‘तेजस्वी लंबी छुट्टी पर जाकर अपना नॉनसीरियस रवैया करते हैं जाहिर’
चुनावी हार का ठीकरा सहयोगी दल पर फोडने के बजाय अपने गिरेबाँ में झाँके राजद
बिहार चुनाव हारने के बाद राजद सोमवार को प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह की अध्यक्षता में सभी विधायकों, गत विधानसभा चुनाव में दल के प्रत्याशियों, सभी जिलाध्यक्षों एवं जिला के प्रधान महासचिवों के साथ बैठक की। बैठक में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई और राजद के कुछ नेताओं द्वारा कहा गया कि कांग्रेस के कारण राजद को सत्ता से बाहर रहना पड़ा।
अब इसको लेकर राज्यसभा सदस्य व बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर कहा कि राजद में अगर किसी को लगता है कि राहुल गांधी नान सीरियस नेता हैं और चुनाव प्रचार या प्राकृतिक आपदा के समय उनका उपस्थित होना केवल राजनीतिक पर्यटन होता है, तो इन्हें अपने नेता तेजस्वी प्रसाद यादव को भी इन्हीं मानकों पर क्यों नहीं परखना चाहिए?
सुमो ने कहा कि तेजस्वी यादव भी चमकी बुखार, सीमांचल में बाढ़ और लाकडाउन के समय बिहार से गायब रहे, लेकिन चुनाव के समय सक्रिय हो गये। तेजस्वी भी राहुल गांधी की तरह वंशवादी राजनीति के कारण सीनियर नेताओं को किनारे कर पार्टी पर थोपे गए हैं और विधानसभा सत्र के दौरान लंबी छुट्टी पर जाकर अपना नान सीरियस रवैया जाहिर करते हैं। राजद को समीक्षा बैठक में सहयोगी दलों पर हार का ठीकरा फोडने के बजाय अपने गिरेबान में झांकना चाहिए।
अन्य ट्वीट में सुमो ने कहा कि 2019 के संसदीय चुनाव में जब राजद का खाता नहीं खुला था तब कांग्रेस कम से कम एक सीट महागठबन्धन के खाते में लाने में सफल हुई थी। उस समय भी राहुल गांधी ही कांग्रेस के नेता थे, लेकिन तब राजद को कोई शिकायत नहीं थी।
दरअसल राजद नोटबंदी, जीएसटी और सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 फीसद आरक्षण देने जैसे एनडीए सरकार के बडे फैसलों का विरोध करने के कारण जनता के चित से उतरता चला गया। अब किसानों की आय बढाने वाले कृषि कानूनों का विरोध कर राजद वही गलती दोहरा रहा है।