27 सितंबर : आरा की मुख्य ख़बरें

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आरा की मुख्य ख़बरें

विधानसभा चुनाव को ले भोजपुर के सातों विधानसभा क्षेत्रों में उम्मीदवारों की साँस अटकी

आरा : कोरोना महामारी के बीच बिहार में चुनाव की घोषणा के साथ ही भोजपुर जिले के सातों विधान सभा क्षेत्रों से कई नामी गिरामी नेता या पूर्व तथा वर्तमान विधायक अपने अपने क्षेत्र से ताल ठोक रहे हैं जहां प्रथम चरण में ही विधानसभा चुनाव होने को है। कई नए चहरे सामने आने की वजह से वर्तमान विधायकों की सांस अटक गयी है।

सभी अपनी अपनी गोटी लाल करने में जी जान लगा रहे है। जबकि किसी राजनितिक पार्टी ने अभीतक सीट बटवारे को लेकर कोई घोषणा नहीं की है और न ही किसी की उम्मीदवारी की पुष्टि नही की है| कई पूर्व विधायक, विभिन्न राजनितिक पार्टियों के वरिष्ठ नेतागण तथा पिछले विधानसभा चुनाव में दूसरे और तीसरे नंबर पर रहने वाले प्रत्याशियों का एक पार्टी से दूसरी पार्टी में आने जाने का कयास लगाया जा रहा है।

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बात करे भोजपुर के आरा विधानसभा की तो 2015 विधानसभा चुनाव में यहाँ से एनडीए (भाजपा) प्रत्याशी को हराकर महागठबंधन (आरजेडी) के मोहम्मद अनवर आलम उर्फ़ नवाज़ आलम विधायक बने थे परन्तु इस बार उनकी उम्मीदवारी खतरे में दीख रही है। चर्चा है कि भाजपा का कोई नेता इस बार आरा विधानसभा क्षेत्र से आरजेडी के टिकेट पर चुनाव लड़ सकता है| इसके अतिरिक्त कई दिग्गज टिकेट नही मिलने की स्थिति में निर्दलीय या राज्य स्तरीय राजनितिक पार्टी से भी चुनाव लड़ सकते है।

एनडीए से चार बार के विधायक तथा बिहार विधान सभा में उपसभापति रहे अमरेन्द्र प्रताप सिंह 2015 में चुनाव हार गये थे इस बार पुनः चुनाव लड़ने की तैयारी में है जबकि सन्देश विधानसभा से हारे हुए भाजपा प्रत्याशी एवं पूर्व विधायक संजय सिंह टाइगर की आरा से चुनाव लडने की चर्चा जोरों पर है|

वहीं भाजपा का गढ़ के रूप में जाना जाने वाला शाहपुर विधानसभा क्षेत्र से आरजेडी के राहुल तिवारी उर्फ़ मन्टू तिवारी विधायक है| पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डेय का नाम चर्चा में है जबकि एनडीए से भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विशेश्वर ओझा की पत्नी शोभा देवी के नाम की चर्चा जोरों पर है| शाहपुर से शोभा देवी गोतनी पूर्व विधायिका मुन्नी देवी की दावेदारी शुरू से ही है ।

जगदीशपुर विधानसभा क्षेत्र से राम विशुन सिंह उर्फ़ लोहिया महागठबंधन से विधायक है। उन्होंने रालोसपा के संजय मेहता को हराया था। वहां से पूर्व आरजेडी विधायक दिनेश कुमार यादव उर्फ़ भाई दिनेश इस बार आरजेडी के विरुद्ध चुनाव लड़ने के मूड में हैं जबकि आरजेडी कोटे से पूर्व मंत्री श्रीभगवान सिंह कुशवाहा इस बार एनडीए के प्रत्याशी के रूप में चुनाव् मैदान में आने को लालायित है।

अगिआव (सुरक्षित) विधानसभा से जदयू के प्रभुनाथ राम विधायक है जिन्होंने भाजपा के शिवेश कुमार को पराजित किया था| इस बार भी प्रभुनाथ राम की उम्मीदवारी निश्चित दीख रही है वही भाजपा के पूर्व विधायक शिवेश कुमार काम भी उम्मीदवारी में है जबकि भाकपा माले भी पूरा जोड़ लगा रहा है।

