Swatva Samachar

Information, Intellect & Integrity

आरा की मुख्य ख़बरें
आरा बिहार अपडेट बिहारी समाज

24 मार्च : आरा की मुख्य खबरें

बाइक सवार दो युवक की मौत

आरा : भोजपुर जिला के सिकरहटा थाना के समीप बुधवार की देर रात अनियंत्रित बाइक सड़क किनारे खड़ी ट्रक से टकरा गई जिससे बाइक पर सवार दो दोस्तों की मौत हो गई। मृतकों में सिकरहटा थानान्तर्गत बागर गांव निवासी जितेंद्र कुमार राय का 17 वर्षीय पुत्र अमित कुमार एवं उसका दोस्त चौरी थानान्तर्गत बहुआरा गांव निवासी कृष्णा सिंह का 22 वर्षीय पुत्र विकास कुमार उर्फ गुड्डू कुमार है। मृतक अमित कुमार आईटीआई एवं विकास कुमार बीए पार्ट वन का छात्र था।

मृतक अमित कुमार के चाचा विकास कुमार ने बताया कि वह दोनों बाइक से बागर गांव निवासी मो.रसूल के पुत्र एवं अपने दोस्त मो. इमरान की शादी में नावाडीह गांव गए थे। देर रात वापस घर लौटते समय सिकरहटा थाना के समीप उनकी बाइक अचानक अनियंत्रित हो गई। जिसके कारण उन्होंने सड़क किनारे खड़ी ट्रक में पीछे से टक्कर मार दी जिसमे घटना स्थल पर ही दोनों की मृत्यु हो गयी|

जमीन खोदकर निकाला गया अपहृत किशोरी का शव

आरा : भोजपुर जिला मुख्यालय आरा के नवादा थानान्तर्गत अनाइठ से अगवा किशोरी की गला दबा कर हत्या करने के बाद उसके शव को दफना दिया गया। छह मार्च से अगवा किशोरी का शव बधवार की देर शाम चरपोखरी थानान्तर्गत देवढ़ी गांव के समीप बनास नदी के पास जमीन के नीचे से बरामद किया गया। मृतिका अनाइठ गोढना रोड निवासी सुभाष मुसहर की 15 वर्षीया पुत्री कांति कुमारी थी। उसकी सहेली और उसके परिजनों पर हत्या करने का आरोप लगाया गया है।

पुलिस ने इस मामले में किशोरी की सहेली के पिता आयर थानान्तर्गत रतनपुर गाँव के रामजद मुसहर के पुत्र नन्दजी मुसहर को गिरफ्तार कर लिया है। उसकी निशानदेही पर ही किशोरी के शव को जमीन खोदकर निकाला गया। उसके बाद शव का पोस्टमार्टम कराया गया| हत्या का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है। पुलिस नन्दजी मुसहर से पूछताछ कर कारणों का पता लगाने में जुटी है। घटना के संबंध में बताया जाता है कि कांति कुमारी अपने घर से होली से पहले भागकर नंद जी मुसहर के घर गई थी। वहां पर जाकर कांति ने जहर खा ली जिससे की मौत हो गई। नंदजी मुसहर ने कांति के शव को नतनपुर गांव के बाहर नदी किनारे गड्ढा खोदकर गाड़ दिया। ताकि किसी को पता ना चल सके।

कांति कुमारी के पिता सुभाष मुसहर ने नवादा थाना में अपनी पुत्री का अपहरण का केस दर्ज करवाया था। पुलिस मामले की अनुसंधान करते हुए नंद जी मुसहर के घर पहुंची। शक के आधार पर नंद जी मुसहर पूछताछ की गई, तो सारा मामला सामने आ गया। नवादा थाना के थानाध्यक्ष अविनाश कुमार ने बताया कि नवादा थाना में अपहरण का केस दर्ज हुआ था। शव का तलाश करते हुए नदी किनारे से खोदकर निकाला गया। पोस्टमार्टम के बाद ही पता चलेगा कि युवती की मौत कैसे हुई थी। मामले की जांच चल रही है।

पुलिस का कहना है कि नानजी मुसहर ने कांति कुमारी के जहर खाने से मौत होने की बात बतायी है। बताया कि मौत के बाद डर से उसने शव को दफना दिया था| पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही किशोरी की मौत का कारण पूरी तरह स्पष्ट हो सकेगा। वैसे पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है।

