पटना : बिहार में कैबिनेट विस्तार भले ही हो गया हो लेकिन सहयोगी दलों में अभी भी सीट की मांग चल रही है। एनडीए घटक दल में शामिल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के नेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी अभी भी आस लगाए बैठे हैं की अंत- अंत तक उनके झोले में एक विधान परिषद की ही सीट दे दी जाए।
जीतन राम मांझी ने एक बार फिर अपनी मंशा जाहिर करते हुए कहा कि राज्यपाल के मनोनयन से भरी जाने वाली 1 सीट उन्हें मिलनी चाहिए। जानकारी हो कि इससे पहले मांझी एक और मंत्री पद के साथ एक एमएलसी सीट की मांग कर रहे थे। हालांकि मंत्रिमंडल का विस्तार हो गया और उन्हें और उनकी पार्टी को सिर्फ एक ही सीट से संतोष करना पड़ा। लेकिन अब मांझी एक बार फिर से कह रहें हैं कि राज्यपाल कोटे से मनोनयन वाली 1 सीट उन्हें मिलनी चाहिए। जीतन राम मांझी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि नीतीश कुमार इस पर विचार करेंगे।
ज्ञात हो कि मांझी की पार्टी ने विधानसभा चुनाव में 7 सीटों पर उम्मीदवार खड़ा किया था जिसमें से 4 सीट पर उन्होंने जीत दर्ज किया था। इसके एवज में उनके बेटे संतोष मांझी को बिहार सरकार में मंत्री बनाया गया है। अब मांझी की पूरी कोशिश है कि विधानसभा चुनाव हार चुके अपने दामाद को भी किसी तरह सेट किया जाए। इसको लेकर वह अपने तरफ से पूरा जोर आजमाइश कर रहें हैं।
बहरहाल, देखना यह है कि नीतीश कुमार मांझी की इस मांग पर विचार करते हैं या नहीं की राजनीतिक जानकारों की माने तो नीतीश कुमार की इच्छा पर ही मांझी को फिर से एनडीए में शामिल करवाया गया है।