तरारी विधानसभा क्षेत्र से भाकपा माले के सुदामा प्रसाद ने पूर्व विधायक सुनील पाण्डेय की पत्नी एलजेपी गीता पाण्डेय को हराया कर विधायक बने। इसबार भी भाकपा माले सुदामा प्रसाद को तरारी से उम्मीदवार बनाएगी| दूसरी तरफ सुनील पाण्डेय के चुनाव लड़ने की चर्चा जोरो पर है| पूर्व एवं वर्तमान विधायक अपने क्षेत्रों में जमकर जनसंपर्क अभियान चला रहे है।

सन्देश विधानसभा क्षेत्र से आरजेडी के अरुण कुमार ने भाजपा के पूर्व विधायक संजय सिंह टाइगर को हराया था| भाकपा माले के राजू यादव भी चुनाव मैदान में थे| इसबार अरुण कुमार, जिनपर पर कई तरह के आरोप में फरारी है, की पत्नी किरण देवी की चुनाव मैदान में आने की चर्चा जोरो पर है । वहीं पूर्व विधायक एवं आरजेडी प्रदेश उपाध्यक्ष रहे विजयेन्द्र यादव पार्टी छोड़ जदयू से दावेदारी ठोक रहे है। भाकपा माले के राजू यादव इस बार भी सन्देश से चुनाव लड़ सकते है।

चित्तोड़ गढ़ कहे जाने वाले बडहरा विधानसभा क्षेत्र से आरजेडी के सरोज यादव भाजपा नेत्री तथा पूर्व विधायक आशा देवी को हरा कर विधायक बने थे। पर इसबार सरोज यादव की उम्मीदवारी पर संशय है। पर आरजेडी के शीर्ष नेतृत्व की माने तो सरोज यादव को टिकेट मिल भी सकता है। दूसरी तरफ आरजेडी कोटे से एम्एलसी रहे रणविजय सिंह जदयू से चुनाव लड़ सकते है। जबकि आरजेडी से पूर्व विधायक एवं मंत्री रहे राघवेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ़ लाल बिहारी सिंह भी इसबार भाजपा से चुनाव मैदान में उतरने के लिए पूरा जोर लगा रहे है। राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने पिछले विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़ा था।

बहरहाल भोजपुर सहित बिहार में अभी तक कही भी किसी भी सीट का बँटवारा नही होने उम्मीदवारों में संशय की स्थिति बनी हुयी है। सभी इच्छुक उम्मीदवार अपनी अपनी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर अपना प्रभाव डालने की कोशिश कर रहे है ताकि उनकी उम्मीदवारी निश्चित हो सके। 2015 विधानसभा चुनाव में भोजपुर के सातों विधानसभा क्षेत्रों से भाजपा का सुपडा साफ़ हो गया था| सात में से पांच राजद, एक जदयू तथा एक भाकपा माले को सीट मिली थी| पर इस बार भाजपा और जदयू मिल कर चुनाव लड़ रहे है तो चुनावी परिदृश्य कुछ और हो सकता है। पर विपक्षी पार्टियों को भी कमजोर नहीं समझा जाना चाहिय।

बड़हरा विधानसभा सीट से आजतक नहीं जीत पाई भाजपा, RJD की नजर हैट्रिक पर

आरा : पिछले विधानसभा चुनाव में भोजपुर के बडहरा विधानसभा क्षेत्र में राजद और भाजपा के बीच मुकाबला था. राजद की ओर से सरोज यादव को कुल 65 हजार के करीब वोट मिले थे. जबकि भारतीय जनता पार्टी की ओर से आशा देवी को 51 हजार वोट मिल पाए थे.

बड़हरा विधानसभा सीट पर राष्ट्रीय जनता दल का कब्जा है. पिछले दो चुनाव में राजद को ही जीत मिली है, ऐसे में इस बार नजर हैट्रिक पर है. बाढ़ को लेकर अक्सर चर्चा में रहने वाले विधासभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी को जीत का खाता खोलने का इंतजार है. अभी तक बीजेपी यहां चुनाव नहीं जीत सकी है.

आरा लोकसभा क्षेत्र में आने वाली इस सीट पर कभी बाप और बेटे का कब्जा होता था. 1967 के चुनाव में कांग्रेस की ओर से अंबिका शरण सिंह चुनाव जीत दो बार विधायक बने, उसके बाद उनके बेटे राघवेन्द्र प्रताप सिंह 1985 में यहां पर चुनाव जीते और 2000 तक लगातार चार बार इस सीट पर कब्जा जमाए रखा. 2005 में यहां से जदयू को जीत मिली, लेकिन पिछले दो चुनाव में राजद का ही कब्जा रहा है.

