संत रविदास निगुर्ण भक्ति धारा के सबसे प्रसिद्ध प्रमुख कवि
छपरा : भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के द्वारा संत शिरोमणि गुरु रविदास जी के 644 जयंती के अवसर पर उनके तैल चित्र पर पुष्पांजलि कर कार्यक्रम को मनाया गया। इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के प्रदेश क्षेत्रिय पदाधिकारी डॉ चरण दास ने कहा कि संत शिरोमणि गुरु रविदास जी एक महान संत दार्शनिक, कवि और समाज सुधारक थे वह निगुर्ण भक्ति धारा के सबसे प्रसिद्ध प्रमुख संत थे, उनके द्वारा समाज के लोगो को कविता लेखन के माध्यम से आध्यात्मिक भक्ति का समाजिक संदेश देते थे।
जनमानस के दृष्टिकोण में वह समाजिक और आध्यात्मिक जरूरतों को पूरा करने वाले महान संत थे,उन्होंने एक संदेश दिया कि ईश्वर ने मनुष्य को बनाया है न कि मनुष्य ने ईश्वर को बनाया है, इसका अर्थ है कि हर किसी को ईश्वर द्वारा बनाया गया है और उसका इस पृथ्वी पर समान अधिकार है इस सामाजिक स्थिति के बारे में संत शिरोमणि गुरू रविदास जी ने लोगो को सार्वभौमिक भाईचारे और सहिष्णुता के बारे में विभिन्न शिक्षायें दी जो समाज हित मे था। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रदेश कार्यसमिति सदस्य अवधेश रंजन,प्रधानाध्यापक राजीव कुमार,मण्डल महामंत्री विनोद सिंह,शिक्षक प्रकाश कुमार मिथिलेश कुमार दास, सुनील कुमार आदि मुख्य रूप से उपस्थिति रहे।
सार्वजनिक नीति के निर्माण को प्रभावित करने के लिए एडवोकेसी महत्वपूर्ण
छपरा : सार्वजनिक नीति के निर्माण को प्रभावित करने के लिए एडवोकेसी बहुत महत्वपूर्ण है। एडवोकेसी से एक व्यक्ति या लोगों के समूह के साथ प्रभावी ढंग से संवाद करने और विचार बदलने में मदद मिलती है। इसके लिए यह जरूरी है कि हमारे पास विषय के बारे में पर्याप्त जानकारी हो। हम सभी जानते हैं कि हमारे बच्चे हमारे देश के भविष्य हैं। बच्चे अपने अधिकारों के बारे में पूर्ण से जागरूक नहीं होते हैं और ना ही वह इस बारे में कोई कदम उठाने में सक्षम होते हैं। इसलिए हमें बड़ों को उनकी मदद करनी चाहिए।
उक्त बातें चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की कुलपति न्यायमूर्ति मृदुला मिश्रा ने एक ऑनलाइन ओरिएंटेशन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। इस कार्यक्रम, “फ्रॉम एडवोकेसी टू एक्शन – यूथ यूनाइट फॉर चाइल्ड राइट्स” का आयोजन चाइल्ड राइट्स सेंटर, चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी और यूनिसेफ बिहार द्वारा किया गया था। यूनिसेफ बिहार की संचार विशेषज्ञ निपुण गुप्ता ने कहा कि हमें हर बच्चे के लिए एक बेहतर दुनिया बनाने की जरूरत है।
जैसा कि महात्मा गाँधी ने कहा था – “जो बदलाव आप दुनिया में देखना चाहते हैं, आप खुद वो बदलाव अपने में लाइए”, हमें भी बदलाव की शुरुआत अपने घर से ही करनी चाहिए. उन्होंने इसके लिए जागरूकता फैलाने की जरूरत पर जोर दिया. आगे उन्होंने कहा कि युवा समूह बना कर इस दिशा में प्रभावी ढंग से कार्य किया जा सकता है।
सोशल मीडिया पर #BachcheAageBiharAage, #KidsTakeOver, #WorldChildrensDay, #ReImagine जैसे हैशटैग का भी उपयोग किया जा सकता है. यूनिसेफ़ द्वारा सिविल सोसाइटी व अन्य हितधारकों के सहयोग से शुरू किए गए YUWAAH! पहल जिसके तहत युवाओं के कौशल विकास एवं करियर निर्माण का कार्य किया जा रहा है के अलावा बिहार यूथ फॉर चाइल्ड राइट्स जैसे युवा समूह एडवोकेसी के ज़रिए बच्चों के अधिकारों को लेकर सराहनीय काम कर रहे हैं।