मृतिका के भाई टुनटुन ने बताया कि उसकी बहन की एक सहेली सीमा पहले उसके घर के ही पास रहती थी। उसकी शादी सहार थानान्तर्गत एकवारी छपरा हुई है। इसी 6 मार्च को उसकी सहेली घर अनाइठ गोढना रोड आई थी। उसके बाद कांति अपनी सहेली सीमा के साथ उसके गांव आयर रतनपुर चली गई थी। 13 मार्च को उसने आखिरी बार कॉल किया था।

टुनटुन ने बताया कि उसका दोस्त 18 मार्च को सीमा के घर की ओर गया था। तब उसे मालूम हुआ कि किसी लड़की को मार कर जमीन में गाड़ दिया गया है। इसकी जानकारी उसने दी, तो टुनटुन 18 मार्च को ही अपनी बहन की खोज में आयर थाना क्षेत्र के सीमा के घर गया। लेकिन उसके घर में ताला लगा हुआ था। इसके बाद वह सहार थानान्तर्गत एकवारी छपरा गांव सीमा के ससुराल पहुंचा। वहां उसके ससुराल वालों ने उन्हें मारपीठ की धमकी देते हुए भगा दिया। तब उसने नवादा थाने में इसकी शिकायत की। उस आधार पर बुधवार की सुबह पुलिस ने सीमा के पिता नानजी मुसहर को गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू की, तो भेद खुल गया। उसके बाद नानजी मुसहर की निशानदेही पर चरपोखरी पुलिस के सहयोग से कांति का शव देवढ़ी स्थित बनास नदी के पास जमीन खोदकर निकाला गया।

राष्ट्रीय लोक अदालत में वादों का निष्पादन राज्य स्तर पर भोजपुर जिला को विशिष्ट स्थान

आरा : बिगत 12 मार्च को भोजपुर न्याय मंडल में राष्ट्रीय लोक अदालत में वादों के निष्पादन में दो दशकों का रिकॉर्ड कायम करते हुए राज्य स्तर पर भोजपुर जिला को विशिष्ट स्थान प्राप्त हुआ। भोजपुर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-सह-अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, भोजपुर, आरा ब्रजेश कुमार मालवीय तथा अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-सह-सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकार भोजपुर आरा, रंजीत कुमार राष्ट्रीय लोक अदालत की सफलता के लिए भोजपुर जिला के जनमानस, कार्यपालिका, अधिवक्तागण, अधिवक्ता संघ तथा चिकित्सकों का आभार प्रकट किया तथा बताया कि इनके सहयोग के बिना राष्ट्रीय लोक अदालत को अप्रतिम सफलता प्राप्त नहीं होती।

रंजीत कुमार ने बताया कि गत राष्ट्रीय लोक अदालत की सफलता भोजपुर जिला के जनमानस में न्याय के प्रति आस्था और विश्वास को इंगित करता है। इन्होने इसे और अधिक मजबूती देने का आग्रह किया। ऊन्होंने बताया कि लोक अदालत में वादों को पक्षकारों की आपसी सहमति से निष्पादित किया जाता है, जिनके कारण पक्षकार न्याय प्रक्रिया की कठोरता से बच जाते हैं तथा धन संचय भी कर पाते हैं। इसका और अधिक प्रचार प्रसार किया जा सकता है|

उन्होंने बताया कि कुछ ऐसे भी विधान है जिनके आरोपित लोक अदालत के माध्यम से सरलता तथा सहजता से मुक्ति पा सकते हैं। बालू से संबंधित अपराध तथा विद्युत संबंधित अपराधों में अधिकांश सुलह शुल्क भुगतान पर सुलहनीय है। इन बातों में यदि व्यक्ति अधिरोपित दण्ड राशि तथा सुलह शुल्क का भुगतान करता है तो उसे उस केस से बिना जमानत लिए मुक्ति मिल सकती है। इन प्रावधानों का आम जनमानस को लाभ लेना चाहिए।

चार बालू घाट बंद, 31 मार्च को शेष 36 घाटों से भी खनन पर रोक

आरा : बालू खनन पर सरकारी नीति से जिले में फिर एक बार निर्माण कार्य पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। जिले के बालू घाट एक-एक कर बंद होने लगे हैं। गत तीन दिनों में चार बालू घाट बंद हो गए। शेष 36 बालू घाट 31 मार्च को बंद हो जाएंगे। सरकार के आदेशानुसार जिले के बिहटा, अंधारी, किरकिरी और अंधेरी बालू घाट को बंद कर दिया गया है।