इस सीट पर ब्राह्मण, राजपूत, कायस्थ, बनिया, मल्लाह जैसे समुदाय के अधिक वोटर हैं. इसके अलावा यादव, दलित और मुसलमान समाज का तबका भी बड़ी संख्या में यहां का वोटर है, यही कारण है कि राजद का एम वाई समीकरण यहां पर काम आता है. अगर यहां वोटरों की संख्या देखें तो तीन लाख के करीब वोटर हैं, जिनमें से 1.43 लाख पुरुष वोटर हैं. बडहरा को राजपूत बहुल क्षेत्र मानकर चित्तोड़गढ़ के नाम से विख्यात किया जता है पर हकीकत यह है कि यहाँ मल्लाहों का वर्चस्व है जो यहाँ के उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करने में अहम् भूमिका निभाते हैं।

2015 विधानसभा चुनाव में यहां पर राजद और भाजपा के बीच मुकाबला था. राजद की ओर से सरोज यादव को कुल 65 हजार के करीब वोट मिले थे. जबकि भारतीय जनता पार्टी की ओर से आशा देवी को 51 हजार वोट मिल पाए थे. आशा देवी इससे पहले जदयू की ओर से इस सीट पर चुनाव लड़ चुकी हैं, लेकिन पिछले चुनाव में उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया. पिछले विधानसभा चुनाव में यहां 51 फीसदी मतदान हुआ था. सरोज यादव कई बार सुर्खियों में रह चुके हैं. जब 2015 में राजद और जदयू की सरकार बनी थी, तो कुछ ही वक्त के बाद अपनी ही सरकार के खिलाफ सरोज यादव धरने पर बैठ गए थे. आरोप लगाया कि अफसर भ्रष्ट हैं और काम नहीं कर रहे हैं. इसके अलावा एक बार विधायक के पास दस लाख रुपये की रंगदारी मांगने का फोन आया था, जिस वक्त उन्होंने सुर्खियां बटोरी थीं. उनपर स्थानीय जिले के थाने में कुछ केस भी दर्ज हैं।

युवती को सात दिनों तक नर्सिंग होम में रखकर जबर्दस्ती

आरा : एक युवती को सात दिनों तक नर्सिंग होम में रखकर उसके साथ जबर्दस्ती किए जाने का मामला सामने आया है। इस मामले में आरा महिला थाना की पुलिस नर्सिंग होम के कम्पाउंडर व एक महिला को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। इसके अलावा पुलिस पीड़ित युवती से भी पूछताछ कर घटना के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करने में लगी हुई है। हालांकि, अभी तक इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है।

बताया जा रहा कि बरामद युवती करीब सात दिनों से लापता चली आ रही थी। जिसे लेकर बहोरनपुर ओपी में अपहरण की प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। जिसके आधार पर बहोरनपुर ओपी पुलिस उसे बरामद करने के प्रयास में लगी हुई थी। इस दौरान शनिवार को युवती को नर्सिंग होम से बरामद कर लिया गया। पूछताछ के दौरान यह बात सामने आई हैं कि एक युवक झांसा देकर युवती को एक नर्सिंग होम में ले गया था। जहां करीब सात दिनों से युवक उसके साथ जबर्दस्ती करते चला आ रहा था। इसके बाद शिकायत मिलने पर युवती सहित कम्पाउंडर व महिला को पकड़ा गया। फिर उन्हें महिला थाना को सुपुर्द कर दिया गया।

इस बीच पीड़ित युवती की तबीयत बिगड़ने के बाद शनिवार को महिला थाना पुलिस द्वारा उसका इलाज सदर अस्पताल में कराया गया। इसे लेकर देर शाम गहमागहमी देखी गई। पुलिस सूत्रों के अनुसार बरामद युवती के अपहरण को लेकर पहले से बहोरनपुर ओपी में केस दर्ज है। बरामद युवती का 164 के तहत कोर्ट में आज बयान दर्ज कराया गया। आरा सदर अस्पताल में युवती का मेडिकल भी कराया गया।

