कोरोनाकाल में संकटग्रस्त पत्रकारों की स्थिति पर रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा फेडरेशन

0

पटना : बिहार में कार्यरत विभिन्न पत्रकार संगठनों की संयुक्त बैठक में रविवार को यह निर्णय लिया गया कि कोरोनाकाल में बिहार के जिलों में संकटग्रस्त पत्रकारों की स्थिति का सर्वेक्षण आधारित एक विस्तृत रिपोर्ट सरकार एवं विभिन्न प्रमुख संस्थानों को प्रस्तुत किया जाए।

फेडरेशन के संयोजक प्रवीण बागी ने बताया कि कोरोना से प्रभावित पत्रकारों की स्थिति पर ध्यान देने की आवश्यकता है। पत्रकार अपनी जान जोखिम में डाल कर कार्य करते हैं लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकारें उन्हें फ्रंटलाईन वर्कर्स भी नहीं मानती। विगत 15 माह में 200 से अधिक पत्रकार दिवंगत हुए हैं। सैकड़ों पत्रकार कोरोना संक्रमण के शिकार हुए हैं। कई पत्रकारों की नौकरी चली गई। ऐसे सभी पत्रकारों के परिवार आज आर्थिक विभीषिका का सामना कर रहे हैं। इन पत्रकारों के बारे में गंभीरता से सोचने की आवश्यकता है।

swatva

बैठक में अपने विचार व्यक्त करते हुए एनयूजे (आई) बिहार के अध्यक्ष राकेश प्रवीर और महासचिव कृष्णकांत ओझा ने कहा कि दिवंगत पत्रकारों की स्मृति में एक शोक सभा आयोजित की जाए। साथ ही उनकी स्मृति में एक स्मारिका प्रकाशित की जाए ताकि भविष्य के पत्रकार इनके योगदान को याद रख सके। बिहार प्रेस मेंस यूनियन के महासचिव सुधांशु कुमार सतीश ने पत्रकार संगठनों द्वारा इस काल खंड में किए गए योगदान की चर्चा की। आईरा के महासचिव नीरव समदर्शी ने कहा कि फेडरेशन द्वारा माह में दो बैठक करने का सुझाव दिया।

कोरोना संक्रमण से असमय साथ छोड़ गए पत्रकार मित्रों की स्मृति में 20 जून को शोक सभा का आयोजन किया जाएगा। बैठक को ऑल इंडिया डिजिटल जर्नलिस्ट यूनियन के अध्यक्ष आनंद कौशल, बिहार श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के अध्यक्ष मृत्युंजय मानी, आईएफडब्लूजे(बिहार) के महासचिव ध्रुव कुमार,वरिष्ठ पत्रकार प्रियरंजन भारती इत्यादि ने भी संबोधित किया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here