि ये संस्था पिछले पिछले 862 दिनों से लगातार जयनगर रेलवे स्टेशन परिसर एवं इसके आसपास के क्षेत्रों में लोगों को शाम के सात बजे लंगर लगाकर सैकड़ों लोगों को भर पेट खाना खिलाती है, साथ ही समय-समय पर जनमानस के कल्याण हेतु कई सामाजिक कार्य करती आ रही है। सच्चा कार्य वही हैं, जो समाज के हित को सर्वोपरि बना सके। इसलिए कहा जाता है कि समाज सेवा का मतलब तलवार की धार पर चलने का कार्य और यह कायरों का काम नहीं। जिंदगी में संघर्ष जरूरी हैं।

मतलब की दुनिया में कौन किसका सोचता है, जो जैसा देखता है वो वैसा खोजता है। ये बात भले ही सच होगी, लेकिन आज भी दुनिया में ऐसे लोग है, जो अपने मतलब और स्वार्थ को पीछे छोड़ किसी और को खुश करने में जी जान से लगे हुए है। हम बात कर रहे है माँ अन्नपूर्णा सेवा समिति की, जो न केवल किसी के चेहरे पर मुस्कान लाने का काम करती है, बल्कि किसी भी इंसान की जान बचने के लिए जहां तक कोशिश की जा सकती है। वहां तक उसका साथ नि:स्वार्थ भाव से देती है। रक्तदान करवाना, किसी गरीब का इलाज करवाना, किसी की पढाई में पैसे लगाना, किसी की छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी जरुरत को पूरा करना इत्यादि।

बता दें कि ये संस्था कभी निःशुल्क स्वास्थ शिविर, तो कभी निःशुल्क हेल्थ चेक अप, पैथोलॉजी जांच, एक्स-रे जांच, एवं फ्री में दवाएं तक दी गयी थी। साथ ही पिछले साल कई महीनों तक हर महीने निःशुल्क बीपी एवं शुगर जांच की व्यवस्था की गई है, जिसका लाभ सैकड़ों लोग ले रहे थे।

सुमित कुमार की रिपोर्ट

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