सीसीए लगाने को लेकर फिर 39 दागियों को नोटिस जारी

आरा : बिहार विधान सभा चुनाव के मद्देनजर जिला पुलिस प्रशासन शातिर दागियों पर शिकंजा कसने में तेजी से जुट गया है। बिहार अपराध नियंत्रण अधिनियम 1981 की धारा 3 (3) के तहत जिला दंडाधिकारी सह- जिला पदाधिकारी द्वारा फिर 39 दागियों को नोटिस जारी किया गया है। इसमें 26 दागियों को छह अक्टूबर तथा 13 दागियों को 13 अक्टूबर तक डीएम के समक्ष हाजिर होने का आदेश दिया गया है। हाजिर नहीं होने पर डीएम निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र होंगे। इससे पूर्व 60 दागियों को नोटिस जारी हुआ था। कुल मिलाकर अब तक 99 दागियों के विरुद्ध नोटिस जारी हो चुका है।

जिन 26 दागियों को नोटिस निर्गत कर छह अक्टूबर तक हाजिर होने का आदेश दिया गया है, उसमें सिन्हा ओपी के ज्ञानपुर- सिमरिया निवासी कृष्ण कुमार पाठक, सिन्हा गांव निवासी नंद बिहारी सिंह उर्फ छोटन सिंह, ज्ञानपुर- सिमरिया निवासी राजा सिंह, नवादा थाना के महावीर टोला निवासी संजय कुमार यादव, जगदेवनगर निवासी राजा पासवान, बहीरो निवासी सूरज सिंह, कोईलवर के धनडीहा गांव निवासी मिथिलेश पासवान, पवना के पवार गांव निवासी भीम यादव, विनीत सिंह, सुनील कुमार सिंह।

बड़हरा के एकौना निवासी करण सिंह उर्फ रूरल सिंह, सहार के बड़की खड़ाव गांव निवासी अनिल सिंह, सहार के गुलजारपुर निवासी रंजीत राय, चरपोखरी के नगरी गांव निवासी वीरेंद्र पांडेय, नगरी निवासी अरविद पांडेय , टाउन थाना के बड़की सिगही गांव निवासी रवि पासवान, आनंद नगर निवासी मंटू कहार, कोईलवर के बाघ-मझौंवा निवासी देवेंद्र सिंह, धोबहां ओपी के सलेमपुर निवासी योगेंद्र यादव, नवादा के मौलाबाग निवासी शशि कुमार उर्फ सचिन प्रसाद, अनाईठ निवासी विजय चौधरी।

जवाहर टोला निवासी कुंदन कुमार, उदवंतनगर के बेलाउर गांव निवासी पवन चौधरी, उदवंतनगर निवासी प्रभु पहलवान उर्फ प्रभु सिंह, बेलाउर गांव निवासी प्रकाश चौधरी, तथा बड़हरा के देवरथ निवासी दीपक रंजन सिंह का नाम शामिल है। हाजिर नहीं होने पर डीएम निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र होंगे।

जिन 13 दागियों को नोटिस निर्गत कर 13 अक्टूबर तक हाजिर होने का आदेश दिया गया है, उसमें बड़हरा के चातर गांव निवासी आस नंदन बिन, पवना के पवार निवासी सुनील कुमार सिंह, भीम यादव, विनीत सिंह, कोईलवर के बाघ मझौंवा निवासी जग्गू सिंह, उदवंतनगर के पकड़ियाबर गांव निवासी चंदन महतो उर्फ चंदन कुमार, मुफस्सिल के भोला सिंह, चांदी के रामपुर निवासी कल्लू यादव, चांदी के रूप चकिया निवासी कुंदन कुमार, चांदी के नरही निवासी प्रभंजन कुमार सिंह, पीरो के अमई निवासी सन्नी सिंह उर्फ सन्नी कुमार, तियर के उतरदाहां निवासी राजकुमार सिंह, मुफस्सिल के बड़का डुमरा निवासी रत्नेश कुमार सिंह का नाम शामिल है।

ब्रह्मपुत्र मेल से शराब लेकर जा रहे तस्कर धराए

आरा : ब्रह्मपुत्र मेल से शराब की खेप लेकर जा रहे दो तस्करों को आरा रेलवे स्टेशन पर रेल पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, जिनके पास से पुलिस ने 78 बोतल शराब बरामद किया है। पकड़े गए तस्करों में से एक रितेश केसरी बक्सर जिले के बक्सर थाना अंतर्गत नई बाजार निवासी राम चंद्र केसरी का पुत्र बताया जाता है। जबकि दूसरा सन्नी केसरी इसी थाना क्षेत्र के चीनी मिल रोड निवासी कमल प्रसाद केसरी का पुत्र है।

