07 दिनों तक लगाती रही थाने का चक्कर, मंगेतर दूसरी के संग ले लिया 7 फेरे

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नवादा : एक युवती इंसाफ पाने के लिए 7 दिनों तक थाना-पुलिस का चक्कर लगाते रहती है, और आरोपी पक्ष वह सब काम कर लेता है जो उसकी चाहत थी।

मामला शादी-विवाह से जुड़ा है। लड़की की पीड़ा थी कि उसकी शादी जिस लड़के के साथ तय हुई थी, उसका परिवार दहेज की खातिर बेटे की शादी दूसरी जगह करने जा रहा है। 26 अप्रैल को शादी होनी थी, लड़की 20 अप्रैल से ही पुलिस के पास दौड़ लगाती रही, आरजू-विनती करती रही लेकिन अधिकारी संज्ञान लेने की बजाय मामले को टालते रहे। थोड़ी बहुत जबतक सुनी गई लड़का साथ सात फेरे ले चुका था।

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पुलिस-प्रशासन का यह रवैया तब सामन आया जब सूबे के मुख्यमंत्री सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध लगातार अभियान चलाते रहे हैं। शराबबंदी व दहेजबंदी इसमें प्रमुख है। परंतु उनके अभियान का कितना असर प्रशासन व समाज पर पड़ा है पकरीबरावां की सोनम कुमारी के साथ हुई घटना सच से पर्दा हटाने के लिए काफी है।

उसकी कोई 17 महीने पूर्व यानि दिसंबर 19 से जनवरी 20 के बीच तय शादी का रिश्ता दरक गया। मुहमांगी रकम नहीं मिली तो लड़के वालों ने दूसरे जगह शादी तय कर दी। शादी से लड़का पक्ष के इंकार के बाद लड़की इंसाफ पाने पुलिस के पास पहुंची थी। पुलिस का ढ़ीला-ढ़ाला रवैया ऐसा कि लड़के की शादी हो गई और पीड़िता इंसाफ की राह ताकती रह गई।

दरअसल, पकरीबरावां थाना क्षेत्र के एरूरी गांव के स्व. द्वारिक साव की पुत्री सोनम कुमारी की शादी कौआकोल थानांतर्गत मननपुर गांव के बैकुंठ साव के पुत्र उपेन्द्र साव के साथ तय हुई थी। शादी के लिए दो किस्तों में 4 लाख 5 हजार रुपये नगद दिया गया था। अचानक कोरोना के दस्तक के कारण देशव्यापी लॉक डाउन के कारण गत वर्ष शादी नहीं हो सकी। कोरोना संकट कम हुआ तक शादी के लिए नई तारीख तय करने का प्रस्ताव लड़का पक्ष को भेजा गया। इसके बाद दहेज में रकम की मांग बढ़ा दी। मांग पूरी नहीं हुई तो लड़का पक्ष ने दूसरी लड़की से शादी तय कर दिया।

लड़का पक्ष की इस बेरूखी के बाद लड़की स्वयं पकरीबरावां डीएसपी मुकेश कुमार साहा के पास पहुंच न्याय की गुहार लगाई। उन्होंने लड़की के आवेदन को कौआकोल थाना को भेज दिया। 26 अप्रैल को दूसरी लड़की से विवाह होना था।
पीड़िता के अनुसार 20 से 26 अप्रैल तक कौआकोल थाना का चक्कर काटती रही परंतु पुलिस ने कुछ नहीं किया।

व्यस्तता का बहाना और सुबह-शाम बुलाने का नाटक चलता रहा। 26 अप्रैल को पीड़िता फिर से डीएसपी से लेकर एसपी तक से गुहार लगाई। इसके बाद प्राथमिकी दर्ज हुई। तबतक बारात निकल चुकी थी। प्राथमिकी तो हुई लेकिन दुल्हा अपनी नई दुल्हिनया संग सात फेरे ले चुका था। शेखपुरा जिले के करंडे गांव के कृष्ण साव की पुत्री से लड़के की शादी हुई।अब पीड़िता के पास आंसू बहाने के सिवाय कुछ नहीं बचा है।

पीड़िता कौआकोल थाना की पुलिस पर गंभीर आरोप लगाई है। कहती है कि पुलिस चाहती तो शादी रुक सकती थी। परंतु सांठगांठ ने न्याय के मंजिल को दूर कर दिया। ऐसा तब हुआ जब शिकायत पत्र में दहेज लेन देन ही नहीं उससे ज्यादा गंभीर आरोप का जिक्र था। उधर, लड़का पक्ष आरोपों को सिरे से खारिज कर रहा है।

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