कंपनियों और खनन व भूतत्व विभाग के बीच हुए समझौते की मियाद पूरी हो चुकी है। इन घाटों का प्रथम चरण में खनन की अनुमति जनवरी में मिली थी। राज्य खनन व भूतत्व विभाग ने गत जनवरी माह में तीन माह के लिए बालू कंपनियों से टेंडर दिया था। इसके तहत भोजपुर जिले में सोन नद में 43 बालू घाटों को खनन का निर्देश मिला था जबकि जिला खनन विभाग ने कुल 53 घाटों को निलामी के लिए सूची मुख्यालय को भेजी थी।

गत एक जून से एनजीटी के बालू खनन पर रोक से निर्माण कार्य पर ब्रेक लग गया था। काफी संख्या में श्रमिक, कारीगर, सटरिग ठीकेदार आदि बेरोजगार हो गए थे। आम लोगों के साथ हर प्रकार के व्यवसायियों को परेशनियों का सामना करना पड़ा था। बता दें कि भोजपुर जिले में 50 घाट सोन नद में और तीन घाट गंगा नदी में स्वीकृत हैं। जिला खनन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पहले से जारी टेंडर की मियाद पूरी हो रही है। मुख्यालय के आदेश के बाद ही बालू खनन दोबारा शुरू किया जाएगा। फिलहाल कोई दिशा निर्देश जारी नहीं किया गया है।

जून 2021 में नदी घाटों के बंदोबस्तधारियों ने बालू घाटों का संचालन बंद कर दिया था। पूर्व में ब्राडसन कंपनी ने बालू माफिया से तंग आकर बालू खनन करने से इंकार कर दिया था। इसके बाद राज्य में बालू का संकट बढ़ गया था। सरकार बालू खनन के मुद्दे से निपटते समय पर्यावरण के सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करने के लिए टिकाऊ विकास के संतुलित तरीकों को लागू करना चाहती है।

अवैध बालू खनन और उसकी ढुलाई की खबरें मिलने पर उसके खिलाफ लगातार छापेमारी और धरपकड़ चलते रहा। सोन नद के दियरा क्षेत्र में वर्चस्व की जंग तेज हो गई थी। बालू के खेल में जिले के कई पुलिस अधिकारियों पर गाज गिरी। ठीक नौ माह बाद गत जनवरी माह में फिर से बाजार में बालू सस्ता हुआ था। इसके पहले एक ट्रैक्टर टाली बालू की कीमत आठ से 11 हजार रुपये तक पहुंच गई थी।

बरुना कांड के खिलाफ महिलाओं ने निकाला कैंडल मार्च

आरा : भोजपुर जिला के बिहिया थानान्तर्गत बरुना गांव में होली की रात पुलिस की कथित ज्यादती और थानाध्यक्ष की पिस्टल से चली गोली से युवक के घायल होने के विरुद्ध गांव की महिलाएं मुखर होकर अपना विरोध दर्ज करा रहीं हैं। ‘नारी के सम्मान में, खुद महिला मैदान में’ के नारे के साथ बरुना गांव की महिलाओं ने कैंडल मार्च निकाला।

दर्जनों की संख्या में महिलाएं बरुना गांव से सात किलोमीटर पैदल चलकर बिहिया नगर पहुंचीं और पुलिस पर अत्याचार करने का आरोप लगाते हुए दोषियों पर कार्रवाई की मांग की। महिलाओ ने बिहिया थाना अध्यक्ष पर जान मारने की नियत से गोली मार कर ग्रामीण युवक राहुल कुमार सिंह को जख्मी करने, महिलाओ के साथ बदसलूकी करने का आरोप लगाते हुए भोजपुर एसपी से बिहिया थाना अध्यक्ष को बर्खास्त करने तथा जिम्मेवार पुलिस कर्मियों पर प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की।

कैंडिल मार्च दुर्गा स्थान से ब्लॉक,बीडीओ आवास होते हुए राजाबाजार चौक तक निकला। महिलाओं का कहना था कि सच को छिपाने और दोषियों को बचाने की साजिश हो रही है, जिसे वे बर्दाश्त नहीं करेंगी। उन लोगों का कहना था कि दोषी पुलिस वालों पर कार्रवाई नहीं हुई तो वे लोग और बड़ा आंदोलन करेंगी। बतातें चलें कि राहुल एक होनहार छात्र है।उसके एएसआई पिता हरेन्द्र सिंह ने बताया कि राहुल दरोगा भर्ती की पीटी निकाल चुका है और मेंस की तैयारी में जुटा था। घटना से उसका भविष्य दांव पर लग गया है।

राजीव एन अग्रवाल की रिपोर्ट