घटना के बारे में मिली जानकारी के मुताबिक दोनों यूपी से शराब की खेप लेकर डाउन ब्रह्मपुत्र मेल से आरा की तरफ आ रहे थे, जिसकी जानकारी मिलते के बाद ट्रेन के आरा पहुंचते ही जीआरपी के जवानों ने ब्रह्मपुत्र मेल के चिह्नित जेनरल बोगी में छापेमारी कर दोनों तस्करों को गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान पुलिस ने उनके पास से 78 बोतल शराब भी बरामद किया है।

इस बाबत दोनों के खिलाफ संशोधित उत्पाद अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है। इस संबंध में जीआरपी थानाध्यक्ष शाहनवाज खान ने बताया कि ब्रह्मपुत्र मेल से दो शराब तस्करों को शराब के साथ गिरफ्तार किया गया है।

सभी अफसरों व कर्मचारियों की छुटि्यां रद्द, जिले में धारा 144 लागू, 21 उड़नदस्ते गठित

आरा : भोजपुर जिले में आदर्श आचार संहिता लागू होते ही सभी अफसरों और कर्मचारियों की छुट्टी को रद्द कर दिया गया है। इसके साथ ही पहले चरण में 28 अक्टूबर को मतदान का कम समय रहने के कारण सभी को अवकाश के दिनों में भी चुनाव कार्य करने का सख्त निर्देश जिला निर्वाचन पदाधिकारी रोशन कुशवाहा के द्वारा दिया है। उक्त आदेश उन्होंने जिले में चुनावी कार्यों को तेज गति से करने के साथ समय पर इसका सही ढंग से निपटारा करने को के लिए दिया है।

वहीं जिले में शांतिपूर्ण विधानसभा चुनाव कार्य संपन्न कराने को जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने चुनाव समाप्त होने तक जिले में धारा 144 का प्रयोग करते हुए किसी भी व्यक्ति, राजनैतिक दल व संगठन आदि के द्वारा राजनैतिक प्रयोजन से संबंधित किसी भी प्रकार की सभा, जुलूस, धरना – प्रदर्शन तथा ध्वनि विस्तारक यंत्र का प्रयोग बिना सक्षम पदाधिकारी की पूर्व अनुमति के आयोजित करने पर रोक लगा दी है। माइक या ध्वनि विस्तारक यंत्र का प्रयोग रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे तक वर्जित रहेगा। वही आरा शहर में सीओ प्रवीण कुमार पांडेय और बीडीओ शालिनी प्रज्ञा के नेतृत्व में सभी स्थानों से झंडा बैनर व पोस्टर हटा दिया गया है।

शहर में अब सभी प्रमुख मार्गो से सभी राजनीतिक दलों के झंडा बैनर पोस्टर को जेसीबी मशीन लगाकर शनिवार को दूसरे दिन भी हटाया गया। दूसरी तरफ 25 सितंबर को ही सभी राजनीतिक दलों के लोगों को भी 48 घंटा के अंदर में अपना अपना झंडा बैनर पोस्टर हटाने का निर्देश दिया गया था। ऐसा नहीं करने पर सभी के खिलाफ 27 तारीख से एफआईआर करने की कार्रवाई की जाएगी।

आचार संहिता लागू होते ही, कोई भी व्यक्ति, राजनैतिक दल, संगठन किसी प्रकार का पोस्टर, पर्चा, आलेख, फोटो, व्यक्ति विशेष के विरुद्ध आपत्तिजनक पर्चा, अलग फोटो का प्रकाशन, धार्मिक स्थल का प्रयोग राजनैतिक प्रचार के लिए, सांप्रदायिक भावना को भड़काने का कार्य, मतदाताओं को डराने धमकाने एवं किसी भी प्रलोभन में लाने का कार्य, प्रदूषण फैलाने वाले प्रचार सामग्रियों का इस्तेमाल राजनैतिक प्रचार प्रसार के लिए नहीं करना है। वहीं इस दौरान राजनीतिक दल या संगठन के लोग अस्त्र – शस्त्र, तीर धनुष, लाठी भाला, गड़ासा एवं मानव शरीर के लिए घातक कोई भी हथियार का प्रदर्शन सार्वजनिक रूप से नहीं करेंगे।

