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01 दिसंबर : सारण की मुख्य खबरें

तेज रफ्तार से आ रही पिकप 4 वर्षीय बच्चा को मारी टक्कर

छपरा : कोपा थाना क्षेत्र के बसडिला ढाला पर तेज रफ्तार से आ रही पिकप एक 4 वर्षीय बच्चा को अपने चपेट में ले लिया जिसके वजह से वह गंभीर रूप से घायल हो गया आनन-फानन में बच्चा को छपरा सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां इलाज चल रहा है घायल बच्चा के पहचान कोपा थाना क्षेत्र के बस डीलर गांव निवासी शैलेंद्र यादव के पुत्र शिवम कुमार यादव के रूप में की गई है। वही मौके पर स्थानीय लोगों की मदद से पिकअप और ड्राइवर को पकड़ कर कोपा थाना पुलिस को सौंप दिया गया है ।

परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत आईयूसीडी, पीपीआईयूसीडी, पीएआईयूसीडी विषय पर दिया गया प्रशिक्षण

छपरा : जिले में परिवार नियोजन कार्यक्रम को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन सदर अस्पताल के क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र में किया गया। जहां पर जीएनएम को परिवार नियोजन कार्यक्रम से संबंधित जानकारी दी गई। राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देश के आलोक में परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत आईयूसीडी, पीपीआईयूसीडी, पीएआईयूसीडी विषय पर प्रशिक्षण दिया गया। सदर अस्पताल की महिला चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. किरण ओझा एवं डॉ. बुसरा सलीम के द्वारा एएनएम जीएनएम को प्रशिक्षण दिया गया।

इस ट्रेनिंग में जपाइगो के द्वारा तकीनीकी सहयोग किया जा रहा है। जपाइगो से लीगिल वर्गीज ने तकनिकी सहयोग किया। प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ करते हुए क्षेत्रीय अपर निदेश डॉ. रत्न शरण ने कहा कि गर्भपात के पश्चात प्रत्येक महिला को उपलब्ध परिवार नियोजन साधनों में उसकी इच्छा अनुसार लगभग सभी प्रकार के साधन प्रदान किया जा सकता है। कुछ साधनों के उपयोग में प्रशिक्षित सेवा प्रदाता की विशेष तकनीकी सहायता की आवश्यकता होती है। आईयूसीडी पीएआईयूसीडी प्रशिक्षित सेवा प्रदाता ही लगा सकता है, इसलिए उन्मुखीकरण करना अति आवश्यक है। यह प्रशिक्षण 5 दिनों तक चलेगा सभी प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली एएनएम जीएनएम को रहने व खाने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। तृतीय बैच में सिवान और गोपालगंज के जीएनएम को प्रशिक्षित किया गया।

आईयूसीडी लगाने के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों पर चर्चा:

डॉ. किरण ओझा ने कहा कि प्रशिक्षण में शामिल कर्मियों को परिवार नियोजन के लिए अपनाए जाने वाली विधि पीपीआईयूसीडी की जानकारी दी गई। उन्होंने ने बताया कि परिवार नियोजन के लिए आइयूसीडी सबसे उपयुक्त माध्यम है। चिकित्सक व कर्मी महिलाओं को दो बच्चों के बीच दो या दो से अधिक वर्ष के अंतर के लिए आईयूसीडी का प्रयोग करने की जानकारी दें। प्रशिक्षण में कर्मियों को इससे होने वाले लाभ व लगाने के दौराने बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में भी बताया गया। डॉ. किरण ओझा ने कहा आईयूसीडी लगाने के बाद महिलाओं के शरीर पर इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है। महिलाएं ऑपरेशन के नाम पर बंध्याकरण से डरती हैं, उनके लिए आईयूसीडी बेहतर विकल्प है। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के बाद सभी एएनएम व जीएनएम अपने-अपने स्वास्थ्य केंद्रों में जाकर महिलाओं को जागरूक करेगी।

अनचाहे गर्भ से बचा जा सकता है आईयूसीडी:

डॉ बुसरा सलीम ने बताया कि प्रसव के 48 घंटे के अंदर पीपीआईयूसीडी, गर्भ समापन के बाद पीएआईयूसीडी व कभी भी आईयूसीडी को किसी सरकारी अस्पताल में लगवाया जा सकता है। इसके इस्तेमाल से जहां अनचाहे गर्भ से बचा जा सकता है तो इसके इस्तेमाल से सेहत को कोई नुकसान नहीं है।

क्या है पीपीआईयूसीडी ?

