BJP के खौफ में अब LEFT भी राइट, क्या है वामपंथियों की राष्ट्रवादी मजबूरी?

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नयी दिल्ली : इसे भारतीय राजनीति में भाजपा इफेक्ट नहीं तो और क्या कहें? आजादी के 70 दशकों बाद अब पहली बार देश की धूर दक्षिणपंथी जमात भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने देश भर में अपने कार्यालयों पर तिरंगा फहराने का फैसला किया है। आजादी के वक्त इसी भाकपा ने ‘ये आजादी झूठी है’ का नारा दिया था और तब से पार्टी अपने सभी कार्यालयों पर केवल अपने दल का ही झंडा फहराती आई है। लेकिन भाजपा ने राष्ट्रवाद की ऐसी लैंडमार्क लाइन मोदी काल में भारतीय राजनीति में खींचा कि अब लेफ्ट को भी ‘राइट’ वाली लाइन पकड़नी पड़ गई।

माकपा के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार पार्टी ने इस साल पहली बार स्वतंत्रता दिवस को भव्य तरीके से मनाने का फैसला किया है। 15 अगस्त को पार्टी के हर कार्यालय में तिरंगा फहराया जाएगा। दरअसल, भाकपा में साल 1964 में विभाजन के बाद माकपा अस्तित्व में आई थी। माकपा केंद्रीय समिति के सदस्य सुजान चक्रवर्ती ने कहा, ‘यह निर्णय लिया गया है कि 75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पार्टी के सभी कार्यालयों में तिरंगा फहराया जाएगा।’

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पार्टी की पश्चिम बंगाल प्रदेश समिति के वरिष्ठ पदाधिकारी चक्रवर्ती ने हालांकि, इस दावे को खारिज किया कि माकपा पहली बार स्वतंत्रता दिवस मना रही है और कहा कि पूर्व में अलग-अलग तरह से स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता रहा है। उन्होंने कहा, ‘हम आम तौर पर फासीवादी ताकतों, सांप्रदायिक ताकतों से देश के सामने आने वाले खतरों पर चर्चा करके स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं। इस बार स्वतंत्रता दिवस भव्य तरीके से मनाया जाएगा क्योंकि यह आजादी की 75वीं वर्षगांठ होगी।

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