सीआरसी की सेंटर कोऑर्डिनेटर, शाहीना अहलुवालिया ने कहा कि सामान्य लोगों को बाल अधिकारों के बारे में संवेदनशील करना बेहद आवश्यक है। अगर आप अपने आस-पास किसी बच्चे को बाल श्रम में लिप्त पाते हैं, तो चाइल्ड लाइन नंबर 1098 पर कॉल कर सकते हैं। आपकी एक छोटी कोशिश एक बड़े बदलाव का वाहक बन सकती है।
सेव द चिल्ड्रन की कैंपेन प्रमुख, प्रज्ञा वत्स ने कहा कि देश की 40 प्रतिशत आबादी बच्चों की हैं. हम उनकी भागीदारी के बिना देश के भविष्य की कल्पना नहीं कर सकते. इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि प्रत्येक बच्चा अपने अधिकारों को जाने और इसका उपयोग करें। आगे उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान, 300 मिलियन से अधिक बच्चे स्कूल नहीं जा सके बच्चे के अधिकारों की रक्षा के लिए एकीकृत आवाज़ की आवश्यकता है.
उन्होंने एडवोकेसी अभियान की सफलता के लिए सोशल मीडिया की प्रासंगिकता पर ज़ोर देते हुए कहा कि हमारी संस्था ने मशहूर रिटेल मार्केटिंग चैन स्नैपडील के साथ मिलकर जुलाई 2020 में #KidsNotForSale अभियान चलाया था जिससे बच्चों की तस्करी को लेगर जागरूकता फ़ैलाने में काफी मदद मिली. उनके द्वारा प्रतिभागियों को एडवोकेसी पर आधारित एक विडियो भी दिखाया गया।
यूनिसेफ बिहार के योजना निगरानी एवं मूल्यांकन विशेषज्ञ, प्रसन्ना ऐश ने कहा कि हम सभी एक पारिस्थितिकी तंत्र का हिस्सा हैं. नीति और नियमों में किसी भी प्रकार के बदलाव के लिए जरूरतों को समझना महत्वपूर्ण है. उन्होंने एडवोकेसी के संदर्भ में डाटा और डाटा के सही इंटरप्रीटेशन पर बल दिया. साथ ही, उनके द्वारा सही सूचनाओं के लिए विश्वस्त स्रोत से ही आंकड़े लेने पर ज़ोर देते हुए कहा कि एनएफ़एचएस, यू-डाइस, नीति आयोग वेबसाइट, सेन्सस आदि से सूचनाएं एकत्रित करने के बारे में विस्तार से बताया. जब तक हम नीति बनाने के स्तर पर कदम नहीं उठाते, तब तक बदलाव नहीं लाया जा सकता।
इस कार्यक्रम के दौरान कोविड-19 टीकाकरण पर एक विशेष सत्र का भी आयोजन किया गया जिसमें यूनिसेफ बिहार के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सिद्धार्थ रेड्डी और एम्स, पटना के डॉ सी एम सिंह ने कोविड के टीके से जुड़े मिथकों के बारे में बताया और प्रतिभागी छात्र-छात्राओं के सवालों का भी जवाब दिया। इसके बाद प्रतिभागियों के लिए एक विशेष सत्र का आयोजन किया गया जिसमें सभी प्रतिभागियों ने अपने अनुभव साझा किए. बच्चों के अधिकार के लिए कार्य करने वाली नेहा भारती ने कहा कि कई बच्चों को उनके अधिकारों के बारे में पता नहीं होता है। हम सभी को उन्हें अपने अधिकारों के बारे में जागरूक करना चाहिए. साथ ही, प्रतिभागियों ने एक ऑनलाइन क्विज में भी हिस्सा लिया।
बिहार बाल भवन किलकारी की मिनी मलिक ने कहा कि इस तरह की कार्यशाला का आयोजन समय-समय पर किया जाना चाहिए। इस कार्यक्रम में चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी. पटना, एमिटी यूनिवर्सिटी, पटना, विमेंस कॉलेज समेत अलग-अलग राज्यों के 200 से अधिक छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। सीआरसी की सेंटर कोऑर्डिनेटर, शाहीना अहलुवालिया ने इस ऑनलाइन कार्यक्रम को मॉडरेट किया तथा सीआरसी के चंदन कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन किया.
