गया : पितृपक्ष मेले को सुरक्षाबलों के हवाले कर दिया गया है। सुरक्षा के लिए बीएमपी, एसटीएफ, 1075 लाठीबल के साथ 400 होमगार्ड की तैनाती की गई है।
बता दें कि भारतीय सनातन परंपरा में अपने दिवंगत माता-पिता के लिए प्रतिवर्ष पितृपक्ष में तर्पण एवं पिंडदान करने का शास्त्रीय विधान है। एक द्विज के लिए यह दैनिक कृत्य है। आज भी एक सुपुत्र की यह इच्छा रहती है कि वह अपने दिवंगत माता-पिता के लिए ऐसा करे। शास्त्र ने इस कार्य के लिए गया धाम को सर्वोत्तम माना है। मान्यता है कि आश्विन मास में सूर्य के कन्या राशि पर अवस्थित होने पर यमराज पितरों को यमालय से मुक्त कर देते हैं। पितर पृथ्वी पर आकर यह इच्छा करते हैं कि उनके पुत्र गया क्षेत्र में आकर पिंडदान करें, ताकि उन्हें मुक्ति मिले।