पोस्ट पार्टम इंट्रा यूटाराइन कांट्रासेप्टिव डिवाइस (पीपीआईयूसीडी)। यह उस गर्भ निरोधक विधि का नाम है जिसके जरिए बच्चों में सुरक्षित अंतर रखने में मदद मिलती है। प्रसव के तुरंत बाद अपनाई जाने वाली यह विधि सरकारी अस्पतालों में निशुल्क उपलब्ध है। प्रसव के बाद अस्पताल से छ़ुट्टी मिलने से पहले ही यह डिवाइस (कॉपर टी) लगवाई जा सकती है। इसके अलावा माहवारी या गर्भपात के बाद भी डाक्टर की सलाह से इसे लगवाया जा सकता है। एक बार लगवाने के बाद इसका असर पांच से दस वर्षों तक रहता है। यह बच्चों में अंतर रखने की लंबी अवधि की एक विधि है। इसमें गर्भाशय में एक छोटा उपकरण लगाया जाता है।

केवल प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मी लगा सकता है आईयूसीडी:

यह दो प्रकार के होते हैं। कॉपर आईयूसीडी 380ए, इसका असर दस वर्षों तक रहता है। दूसरी कॉपर आईयूसीडी 375 इसका असर पांच वर्षों तक रहता है। ध्यान रहे, केवल प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मी द्वारा ही एक छोटी सी जांच के बाद इसे लगवाया जा सकता है। जब भी दंपत्ति बच्चा चाहें, अस्पताल जाकर इसे निकलवा सकते हैं।

कोरोना संक्रमण को लेकर जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की ओर से किये जा रहे सकरात्मक प्रयास

छपरा : वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण को लेकर जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगातार सकरात्मक प्रयास किये जा रहे हैं। मास्क के प्रयोग के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इसके साथ बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग कृत संकल्पित है। ऐसे में कोरोना से बचाव के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से नयी गाइडलाइन जारी की गयी है। मंत्रालय की तरफ से जारी गाइडलाइंस के मुताबिक कंटेनमेंट जोन में दुकानें बंद रहेंगी। केवल कंटेनमेंट जोन के बाहर के बाजारों को संचालित करने की अनुमति है। जारी किए गए दिशा-निर्देशों में केंद्रीय मंत्रालय की तरफ से बुजुर्ग, गर्भवती महिलाओं और बच्चों से केवल जरूरी कामों के लिए ही घर से बाहर निकलने की अपील की गई है। इसके अलावा सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइज और मास्क के इस्तेमाल पर जोर देने की बात कही गई है।

दुकान खोलने से पहले करना होगा सैनिटाइज:

जारी गाइडलाइन में हाई रिस्क श्रेणी वाली दुकानों को कम से कम लोगों के संपर्क में आने के साथ दुकान का संचालन करने के लिए कहा गया है। दिशा-निर्देशों को लागू करने के संबंध में मार्केट ओनर एसोशिएसन से संपर्क भी किया जायेगा। गाइडलाइंस के मुताबिक दुकानदारों को दुकान खोलने के पहले अंदर के सभी जगहों को सैनिटाइज करना है। इसके अलावा दुकान के उन जगहों को भी समय-समय पर सैनिटाइज करने के लिए कहा गया है जो अधिकांश ग्राहकों के संपर्क में आती है। टॉयलेट, हैंड वॉशिंग और पेयजल स्टेशनों की रोजाना दो से तीन बार अच्छे से सफाई के निर्देश दिए गए हैं। ओपन स्पेस और लोगों के इस्तेमाल में आई जगहों को भी रोजाना सैनिटाइज करने के निर्देश दिए गए हैं।