संत रविदास अमरि-गरीबी की खाईं को भरकर समतामुलक समाज चाहते थे : प्रदेश कांग्रेस
छपरा : बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निदेशानुसार सारण जिला कांग्रेस कमेटी के तत्वावधान में कांग्रेस भवन, छपरा में संत शिरोमणि रबिदास जयंती समारोह पूर्वक मनाई गई। सर्वप्रथम उनके चित्र पर माल्यार्पण किया गया। सभी कांग्रेस जन माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित कर उनके बताए गए रास्ते पर चलने का संकल्प लिया। इस अवसर पर अध्यक्षता करते हुए जिला अध्यक्ष डां. कामेश्वर प्रसाद सिंह ने कहा कि संत रविदास अमीर और गरीब की खाईं को भरकर समतामुलक समाज बनाना चाहते थे।
उन्होंने ईश्वर को सर्वशक्तिमान बताया और प्रेम भाईचारे के सर्वोच्च स्थान दिया। आज ऐसे संत की बातों को भुलाया जा रहा है। गरीबों को और गरीब तथा अमीरो को और अमीर बनाने की साजिश की जा रही है। हम कांग्रेस पार्टी के लोग यह नहीं होने देंगे। इस अवसर पर जयंती समारोह को संबोधित करने वाले नेताओ में विजय कुमार मिश्र, डां शंकर चौधरी, डा जयराम सिंह, राज चंदन, अरूण चौबे, कामाख्या नारायण सिंह, प्रशांत तिवारी, अमर कुमार, दीपक कुमार, पप्पू कुमार इत्यादि लोग उपस्थित थे।
रविदास पंद्रहवीं शताब्दी के महान संत, कवि, समाज सुधारक व ईश्वर के अनुयायी थे : कुलपति
छपरा : संत रविदास जी की जयंती जयप्रकाश विश्वविद्यालय के सीनेट हाल में राष्ट्रीय सेवायोजना के सौजन्य से मनायी गई। संत रविदास की जयन्ती मनाई गई। इस अवसर पर कुलपति ने अपना संदेश भेजा कि संत रविदास जो पंद्रहवीं शताब्दी के महान संत, कवि, समाज सुधारक और स्वयं ईश्वर के अनुयायी थे, उन्होंने अपनी कविता के माध्यम से समाज को जो संदेश दिया। उसे आत्मसात कर हम औऱ सामाजिक समरसता बढ़ा सकते हैं, जिसकी नितांत आवश्यकता है।
इस अवसर पर प्रोफेसर हरिश्चंद्र, पीआरओ सह सीसीडीसी नेअपने वक्तव्य मे कहा कि संत रविदास का कथन है कि ‘मन चंगा तो कठौती में गंगा’ संत रविदास ने अपने कर्म को ही अपनी पूजा समझा और जीवन भर इसी सिद्धांत को मानते हुए कार्य किए।
इस अवसर पर डॉक्टर विश्वामित्र पान्डेय कि जो NCC के पदाधिकारी एवं विश्वविद्यालय के क्रीड़ा सचिव भी हैं ने अपने उद्गार व्यक्त किये। लेफ्टीनेंट संजय कुमार NCC पदाधिकारी ने भी उपस्थित होकर संत रविदास को याद किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक मृणाल बन्धु मिश्रा, ममता कुमारी, राजकृष्ण, धर्मेंद्र कुमार, अवधेश कुमार, राकेश कुमार आदि थे।