दूसरी तरफ जिले में सहज ,सुगम एवं सुरक्षित मतदान सुनिश्चित कराने के लिए जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने कोविड-19 के इस दौर में निर्वाचन आयोग द्वारा प्रदत्त सुरक्षा मानक संबंधी दिशानिर्देश का शत प्रतिशत अनुपालन कराने का निर्देश सभी कोषांगों के नोडल एवं सहायक नोडल पदाधिकारी को बैठक में दी है। निर्वाचन प्रक्रिया के क्रम में प्रशिक्षण, नामांकन, ईवीएम वीवीपैट एवं सामग्री का वितरण,बज्रगृह आदि प्रत्येक स्तर पर कोविड-19 संबंधी सुरक्षा मानक के रूप में आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं। प्रशिक्षण हेतु 1 से 8 अक्टूबर तक की तिथि निर्धारित की गई है। जिसमें महिला बूथ हेतु महिला कर्मियों के प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया गया है।

जिले के सभी सातों विधानसभा में स्वच्छ निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण विधानसभा चुनाव संपन्न कराने को 21 फ्लाइंग स्क्वायड टीम का गठन जिला निर्वाचन पदाधिकारी के द्वारा किया गया है। इस टीम का मुख्य कार्य सभी तरह के डर, भय, प्रभाव या प्रलोभन से मतदाताओं को मुक्त रखना है। साथ ही नकद उपहार, शराब, मुफ्त भोजन या डराने आदि के माध्यम से मतदाताओं को प्रभावित करने तथा चुनाव में पैसे एवं ताकत का उपयोग चुनावी प्रक्रिया में रोकना है। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 3 फ्लाइंग स्क्वायड की टीम होगी। आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के सभी मामले एवं सभी शिकायतों को संज्ञान में लेते हुए सतत निगरानी एवं समय-समय पर वरीय पदाधिकारी द्वारा दिए गए निर्देश के आलोक में कार्रवाई करने के निर्देश सभी फ्लाइंग स्क्वायड टीम को दी गई है।

भोजपुर जिले में आदर्श आचार संहिता लागू होते ही जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने जिले के सभी मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। प्रतिनिधियों को निर्वाचन कार्यक्रम की सूचना उपलब्ध कराई गई। आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की स्थिति में विभिन्न अधिनियम के अंतर्गत दंड के प्रावधानों से अवगत कराया गया। प्रचार प्रसार कार्य में सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग नहीं करने नामांकन पत्र के विषय में जानकारी देते हुए सभी को कहां गया। वही कोविड-19 के नियमों एवं उसके दिशा निर्देशों का पालन हेतु मार्गदर्शिका भी उपलब्ध कराई गई।

आरोपित को पकड़ने गई पुलिस को चोर कह ग्रामीणों ने किया हमला

आरा : भोजपुर जिले में सहार थाना क्षेत्र के ननौरा गांव में अभियुक्त को पकड़ने गयी पुलिस पर ग्रामीणों द्वारा हमला किया गया. इस दौरान आक्रोशित ग्रामीणों ने चोर-चोर का हल्ला कर पुलिस बल पर पथराव भी किया. हालांकि घटना के बाद सहार थाना पुलिस को बैरंग वापस लौटना पड़ा. भोजपुर जिले में कई बार पुलिस पर हमला हो चुका है, लेकिन उसे बावजूद पुलिस किसी तरह अपनी जान बचाकर काम कर रही है.

बताया जाता है कि शुक्रवार की देर रात अभियुक्त को पकड़ने गयी सहार थाना पुलिस पर ग्रामीणों ने हमला बोल दिया, जिसके कारण पुलिस आरोपित को छोड़कर अपनी जान बचाते हुए भाग खड़ी हुई. हालांकि इस मामले में पुलिस के द्वारा स्थानीय थाने में मामला दर्ज करने की बात प्रकाश में आ रही है. जानकारी के अनुसार शुक्रवार की देर रात्रि सहार थानाध्यक्ष मनिंद्र कुमार दल बल के साथ ननउर निवासी शंकर कहार के पुत्र गाजा कहार को पूर्व के मामले में गिरफ्तार करने गये थे. गाजा कहार की गिरफ्तारी के बाद परिजनों के द्वारा चोर-चोर के हल्ला करके पुलिस पर पथराव किया गया, जिसके कारण पुलिस आरोपित को छोड़कर अपनी जान बचाने की कोशिश करने लगे. हालांकि इस घटना के बाद पुलिस के द्वारा भी आरोपित के परिजनों को मामला दर्ज करने के बाद प्रकाश में आ रही है. वहीं, पुलिस इस मामले में कुछ भी कहने से परहेज कर रही है.

