खरमास आरंभ, अगला एक महीना तक नहीं हो सकेगा शुभ कार्य

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नवादा : रविवार से खरमास का महीना शुरू हो चुका है। सूर्य जब मीन व धनु राशि में गोचर करते हैं, तब खरमास लगता है, इसे मलमास के नाम से भी जानते हैं। हिंदू धर्म में जिस तरह श्राद्ध व चातुर्मास के दौरान कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित होता है, उसी तरह खरमास में भी कोई मांगलिक कार्यक्रम नहीं किए जाते। रविवार को सूर्य मीन राशि में गोचर कर चुके हैं, इससे खरमास का आरंभ हो गया।

जब सूर्य मीन राशि से निकलकर मेष राशि में परिवर्तन करेंगे तब खरमास का अंत होगा। ज्योतिषशास्त्र में खरमास का आध्यात्मिक रूप से खास महत्व बताया गया है। इस मास में जप-तप-दान करने का फल कई जन्मों तक मिलता है। वहीं ज्योतिषशास्त्र में इस मास में उपाय के बारे में भी बताया गया है। इन उपाय के करने से असंख्य पुण्य की प्राप्ति होती है और ईश्वर का आशीर्वाद भी मिलता है।

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जीवन में आती है सुख-समृद्धि :-

ज्योतिषशास्त्र में खरमास के दौरान भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के साथ-साथ सूर्यदेव की भी उपासना करने का विधान बताया गया है। ऐसा करने से देवी-देवताओं प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद भी मिलता है। साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि के अलावा घर-परिवार में मां लक्ष्मी का वास होता है।

शुभ फलों की होती है प्राप्ति :-

खरमास दान, जप-तप आदि धार्मिक कार्यों के लिए अत्यधिक शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि जो लोग पवित्र मन से दान करते हैं, उन्हें अपने जीवन की इच्छाओं की पूर्ति होती है। वहीं आप खरमास में हर रोज शालिग्राम भगवान का पंचामृत से अभिषेक करने से जीवन में शुभ फलों की भी प्राप्ति होती है।

ग्रह-नक्षत्र देते हैं शुभ फल :-

खरमास के माह में गुरुजनों, साधु-संतों और गाय की सेवा करना बहुत अधिक महत्व रखता है। इसके साथ ही इस महीने में तुलसी पूजा का भी महत्व बताया गया है। मान्यता है कि इस माह में हर रोज तुलसी के सामने सुबह-शाम दीपक जलाने और उनकी विधिवत पूजा करने से ग्रह-नक्षत्र शुभ फल देते हैं और जीवन में समृद्धि का वास होता है।

ईष्ट देवों की मिलती है कृपा :-

कुंभ में स्नान और तीर्थ स्थल पर जाकर देव दर्शन करना खरमास के दौरान विशेष महत्व रखता है। इसके अलावा इस माह में आप श्री राम पूजा, कथा वचन, विष्णु और शिव पूजा करना और भागवत गीता का पाठ करना उच्च महत्व रखता है। साथ ही अपने ईष्ट देवों को प्रसन्न करने के लिए उनका ध्यान व पूजा-उपवास करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है और ईष्ट देवों की कृपा प्राप्त होती है।

आर्थिक समस्याओं से मिलती है मुक्ति :-

खरमास में पीपल की पूजा करने का भी विधान है। मान्यता है कि पीपल के वृक्ष में पितरों का वास होता है और सुबह जल और शाम में दीपक जलाने से देवता भी प्रसन्न होते हैं। पीपल की इस मास में पूजा करने से कर्ज से मुक्ति मिलती है और आर्थिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है।

इस मंत्र व पाठ से मिलती है सफलता :-

खरमास में आप ‘गोवर्धनधरवन्देगोपालं गोपरूपिणम् गोकुलोत्सवमीशानं गोविन्दं गोपिकाप्रियम्‘ इस मंत्र का सुबह-शाम जप करें। मान्यता है कि पीले वस्त्र पहनकर इस मंत्र का जप करना अत्यधिक फलदायी होता है। इसके साथ ही आप हर रोज मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए लक्ष्मी स्त्रोत या कनकधारा स्त्रोत का पाठ कर सकते हैं। ऐसा करने से जीवन के हर क्षेत्र में सफलता मिलती है और शत्रुओं से भी मुक्ति मिलती है।

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