गाइडलाइंस की निगरानी के लिए उप समिति का होगा गठन:

नए दिशा-निर्देशों के अनुसार मार्केट एसोशिएसन को कोरोना वायरस से एहतियात बरतने के लिए जारी की गई गाइडलाइंस की निगरानी के लिए एक उप समिति का गठन करने का भी निर्देश दिया गया है। दिशा-निर्देशों में यह भी कहा गया है कि अगर नियम लागू में बाजार खुद से विफल नजर आते हैं तो वैकल्पिक दिनों पर बाजार खोलने या फिर बंद करने जैसे एहतियात सरकार की तरफ से उठाए जा सकते हैं। यह उन क्षेत्रों में किया जाएगा जहां कोरोना का खतरा ज्यादा है।

कोविड 19 के दौर में रखें इसका भी ख्याल:

• व्यक्तिगत स्वच्छता और 6 फीट की शारीरिक दूरी बनाए रखें.
• बार-बार हाथ धोने की आदत डालें.
• साबुन और पानी से हाथ धोएं या अल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें.
• छींकते और खांसते समय अपनी नाक और मुंह को रूमाल या टिशू से ढंके.
• उपयोग किए गए टिशू को उपयोग के तुरंत बाद बंद डिब्बे में फेंके.
• घर से निकलते समय मास्क का इस्तेमाल जरूर करें.
• बातचीत के दौरान फ्लू जैसे लक्षण वाले व्यक्तियों से कम से कम 6 फीट की दूरी बनाए रखें.
• आंख, नाक एवं मुंह को छूने से बचें.
• मास्क को बार-बार छूने से बचें एवं मास्क को मुँह से हटाकर चेहरे के ऊपर-नीचे न करें
• किसी बाहरी व्यक्ति से मिलने या बात-चीत करने के दौरान यह जरूर सुनिश्चित करें कि दोनों मास्क पहने हों
• कहीं नयी जगह जाने पर सतहों या किसी चीज को छूने से परहेज करें
• बाहर से घर लौटने पर हाथों के साथ शरीर के खुले अंगों को साबुन एवं पानी से अच्छी तरह साफ करें

जमीनी विवाद को ले सगे भाइयों ने अपने छोटे भाई को किया अपहरण

छपरा : रिविलगंज थाना क्षेत्र के शमशुद्दीन पुर मोहल्ले में जमीनी विवाद को लेकर सगे भाइयों ने अपने ही छोटे भाई को अपहरण कर लिया और रूम में बंद कर हॉकी से जमकर पिटाई करना शुरू कर दी, जब उसकी आवाज आसपास के लोगों की सुनाई दी तो आसपास के लोग काफी संख्या में इकट्ठा हो गये । और इसकी जानकारी युवक के परिजनों को स्थानीय लोगों ने दी वही परिजन रिविलगंज थाना पुलिस को फोन कर इसकी सूचना दिया पुलिस मौके पर पहुंचकर एक युवक को दो हथियार के साथ गिरफ्तार कर लिया जबकि तीन भागने में सफल रहे घायल युवक ने बताया कि इसके पहले भी मेरे भाइयों ने बड़े भाई को जमीन के हिस्से के लिए जान से मार दिया था अब मुझे भी मार कर जमीन हथियाना चाह रहा है।

घायल युवक यह भी बताया की मैं उन लोगों के डर से अपने माता पिता के साथ छपरा शहर में किराए पर मकान लेकर रहता हूं। इसके पहले भी उन लोगों ने माता-पिता के साथ मारपीट कर घर से निकाल दिया था। जिसके बाद मैं अपने माता-पिता के साथ रहता हूं। जो उन लोगों को अच्छा नहीं लगता है। घायल युवक की पहचान रिविलगंज थाना क्षेत्र के शमशुद्दीन पुर निवासी हरिहर सिंह के पुत्र मनोकामना सिंह के रूप में की गई है। युवक के गंभीर स्थिति में छपरा सदर अस्पताल में इलाज चल रहा है।