रेलवे का अनाधिकृत ई-टिकट बेचने वाला गिरफ्तार

आरा : दानापुर रेलमंडल के आरा रेलवे स्टेशन से संबंधित आरपीएफ ने मिली गुप्त सूचना के आधार पर नगर थाना क्षेत्र अंतर्गत गोपाली चौक के समीप स्थित हादी मार्केट की एक दुकान से रेलवे का अनाधिकृत ई-टिकट बेचने के आरोप में एक दुकानदार को गिरफ्तार किया है। पकड़ा गया आरोपी दुकानदार सैयद सरफराज अहमद बताया जाता है। जिसके पास से पुलिस ने दो मोबाइल फोन, दो लैपटॉप और 50 हजार रुपये से अधिक मूल्य का टिकट बरामद किया है।

घटना के बारे में मिली जानकारी के मुताबिक आरपीएफ मुख्यालय से यह गुप्त सूचना मिली थी कि हादी मार्केट स्थित एक दुकान में अनाधिकृत रूप से रेलवे के ई-टिकट की बिक्री की जा रही है। इस सूचना के आधार पर आरपीएफ इंस्पेक्टर एसएन राम के नेतृत्व में हुई छापेमारी के दौरान अनाधिकृत रेलवे टिकट विक्रेता को गिरफ्तार किया गया, जो विगत दो-तीन वर्षों से इस धंधे में लिप्त था।

इस संबंध में आरपीएफ इंस्पेक्टर एसएन राम ने बताया कि रेलवे का ई-टिकट बेचने वाले एक अनाधिकृत विक्रेता को गिरफ्तार किया गया है, जिसके खिलाफ रेल टिकट की अनाधिकृत खरीद फरोख्त करने के आरोप में रेल कानून के तहत प्राथमिकी दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है। आरपीएफ की इस कार्रवाई के बाद अनाधिकृत रूप से ई-टिकट बेचने वालों हड़कंप व्याप्त हो गया है।

भोजपुर में जदयू नेता को पीटकर किया जख्मी

आरा : बिहिया थाना क्षेत्र के कटेया गांव के समीप शनिवार की दोपहर में जदयू के भोजपुर जिला महासचिव को कट्टा से मारकर जख्मी कर दिया गया. घटना में जख्मी निरनपुर गांव निवासी शिवदयाल यादव के पुत्र व जदयू नेता देवमोहर यादव का बिहिया स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में इलाज कराया गया. मामले को लेकर जदयू नेता ने बिहिया थाने में कटेया निवासी रामेश्वर यादव के पुत्र बलराज यादव के खिलाफ नामजद आवेदन दिया है. आवेदन में जदयू नेता ने कहा है कि वे अपने घर से बिहिया आ रहे थे इसी दौरान कटेया चौक के पास उक्त व्यक्ति ने कट्टा के बट से मारकर तथा दांत काटकर जख्मी कर दिया जिससे वे बेहोश हो गये. बाद में स्थानीय लोगों द्वारा उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया. जदयू नेता ने आवेदन में पॉकेट से रूपये निकाल लेने का भी आरोप लगाया है. पुलिस मामले की छानबीन कर रही है.

पुलिस को देख शराब तस्कर गाडी छोड़कर फरार

आरा : पुलिस की गश्ती का परिणाम लगातार देखने को मिल रहा है. लेकिन शराब तस्कर भी तस्करी करने से बाज नहीं आ रहे हैं. नवादा थाना क्षेत्र के मिनिस्ट्रियल क्वार्टर के पास से भारी मात्रा में पुलिस ने शराब बरामद किया है. बताया जा रहा है कि मिनिस्ट्रियल क्वार्टर के पास लावारिस अवस्था में दो लग्जरी गाड़ी पुलिस ने बरामद किया है. लेकिन इस दौरान शराब तस्कर पुलिस के हाथ नहीं लगे. सूत्रों का कहना है कि पुलिस को जानकारी मिली कि शराब की खेप इस रास्ते से कहीं ले जाया जा रहा है. इसके बाद भोजपुर एसपी के आदेश पर तत्काल नवादा थाना की पुलिस ने छापेमारी की.जिसके बाद दो लग्जरी गाड़ी में शराब बरामद किया गया. हालांकि शराब कहां ले जाया जा रहा था इसकी जानकारी प्राप्त नहीं हो सकी है.पुलिस को स्टेशन रोड के समीप मिनिस्ट्रीयल क्वॉर्टर से मिली है।पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि मिनिस्ट्रीयल क्वॉर्टर में लवारिश हालत में खड़ी दो लग्जरी गाड़ी में शराब रखी हुई है। जहां नवादा थाना पुलिस ने तत्काल छापेमारी कर दोनों गाड़ी से शराब की खेप बरामद कर ली है।फिलहाल पुलिस गाड़ी व शराब तस्करों के बारे में पता लगा रही है कि वो कहां के और कौन है।

