नवादा : जिले में प्राकृतिक आपदा की समस्या झेल रहे किसानों के समक्ष तैयार रबी फसलों को घर लाने के लिए मजदूरों की समस्या से दो-चार होना पड़ रहा है। मजदूरों के अभाव के कारण क्षेत्र में गिने-चूने हार्वेस्टर ही किसानों के लिए एक मात्र सहारा रह गया है।
गौरतलब है कि इस वर्ष हथिया नक्षत्र में अच्छी बारिश होने के कारण देर तक खेतों में नमी बनी रही। जिस कारण रबी और दलहन की अच्छी फसल खेतों में लहलहा रही थी। लेकिन पिछले कुछ दिनों से जारी तेज पछुआ हवा ने समय से पहले ही फसल को सूखने पर मजबूर कर दिया। समय से पहले सूख गए रवि फसल की उपज में भारी कमी देखी जा रही है।
प्राकृतिक आपदाओं की मार झेल रहे किसानों के खेतों में खड़ी रबी फसलों को मजदूरों के अभाव के कारण घरों तक लाने में परेशानी झेलनी पड़ रही है। प्रखंड क्षेत्र के अधिकांश मजदूर ईंट भट्ठे पर चले गए हैं। ऐसी स्थिति से निपटने के लिए किसानों के पास मशीन का उपयोग करना ही एकमात्र विकल्प रह गया है।
खेत छोटे-छोटे टुकड़ों में बंटे होने के कारण वहां मशीन को ले जाना मुश्किल है। मशीन से काटने पर जमीन की उर्वरा शक्ति के साथ होती है आर्थिक हानि । तैयार रबी फसल को हार्वेस्टर मशीन से काटने के बाद सालो भर तक जानवरों के लिए चारा के रूप में उपयोग होने वाले कट्टू की कमी किसानों को झेलनी पड़ती है। मजदूर नहीं होने के कारण हार्वेस्टर मशीन से कटनी करने के बाद अनाज तो सही सलामत घर पहुंच जाता है परन्तु फसल के डंठल खेतों में ही रह जाता है।
खेतों में फिर से नया फसल लगाने के लिए खेतों में जमा फसल के डंठल को हटाने के लिए किसानों को खेतों में आग लगाना ही एकमात्र विकल्प है। जिससे खेतों की उर्वरा शक्ति कम होने के साथ ही वातावरण में भी प्रदूषण और प्रशासनिक झमेला झेलनी पड़ती है सो अलग। किसान बसंत सिंह, पप्पू सिंह, कुंदन कुमार, मुरारी ,विक्की आदि ने बताया कि तैयार फसल समय रहते घर आ जाय यह बड़ी बात होगी। कभी फ़सल में आग लगने तो कभी वर्षा के भय से किसानों की परेशानी बढ गयी है।