बिहार विधानसभा चुनाव, वो सीट जहां 2015 में बना था रिकॉर्ड

आरा : बिहार में इस बार 3 चरणों में चुनाव होंगे और 10 नवंबर को परिणाम आएंगे. पांच साल पहले इसी समय बिहार में चुनाव प्रचार का जोर था और सभी राजनीति दल अपने सहयोगी दलों के साथ चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी में जुटे थे. 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव के बाद जब 8 नवंबर 2015 को चुनाव के नतीजे आए तो सबसे ज्यादा चौंकाने वाला नतीजा तरारी सीट का रहा था. 2015 में सबसे छोटी जीत का रिकॉर्ड भोजपुर जिले के तरारी विधानसभा क्षेत्र में बना था| भाकपा माले के सुदामा प्रसाद को रोमांचक जीत मिली थी और अन्य 3 उम्मीदवारों को 40 हजार से ज्यादा वोट मिले थे| बिहार विधानसभा चुनाव का शंखनाद हो चुका है.

आजाद भारत के इतिहास में यह चुनाव अपने आप में बेहद खास होगा क्योंकि यह चुनाव महामारी के दौर में कराया जा रहा है. कोरोना का रौद्र रूप जारी है और इस खतरनाक महामारी के बीच में चुनाव होगा. ऐसे में चुनाव आयोग, राजनीतिक दल और मतदाताओं सभी के लिए यह बड़ी चुनौती होगी. खैर, अब जब चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है तो क्या 2015 का वो रिकॉर्ड इस बार के चुनाव में टूटेगा.

तरारी सीट बिहार विधानसभा सीट की क्रम संख्या 196 है और यह भोजपुर जिले में पड़ती है. यह सीट चर्चा में इसलिए आई क्योंकि यहां पर हार-जीत का अंतर बेहद कम था और महज 272 मतों के अंतर से जीत मिली थी. 2015 में सबसे कम हार-जीत का अंतर वाला परिणाम यहीं रहा था.

तरारी विधानसभा सीट पर 14 उम्मीदवार मैदान में थे और यहां मुख्य मुकाबला भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (एम-एल), महागठबंधन और एनडीए के बीच था. महागठबंधन की ओर से यहां पर कांग्रेस तो एनडीए की ओर से लोक जनशक्ति पार्टी का उम्मीदवार मैदान में था.

कुल 2,86,054 मतदाताओं वाले तरारी विधानसभा सीट पर 1,53,002 वोट पड़े जिसमें 1,49,144 वोट वैध पाए गए. इस तरह यहां पर 53.5 फीसदी वोट पड़ा था. इन तीनों दलों के उम्मीदवारों को 40 हजार से ज्यादा वोट मिले. लेकिन अंतिम दौर की लड़ाई भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (एम-एल) और लोक जनशक्ति पार्टी के बीच रही और जीत का फासला 272 मतों के अंतर से रह गया. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सुदामा प्रसाद को 44,050 वोट मिले तो लोक जनशक्ति पार्टी की गीता पांडे 43,778 वोट ही हासिल कर सकीं. कांग्रेस के अखिलेश 40,957 तीसरे स्थान पर रहे. खास बात यह रही कि यहां से नोटा चौथे स्थान पर रहा और उसे 3,858 वोट मिले.

2015 के चुनाव में यह सबसे छोटी हार का रिकॉर्ड (272) रहा. जबकि 2010 के चुनाव में सबसे छोटी हार का रिकॉर्ड बना जो महज 2 अंकों तक सिमट गया था. यहां पर हार-जीत का अंतर महज 24 वोटों का रहा था.

5 साल का वक्त गुजर चुका है और फिर से चुनाव प्रचार जोर पकड़ता दिख रहा है तो ऐसे में बदले राजनीतिक हालात में सबकी नजर इस पर होगी क्या बिहार की जनता तरारी सीट का रिकॉर्ड तोड़ पाती है या नहीं. या फिर इस बार हार-जीत का नया रिकॉर्ड बनेगा.

राजीव एन अग्रवाल

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